आज का पंचाग आपका राशि फल, युवा पीढ़ी खेल और खिलाड़ियों को बनायें आदर्श, बाबा मोहन उत्तराखंडी को श्रध्दांजलि, तीलू रोंतेली का शौर्य, कुत्ता पालने से पहले इन बातों का ध्यान अवश्य रखें         

 ‼️ 🕉️ ‼️

🚩🌞 *सुप्रभातम* 🌞🚩
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5123
विक्रम संवत्……………………2078
शक संवत्………………………1943
मास…………………………….श्रावण
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी………………………..अमावस्या
संध्या 07.15 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय…….. ….प्रातः 06.01.12 पर
सूर्यास्त…………संध्या 07.04.27 पर
सूर्य राशि…………………………कर्क
चन्द्र राशि………………………..कर्क
गुरु राशि………………………..कुम्भ
नक्षत्र…………………………….पुष्य
प्रातः 09.14 पर्यंत पश्चात अश्लेषा
योग………………………..व्यतिपात
रात्रि 11.28 पर्यंत पश्चात वरिघ
करण…………………………चतुष्पद
प्रातः 07.19 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु………………………………वर्षा
*दिन……………………….रविवार*

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर श्रावण, दिनांक १७*
*( नभ मास ) !*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*०८ अगस्त सन २०२१ ईस्वी !*

⚜️ *तिथि विशेष -*
*श्रावण कृष्ण अमावस्या (दीवासा) :-*

श्रावण कृष्ण अमावस्या को *हरियाली अमावस्या* के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। गांवों में इस दिन मेले लगाए जाते हैं तो कहीं दंगल का आयोजन भी किया जाता है। कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए। धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है। शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है। इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी।

*मध्यप्रदेश मालवा क्षेत्र* में आज का दिन *दीवासा* के रूप में मनाया जाता है | आज के दिन चौखट के दोनों और चांवल के पानी से मांडने बनाकर उनकी पूजा की जाती है | *निमाड़* में आज का दिन दिवार पर *जिरोती* बनाकर पूजा की जाती है | जिरोती में झुला, दही मथती महिला, सूर्य, चन्द्र आदि शुभ चिन्ह बनाकर उनकी पूजा की जाती है |

☸ शुभ अंक……………………..8
🔯 शुभ रंग…………………….लाल

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.06 से 12.58 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 05.22 से 06.59 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क*
04:08:15 06:28:57
*सिंह*
06:28:57 08:46:38
*कन्या*
08:46:38 11:03:18
*तुला*
11:03:18 13:23:10
*वृश्चिक*
13:23:10 15:42:07
*धनु*
15:42:07 17:46:28
*मकर*
17:46:28 19:29:04
*कुम्भ*
19:29:04 20:56:46
*मीन*
20:56:46 22:21:57
*मेष*
22:21:57 23:57:25
*वृषभ*
23:57:25 25:53:16
*मिथुन*
25:53:16 28:08:15

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने ‘‘गढ़वाल की रानी लक्ष्मीबाई’’ के नाम से विख्यात उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल के चौंदकोट की महान वीरांगना, अदम्य साहस की प्रतीक, वीर बाला तीलू रौतेली को उनकी 360वीं जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन किया और कहा कि मात्र 15 साल की आयु में सेना गठित करके तथा कुशल रणनीति बनाकर, कत्यूरों का सर्वनाश करने वाली इस ओजस्वी योद्धा की गाथा युगों-युगों तक हमें प्रेरित करती रहेगी।”

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.40 से 09.17 तक चंचल
प्रात: 09.17 से 10.54 तक लाभ
प्रात: 10.54 से 12.31 तक अमृत
दोप. 02.08 से 03.45 तक शुभ
सायं 06.59 से 08.22 तक शुभ
संध्या 08.22 से 09.45 तक अमृत
रात्रि 09.45 से 11.08 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ आयुधिने नम:॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
यश्च मूढतमो लोके यश्च बुध्धेः परं गतः ।
तावुभौ सुखमेधेते क्लिशयत्यन्तरितो जनः ॥
अर्थात :-
जो अत्यधिक मूर्ख होते हैं, अथवा जो बुद्धि के परे स्थित परमात्मा स्वरुप को प्राप्त हुए हैं, वे दो ही जन सुखी होते हैं, बीच के मनुष्य क्लेश पाते हैं ।

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*मुँह के छालो का घरेलू उपचार -*

*1. त्रिफला -*
इसके राख को शहद में मिलाकर छाले वाले स्थान पर लगायें. मुँह में थूक भर जाने पर कुल्ला करें. इससे छालों से राहत मिलती है |

*2. नीम की छाल -*
दालचीनी, मुनक्का, नीम की छाल और इंद्र जौ को मिलाकर काढ़ा बना लें. इस काढ़े में शहद को मिलाकर पीने से छालों की समस्या में राहत मिलती है |

*3. अमृतधारा -*
अमृतधारा में तीन द्रव्य होते हैं- पेपरमिंट, सत अजवायन और कपूर को एक शीशे में डालकर धूप में रखें. यह पिघलकर अमृतधारा बन जाती है. मुँह के छालों में यह राहत देती है |

(गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाओ सरकार यही गैरसैंण स्थाई राजधानी बनाने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले बाबा मोहन उत्तराखंडी को सच्ची श्रध्दांजलि होगी)

⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएँ रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा। व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी। बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी।

*🚩🎪‼️ 🕉️ घृणि सूर्याय नमः ‼️🎪🚩*

(नशा, अश्लीलता, फूहड़ता और समाज में वैमनस्यता फैलाने वाले बालीवुड के दुबई संचालितों को हीरो- हीरोइन बोलना बन्द करो….!
और अपने देश के सच्चे हीरो और हीरोइन को पहचानो और उन्हें अपना आदर्श बनाओ। आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो) 

*‼️ शुभम भवतु ‼️*

🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩🚩

⛔ निम्न बातों को ध्यान में रखकर ही कुत्ता पालें ⛔         

1. जिसके घर में कुत्ता होता है उसके यहाँ देवता हविष्य (भोजन) ग्रहण नहीं करते ।
2. यदि कुत्ता घर में हो और किसी का देहांत हो जाए तो देवताओं तक पहुँचने वाली वस्तुएं देवता स्वीकार नहीं करते, अत: यह मुक्ति में बाधा हो सकता है ।
3. कुत्ते के छू जाने पर द्विजों के यज्ञोपवीत खंडित हो जाते हैं, अत: धर्मानुसार कुत्ता पालने वालों के यहाँ ब्राह्मणों को नहीं जाना चाहिए ।
4. कुत्ते के सूंघने मात्र से प्रायश्चित्त का विधान है, कुत्ता यदि हमें सूंघ ले तो हम अपवित्र हो जाते हैं ।
5. कुत्ता किसी भी वर्ण के यहाँ पालने का विधान नहीं है, कुत्ता प्रतिलोमाज वर्ण संकरों (अत्यंत नीच जाति जो कुत्ते का मांस तक खाती है) के यहाँ ही पलने योग्य है ।
6. और तो और अन्य वर्ण यदि कुत्ता पालते हैं तो वे भी उसी नीचता को प्राप्त हो जाते हैं।
7. कुत्ते की दृष्टि जिस भोजन पर पड़ जाती है वह भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता और यही कारण है कि जहाँ कुत्ता पला हो वहाँ जाना नहीं चाहिए।
👉 उपरोक्त सभी बातें शास्त्रीय हैं, अन्यथा ना लें,ये कपोल कल्पित बातें नहीं है।
👉  *इस विषय पर कुतर्क करने वाला व्यक्ति यह भी स्मरण रखे कि…*कुत्ते के साथ व्यवहार के कारण तो युधिष्ठिर को भी स्वर्ग के बाहर ही रोक दिया गया था। 
  
👉 घर मे कुत्ता पालने का शास्त्रीय शंका समाधान! महाभारत में महाप्रस्थानिक/स्वर्गारोहण पर्व का अंतिम अध्याय,इंद्र ,धर्मराज और युधिष्ठिर संवाद में इस बात का उल्लेख है। जब युधिष्ठिर ने पूछा कि मेरे साथ साथ यंहा तक आने वाले इस कुत्ते को मैं अपने साथ स्वर्ग क्यो नही ले जा सकता, तब इंद्र ने कहा—
      स्वर्गे लोके श्ववतां नास्ति धिष्ण्य-
                     मिष्टापूर्त क्रोधवशा हरन्ति । 
      ततो विचार्य क्रियतां धर्मराज
                     त्यज श्वानं नात्र नृशंसमस्ति ॥
                     
👉 हे राजन कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नही है ! ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है। कुत्ते से पालित घर मे किये गए यज्ञ,और पुण्य कर्म के फल को क्रोधवश नामक राक्षस उसका हरण कर लेते है और तो और उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुवा बावड़ी इत्यादि बनाने के जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है,वह सब घर में कुत्ते की उपस्थित और उसकी दृष्टि पड़ने मात्र से निष्फल हो जाता है इसलिए कुत्ते का घर मे पालना निषिद्ध और वर्जित है।
 👉 तात्पर्य है कि  घर में कुत्ता नहीं रखना चाहिये। महाभारत में आया है‒
    भिन्नभाण्डं च खट्‌वां च  कुक्कुटं शुनकं तथा ।
    अप्रशस्तानि सर्वाणि     यश्च  वृक्षो गृहेरुहः ॥
           भिन्नभाण्डे कलिं प्राहुः खट्वायां तु धनक्षयः ।
           कुक्कुटे शुनके   चैव   हविर्नाश्नन्ति   देवताः ।
    वृक्षमूले ध्रुवं सत्त्वं   तस्माद् वृक्ष न रोपयेत् ॥
                              (महाभारत, अनु॰ १२७ । १५-१६)
👉 “घरमें फूटे बर्तन, टूटी खाट, मुर्गा, कुत्ता और अश्वत्थादि वृक्ष का होना अच्छा नहीं माना गया है। फूटे बर्तन में कलियुग का वास कहा गया है। टूटी खाट रहने से धन की हानि होती है। मुर्गे और कुत्ते के रहने पर देवता उस घर में हविष्य ग्रहण नहीं करते तथा मकान के अन्दर कोई बड़ा वृक्ष(पीपल आदि) होने पर उसकी जड़ के भीतर साँप, बिच्छू आदि जन्तुओं का रहना अनिवार्य हो जाता है, इसलिये घरके भीतर पेड़ न लगाये ।”
👉 कुत्ता महान अशुद्ध, अपवित्र होता है। उसके खान-पान से, स्पर्श से, उसके जगह-जगह बैठने से गृहस्थ के खान-पान में, रहन-सहन में अशुद्धि, अपवित्रता आती है और अपवित्रता का फल भी अपवित्र (नरक आदि) ही होता है।
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👉 कुत्ते का संरक्षण होना चाहिए ,उसे भोजन देना चाहिए, घर की रोज की एक रोटी पे कुत्ते का अधिकार है इस पशु को कभी प्रताड़ित नही करना चाहिए और दूर से ही इसकी सेवा करनी चाहिए परंतु घर के बाहर,घर के अंदर नही। यह शास्त्र मत है।
👉 अतिथि और गाय, घर के अंदर कुत्ता,कौवा,चींटी घर के बाहर,ही फलदाई होते है। यह लेख शास्त्र और धर्मावलंबियों के लिए है। आधुनिक विचारधारा के लोग इससे सहमत या असहमत होने के लिए बाध्य नहीं है ।
👉  गाय, बूढ़े मातापिता,क्रमशः दिल, घर,शहर से निकलते हुए।गौशालाओं व वृध्दाश्रम मे पहुंच गए,और कुत्ते, घर के बाहर से घर,सोफे, बिस्तर से होते हुए दिल मे पहुंच गए,यही सांस्कृतिक पतन हैं… ‼️हर हर महादेव‼️ ✍️ #श्रुतिधर_पाठक