आज का पंचाग, आपका राशि फल, आपकी संतति और कर्मभोग, विशेष पोस्ट श्रीकृष्ण और युधिष्ठिर संवाद

📖 *नीतिदर्शन……………….*✍🏿
*नालसा: प्राप्नुवन्त्यार्थन् न क्लीबा नाभिमानिनः।*
*न च लोकरवाद् भीता न वै शश्वत प्रतीक्षणः।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 जो आलसी हैं, कायर हैं, अभिमानी हैं, लोकचर्चासे डरनेवाले और सदा समयकी प्रतीक्षामें बैठे रहने वालेहैं, ऐसे लोग अपने अभीष्ट अर्थको नहीं पा सकते।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| शिशिर ऋतु || फाल्गुन कृष्णपक्ष || तिथि अष्टमी || मन्दवासर || फाल्गुन सौर २३ प्रविष्टा || तदनुसार ०६ मार्च २०२१ ई० || नक्षत्र जेष्ठा || वृश्चिकस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ✍️✍️✡️पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली, फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️

☸️दैनिक पंचांग☸️
☸️फाल्गुन मासे ✡️
☸️23 प्रविष्टे गते ✡️
☸️दिनांक :06 – 03 – 2021(शनिवार)☸️
सूर्योदय :06.47 am
सूर्यास्त :06.28 pm
सूर्य राशि :कुंभ
चन्द्रोदय :12.54 am
चंद्रास्त :12.52 pm
चन्द्र राशि :वृश्चिक कल 09:38 pm धनु
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2077
अमांत महीना :माघ 23
पूर्णिमांत महीना :फाल्गुन 7
पक्ष :कृष्ण 8
तिथि :अष्टमी 6.10 pm तक, बाद में नवमी
नक्षत्र :ज्येष्ठा 9.38 pm तक, बाद में मूल
योग :वज्रा 6.09 pm तक, बाद में सिद्धि
करण :बालव  7:00 am तक, बाद में कौलव 6:10 pm तैतिल
राहु काल :9.10 am – 10.50 am
कुलिक काल :5.49 am – 7.29 am
यमगण्ड :2.11 pm – 3.52 pm
अभिजीत मुहूर्त :12.14 PM – 01.01 PM
दुर्मुहूर्त :08:21 am – 09:08 am
✡️आज के लिए राशिफल (06-03-2021)✡️

✡️मेष06-03-2021✡️

आज भागीदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण आप बेचैन हो सकते हैं। आर्थिक पक्ष अस्थिर हो सकता है। व्यवसायी एवं व्यापारी वर्ग को सार्वजनिक समर्थन हासिल करने के लिए अथक प्रयास करने पड़ सकतें हैं। आपके आलोचक और शत्रु आपके लिए समस्याएं पैदा करेंगे, वह आप पर हावी हो सकते हैं। किन्तु आप कूटनीति के प्रयोग से उन्हें चुप करा सकते हैं। आपका दैनिक कार्यक्रम व्यस्त रहेगा।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

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✡️👍वृष 06-03-2021✡️

आज इस राशि के जातक का दिन खुशियों भरा होगा। आपका रिश्ता पहले की तुलना में अधिक सुखद होगा। आज व्यावसायिक औऱ व्यापारी सभी गतिविधियों में काफी प्रगति होने की संभावना है। जो लोग प्रौद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर सकते हैं। आर्थिक रूप से भी यह उत्कृष्ट समय है। आप में से कुछ उच्च विदेशी संपर्को द्वारा भविष्य में प्रचुर धन लाभ प्राप्त कर सकतें हैं। नौकरीपेशा जातक पूर्व में अपने द्वारा किए गए शुभ कृत्यों के लिए आज मान्यता प्राप्त करेंगे व अपने संपर्कों को भी बढ़ा पाएंगे।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

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✡️मिथुन 06-03-2021✡️

कार्यक्षमता के बल पर आपको आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे। आप कोई जरुरी घरेलू काम निपटाने में सफल रहेंगे। धन से जुड़ी चिंताएं छूमंतर हो जाएगी। आपको रुके हुए धन की प्राप्ति भी होगी। प्रेम-संबंधों में आपको कोई सुखद सरप्राइज मिलेगा। आज दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाने से आपको ख़ुशी मिलेगी। नींद पूरी होने के कारण आप बेहतर महसूस करेंगे। माता-पिता के सहयोग से आप जीवन में आगे बढ़ेंगे। दाम्पत्य जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

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✡️कर्क 06-03-2021✡️

आज क्रोध आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए क्रोध को त्याग कर शांति का मार्ग धारण करने की आवश्यकता है। आप अपनी समस्याओं से बहुत ही जल्द मुक्ति प्राप्त करेंगे। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। बचपन की यादें आपके मन पर छायी रहेंगी। कार्यक्षेत्र में आज आपके सम्मान को ठेस पहुँच सकती है। आपके लिए आज का दिन शुभ और उन्नति कारक है। अपनी यात्रा संबंधी प्राथमिकताओं को पुन: जांच लें।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : लाल रंग

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✡️सिंह 06-03-2021✡️

आप अपनी बुद्धिमानी से सब संभालने की कोशिश करेंगे। नौकरीपेशा लोगों को साथ काम करने वालों से मदद मिलेगी। आगे बढ़ने का दौर है। जो काम आपको दिया जाएगा, उसे निपटा लेंगे। आप जो भी करेंगे, उसके साथ कुछ एक्स्ट्रा जिम्मेदारी भी रहेगी। लोग अपनी परेशानियां आपके सामने रख सकते हैं। लोगों की समस्या सुलझाने से आने वाले दिनों में आपको फायदा हो सकता है।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : हल्का हरा

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✡️कन्या06-03-2021✡️

आप अपनी नौकरी में बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं। विदेश यात्रा भी संभव है। आप अपनी संभावनाओं के उत्थान की आशा भी कर सकते हैं क्योंकि आप अपनी वर्तमान नौकरी से अधिक पसंदीदा स्थान पर स्थानांतरित हो सकते हैं। आपके धन में बढ़ोत्तरी होगी, जो आपकी स्थिति को अधिक सुदृढ़ करेगी। छात्र अपनी पढ़ाई में अच्छा करेंगे। मायके पक्ष से आपके रिश्तेदार आपके लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं और आपके पिता की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। विदेश यात्रा करते समय आपको आव्रजन बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

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✡️तुला 06-03-2021✡️

इस राशि के जातक के लिए आज का दिन व्यापारिक एवं व्यवसायिक संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय ले सकतें हैं। आप अपने प्रयासों से चौतरफा सफलता प्राप्त करेंगे और आपकी शक्तियां बढ़ेंगी। आपके परिवार के बुजुर्ग सभी उपक्रमों में खुशी-खुशी आपकी मदद करेंगे। व्यस्तता रहेगी। जिसमें आपको बहुत ही शांति से काम करना पड़ेगा। दूसरों की बात गंभीरता से सुनें। लोग आपका ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश करेंगे।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

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✡️वृश्चिक 06-03-2021✡️

आज आपको किसी से कोई उपहार मिलेगा| इससे आपका मन खुश रहेगा। आज परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा। दाम्पत्य जीवन में आपसी सामंजस्य बेहतर बना रहेगा। सेहत के लिहाज से आप चुस्त-दुरूस्त रहेंगे। विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए शिक्षकों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। कुछ लोग आपसे प्रभावित होंगे, साथ ही वो आपसे जुड़ने की कोशिश भी करेंगे। आज बिजनेसमैन को बेहतर अपॉर्चुनिटिज़ मिलेगी। आज आप में कॉन्फिडेंस ज्यादा रहेगा। आपके भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 1

भाग्यशाली रंग : पीला रंग

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✡️धनु 06-03-2021✡️

आज आपको उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। सम्मान बढ़ेगा। विदेशों में रहने वाले जातकों के लिए आज का दिन खुशियां से भरा होगा। अपने अन्दर चीजों को रखकर आप निराश और मूडी बन सकते हैं। आपको कुछ मजबूत प्रतिक्रियाओं से निपटना पड़ सकता है। यदि आप व्यवसाय के क्षेत्र में कोई नई तरकीब अपनाना चाहते हैं तो समय आपका साथ देगा। हर मुश्किल कार्य में भाग्य का साथ जरूर मिलेगा।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : गहरा नीला

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✡️मकर 06-03-2021✡️

दिन अच्छा रहेगा। आज आप ज्यादातर समस्याओं से निपट सकेंगे। आप सफल हो सकते हैं। पैसों की स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। किसी उलझी हुई स्थिति में बाकी लोगों से बातचीत करने से आपको उसका समाधान मिल सकता है। आपको पैसों के क्षेत्र में कुछ नएमौके मिलने के योग हैं। कोई भी काम सोच-समझ कर ही करें। कुछ कारणों से पुरानी बातें आपको याद आ सकती हैं।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

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✡️कुंभ 06-03-2021✡️

आज का दिन आपके लिए कुछ परेशानी लिए हो सकता है। काम के दौरान आप वैचारिक मतभेदों को लेकर अपने सहयोगियों के साथ संघर्ष में आ सकते हैं, इसलिए आपको व्यावहारिक रहने की आवश्यकता है। आपके कुछ दोस्त और रिश्तेदार आपके बारे में अलग राय रखेंगे और दूसरों का पक्ष ले सकते हैं। यह आपमें सामान्य रूप से जीवन के प्रति निराशावादी दृष्टिकोण विकसित करेगा। आपका स्वास्थ्य पीड़ित हो सकता है। मसालेदार भोजन से परहेज करें और अपने खाने के पैटर्न को नियमित करें।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : हरा रंग

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✡️मीन 06-03-2021✡️🙏

आज आप अपने अधीनस्थ अथवा सहयोगी को संवेदनशील मुद्दों को समझाने में मदद कर सकतें हैं। व्यापारी वर्ग ग्राहकों की पसंद में दिलचस्पी लेंगे और आसानी से आर्थिक लाभ अर्जित कर पाएंगे। प्रेम संबंधों में रिश्तों की बात आने पर अपनी सच्ची भावनाओं को छिपाएं नहीं। अविवाहित युवक और युवतियों को अपना जीवन साथी मिल सकता है। आपको अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से अच्छी ख़बरें मिलेंगी और आप अपने परिवार में एक उत्साहजनक नई भूमिका निभा सकते हैं।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631✡️✡️

*Ⓜ कर्म भोग और आपकी संतति Ⓜ*

Ⓜ पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नि, प्रेमी-प्रेमिका, मित्र-शत्रु, सगे-सम्बन्धी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं, सब मिलते हैं । क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है या इनसे कुछ लेना होता है ।

Ⓜ *सन्तान के रुप में कौन आता है ?*

Ⓜ वेसे ही सन्तान के रुप में हमारा कोई पूर्वजन्म का ‘सम्बन्धी’ ही आकर जन्म लेता है । जिसे शास्त्रों में चार प्रकार से बताया गया है —

Ⓜ *ऋणानुबन्ध :* पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिससे आपने ऋण लिया हो या उसका किसी भी प्रकार से धन नष्ट किया हो, वह आपके घर में सन्तान बनकर जन्म लेगा और आपका धन बीमारी में या व्यर्थ के कार्यों में तब तक नष्ट करेगा, जब तक उसका हिसाब पूरा ना हो जाये ।

Ⓜ *शत्रु पुत्र :* पूर्व जन्म का कोई दुश्मन आपसे बदला लेने के लिये आपके घर में सन्तान बनकर आयेगा और बड़ा होने पर माता-पिता से मारपीट, झगड़ा या उन्हें सारी जिन्दगी किसी भी प्रकार से सताता ही रहेगा । हमेशा कड़वा बोलकर उनकी बेइज्जती करेगा व उन्हें दुःखी रखकर खुश होगा ।

Ⓜ *उदासीन पुत्र :* इस प्रकार की सन्तान ना तो माता-पिता की सेवा करती है और ना ही कोई सुख देती है । बस, उनको उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ देती है । विवाह होने पर यह माता-पिता से अलग हो जाते हैं ।

Ⓜ *सेवक पुत्र :* पूर्व जन्म में यदि आपने किसी की खूब सेवा की है तो वह अपनी की हुई सेवा का ऋण उतारने के लिए आपका पुत्र या पुत्री बनकर आता है और आपकी सेवा करता है । जो बोया है, वही तो काटोगे । अपने माँ-बाप की सेवा की है तो ही आपकी औलाद बुढ़ापे में आपकी सेवा करेगी, वर्ना कोई पानी पिलाने वाला भी पास नहीं होगा ।

Ⓜ आप यह ना समझें कि यह सब बातें केवल मनुष्य पर ही लागू होती हैं । इन चार प्रकार में कोई सा भी जीव आ सकता है । जैसे आपने किसी गाय कि निःस्वार्थ भाव से सेवा की है तो वह भी पुत्र या पुत्री बनकर आ सकती है । यदि आपने गाय को स्वार्थ वश पालकर उसको दूध देना बन्द करने के पश्चात घर से निकाल दिया तो वह ऋणानुबन्ध पुत्र या पुत्री बनकर जन्म लेगी । यदि आपने किसी निरपराध जीव को सताया है तो वह आपके जीवन में शत्रु बनकर आयेगा और आपसे बदला लेगा ।

Ⓜ इसलिये जीवन में कभी किसी का बुरा ना करें । क्योंकि प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करोगे, उसे वह आपको इस जन्म में या अगले जन्म में सौ गुना वापिस करके देगी । यदि आपने किसी को एक रुपया दिया है तो समझो आपके खाते में सौ रुपये जमा हो गये हैं । यदि आपने किसी का एक रुपया छीना है तो समझो आपकी जमा राशि से सौ रुपये निकल गये ।

Ⓜ ज़रा सोचिये, “आप कौन सा धन साथ लेकर आये थे और कितना साथ लेकर जाओगे ? जो चले गये, वो कितना सोना-चाँदी साथ ले गये ? मरने पर जो सोना-चाँदी, धन-दौलत बैंक में पड़ा रह गया, समझो वो व्यर्थ ही कमाया । औलाद अगर अच्छी और लायक है तो उसके लिए कुछ भी छोड़कर जाने की जरुरत नहीं है, खुद ही खा-कमा लेगी और औलाद अगर बिगड़ी या नालायक है तो उसके लिए जितना मर्ज़ी धन छोड़कर जाओ, वह चंद दिनों में सब सत्यानाश करके ही चैन लेगी ।”

Ⓜ मैं, मेरा, तेरा और सारा धन यहीं का यहीं धरा रह जायेगा, कुछ भी साथ नहीं जायेगा । साथ यदि कुछ जायेगा भी तो सिर्फ *नेकियाँ* ही साथ जायेंगी । इसलिए जितना हो सके *नेकी* कर, *सतकर्म* कर ।

*श्रीमद्भभगवतगीता।*( सौजन्य – डाॅ भगवती प्रसाद पुरोहित) 

*विशेष पोस्ट* 👇🏻

*हस्तिनापुर में पाण्डवों के राज्याभिषेक के बाद जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो धर्मराज युद्धिष्ठर उनके रथ पर सवार हो कर कुछ दूर तक उन्हें छोड़ने के लिए चले गए । भगवान श्रीकृष्ण ने देखा, धर्मराज के मुख पर उदासी ही पसरी हुई थी । उन्होंने मुस्कुरा कर पूछा, “क्या हुआ भइया ? क्या आप अब भी खुश नहीं ?”*

*”प्रसन्न होने का अधिकार तो मैं इस महाभारत युद्ध में हार आया हूँ केशव!* मैं तो यह सोच रहा हूँ कि जो हुआ वह ठीक था क्या ?” *युधिष्ठिर* का उत्तर अत्यंत *मार्मिक* था । *कृष्ण* खिलखिला उठे । बोले,”क्या हुआ भइया! यह किस उलझन में पड़ गए आप?”
*”हँस कर टालो मत अनुज ! मेरी विजय के लिए इस युद्ध में तुमने जो जो कार्य किया है, वह ठीक था क्या? पितामह का वध, कर्ण वध, द्रोण वध, यहाँ तक कि अर्जुन की रक्षा के लिए भीमपुत्र घटोत्कच का वध कराना, यह सब ठीक था क्या ? क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुमने अपने ज्येष्ठ भ्राता के मोह में वह किया जो तुम्हे नहीं करना चाहिए था?” धर्मराज बड़े भाई के अधिकार के साथ कठोर प्रश्न कर रहे थे ।*

*कृष्ण* गम्भीर हो गए । बोले,”भ्रम में न पड़िये बड़े भइया! यह युद्ध क्या आपके *राज्याभिषेक* के लिए लड़ा गया था ? नहीं! आप तो इस *कालखण्ड* के करोड़ों मनुष्यों के बीच *एक सामान्य मनुष्य भर हैं* । आप स्वयं को *राजा* मान कर सोचें, *तब भी इस समय संसार में असंख्य राजा हैं और असंख्य आगे भी होंगे । इस भीड़ में आप बहुत छोटी इकाई हैं धर्मराज, मैं आपके लिए कोई युद्ध क्यों लड़ूंगा ?”*

*युधिष्ठिर आश्चर्य में डूब गए । धीमे स्वर में बोले- फिर ? फिर यह महाभारत क्यों हुआ?*

👉🏻 “यह युद्ध आपकी स्थापना के लिए नहीं, *धर्म की स्थापना के लिए हुआ है ।* यह *भविष्य* को ध्यान में रखते हुए *जीवन-संग्राम* के नए *नियमों* की *स्थापना* के लिए हुआ है । *महाभारत* हुआ है ताकि *भविष्य* का *भारत* सीख सके कि *विजय ही धर्म है* । वो चाहे जिस प्रयत्न से मिले । *यह अंतिम धर्मयुद्ध है धर्मराज* ! क्योंकि यह *अंतिम युद्ध है जो धर्म की छाया में हुआ है* । भारत को इसके बाद उन *बर्बरों* का *आक्रमण* सहना होगा जो केवल *सैनिकों* पर ही नहीं *बल्कि निर्दोष नागरिकों, स्त्रियों, बच्चों, यहाँ तक कि सभ्यता और संस्कृति पर भी प्रहार करेंगे । उन युद्धों में यदि भारत सत्य-असत्य, उचित-अनुचित के भ्रम में पड़ कर कमजोर पड़ा और पराजित हुआ तो उसका दण्ड समूची संस्कृति को युगों युगों तक भोगना पड़ेगा ।*

*आश्चर्यचकित युद्धिष्ठर चुपचाप कृष्ण को देखते रहे । उन्होंने फिर कहा, “भारत को अपने बच्चों में विजय की भूख भरनी होगी धर्मराज ! यही मानवता और धर्म की रक्षा का एकमात्र विकल्प है । इस सृष्टि में एक आर्य परम्परा ही है जो समस्त प्राणियों पर दया करना जानती है, यदि वह समाप्त हो गयी तो न निर्बलों की प्रतिष्ठा बचेगी न प्राण । संसार की अन्य मानव जातियों के पास न धर्म है न दया । वे केवल और केवल दुख देना जानते हैं । ऐसे में भारत को अपना हर युद्ध जीतना होगा, वही धर्म की विजय होगी ।*

*युद्धिष्ठिर* जड़ हो गए थे, कृष्ण ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा *”मनुष्य अपने समय की घटनाओं का माध्यम भर होता है भइया, वह कर्ता नहीं होता । भूल जाइए कि किसने क्या किया, आप बस इतना स्मरण रखिये कि इस कालखण्ड के लिए समय ने आपको हस्तिनापुर का महाराज चुना है, और आपको इस कर्तव्य का निर्वहन करना है । यही आपके हिस्से का अंतिम सत्य है।”*

*युधिष्ठिर के रथ से उतरने का स्थान आ गया था । वे अपने अनुज कृष्ण को गले लगा कर उतर आए । कृष्ण के सामने अभी अनेक लीलाओं का मंच सजा था ।

*दूत की निर्णय क्षमता और सोच-समझ विकसित होनी चाहिए। वह दूसरों के बहकावे में आनेवाला नहीं होना चाहिए। महाभारत काल में पांडवों के लिए कृष्ण से उचित शांति दूत भाल कौन हो सकता था, जिसे कौरव न बहका सकें। दुर्योधन ने इन्हें अपने महल में उत्तम भोजन के लिए आमंत्रित किया लेकिन श्रीकृष्ण ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जबकि नीति और धर्म के अनुयायी विदुर के घर साग खा कर आनन्दमय हो उठे। भगवान भी भक्ति भाव के ही भक्त हैं। * (साभार- सर्वेश तिवारी श्रीमुख*

*गोपालगंज, बिहार ।*)