आज का पंचाग, आपका राशि फल, वैष्णव ग्रन्थों में 64 अपराध, बड़ी आग से घिरने पर सुरक्षा के उपाय

📖 *नीतिदर्शन…………………..*✍
*या प्रकृत्यैव चपला निपतत्यशुचावपि।*
*स्वामिनो बहु मन्यन्ते दृष्टिं तामपि सेवका:।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 जो दृष्टि स्वभाव से ही चंचल अपवित्र पर भी गिरती है, स्वामी की उस दृष्टिको भी नौकर लोग बहुत ही मानते हैं।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| शिशिर ऋतु || पौष शुक्लपक्ष || तिथि पञ्चमी पूर्वाह्ण ९:१२ तक उपरान्त षष्टी || सौम्यवासर || माघ सौर ५ प्रविष्ट || तदनुसार १८ जनवरी २०२१ ई० || नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद पूर्वाह्ण ७:३८ तक उपरान्त अहिर्बुध्न्य || मीनस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

. ‼️ 🕉 ‼️
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5122
विक्रम संवत्…………………..2077
शक संवत्……………………..1942
रवि………………………..दक्षिणायन
मास……………………………..पौष
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी…………………………..पंचमी
प्रातः 09.15 पर्यंत पश्चात षष्ठी
सूर्योदय………..प्रातः 07.09.55 पर
सूर्यास्त………..संध्या 06.05.09 पर
सूर्य राशि……………………….मकर
चन्द्र राशि……………………….मीन
गुरु राशि……………………….मकर
नक्षत्र…………………….पूर्वाभाद्रपद
प्रातः 07.33 पर्यंत पश्चात उत्तराभाद्रपद
योग…………………………….परिघ
संध्या 06.22 पर्यंत पश्चात शिव
करण………………………….बालव
प्रातः 09.15 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु…………………………….हेमंत
*दिन……………………..सोमवार*

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर दिनांक २७*
*पौष मास, सौर अग्रहायण !*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*१८ जनवरी सन २०२१ ईस्वी !*

*अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 12.15 से 12.58 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.३4 से 09.५५ तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मकर*
06:56:51 08:42:58
*कुम्भ*
08:42:58 10:17:31
*मीन*
10:17:31 11:48:44
*मेष*
11:48:44 13:29:27
*वृषभ*
13:29:27 15:28:04
*मिथुन*
15:28:04 17:41:45
*कर्क*
17:41:45 19:57:56
*सिंह*
19:57:56 22:09:45
*कन्या*
22:09:45 24:20:24
*तुला*
24:20:24 26:35:01
*वृश्चिक*
26:35:01 28:51:12
*धनु*
28:51:12 30:56:51

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक…………………9
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.12 से 08.33 तक अमृत
प्रात: 09.54 से 11.15 तक शुभ
दोप. 01.57 से 03.18 तक चंचल
अप. 03.18 से 04.39 तक लाभ
सायं 04.39 से 06.00 तक अमृत
सायं 06.00 से 07.39 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ कालयोगिने नम: ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
अहिंसा लक्षणो धर्मोऽधर्मश्च प्राणिनां वधः ।
तस्मात् धर्मार्थिभिः लोकैः कर्तव्या प्राणिनां दया ॥
अर्थात :-
धर्म का लक्षण अहिंसा है, और प्राणियों का वध अधर्म है । अर्थात् धर्म की इच्छावाले ने प्राणियों पर दया करनी चाहिए ।

🍃 *आरोग्यं :-*
*फेफड़े की कमजोरी का इलाज :-*

*10. अदरक -*
अदरक को ब्रोंकाइटिस के इलाज के साथ पाचन में सहायता करने और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को पहले से कहीं अधिक मजबूत बनाने के लिए सिद्ध किया गया है। यह फेफड़ों से विषैले तत्व को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। अदरक रक्त के संचलन में सुधार करने में मदद करता है और इस प्रकार, शरीर को स्वस्थ और फिट रखता है।

⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
वाणी पर नियंत्रण रखें। मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। यात्रा हो सकती है। नई आर्थिक नीति लागू करने का साहस जुटा पाएंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नए अनुबंध हो सकते हैं। मातहतों का सहयोग मिलेगा। विरोध होगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
पार्टनरों से मतभेद कम होंगे। जल्दबाजी न करें। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। दूसरों के काम में दखल देने से बचें। व्यवसाय ठीक चलेगा। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। बड़ों के मार्गदर्शन से लाभ होगा। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। विशेषकर स्त्रियां सावधानी से रहें। किसी अपने ही व्यक्ति का व्यवहार ठीक नहीं रहेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवेक का प्रयोग करें। पारिवारिक सहयोग समय पर प्राप्त होगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। जल्दबाजी न करें। किसी तीर्थस्थान के दर्शन सुलभ होंगे। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
परिवार में कोई मांगलिक कार्य की योजना बनेगी। चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना आदि से बड़ी हानि हो सकती है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। अपरिचित लोगों पर विश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। आय बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कानूनी सहायता समय पर प्राप्त होगी। बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति रहेगी। मित्र व संबंधियों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम न उठाएं। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
परिवार में बेवजह कलह हो सकती है। सामंजस्य बैठाएं। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। शोक समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। दौड़धूप अधिक होगी। बनते कामों में बाधा संभव है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लापरवाही न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
जल्दबाजी से बचें। मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। सामाजिक पूछ-परख बढ़ेगी। रुके काम पूर्ण होंगे। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। धनलाभ सहज ही होगा। प्रमाद न करें। कार्यकुशलता का विकास होगा। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वरिष्ठ व्यक्तियों की सलाह मानें। पुराने भूले-बिसरे मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। किसी व्यक्ति का व्यवहार मनोनुकूल नहीं रहेगा। आय बनी रहेगी। मनोनुकूल सूचना प्राप्ति होगी। विवाद न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
यात्रा लाभदायक रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। थकान तथा आलस्य रह सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कोई बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम लेने का साहस कर पाएंगे।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। विवेक से कार्य करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। धनार्जन होगा। वाणी में संयम आवश्यक है। बनते काम बिगड़ सकते हैं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग परेशान कर सकता है।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
संचित धन में वृद्धि होगी। कर्ज चुका पाएंगे। प्रसन्नता रहेगी। रुका हुआ धन मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा में सावधानी रखें। घर-बाहर से सहयोग मिलेगा। किसी आनंदोत्सव भाग लेने का अवसर मिल सकता है। लाभ में वृद्धि होगी।

*🚩 🎪 ‼️ 🕉 नमः शिवाय ‼️ 🎪 🚩*

*☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ☯*

*‼️ शुभम भवतु ‼️*

🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩

_श्री हरिः_
🌱✍🏽
_*वैष्णव ग्रन्थों में 64 अपराध बतलाये गये हैं।…इनपर ध्यान रखकर चलने से बहुत लाभ हो सकता है।*_

1— श्री भगवान् को कोई देवता या तत्वविशेष मानना,
2— वेदों में ग्रंथ या पौरुषेयबुद्धि,
3— भक्तों में जातिभेद बुद्धि,
4— गुरु को साधारण मनुष्य समझना,
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5— भगवान् की प्रतिमा को काठ, पत्थर, धातु, कागज या मिट्टी समझना,
6— भगवान् के प्रसाद को साधारण खाने की चीज समझना,
7— भगवान् के चरणोदक को साधारण जल समझना,
8— तुलसी को साधारण वृक्ष समझना,
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9— गौ को साधारण पशु समझना,
10— भागवत और गीता को साधारण पुस्तक समझना,
11— भगवान् की लीलाओं को मनुष्यकी की हुई मानना,
12—संसारिक प्रेम या स्त्रीसुख के साथ भगवान् की लीला की तुलना करना,
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13— गोपियों को (भगवान् के लिए) परनारी समझना,
14— रासलीला को कामचेष्टा समझना,
15— भगवान् के महोत्सव के समय स्पर्शास्पर्श बुद्धि रखना,
16— ईश्वर और शास्त्रों को न मानकर नास्तिक हो जाना,
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17— संदेह पूर्वक धर्म का आचरण करना,
18— धर्म के पालन में आलस्य करना,
19— भक्तों को बाहरी बातों पर कसना,
20— साधु-महात्माओं के गुण-दोषों की आलोचना करना,
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21— अपने को उत्तम समझना,
22— किसी भी देवता या किसी भी शास्त्र की निंदा करना,
23— भगवान् की मूर्ति के सामने पीठ देकर बैठना,
24— भगवान् की मूर्ति के सामने जूते पहन कर जाना,
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25— भगवान् की मूर्ति के सामने माला धारण करना,
26— भगवान् की मूर्ति के सामने छड़ी लेकर जाना,
27— भगवान् की मूर्ति के सामने नीले कपड़े पहन कर जाना,
28— दातुन कुल्ला किए बिना जाना,
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29— मल त्याग या मैथुनादि के बाद कपड़े बदले बिना मंदिर में प्रवेश करना,
30— भगवान् की मूर्ति के सामने हाथ पैर फैलाना,
31— भगवान् की मूर्ति के सामने पान खाना,
32— भगवान् की मूर्ति के सामने जोर से हंसना,
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33— कुचेष्टा करना,
34— स्त्रियों के चारों ओर घूमना,
35— क्रोध करना,
36— भगवान् की मूर्ति के सामने किसी दूसरे का अभिवादन करना,
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37—दुर्गंध वाली कोई चीज खाकर दुर्गंध दूर हुए पहले मंदिर में जाना,
38— मादक द्रव्य सेवन करना,
39— किसी को अपमानित करना या मारना,
40— काम, क्रोधादि की चेष्टा करना,
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41— अतिथि या साधु की आवभगत ना करना,
42— अपने को भक्त, धर्मात्मा, पंडित या पुण्य्वान् समझना,
43— नास्तिक, व्यभिचारी, हिंसक, लोभी और झूठ बोलने वाले मनुष्यों का संग करना,
44— विपत्ति में ईश्वर पर दोष लगाना,
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45— पाप के लिए धर्म करना,
46— किसी को किंचित् भी कष्ट देकर अपने को धार्मिक समझना,
47— स्त्री, पुत्र, परिवार आश्रित दीन और साधु का पालन-पोषण ना करना,
48— किसी वस्तु को अपनी भोग्य समझ कर भगवान् के निवेदन करना या बिना निवेदन किए भोगना,
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49— अपने इष्टदेव के नाम की शपथ करना,
50— धर्म और भगवान् के नाम को बेचकर धन कमाना,
51— अपने इष्टदेव को छोड़कर दूसरे से आशा करना,
52— शास्त्रों की मर्यादा को तोड़ना,
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53— ब्रह्म ज्ञान ना होने पर भी ब्रह्म ज्ञानी के समान आचरण करना,
54— संप्रदाय भेद से वैष्णवों में किसी को ऊंँचा-नीचा समझना,
55— देवता के समान आचरण करना,
56— अवतारों की लीलाओं में तारतम्य देखकर उनकी निंदा करना,
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57— दिल्लगी में भी किसी को ‘आप ही भगवान्’ है ऐसा कहना,
58— भगवान् किसी के मुखापेक्षी हैं, भूलकर भी ऐसा समझना,
59— लोभवश किसी को भगवत्प्रसाद या चरणोदक देना,
60— भगवान् के चित्र, प्रतिमा या नाम का अपमान करना,
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

61— किसी भी जीव को किसी प्रकार से कष्ट पहुंचाना, भय दिखलाना या किसी का अहित करना,
62— तर्क-वितर्क में हार जाने या सिद्धांत स्थापित ना कर सकने पर आस्तिकता को त्याग देना,
63— भगवान् के अवतारों के जन्म-कर्मों को साधारण समझना,
64— भगवान् के युगलरूप में द्वैतबुद्धि करना।
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

_प्रेम दर्शन विरचित पूज्य श्री भाई जी_

 

 

यह संदेश जनसाधारण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे कृपया अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य और विशेषकर बच्चों को अवश्य पढ़ाएं जन हित में प्रसारित करें। 

कई वर्ष पहले जे0 पी0 होटल वसंत विहार नई दिल्ली में आग की दुर्घटना हुई, जिसमें बहुत सारे भारतीय मारे गए लेकिन जापानी और अमेरिकन नहीं। जानते हैं क्यों? मैं आपको बताता हूँ:-

1. सभी अमेरिकन और जापानी लोगों ने अपने कमरों के दरवाज़ों के नीचे खाली जगहों में गीले तौलिये लगा दिए और खाली जगहों को सील कर दिया, जिससे धुआं उनके कमरों तक नहीं पहुंच सका। या बहुत कम मात्रा में पहुंचा।

2. इन सभी विदेशी मेहमानों ने अपनी नाक पर गीले रुमाल बांध लिए, जिससे उनके फेफड़ों में धुआं प्रवेश न कर सके।

3. सभी विदेशी मेहमान अपने अपने कमरों के फर्श पर औंधे लेट गए। (क्योंकि धुआं हमेशा ऊपर की ओर उठता है)

इस प्रकार जब तक अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आये, तब तक वे अपने आपको जीवित रख पाने में सफल रहे।

जबकि होटल के भारतीय मेहमानों को इन सुरक्षा उपायों के बारे में पता ही नहीं था इसलिए वे इधर से उधर भागने लगे और उनके फेफड़ों में धुआं भर गया और कुछ समय में ही उनकी मौत हो गई।

अभी पिछले वर्ष (24.05.2019) को सूरत (गुजरात) के एक कोचिंग सेंटर में आग की दुर्घटना हुई जिसमें कई बच्चों की जान इस अज्ञानता और भगदड़ के कारण हो गई। यदि उन्हें इन सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी होती तो शायद इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की जान न जाती।

याद रखें, आग लगने की स्थिति में ज़्यादातर मौतें शरीर में धुआं जाने से होती हैं, जबकि आग के कारण कम होती हैं।

क्योंकि आग की स्थिति में हम लोग धैर्य से काम नहीं लेते हैं और इधर से उधर भागने लगते हैं। भागने से हमारी सांसें तेज़ हो जाती हैं जिसके कारण बहुत सारा धुआं हमारे फेफड़ों में प्रवेश कर जाता है और हम बेहोश हो जाते हैं और ज़मीन पर गिर जाते हैं तथा फिर आग की लपटों से घिर जाते हैं।

इसलिए आग लगने की स्थिति में ये सुरक्षा उपाय अपनाएं:-

1. भगदड़ न मचाएं और अपने होश कायम रखें ताकि आप दूसरों की मदद कर सकें।

2. अपने नाक पर गीला रुमाल या गीला लेकिन घना कपड़ा बांधें। तथा फर्श पर लेट जाएं।

3. यदि आप किसी कमरे में बंद हों तो उसके खिड़की दरवाज़े बंद कर दें तथा उनके नीचे या ऊपर या कहीं से भी धुआं आने की संभावना हो तो उस जगह को भी गीले कपड़े से सील कर दें।

4 अपने आसपास के लोगों से भी ऐसा ही करने को कहें।

5. अग्निशमन की सहायता की प्रतीक्षा करें। याद रखें, अग्निशमन वाले प्रत्येक कमरे की जांच करते हैं और वे फंसे हुए व्यक्तियों को ढूंढ लेंगे।

6. यदि आपका मोबाइल काम कर रहा हो तो आप लगातार 100, 101 या 102 पर मदद के लिए कॉल करते रहें। उन्हें आप अपने स्थान की जानकारी भी दें। वे आप तक सबसे पहले पहुंचेंगे।

यह मैसेज लिखने में मुझे 30 मिनेट लगे। आप इस मैसेज को अपने प्रियजनों तक कुछ सेकंड में पहुंचा सकते हैं।

दुर्घटना में कोई भी फंस सकता है। इसलिए सुरक्षा उपायों की जानकारी सबको अवश्य होनी चाहिए।

फालतू message तो सभी फॉरवर्ड करते रहते हैं। देखता हूँ, इस जानकारी से भरपूर मैसेज को आप कहाँ तक भेजते हैं।

मेरी सलाह है, आपके हर प्रियजनों तक पहुंचना चाहिए।
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