आज का पंचाग, आपका राशि फल, अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम जयंती, यमुनोत्री के खुले कपाट, केदारनाथ की डोली का उखीमठ से प्रस्थान, हमारा विनाश कब शुरू हुआ?

*युगाब्द – ५१२३ वर्ष*

*विक्रम संवत २०७८*
*वैशाख मास- शुक्लपक्ष*
*तृतीया शेष रात ५:०८ तक*
*१४ मई – शुक्रवार*

मृगशिरा नक्षत्र समस्त

अक्षय तृतीया / अबूझ मुहूर्त
•आखा तीज
•कुबेर – लक्ष्मी पूजन
•परशुराम जयंती
*पौराणिक विषय वीडियो में*
*देखें*

सूर्य वृष – रात ३:०३
🌙
चंद्रमा मिथुन राशि में १७:१३

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगेशुक्र वार स्तुति:- हिम कुंद मृणालाभं, दैत्यानां परमं गुरूम्। सर्वशास्त्र प्रवक्तारं, भार्गवं प्रणमाम्यहम् ।।
हिन्दी ब्याख्या:–
तुषार कुंज अथवा मृणाल के समान जिनकी आभा है जो दैत्यों के परम गुरु हैं उन सब शास्त्रों के अद्वितीय वक्ता शुक्राचार्य जी को मैं प्रणाम करता हूं।
शुक्र गायत्री:–भृगवंशजाताय विद्महे श्वेत वाहनाय धीमहि तन्न शुक्र: प्रचोदयात्।।
शुक्र गायत्री मंत्र का यथाशक्ति जप करने के बाद औदम्बरयुक्त पायस घी से दशांश हवन करें।✍️ *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️विक्रम संवत 2078✡️
✡️ज्येष्ठ मासे ✡️
✡️संक्रांति दिवसे ✡️
✡️01 प्रविष्टे गते ✡️
Date :14 – 05 – 2021(शुक्रवार)
सूर्योदय :05.50 am
सूर्यास्त :06.56 pm
सूर्य राशि :मेष कल 11:32 pm तक, बाद में वृषभ
चन्द्रोदय :07.24 am
चंद्रास्त :09.20 pm
चन्द्र राशि :वृषभ कल 07:14 pm तक, बाद में मिथुन
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :बैशाख 3
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 17
पक्ष :शुक्ल 3
तिथि :द्वितीया 5.39 am तक, बाद में तृतीया
नक्षत्र :रोहिणी 5.45 am तक, बाद में म्रृगशीर्षा
योग :अतिगण्ड 12.50 am तक, बाद में सुकर्मा
करण :तैतिल 6:51 pm तक, बाद में गर
राहु काल :10.50 am – 12.30 pm
कुलिक काल :7.29 am – 9.09 am
यमगण्ड :3.51 pm – 5.32 pm
अभिजीत मुहूर्त :11.57 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :08:27 am – 09:19 am, 12:49 pm – 01:41 pm
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✡️आज के लिए राशिफल ✡️(14-05-2021) 
✡️मेष✡️
14-05-2021
तनाव के चलते रोग से दो-चार होना पड़ सकता है। तनाव कम करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ कुछ समय बिताएँ। नए क़रार फ़ायदेमंद दिख सकते हैं, हालांकि वेे लाभ नहीं देंगे। निवेश करते समय त्वरित में निर्णय न लें। घरेलू मोर्चे पर समस्या खड़ी हो सकती है, इसलिए तोल-मोल कर ही बोलें। सेमिनार और प्रदर्शनी आदि आपको नई जानकारियाँ और तथ्य उपलब्ध कराएंगे। आपका नजदीकी कोई व्यक्ति आपकी भावनाएं समझेगा और आपकी सहायता भी करेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️वृष ✡️
14-05-2021
सबकुछ बहुत अच्छा चलेगा। आपके अधिकतर काम भी आसानी से और शांति से निपट जाएंगे। दोस्तों की सहायता से आनंद और मनोरंजन के मौके मिल सकते हैं। अधिकारियों या बुजुर्गों के साथ उपयोगी विचार-विमर्श हो सकता है। किसी नए तरीके से कोशिश करने पर अटका हुआ काम बन सकता है। कामकाज बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा दिन है। आपका पराक्रम भी बढ़ सकता है। आय सामान्य रहेगी। आपकी कोशिश सफल रहेगी। किए गए कामों का पूरा लाभ आपको मिल सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️मिथुन ✡️
14-05-2021
आज लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का अंत हो सकता है। लोगों को तेजी से परखने की क्षमता आपको दूसरों से आगे बनाए रखेगी। आज आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं, इससे बचने के लिए कहीं बाहर जाएं और दोस्तों के साथ कुछ समय बिताएं। आज जिस नए समारोह में आप शिरकत करेंगे, वहाँ से नयी दोस्ती की शुरुआत होगी। ज्यादा काम करने से बचें और टेंशन कम से कम लें, अच्छा होगा कि आज आप किसी बेकार की बहस में ना पड़ें, धैर्य और नम्रता से काम लें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️कर्क✡️14-05-2021
किसी झगड़ालू व्यक्ति से  वाद-विवाद आपका मन ख़राब कर सकता है। समझदारी से काम लें और अगर संभव हो तो इससे बचें, क्योंकि किसी भी तरह का विवाद आपके लिए मददगार नहीं रहेगा। अतिरिक्त आय के लिए अपने सृजनात्मक विचारों का सहारा लें। अपने बर्ताव में उदार बनें और परिवार के साथ प्यार भरे लम्हे गुज़ारें। रोमांस को झटका लगेगा और आपके क़ीमती तोहफ़े भी आज जादू चलाने में विफल रहेंगे। सुनी-सुनाई बातों पर आँखें मूंदकर यक़ीन न करें और उनकी सच्चाई को भली-भांति परख लें।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️सिंह ✡️14-05-2021
कठिन और पेचीदा व्यक्ति आपके फेवर में हो सकते हैं। नौकरी बदलने का मूड है, तो उन्नति की संभावना है। इनकम बढ़ेगी। दिनचर्या में थोड़ा-सा बदलाव होने से आराम मिलेगा या आप खुश भी हो जाएंगे। कई तरह के नए अनुभव आपको हो सकते हैं। पैसों के क्षेत्र में दूसरे लोग आपके लिए मददगार हो सकते हैं। कर्जा लेना और देना आपके लिए आसान रहेगा। संतान से मदद मिल सकती है। बिजनेस में बदलाव के योग बन रहे हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️कन्या✡️14-05-2021
आज आर्थिक स्थिति में सुधार आना तय है। आपके दृष्टिकोण में आज कोई नया आयाम जुड़ेगा या आप किसी अपरिचित व्यक्ति के दृष्टिकोण से अत्यधिक प्रभावित होंगे। कुटुम्बजनों में प्रसन्नता का वातावरण होगा। आज किसी नए काम का प्रारंभ करना हितकारी नहीं है। व्यावसायिक कार्य से बाहर जाना हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आसपास के बिगडे़ हुए कार्य सुधारने का प्रयास करेंगे। जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️तुला ✡️14-05-2021
आप ख़ुद को नए रोमांचक हालात में पाएंगे जो आपको आर्थिक फ़ायदा पहुँचाएंगे। दोस्त और जीवनसाथी आपके लिए सुकून और ख़ुशी लेकर आएंगे, नहीं तो आपका दिन बुझा-बुझा और दौड़-भाग से भरा रहेगा। प्यार में अपने अशिष्ट बर्ताव के लिए माफ़ी मांगें। अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएँ तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए। जीवनसाथी की ख़राब सेहत का असर आपके काम-काज पर भी पड़ सकता है, लेकिन आप किसी तरह चीज़ें संभालने में क़ामयाब रहेंगे। माता से भी लाभ मिलेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️वृश्चिक ✡️14-05-2021
आपके काम पूरे तो होंगे, बल्कि सफलता का श्रेय भी आपको मिलेगा। मेहनत भी ज्यादा रहेगी। इसका सकारात्मक नतीजा आपको मिल सकता है। योजनाएं पूरी होंगी। आज आप किसी खास परिस्थिति को संभालने में पूरी तरह सफल हो सकते हैं। साथ के कुछ लोग आपसे प्रभावित हो जाएंगे। नौकरी और बिजनेस में आगे बढ़ने की योजनाएं बना सकते हैं। ऑफिस और फील्ड में आज आप चौकन्ने रहेंगे। लव लाइफ के मामले में भी दिन अच्छा रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️धनु ✡️14-05-2021
आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। आपके मन से चिंता का भार हल्का हो जाएगा और आप मानसिक रूप से प्रफुल्लितता का अनुभव करेंगे। साथ में शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। पारिवारिक वातावरण आनंदित रहेगा। विशेषकर भाई-बहनों के साथ संबंधों में मधुरता का अनुभव करेंगे। छोटे से प्रवास की भी संभावना है। व्यापारीगण व्यापार में वृद्धि कर सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र में आपको सफलता और यश-कीर्ति मिलने का भी योग है। आकस्मिक धन लाभ की संभावना है। नई साज-सजावट से घर की शोभा में अभिवृद्धि करेंगे।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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✡️मकर ✡️14-05-2021
आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा। कोई दोस्त अपनी निजी समस्याओं के समाधान के लिए आपसे राय मांग सकता है। अपने मनमौजी बर्ताव पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह आपकी दोस्ती को बर्बाद कर सकता है। टैक्स और बीमे से जुड़े विषयों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है। आप अपने वैवाहिक जीवन में दिलचस्पी कम होती हुई महसूस कर सकते हैं। लेकिन जल्दी ही सब ठिक हो जाएगा। परिवार में किसी सदस्य के साथ कहा-सुनी के चलते माहौल थोड़ा बोझिल हो सकता है, लेकिन यदि आप स्वयं को शान्त रखें व धैर्य से काम लें तो सबका मूड बढ़िया कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️कुंभ ✡️14-05-2021
आपका मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में अच्छी स्थितियां बन सकती हैं। कुछ पुरानी समस्याएं सुलझ सकती हैं। कोई कठिनाई आने पर शांति और धैर्य से काम लें। विवाह प्रस्ताव मिल सकता है। कामकाज की योजना गुप्त रखेंगे तो सफल हो जाएंगे। किए गए कामों का नतीजा आपके फेवर में हो सकता है। दूसरे लोगों को उसका क्रेडिट नहीं मिल पाएगा। अधिकारी या निचले वर्ग के कर्मचारी आपकी बात मानेंगे। जीवनसाथी का मूड भी अच्छा हो सकता है। मित्रों के साथ पार्टी या पिकनिक में आज का दिन बहुत अच्छी तरह से बीतेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️मीन ✡️14-05-2021
आज अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। छोटी परेशानियां आपको घेरे रहेंगी। आज के दिन अपने निजी विचारों को छोड़कर, दूसरों के विचारों पर भी ध्यान देने की सलाह है। घर के काम करते समय सकारात्मक रवैया रखें। कार्यक्षेत्र में धन, पुरस्कार और सम्मान मिल सकता है। पैसों के मामलों में आपको दूसरों की सलाह पर चलने के बजाय अपने मन की बात सुनना चाहिए। कोई दोस्त आपसे पैसा मांग सकता है। वाणी पर संयम रखने की जरूरत है। झुंझलाहट से बचने के लिए शांतचित्त रहें। आज लोग आपकी वह प्रशंसा करेंगे, जिसे आप हमेशा से सुनना चाहते थे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✍️ *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️ *जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून* मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677✡️✡️

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर माँ यमुना जी के यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं। 💐💐💐💐 जय माँ यमुना

अक्षय तृतीया  या  “आखा” तीज  वैशाख  मास में शुक्लपक्ष  की  तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं। उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है।Akshaya Tritiya 2021 Do’s And Donate These Things- आज अक्षय तृतीया है. आज भक्त घर पर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर रहे हैं और साथ ही आज ऑनलाइन गोल्ड शॉपिंग भी करेंगे. अक्षय तृतीया को शादियों के लिए भी अबूझ मुहूर्त माना जाता है. आज के दिन कुछ विशेष काम करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही आज के दिन दान करने से भी कई गुना फल की प्राप्ति होती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) के चलते लगे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बाहर जाना सेफ नहीं है. ऐसे में आप घर पर रहकर सभी नियमों का पालन करते हुए ही अक्षय तृतीया की पूजा करें और इसे मनाएं. आइए जानते हैं इस दिन कौन सा काम करने से यश, धन और वैभव मिलते हैं और क्या दान करना चाहिए…अक्षय तृतीया के दिन को धार्मिक शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है. इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. अक्षय तृतीया के दिन जौ, गेहूं, चना, दही, चावल, फल और अनाज का दान करना चाहिए। आज अन्न जल स्वर्ण दवा घी शहद जो भी दान करते हैं उसका पुण्य कभी क्षय नहीं होता, युगों तक बना रहता है 
🇮🇳 जय भारत माता 🇮🇳

#श्री_केदार_की_डोली_अपने_धाम_के_लिए_रवाना
आज बहुत पवित्र और पावन दिवस है आज हम सब के आराध्य पालनहार बाबा भोलेनाथ की चल विग्रह डोली अपने धाम के लिए प्रस्थान कर चुकी है ..
बाबा की डोली ऊपर जाते हैं हम सबके चेहरे पर एक का नई रौनक नहीं मुस्कान आती थी क्योंकि हिंदुओं की आस्था का पवित्र ज्योतिर्लिंग केदारनाथ और उसके दर्शन पाने के लिए लाखों की संख्या में तीर्थयात्री केदारधाम पहुंचते जिससे उत्तराखंड के कई लोगों की आजीविका जुड़ी होती है इसलिए देवा दी देव महादेव के इस पवित्र धाम को मैंने हम घाटी वालों का पालनहार भी कहा है.. मुझे आशा ही नहीं विश्वास भी है कि यह विपरीत समय जल्द ढल जाएगा और पुनः रौनक लौट कर आएगी. जो बाबा अपने धाम से वापस आएंगे तो सब कुछ पूर्व की भांति सामान्य होगा ऐसा मैं बाबा से प्रार्थना भी करता हूं..
दिवाकर गैरोला।

पावन पर्व अक्षय तृतीया की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

मुखवा गांव से माँ गंगा की डोली ने आज 11:45 पर गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया.
मात्र 21 लोग ही जलसे में शामिल हो पाए.

कल प्रातः7:30 पर गंगोत्री धाम के कपाट खोल दिये जायेंगे—-रजनीकांत सेमवाल 

भगवान परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) में एक ब्राह्मण ऋषि के यहां जन्मे थे।
ये भगवान विष्णु के छठा अवतार हैं[
उनका जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ।
ये भगवान विष्णु के आवेशावतार हैं। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए।
वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम कहलाये।
आरम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त होने के साथ ही महर्षि ऋचीक से शार्ङ्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त हुआ।
तदनन्तर कैलाश गिरिश्रृंग पर स्थित भगवान शंकर के आश्रम में विद्या प्राप्त कर विशिष्ट दिव्यास्त्र विद्युदभि नामक परशु प्राप्त किया।
शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए। चक्रतीर्थ में किये कठिन तप से प्रसन्न हो भगवान विष्णु ने उन्हें त्रेता में रामावतार होने पर तेजोहरण के उपरान्त कल्पान्त पर्यन्त तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया।

वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी।
उन्होनें कर्ण को श्राप भी दिया था।
उन्होंने एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा।
इच्छित फल-प्रदाता परशुराम गायत्री है-“ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नः परशुराम: प्रचोदयात्।”
वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे।

कल्कि अवतार होने पर उनका गुरुपद ग्रहण कर उन्हें शस्त्रविद्या प्रदान करेंगे। भगवान परशुराम जी को चिरंजीवी होने का वरदान भी प्राप्त है।

यदि कोई हैहयवंशी क्षत्रिय भगवान परशुराम की उपासना करें तो वो अत्यधिक यशस्वी हो जाएगा। (सौजन्य डाॅ माता राम पुरोहित सिमली चमोली) 

14 मई को भगवान परशुरामजी की जयंती है। पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यानी अक्षय तृतीया के दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। हनुमानजी की ही तरह इन्हें भी चिरंजीव होने का आशीर्वाद प्राप्त है। भगवान शिव ने इनकी घोर तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हें फरसा दिया था। फरसा को परशु  भी कहा जाता है, इसी वजह से इन्हें परशुराम के नाम से जाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी। भगवान परशुराम भगवान शिव और भगवान विष्णु के संयुक्त अवतार माने जाते हैं। शास्त्रों में उन्हें अमर माना गया है। परशुराम जयंती के मौके पर आप अपने परिचितों, दोस्तों और पहचान वालों को शुभकामना संदेश के माध्यम से परशुराम जयंती की बधाईयां भेज सकते हैं।देश के गृहमंत्री अमित शाह ने परशुराम जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “भगवान परशुराम जी की जयंती की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।‬ तप, पराक्रम, ज्ञान व न्याय की प्रतिमूर्ति भगवान परशुराम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और सबको खुशहाली व स्वास्थ्यपूर्ण जीवन का आशीष दें।” 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, विधायक महेंद्र भट्ट और प्रियंका गांधी ने भगवान परशुराम जयंती की समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं हैं। 

*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
1.हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ था जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया है!

2. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था! देशी गाय तृष्कृत और गोबर की खाद हेय बनाया गया।

3. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया था!

4. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं! और बड़ पीपल पंया नीम आम जामुन कदम्ब तुलसी की उपेक्षा कर जगह यूकेलिप्टस लगाना शुरू किया।

5. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!

6. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!

7.हमारा.विनाश उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं!

8. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!

9. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी । हमें जैविकघड़ी ठीक करने के लिए रात को दस बजे तक सो जाना चाहिए और सुबह चार बजे उठना चाहिए।

10. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाना एसी लगाना शुरू किया था। आज पता चल रहा फ्रिज एसी हमारी रोगप्रतिकारक क्षमता नष्ट कर चुका है। कोरोना से अधिकतर वे मर रहे हैं जिनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता समाप्त हो गयी। ध्यान रहे रोग प्रतिरोधक क्षमता धूप वर्षा ठंडी वसंत सभी ऋतुओं में शरीर को ढालने महिने में एक दिन उपवास (एकादशी) लेने से बनती है

11. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।

12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड़ दिया और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।

13. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां व्यभिचार करना ,गर्भ निरोधक गोलियां खाना लाखों युवतियां हर साल गर्भाशय कैंसर से मरती हैं।
14. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अपने बच्चों को मिट्टी में धरती में खेलने देने की बजाय कभी विचार नहीं नहीं किया कि टीकों का बच्चों के शरीर पर भविष्य में क्या प्रभाव पडेगा?
15. इस शरीर की कुछ सीमा है कुछ मर्यादा है कुछ स्वस्थ सिद्धांत हैं लेकिन मनमाने आचरण के कारण शरीर की बर्बादी की है!!

नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं आज लोगों को सिर्फ कोरोना ही दिखाई दे रहा है। कोरोना तो मृत्यु कारक है ही किन्तु
उन्हें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!

निर्देश :- भारत के महान वैज्ञानिक, शोधकर्ता, स्वदेशी के प्रचारक प्रखर वक्ता भाई राजीव दीक्षित जी का
1. मौत का व्यापार
2. स्वदेशी चिकित्सा
3 स्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ देश
4. स्वस्थ भारत शक्तिशाली भारत
5 आचार विचार से स्वस्थ कैसे रहे?
यह व्याख्यान जरूर सुने और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिल जाएगी! जो
आज चल रहा है भाई राजीव दीक्षित जी यह सब 2005 में बता चुके थे।