आज का पंचाग, आपका राशि फल, जन्म से मोक्ष तक जन्मकुंडली के द्वादश भावों और बीमारियों का विश्लेषण, क्या है 1951 हिन्दू धर्म दान एक्ट, अमोघ बजरंग बाण, वनों की आग से पर्यावरण को अतुलनीय क्षति

 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएं✍️ ✡️पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली, फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️चैत्र मासे ✡️
✡️24 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️ :06 – 04 – 2021✡️(मंगलवार)✡️
सूर्योदय :06.18 am
सूर्यास्त :06.40 pm
सूर्य राशि :मीन
चन्द्रोदय :02.43 am
चंद्रास्त :01.44 pm
चन्द्र राशि :मकर
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2077
अमांत महीना :फाल्गुन 24
पूर्णिमांत महीना :चैत्र 9
पक्ष :कृष्ण 10
तिथि :नवमी 2.19 am तक, बाद में दशमी
नक्षत्र :उत्तराषाढ़ा 2.05 am तक, बाद में श्रवण
योग :सिद्ध 3.29 pm तक, बाद में साध्य
करण :वणिज 2:10 pm तक, बाद में विष्टि
राहु काल :3.52 pm – 5.32 pm
कुलिक काल :12.31 pm – 2.11 pm
यमगण्ड :9.11 am – 10.51 am
अभिजीत मुहूर्त :12.04 PM – 12.54 PM
दुर्मुहूर्त :08:46 am – 09:36 am, 11:19 pm – 12:05 am

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[6/4, 06:43] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
✡️आज के लिए राशिफल✡️ ✡️(06-04-2021)✡️
✡️मेष✡️
06-04-2021
आज आपके द्वारा अपने विचारों को दूसरों के सामने उजागर करना मुश्किल हो सकता है। यदि आप परिवार में सबसे छोटे हैं, तो आप अपने बड़े भाइयों और बहनों से पूर्ण सहयोग प्राप्त करेंगे। व्यावसायिक सन्दर्भ में आपको दूरी वाले स्थानों की यात्रा करनी पड़ सकती है। छात्रों को अत्यधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। अपने घर कस्बों से दूर रहने वाले लोगों के लिए, यह समय घर वापसी के लिए शुभ है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️वृष ✡️
06-04-2021
आज नवरात्र के शुभ अवसर पर देवी कुष्मांडा का आप पर आशीर्वाद बना रहेगा।इस राशि के जो लोग सरकारी नौकरी करते हैं, उनको जीवन में खूब सफलता प्राप्त होगी।आपसी समझ आपके दाम्पत्य संबंधों को बेहतर बनायेगी।पारिवारिक जीवन आज हर तरह से मजबूत रहेगा।आपको बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।सेहत के मामले में आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। आप समाज में कुछ महत्वपूर्ण योगदान दे सकतें हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मिथुन ✡️
06-04-2021
आज आप सोच-समझकर फैसले लें। आगे बढ़ सकते हैं। अपने विचारों से दूसरों को सहमत कराने में आप बहुत हद तक सफल हो सकते हैं। आपका दायरा बढ़ सकता है। किसी नई जगह पर भी जाने के योग हैं। नए लोगों से भी मुलाकात हो सकती है। इससे आपको ही फायदा होगा। आप जितनी मेहनत करेंगे, उतने ही सफल हो सकते हैं। इस राशि के बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️कर्क ✡️
06-04-2021
व्यवसायिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप से लाभदायी दिन है। आराम तथा मनोरंजन के मौका हासिल होंगे। समाजसेवा की चाह जागृत होगी। आपको ध्यान रखना है की आपकी जितनी चादर है उतना ही पाव फैलाये। अगर आप किसी को पसंद करते हैं और उसे प्रपोज करना चाहते हैं, तो आज का दिन शुभ है। आपको सफलता जरूर मिलेगी। आज घर पर किसी धार्मिक आयोजन की रुपरेखा निर्मित होगी।दोस्तों से अचानक मुलाकात हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️सिंह ✡️
06-04-2021
आज व्यापारिक एव व्यावसायिक सन्दर्भ में आशातीत सफलता प्राप्ति संभव है। आपकी आमदनी में इजाफ़ा हो सकता है। कहीं से अचानक धन लाभ या उपहार मिल सकता है। व्यय पर नियंत्रण रखना होगा। परिस्थितियां आपके पक्ष में होगीं। मन प्रसन्न रहेगा। जीवनसाथी अथवा प्रेम पात्र पर क्रोध करना उचित नहीं रहेगा। पारिवारिक सन्दर्भ में किसी बुजुर्ग को स्वास्थ्य सम्बन्धी आकस्मिक परेशानी हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️कन्या✡️
06-04-2021
आज आपको करियर में आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे।आप परिवार वालों के साथ धार्मिक स्थल की यात्रा करेंगे।आपकी यात्रा लाभकारी रहेगी।अगर कोई खास काम करने की सोच रहे हैं, तो आज का दिन शुभ है।काम में सफलता जरूर मिलेगी।ऑफिस में सीनियर्स आपके काम से प्रभावित होकर आपको कोई तोहफा देंगे।देवी माँ आपकी तिजोरियों को धन से भरने में मदद करेगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️तुला ✡️
06-04-2021
आज आप खुश रहने की कोशिश करेंगे। जो लोग आपको धोखा देना चाह रहे हैं, आज आप उनका झूठ भी समझ सकते हैं। अपनी भावनाएं जताने की कोशिश करेंगे तो प्रेमी आपके मन की बात समझ सकता है। दोस्त, प्रेमी या रिश्तेदार के साथ बिताया गया समय आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। किसी खास व्यक्ति की राय से आपकी लाइफ में फायदेमंद बदलाव हो सकता है। सिद्धकुंजिका स्तोत्र का पाठ करें, धन में वृद्धि होगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️वृश्चिक ✡️
06-04-2021
आज कोई पुरानी बात याद आने से थोड़ी देर के लिए आपका मूड खराब हो सकता है। सामाजिक जीवन व्यस्त रहेगा। देरी ओर रुकावटें परेशानी का कारण बन सकती हैं। खुद को व्यवस्थित रखें। जीवनसाथी आपको धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने के लिए प्रेरित करेगा। आप कुछ महान काम करेंगे, जो आपको कार्यालय में व्यस्त रखेंगे क्योंकि आपका बॉस सहायक होगा। भवन सुख में वृद्धि होगी। आज आपके व्यवहार से लोग खुश रहेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️धनु ✡️
06-04-2021
दिन की शुरुवात में चीजें योजना के अनुसार घटित नहीं हो पाएंगी। किन्तु आप घटनाओं पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ध्यान केंद्रित कर चीजों को अपने पक्ष में करने का प्रयास करें। दिन के उतरार्ध तक आप विरोधियों का मुकाबला करने में सक्षम होंगे। रचनात्मकता आपके दृष्टिकोण और रणनीति में बदलाव कर सकती है। आप परिवार के समर्थन और पूर्ण सहयोग का आनंद लेंगे और बुजुर्गों की सलाह उपयोगी होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️मकर ✡️
06-04-2021
आज आप अपना ध्यान पूजा-पाठ में लगायेंगे।आपको पैसों के लेन-देन करने में सावधानी बरतनी चाहिए।कार्यक्षेत्र में आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।इस राशि के छात्रों को भी अच्छे रिजल्ट्स के लिये मेहनत करने की जरूरत है।आपको भाई-बहनों का साथ मिलेगा।वो आपके काम में पूरा साथ देंगे।आपके स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आ सकती है।आपको अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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✡️कुंभ ✡️
06-04-2021
आज आप लोगों से मिलने और बातें करने में आप सफल हो सकते हैं। आसपास के लोगों पर ध्यान रखें। ऑफिस में आपको कोई जिम्मेदारी वाला काम मिल सकता है। दूसरों की मदद से किए गए कामों में आप उलझ सकते हैं। परिवार के साथ मांगलिक काम हो सकते हैं। बड़े भाइयों और दोस्तों से मदद मिलसकती है। आप अपने मन को शांत रखने की कोशिश करेंगे।दुर्गा जी को प्रणाम करें, समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️मीन ✡️
06-04-2021
आज आपका नजदीकी कोई व्यक्ति आपकी भावनाएं समझेगा और आपकी सहायता भी करेगा। आपको जल्द ही परेशानी घेर सकती है। अचानक से बहुत बड़ा धन लाभ आपको होगा। निवेश के लिए इससे अच्छा दिन और कोई नहीं हो सकता है। आपको कारोबार में अचानक से धन-लाभ हो सकता हैं। आपको आपकी तकदीर अच्छी जगह पर ले जाएगी। जो लोग सामाजिक संगठन से जुड़े हैं, उन्हें समाज में सबके साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631✡️✡️✡️

*जन्म से मोक्ष तक जन्मकुंडली के द्वादश भाव*

#पहला_भाव : दुनिया में सब से पहली घटना व्यक्ति का जन्म है, इस लिए जन्म के समय से जो चीज़े व्यक्ति के पास होती है जन्म कुण्डली का पहला भाव उन से संबंधित होता है जैसे कि आत्मा, जाति, आचरण, कर्म, शरीर का सुख, बुद्धि, अहंकार

द्वितीय_भाव : जन्म के बाद शिशु को वस्त्र में लपेटा जाता है, उसको भोजन दिया जाता है, उस के बाकी रिश्ते जुड़ने शुरू होते हैं , उसकी इच्छायें शुरू होती हैं, बोलचाल शुरू होती है । इस लिए द्वितीय भाव से इनका सुख देखा जाता है जैसे कि परिवार, वाणी, वस्त्र, धन, घर परिवार से मिलने वाला धन संपदा और संस्कार ।

तृतीय_भाव : परिवार, वस्त्र और आय की प्राप्ति के बाद इनका दिखावा शुरू होता है यानी दुनिया में खुद को एक दूसरे से बड़ा दिखाने की दौड़ शुरू होती है इसी को पराकर्म स्थान कहा जाता है , और फिर वैसे ही मित्रो की प्राप्ति होती है । इस लिए तृतीय भाव से इनके सुख देखे जाते हैं जैसे कि साहस और पराकर्म, रोज़ के मिलने वाले मित्र , आस पड़ोस, रोजाना की भाग दौड़ जैसे कि यात्राएं, छोटे भाई बहन, बाजुयो की ताकत और कला ।

चतुर्थ_भाव : जातक का जितना पराकर्म होता है जैसी उसकी संगत होती है वैसी ही उसकी बुद्धि होती है फिर वही शुरुआती रुझान आदतें बन जाती हैं और वैसी ही चीज़े वह धारण करता है, वैसा ही रहन सहन, वैसा ही घर और वैसे ही खान पान की आदतें , और फिर वही आदतें कैरियर का निर्धारण करती हैं । इस लिए चतुर्थ भाव से यही सब सुख देखे जाते हैं जैसे कि ज़मीन, वाहन, शिक्षा, माता के सुख, मानसिक रूप से मजबूती ।

पंचम_भाव : जातक जैसा खुद के घर परिवार के रिवाज़ों को आगे बढ़ाता है, जितनी उच्च और अच्छे स्तर की शिक्षा प्राप्त करता है , उतनी ही उस में कला और गुणों का विकास होता है जो उसको सामाजिक प्रतिष्ठा देती है । इसी लिए पंचम भाव से इन सब विषयो का विचार किया जाता है जैसे कि खुद से कुछ भी बनाना, संतान को अच्छी शिक्षा देना, खुद से प्राप्त की गई शिक्षा को समाज में बांटना जिस से दूसरों को भी सुख मिले, दूसरों से प्रेम करना ।

छठा_भाव : जब जातक खुद की कला और गुण समाज को दिखाता है सम्मान की प्राप्ति करता है तो उस से जलने वाले लोगो की संख्या भी बढ़ने लगती है , फिर वही लोग शत्रु बन जाते हैं और कार्यो में बाधा देते हैं इस तरह जातक के लिए संघर्ष की शुरुआत होती है । इस लिए छठे भाव से इन विषयों का विचार किया जाता है जैसे कि शरीर का वह हिस्सा जो आपकी कमज़ोरी है इस लिए शारीरिक रोग का विचार इस भाव में आने वाली राशि से किया जाता है, रोज़ के दैनिक संघर्ष जैसे कि जिम, योगा का विचार इस भाव से किया जाता है, आमने सामने की शत्रुता जैसे कि कोर्ट कचहरी की लड़ाई झगड़े इन में होने वाली हानि और लाभ का विचार भी इसी भाव से किया जाता है ।

सप्तम_भाव : तो जब आप संघर्ष में होते हैं शत्रु से लड़ रहे होते हैं भाग दौड़ कर रहे होते हैं तो आपके अपने आपके साथ होते हैं एक तरह का यह public support यही सप्तम भाव से संबंधित है । विपरीत लिंगी का विचार ( पुरूष के लिए स्त्री और स्त्री के लिए पुरूष ) इसका विचार इसी भाव से किया जाता है । इसी लिए सप्तम भाव से इन विषयों का विचार किया जाता है जैसे कि प्रेमी / प्रेमिका, जीवनसाथी, व्यवसायक साझीदार , किसी भी तरह का public support ।

अष्टम_भाव : जब प्रेम संबंध बनते हैं , रिश्ते जुड़ते हैं , support मिलता है लोग करीब आते हैं तो धोखा देने वाले लोग भी इन्ही में शामिल होते हैं , रिश्तो में झगड़े होते हैं, अपने रूठते हैं , तकरार होती है जिस से अवसाद होता है, मरने का मन करता है । इसी लिए इन सब विषयो का विचार अष्टम भाव से किया जाता है, जैसे कि दुसरों से मिलने वाले धोखे, सदमें , शरीर के वह हिस्से जो जीवन भर परेशानी देते हैं , खास कर हार्मोन्स से संबंधित परेशानी , चोट और दुर्घटना , चरित्र पर लांछन के चलते नोकरी से या किसी विशेष अहुदे से बर्खास्त हो जाना ।

नवम_भाव : तो जब हमारी गलतियों के चलते लोग हम से रिश्ते तोड़ देते हैं फिर हम उसका पश्चाताप करते हैं , धर्मस्थल जाते हैं प्रार्थना करते हैं दुआएं करते हैं , दुनियादारी और समाज के कानून को समझ कर फिर से कुछ नया सीख कर जीवन की नई शुरुआत करते हैं । तो इन सब विषयो का विचार नवम भाव से किया जाता है जैसे कि कानून और देश का संविधान, घर के बड़े, धर्मस्थल, लंबी दूरी की यात्राएं और लंबे समय के लिए किए गए वायदे , खुद के गुणों का प्रदर्शन ।

दसम_भाव : तो जब हम नया सीख कर खुद में सुधार करके आते हैं तो फिर से हमें दुनियादारी में अपनी जगह बनाने के अवसर मिलने लगते हैं, लोग हमारी गलतियों को भूल कर हमारी नई पहचान से हमे जानने लगते हैं, हर कोई अपने अपने कर्म और आजीविका के अनुसार काम के लगते हैं जैसे कि कोई अस्पताल में काम करता है कोई स्कूल / कालेज में , कोई भोजन पदार्थो से जुड़े कार्य करने लगता है तो कोई वस्त्रो से जुड़े कार्य ।

एकादश_भाव : तो जब हम धन और आजीविका की दौड़ में किसी ना किसी कार्य से जुड़ते हैं , भाग्य और मेहनत दोनो के दम पर उच्च पदों से भी कुछ को नवाजा जाता है, जैसे कि कोई तरक्की करते हुए लीडर बनते हैं, संस्थाओं के प्रमुख कार्यकर्ता और प्रधान बनते हैं, छोटे से होटलों से वह 3 और 5 स्टार होटल बनते हैं, कुछ ऑटो सेक्टर में होते हुए यूनियन प्रधान बनते हैं , कुछ प्रेजिडेंट बनते हैं , कुछ सीइओ बनते हैं । इस लिए एकादश भाव का संबंध इन्ही सब विषयो से होता है, मेहनत और भाग्य के दम पर जातक अपने अपने उच्च मुकामो को प्राप्त करते हैं , बड़े भाई बहनों , बड़े अधिकारी लोगो का सानिध्य , बड़े बड़े होटल और बड़ी बड़ी संस्थाओं में आना जाना इसी भाव से देखा जाता है ।

द्वादश_भाव : तो जब जातक ने वह उच्च मुकाम हासिल कर लिया, ग्रहस्थ को भोग लिया तब उस के मन में धन दौलत आगे बच्चों को देते हुए खुद मोक्ष प्राप्ति की इच्छा करता है , जो कि जन्म कुण्डली का आखरी भाव यानी द्वादश भाव है । इस तरह जन्म कुण्डली के द्वादश भाव का संबंध इन विषयों से संबंधित होता है जैसे कि बाहरी स्थान , बाहरी लोक जिस में आत्मा शरीर का त्याग कर पृथ्वी लोक से गमन करती है कर्मो के अनुसार आगे की यात्रा के लिए , इसी तरह इस भाव से विदेश यात्रा का विचार भी किया जाता है, बाहरी शक्तियों से बातचीत जैसे कि एलियन से संपर्क , या किसी शक्ति की साधना उनके दर्शन और आशीर्वाद , निद्रा का सुख विचार इस भाव से किये जाते हैं। जो धन हमने कमाया हुआ होता है उस का वय्य भी इसी द्वादश भाव से देखा जाता है इसीलिए इसे व्ययेश भाव भी कहते हैं| जय माता रानी l🙏

*💢 यह ग्रहों से संबंधित सामान्य जानकारी है ।*
किसी भी ग्रह से संबंधित बीमारी के लिए उस ग्रह के साथ-साथ कुंडली में शरीर के उस भाग के अनुसार भाव को भी देखना आवश्यक है ।
जैसे प्रथम भाव से सिर , द्वितीय भाव से चेहरा या गला तीसरे भाव से कंधा – बाजू इत्यादि । इस प्रकार कुंडली के बारह भाव के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो मेरा पुराना लेख देखें ।

👉सूर्य
अंग – आत्मा , हड्डी , हृदय , दायाँ नेत्र , सिर , पेट , पित्त , आमाशय , रीढ़ की हड्डी का मेरुदंड ,
🔸बीमारी – नेत्र रोग ( मोतियाबिंद , अंधापन , नजर दोष ) , सिर दर्द , अपेंडिक्स , विषम ज्वर , हैजा , अजीर्ण , पित्त रोग , रक्त प्रवाह में बाधा , जलने के घाव , गिरना , अस्थि रोग , हृदय रोग ,

👉चन्द्र
अंग – मन , बायाँ आँख , गले से हृदय तक , रक्त , शरीर में तरल पदार्थ , हार्मोन्स , कफ , छती , फेफड़े ,
🔸बीमारी – नेत्र रोग , मानसिक रोग , दिमागी परेशानी , पागलपन , अनिन्द्र , रक्त विकार , मासिक धर्म , मूत्र कृच्छ , जुकाम , कफ रोग , अस्थमा , हृदय एवं फेफड़े संबन्धित रोग , जल की अधिकता या कमी ,

👉मंगल
अंग – रक्त , मज्जा , अस्थि , पेट से पीठ तक
🔸बीमारी – रक्त स्राव , रक्त संबन्धित रोग , व्रण , फोड़े – फुंसी , कुष्ठ , खुजली , रक्तचाप , जलना , काटना , दुर्घटना , कैंसर , पित्तज , शास्त्र घात , गर्भपात , मासिक धर्म में गड़बड़ी , आपरेशन , संक्रमण रोग , जानवरों द्वारा काटना , गर्मी के रोग , मूत्र रोग ,

👉बुध
अंग – गले से कंधे तक , मुख , वाणी , नाक , गला , फेफड़ा , चमड़ा ( त्वचा ) ,
🔸बीमारी – वाणी दोष , गूंगापन , हकलाहट , बुद्धि – विवेक का नाश , सांस की तकलीफ , छती संबन्धित , कुष्ट रोग , त्वचा रोग ,

👉 गुरु
अंग – कमर से जांघ तक , चर्बी ( वसा ) , हृदय , गुर्दे ( किडनी ) , जिगर , लीवर , पित्त की थैली , आमाशय , यकृत , तिल्ली , कान
🔸बीमारी – मोटापा , मधुमेह , किडनी , लीवर , कफ , संतान , मिर्गी , कर्ण संबन्धित रोग ,

👉शुक्र ,
अंग – वीर्य , गुप्तांग , प्रजनन शक्ति , चेहरा , नेत्र , मूत्राशय , किडनी ( गुर्दे ) , आंते , ग्रंथियां , हार्मोन्स ,
🔸 बीमारी – यौन रोग , मूत्राशय रोग , मूत्र रोग , मूत्राशय में पथरी , किडनी ( गुर्दे ) , अपेंडिक्स , जलन , प्रमेह रोग , गुप्त रोग , नेत्र रोग , सुंदरता में कमी ,महवारी

👉शनि
अंग – कमर के नीचे का भाग , घुटने , पैर , आँतें , नस , नाखून , बाल , मांसपेशियाँ ,
🔸 बीमारी – वायु रोग , कमर , घुटने , जोड़ो का दर्द , हड्डी टूटना , स्नायु रोग , दुर्बलता , थकान , सूखापन , कैंसर , टीबी , अल्सर , लकवा , नाखून खराब , एकाकीपन , निराशा , भूलना , गंजापन ,

👉 राहू
बीमारी – डर , सर्प दंश , जहर फैलना , दवा से संक्रमण , पागलपन , मानसिक रोग , वहम , स्मृति नाश , चोट , दुर्घटना , शोक , आंखो के नीचे काले घेरे , नशेड़ी , मोटापा , वायु रोग , भूत – प्रेत , डायन , ऊपरी बाधा , कैंसर ,

👉केतू
बीमारी – वात रोग , शिथिलता , नस रोग , त्वचा , हकलाहट , खुजली , मशीन से दुर्घटना , पहचानने में परेशानी
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जोतिष आचार्य पांडुरंगराव शास्त्री
कुंडली हसतरेखा वास्तुशास्त्र निष्णात एवम संपुर्ण पुजाविधी संपन्न
मो: +9321113407
Mob.9851113407
Email- pigweshastri@gmail.com
🙏Mumbai🙏

पंजाब से क्यों ” हिंदू मंदिर ऐक्ट ” की आवाज़ उठाने की पहल हुई।

13 अप्रैल 2021 से क्यों ” भगवा चेतना रथ यात्रा ” पंजाब के सभी शहरों और कसबों से निकाली जा रही है।
क्यों 13 अप्रैल से सभी सनातनीयों को अपने घरों, दुकानों पर भगवा धवज फहराना जरूरी है।

हिंदूओं के लिए क्यों जरूरी है ” हिंदू मंदिर ऐक्ट “

*क्या है 1951 हिन्दू धर्म दान एक्ट*❓

‘2004 में दीपावली के दिन कांची पीठ के शंकराचार्य को जयेन्द्र सरस्वती को जयललिता पुलिस द्वारा पराधियों की भांति घसीट कर जेल भेजा गया, क्योंकि तत्कालीन सुप्रीमो सोनियां गांधी को लग रहा था कि जयेन्द्र सरस्वती इसाई मिशनरियों के मिशन में बाधक बन रहे हैं। तब प्रणव मुखर्जी को लगा कि ये गलत हो रहा है तो उन्होंने  तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फोन कर इस गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप करने हेतु कहा भी, लेकिन मनमोहन सिंह ने अपनी विवशता जताई ‘

किस षडयंत्र के अन्तर्गत तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बनाया था ” 1951 हिंदू धर्म दान एकट “

आइए जाने हिंदूओं के विरुद्ध किए षडयंत्र के वारे में।

1951 में कांग्रेस सरकार ने “हिंदू धर्म दान एक्ट” पास किया था। इस एक्ट के जरिए कांग्रेस ने राज्यों को अधिकार दे दिया कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिर को अपने अधीन ले लिया था। कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु ने भी मंदिरों को अपने अधीन कर दिया था !

इसके बाद शुरू हुआ मंदिरों के चढ़ावे में भ्रष्टाचार का खेल। उदाहरण के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर की सालाना कमाई लगभग 3500 करोड़ रूपए है। मंदिर में रोज बैंक से दो गाड़ियां आती हैं और मंदिर को मिले चढ़ावे की रकम को ले जाती हैं। इतना फंड मिलने के बाद भी तिरुपति मंदिर को सिर्फ 7 % फंड वापस मिलता है, रखरखाव के लिए। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री YSR रेड्डी ने तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से 5 को सरकार को देने का आदेश दिया था। इन पहाड़ियों पर चर्च का निर्माण किया जाना था। मंदिर को मिलने वाली चढ़ावे की रकम में से 80 % “गैर हिंदू” कामों के लिए किया जाता है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक हर राज्य़ में यही हो रहा है। मंदिर से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मस्जिदों और चर्चों के निर्माण में किया जा रहा है !

मंदिरों के फंड में भ्रष्टाचार स्थिति ये है कि कर्नाटक के 2 लाख मंदिरों में लगभग 50,000 मंदिर रखरखाव के अभाव के कारण बंद हो गए हैं। दुनियां के किसी भी लोकतंत्रिक देश में धार्मिक संस्थानों को सरकारों द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है, ताकि लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन न हो। लेकिन भारत में ऐसा हो रहा है। कांग्रेस सरकार ने मंदिरों को अपने कब्जे में इसलिए किया क्योंकि उन्हें पता है कि मंदिरों के चढ़ावे से सरकार को काफी फायदा हो सकता है। लेकिन, केवल मंदिरों को ही कब्जे में लिया जा रहा है। मस्जिदों और चर्च पर सरकार का कंट्रोल नहीं है !

अब समय आ गया है

हिंदुओं के दान किए धन का सरकारी दुरुपयोग को खत्म किया जाए और मंदिरों से सरकार जोकि धर्मनिरपेक्ष है अपना कब्जा हटाये…
हमारा हिंदूओं का मंदिरों पैसा केवल सनातन धर्म के कल्याण में लगे…
न कि ईसाइयों के धर्म-परिवर्तन में और न जिहाद में !

जो मंदिर और आश्रम के पास गुरुकुल और गौशाला हो उनको दान दो…सशक्त हिंदू और भारत के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है !

पंजाब के हिंदूओं द्वारा उठाई आवाज को जन जन तक ले जाने में सहयोग करें।

आओ सभी सनातनी 13 अप्रैल 2021 से अपने अपने घरों पर भगवा धवझ फहराएं और 13 अप्रैल से शुरू होने वाली हिंदू मंदिर एक्ट के लिए
“भगवा चेतना रथ यात्रा ” की इतिहासिक पल का हिस्सा और योगदानकर्ता बने।

आपका अभारी
भारद्वाज, विजय सिंह
संयोजक
” टीम मंदिर एक्ट ” ” VoiceofHindu “

🚩🕉️🙏🙏🙏🙏🚩*🙏ये अमोघ बजरंग बाण है, इस के नित्य पाठ करने से सभी अभिष्ट सिद्ध होते हैं 🙏*

*||दोहा||*
*निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।*
*तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥*

जय हनुमन्त सन्त हितकारी, सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।
जन के काज विलम्ब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै।
जैसे कूदि सिन्धु महिपारा, सुरसा बदन पैठि विस्तारा ।
आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका ।
जाय विभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा ।
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा ।
अक्षय कुमार को मारि संहारा, लूम लपेट लंक को जारा ।
लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर में भई ।
अब विलम्ब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।
जय जय लखन प्राण के दाता, आतुर होय दु: ख करहु निपाता ।
जै गिरिधर जै जै सुख सागर, सुर समूह समरथ भटनागर ।
ॐ हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले, बैरिहि मारू बज्र की कीले ।
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो, महाराज प्रभु दास उबारो ।
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो, बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ।
ॐ ह्रिं ह्रिं ह्रिं हनुमन्त कपीसा, ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ।
सत्य होहु हरि शपथ पायके, राम दूत धरु मारु जाय के ।
जय जय जय हनुमन्त अगाधा, दु: ख पावत जन केहि अपराधा ।
पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ।
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।
पांय परौं कर जोरि मनावौं, येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।
जय अंजनि कुमार बलवन्ता, शंकर सुवन वीर हनुमन्ता ।
बदन कराल काल कुल घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक ।
भूत, प्रेत, पिशाच निशाचर, अग्नि बेताल काल मारी मर ।
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की, राखउ नाथ मरजाद नाम की ।
जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।
जै जै जै धुनि होत अकासा, सुमिरत होत दुसह दु: ख नाशा ।
चरन शरण कर जोरि मनावौं, यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।
उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पांय परौं कर जोरि मनाई ।
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता, ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ।
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ।
अपने जन को तुरत उबारो, सुमिरत होय आनंद हमारो ।
यह बजरंग बाण जेहि मारै, ताहि कहो फिर कौन उबारै ।
पाठ करै बजरंग बाण की, हनुमत रक्षा करै प्राण की ।
यह बजरंग बाण जो जापै, ताते भूत-प्रेत सब कांपै ।
धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा ।
*॥ दोहा ॥*
*प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।*
*तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान*
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*आपका दिन मंगलमय हो*🚩

तीन महानुभाव बिना मास्क के, एक बच्चे को मास्क पहनाते हुए ।😅😅😅😅😅

केन्द्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि “उत्तराखंड के हरित जंगल न‌ सिर्फ प्रदेश की बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के पारिस्थितिकी तंत्र की जीवन रेखा हैं। वहां के जंगलों में आग लगने की खबर दुखद है। राज्य सरकार के सक्रिय प्रयासों एवं केंद्र द्वारा भेजी गई एनडीआरएफ टीमों की सहायता से जल्दी इस पर काबू पा लिया जाएगा। मैं वन्य प्राणियों एवं जीव जंतुओं सहित सबकी कुशलता की कामना करता हूँ।