आज का पंचाग, आपकी राशि, एकादशी व्रत, *🙏 उत्तराखंड में मां_नंदा_देवी ससुराल भेजने की परम कल्याण कारी यात्रा🙏🏻*

🔯*पौष*-कृष्ण-१०-२०७७🔯

दिन —– *शुक्रवार*
तिथि — *दशमी–9:54pm तक* फिर एकादशी
नक्षत्र ——- *विशाखा*
पक्ष —— *कृष्ण*
अमांत माह- मार्गशीर्ष-२५
माह– — *पौष*
ऋतु ——– *हेमन्त*
सूर्य उत्तरायणे,*दक्षिण गोले*
विक्रम सम्वत –2077 -प्रमादी
शक सम्बत -1942
मन्वन्तर —- वैवस्वत
कल्प सम्वत–1972949122
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२२

⛅ *दिनांक 08 जनवरी 2021*

⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – मार्गशीर्ष)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – दशमी रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात एकादशी*
⛅ *नक्षत्र – स्वाती दोपहर 02:13 तक तत्पश्चात विशाखा*
⛅ *योग – धृति शाम 06:11 तक तत्पश्चात शूल*
⛅ *राहुकाल – सुबह 11:14 से दोपहर 12:46 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:19*
⛅ *सूर्यास्त – 18:11*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष –

*रूप- वाणी*
* अब तो भगवान की भक्ति वे सिखाते हैं, जो भगवान का “भ” भी नहीं जानते..!

🍑 *पहला सुख निरोगी काया* :
*कान:* कान में यदि कीड़ा चला जाय यदि समय पर डाॅ भी न मिलेे और अन्य कुछ उपाय तत्काल न सूझे तो स्वमूत्र डाल दें,तुरंत कीड़ा निकल जाएगा। 

🏵 *हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵

हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज का पराक्रम यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5122 वर्ष चल रहा है। वेदोत्पत्ति  मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बाईसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार सतत्तर है,दयानन्दाब्द 196वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु हेमन्त , मास *पौष* का कृष्ण पक्ष ,तिथि – *दशमी*  नक्षत्र – *विशाखा , आज शुक्रवार* है ,अंग्रेजी तारीख 08 जनवरी को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत उत्तराखंड पुण्य प्रदेश में अमुक स्थान से आपका आवााह्न करता हूँ । आपकी कृपा बनी रहे, ऐसा संकल्प करें। 

🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡ *08 जनवरी 2021 शुक्रवार को रात्रि 09:41 से 09 जनवरी, शनिवार को शाम 07:17 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष – 09 जनवरी, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

🌷 *आज एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगड़े होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महिने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है..
🙏🏻 *🌺🙏पंचक
15 जनवरी सायं 5.04 बजे से 20 जनवरी दोपहर 12.37 बजे तक
12 फरवरी रात्रि 2.11 बजे से 16 फरवरी रात्रि 8.55 बजे तक
30 बुधवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
जनवरी 2021:
रविवार, 24 जनवरी 2021- पौष पुत्रदा एकादशी

रविवार, 07 फरवरी 2021- षटतिला एकादशी
प्रदोष व्रत

10 जनवरी: प्रदोष व्रत

26 जनवरी: भौम प्रदोष व्रत
पौष अमावस्या- बुधवार, 13 जनवरी 2021

दर्श अमावस्या, माघ अमावस्या- गुरुवार, 11 फरवरी 2021

 

मेष
आपके लिए आज का दिन मध्यम फलदायक रहेगा। मानसिक तनाव बढ़ेगा और आपको कमजोरी महसूस हो सकती है इसलिए बीमार पड़ने की संभावना रहेगी, थोड़ा ध्यान रखें। अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान दें। इनकम बढ़ने से मन हर्षित होगा। दांपत्य जीवन में जीवनसाथी आपको सहयोग करेगा और उनके द्वारा आपको कोई ऐसी सलाह मिलेगी जो आपके बहुत काम आएगी। प्रेम जीवन के लिहाज से आज का दिन सामान्य रहेगा। कुछ लोग लंबी यात्रा पर जाने का विचार कर सकते हैं। काम के सिलसिले में अच्छे नतीजे हासिल होंगे और आप अपने काम को सही समय पर पूरा करने में सफल रहेंगे, जिससे आपको तारीफ मिलेगी।

वृष 
आपके लिए आज का दिन अनुकूल रहेगा। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। स्वास्थ्य मजबूत रहेगा।  प्रेम जीवन के लिहाज से आज का दिन बहुत बढ़िया रहने वाला है। अपने प्रिय को साथ लेकर कहीं घूमने जा सकते हैं।  शादीशुदा लोगों का दांपत्य जीवन सामान्य रहेगा। काम के सिलसिले में थोड़ी निराशा हो सकती है लेकिन जमकर काम करें। आज परिवार की बेहतरी के लिए किसी नई जगह इन्वेस्टमेंट करेंगे। बच्चों का साथ दिल को खुशी देगा और उनके साथ मौज मस्ती करेंगे।

मिथुन
आपके लिए आज का दिन मध्यम फल लायक रहने वाला है। पारिवारिक जीवन में खुशी रहेंगी और परिवार के लोग एक-दूसरे की जरूरतों पर ध्यान देंगे और परस्पर स्नेह बढ़ेगा। आपके विरोधी आप से हार मान लेंगे और आपका वर्चस्व रहेगा। काम के सिलसिले में अच्छे नतीजे मिलेंगे। व्यापार के लिहाज से दिन सामान्य रहेगा। दांपत्य जीवन के लिए दिन ठीक-ठाक है। अपने ससुराल के लोगों से मिलेंगे और उनकी कुशल क्षेम पूछेंगे। प्रेम जीवन के लिहाज से दिन थोड़ी सतर्कता बरतने की ओर इशारा कर रहा है क्योंकि आपके प्रिय से किसी बात को लेकर झड़प हो सकती है। संबंधों में प्रेम बनाए रखने की कोशिश करें नहीं तो दुखी होंगे।
कर्क
आपके लिए आज का दिन मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आज आप खूब जमकर मेहनत करेंगे जिससे आपको अच्छे नतीजे हासिल होंगे। आपकी सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। परिवार का सुख मिलेगा। दांपत्य जीवन में कुछ तनाव रह सकता है जिसे आपको जीवनसाथी से बात करके दूर करने का प्रयास करना चाहिए। प्रेम जीवन जीने वालों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी पेशा लोगों को नौकरी बदलने के अवसर प्राप्त होंगे। आपको नौकरी बदलने का मौका मिल सकता है। बिजनेस के लिए दिनमान अच्छा रहेगा।
सिंह
आज का दिन सफलता लेकर आएगा। पुराने कामों को अच्छे से अंजाम देंगे। लंबे अटके हुए काम पूरे होने से मन हर्षित होगा और इनकम भी बढ़ेगी। परिवार का माहौल कुछ परेशानी वाला हो सकता है इसलिए आपको प्रयास करके उसे ठीक करना चाहिए। काम के सिलसिले में आज का दिन बढ़िया रहेगा और आपको आपकी मेहनत के अच्छे नतीजे मिलेंगे। व्यापार में मुनाफा होगा। प्रेम जीवन के लिए आज का दिन अनुकूल नहीं है और जो लोग शादीशुदा हैं, उनका दांपत्य जीवन सामान्य तौर पर व्यतीत होगा लेकिन जीवन साथी के बीमार पड़ने के संकेत मिलते हैं, इसलिए उनका ध्यान रखें।

कन्या
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा। आपका मानसिक तनाव कम होगा और आप हर काम को बढ़िया तरीके से करेंगे। शिक्षा में आप का प्रदर्शन सुधरेगा। जो लोग शादीशुदा हैं, उनको दांपत्य जीवन का पूरा सुख मिलेगा और आपकी संतान से संबंधित कोई अच्छी खबर आपको मिल सकती है। काम के सिलसिले में आपको ज्यादा ध्यान देना जरूरी होगा, तभी अच्छे नतीजे हासिल हो पाएंगे। अपने विरोधियों से सावधान रहें। परिवार में आपका हस्तक्षेप जरूरी होगा क्योंकि परिवार को आप की आवश्यकता होगी। भाग्य का सितारा थोड़ा कमजोर रहेगा, इसलिए ज्यादा मेहनत करने से अल्प लाभ मिलने की संभावना होगी।मिलेगा, जिससे खुशी भी होगी और पैसा भी आएगा।

तुला
आपके लिए आज का दिन मध्यम फलदायक रहेगा। आपके कामों में विलंब हो सकता है जिससे आपको कुछ परेशानियां होंगी। आपके अपने आप को दुख दे सकते हैं लेकिन जीवन में चुनौतियां आती हैं, उनसे घबराने की जरूरत नहीं है। अपने काम पर ध्यान दें और उसे बढ़िया करने का प्रयास करें। आज किसी छोटी मोटी यात्रा पर जा सकते हैं जो आपके काम के सिलसिले में ही होगी और आपको नई उम्मीद दिखाएगी। परिवार के बड़ों का आपको आशीर्वाद मिलेगा और आज का दिन काफी बढ़िया रहेगा।
वृश्चिक
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा। इनकम में बढ़ोतरी होगी जिससे आर्थिक लाभ होंगे। आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी और आपको उसका अच्छा लाभ मिलेगा। अपना व्यवहार बढ़िया बनाएं ताकि लोगों से आपको प्रशंसा मिले। खासतौर से अपने जीवनसाथी से अच्छी तरह से बात करें। पारिवारिक जीवन बढ़िया रहेगा और घर वालों का साथ मिलेगा। दांपत्य जीवन के लिहाज से दिन सामान्य है और जो लोग किसी प्रेम संबंध में हैं, उन्हें आज अपने प्रिय को खुश करने का मौका मिलेगा। काम के सिलसिले में आपकी मेहनत काम आएगी और आज का दिन आपके चेहरे पर मुस्कुराहट देकर जाएगा।
धनु
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा। आपके काम के बेहतर नतीजे मिलेंगे। खर्चे जरूर बढ़ेंगे जिससे थोड़ी परेशानी महसूस करेंगे लेकिन दिन के साथ आपकी स्थिति बढ़िया होती जाएगी। परिवार के छोटे आपसे मदद मांग सकते हैं। दांपत्य जीवन के लिहाज से दिन बढ़िया रहेगा लेकिन जीवन साथी का व्यवहार आप को चिंतित कर सकता है। जो लोग किसी प्रेम संबंध में हैं, उनके लिए दिन सामान्य बीतेगा। काम के सिलसिले में आपका दिन शुभ रहेगा। बिजनेस करने वालों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपके बिजनेस में तेजी आएगी और कोई नया काम शुरू करने की कोशिश करेंगे।
मकर
आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। जीवनसाथी से किसी यात्रा पर जाने का विचार करेंगे। यह यात्रा आपके लिए भविष्य के मार्ग खोलेगी। आज भाग्य का सितारा बुलंद रहेगा जिससे काम बनेंगे और किसी बड़े व्यक्ति से मिलने का मौका मिलेगा, जिसकी मदद से आप को अच्छे लाभ होंगे। इनकम भी बढ़ेगी और आप हर्षित होंगे। खर्चे भी थोड़े बढ़ सकते हैं। उन पर ध्यान दें। खानपान पर ध्यान दें। परिवार का माहौल बढ़िया रहेगा।
कुंभ
आज का दिन आपके लिए थोड़ी से परेशानी भरा हो सकता है। कामकाज को लेकर स्थितियां थोड़ी उलझी हुई होंगी। मानसिक रूप से थोड़ा दबाव बना रहेगा लेकिन जल्दबाजी से बचना आपके लिए बढ़िया होगा। आपकी इनकम में जरूर बढ़ोतरी होगी और काम के सिलसिले में भी अच्छे नतीजे हासिल होंगे। आपकी पद प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी हो सकती है। दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा और जीवन साथी आपसे खुश रहेगा। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो आपको अपने प्रिय के दिल के करीब आने की कोशिश करनी होगी इसके लिए उनसे खूब बातचीत करें और कोई बढ़िया सा गिफ्ट लेकर आएं। उन्हें अच्छा फील कराने की कोशिश करें।
मीन
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा। काम के मामले में ध्यान दें और अपनी निजी बातें किसी को ना बताएं क्योंकि इससे आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं और आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मेहनत करने की आदत डालें और दूसरों पर निर्भर ना रहें। व्यापार में अच्छे नतीजे मिलेंगे। परिवार का माहौल सामान्य रहेगा दांपत्य जीवन में आज का दिन बढ़िया रहने वाला है और स्वास्थ्य भी मजबूत होगा।यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो आज उन्हें अपने दिल की बात बता देना अच्छा होगा।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं

दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं।

शुभ दिनांक : 8 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

 

शुभ वर्ष : 2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

कैसा रहेगा यह वर्ष
सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे।
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लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को करे यह उपाय

पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ 9919242815 निशुल्क परामर्श उपलब्ध

पहला उपाय

१. शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर अभिषेक करे। अगर यह अभिषेक मन से किया जाए तो माँ लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है और आप को धन से मालामाल कर देती है।

दूसरा उपाय

२. शुक्रवार के दिन शाम को गाय के घी का दीपक घर के ईशान कोण में लगाये। और दीपक में रुई के जगह पर लाल रंग के धागे का उपयोग करे और दीपक में थोड़ा केसर भी डाले।

तीसरा उपाय

३. शुक्रवार के एक पिला कपड़ा ले उसमे पांच लक्ष्मी (पिली) कौड़ी और थोड़ा सा केसर – चांदी के सिक्के डाले और वह सब बाँध ले और धन के स्थान पर रख दे। और बस देखिये कुछ दिनों में आपको इसका प्रभाव दिखेगा।

चौथा उपाय

४. शुक्रवार के दिन ३ कुवारी लड़की ओ को घर बुलाकर उन्हें खीर खिलाये तथा उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दे। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धन प्राप्ति होती है।

पांचवा उपाय

५. शुक्रवार के दिन अगर कोई भक्त गरीबो को दान करता है तो उसे धन के रूप में आशीर्वाद मिलताआ है। और गरीबो में सफ़ेद रंग की वास्तु या खाद्य पदार्थ दान करे तो बहुत शुभ रहता है।

छटा उपाय

६. शुक्रवार के दिन गाय के दूध से श्रीयंत्र का अभिषेक करे और जो भी अभिषेक का जल बचेगा उसे पुरे घर में छींटक दे और श्री यंत्र को धन के जगह पर रख दे उससे धन लाभ होगा।

 
*🙏 उत्तराखंड में मां_नंदा_देवी ससुराल भेजने की परम कल्याण कारी यात्रा🙏🏻*
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राजजात। मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी माना जाता है और कैलास (हिमालय) भगवान शिव का निवास।
मान्यता है कि एक बार नंदा अपने मायके आई थीं। लेकिन किन्हीं कारणों से वह 12 वर्ष तक ससुराल नहीं जा सकीं। बाद में उन्हें आदर-सत्कार के साथ ससुराल भेजा गया।
चमोली जिले में पट्टी चांदपुर और श्रीगुरु क्षेत्र को मां नंदा का मायका और बधाण क्षेत्र (नंदाक क्षेत्र) को उनकी ससुराल माना जाता है।
एशिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा और गढ़वाल-कुमाऊं की सांस्कृतिक विरासत श्रीनंदा राजजात अपने में कई रहस्य और रोमांच को संजोए है।
*कैसे होगी यात्रा*
– चमोली के नौटी से यात्रा उच्च हिमालयी क्षेत्र होमकुंड पहुंचती है
– 20 दिन में बीस पड़ावों से होकर गुजरते हैं राजजात के यात्री
– 280 किमी की यह यात्रा कई निर्जन पड़ावों से होकर गुजरती है
– आमतौर पर हर 12वर्ष पर होती है, इस बार 14 वें वर्ष में हो रही
– होमकुंड समुद्र तल से 17500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
– इसलिए इस यात्रा को हिमालयी महाकुंभ के नाम से भी जानते हैं
– राजजात गढ़वाल-कुमाऊं के सांस्कृतिक मिलन का भी प्रतीक
– जगह-जगह से डोलियां आकर इस यात्रा में शामिल होती हैं
*7वीं शताब्दी में हुई शुरुआत*
7वीं शताब्दी में गढ़वाल के राजा शालिपाल ने राजधानी चांदपुर गढ़ी से देवी श्रीनंदा को 12वें वर्ष में मायके से कैलास भेजने की परंपरा शुरू की।
राजा कनकपाल ने इस यात्रा को भव्य रूप दिया। इस परंपरा का निर्वहन 12 वर्ष या उससे अधिक समय के अंतराल में गढ़वाल राजा के प्रतिनिधि कांसुवा गांव के राज कुंवर, नौटी गांव के राजगुरु नौटियाल ब्राह्मण सहित 12 थोकी ब्राह्मण और चौदह सयानों के सहयोग से होता है।
*चौसिंगा खाडू*
चौसिंगा खाडू (काले रंग का भेड़) श्रीनंदा राजजात की अगुवाई करता है। मनौती के बाद पैदा हुए चौसिंगा खाडू को ही यात्रा में शामिल किया जाता है।
राजजात के शुभारंभ पर नौटी में विशेष पूजा-अर्चना के साथ इस खाडू के पीठ पर फंची (पोटली) बांधी जाती है, जिसमें मां नंदा की श्रृंगार सामग्री सहित देवी भक्तों की भेंट होती है। खाडू पूरी यात्रा की अगुवाई करता है।
होमकुंड में इस खाडू को पोटली के साथ हिमालय के लिए विदा किया जाता है।
*यात्रा का शुभारंभ स्थल है नौटी*
सिद्धपीठ नौटी में भगवती नंदादेवी की स्वर्ण प्रतिमा पर प्राण प्रतिष्ठा के साथ रिंगाल की पवित्र राज छंतोली और चार सींग वाले भेड़ (खाडू) की विशेष पूजा की जाती है।
कांसुवा के राजवंशी कुंवर यहां यात्रा के शुभारंभ और सफलता का संकल्प लेते हैं। मां भगवती को देवी भक्त आभूषण, वस्त्र, उपहार, मिष्ठान आदि देकर हिमालय के लिए विदा करते हैं।
वर्ष 1951 में मौसम खराब होने के कारण राजजात पूरी नहीं हो पाई थी। जबकि वर्ष 1962 में मनौती के छह वर्ष बाद वर्ष 1968 में राजजात हुई।
*यह हैं यात्रा के पड़ाव*
*पहला पड़ाव : ईड़ाबधाणी*
नौटी से यात्रा के शुरू होते ही श्रद्धा का सैलाब उमड़ता रहता है। ढोल-दमाऊं और पौराणिक वाद्य यंत्रों के साथ ईड़ाबधाणी पहुंचने पर मां श्रीनंदा का भव्य स्वागत किया जाता है।
*दूसरा पड़ाव : नौटी*
ईड़ाबधाणी से दूसरे दिन राजजात रिठोली, जाख, दियारकोट, कुकडई, पुडियाणी, कनोठ, झुरकंडे और नैंणी गांव का भ्रमण करते हुए रात्रि विश्राम के लिए नौटी पहुंचती है। यहां मंदिर में मां नंदा का जागरण होता है।
*तीसरा पड़ाव : कांसुवा*
नौटी से मां श्रीनंदा तीसरे पड़ाव कांसुवा गांव पहुंचती हैं, जहां राजवंशी कुंवर माई नंदा और यात्रियों का भव्य स्वागत करते हैं। यहां भराड़ी देवी और कैलापीर देवता के मंदिर हैं। भराड़ी चौक में चार सिंग के मेढ और पवित्र छंतोली की पूजा होती है।
*चौथा पड़ाव : सेम*
कांसुवा से सेम जाते समय चांदपुर गढ़ी विशेष राजजात का आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां से महादेव घाट मंदिर होते हुए उज्ज्वलपुर, तोप की पूजा प्राप्त कर देवी सेम गांव पहुंचती है। यहां गैरोली और चमोला गांव की छंतोलियां शामिल होती हैं।
*पांचवां पड़ाव : कोटी*
सेम से धारकोट, घड़ियाल और सिमतोली में देवी की पूजा होती है। सितोलीधार में देवी की कोटिश प्रार्थना की जाती है, इसलिए धार के दूसरे छोर पर स्थित गांव का नाम कोटी पड़ा। कोटी पहुंचने पर देवी की विशेष पूजा होती है।
*छठा पड़ाव : भगोती*
भगोती मां श्रीनंदा के मायके क्षेत्र का सबसे अंतिम पड़ाव है। यहां केदारु देवता की छंतोली यात्रा में शामिल होती है।
*सातवां पड़ाव : कुलसारी*
मायके से विदा होकर मां श्रीनंदा की छंतोली अपनी ससुराल के पहले पड़ाव कुलसारी पहुंचती हैं। यहां पर राजजात हमेशा अमावस्या के दिन पहुंचती है।
*आठवां पड़ाव : चेपड्यूं*
कुलसारी से विदा होकर थराली पहुंचने पर भव्य मेला लगता है। यहां कुछ दूरी पर देवराड़ा गांव है, जहां बधाण की राजराजेश्वरी नंदादेवी वर्ष में छ: माह रहती है। चेपड्यूं बुटोला थोकदारों का गांव है। यहां मां नंदादेवी की स्थापना घर पर की गई है।
*नौवां पड़ाव : नंदकेशरी*
वर्ष 2000 की राजजात में नंदकेशरी राजजात पड़ाव बना। यहां पर बधाण की राजराजेश्वरी नंदादेवी की डोली कुरुड से चलकर राजजात में शामिल होती है। कुमाऊं से भी देव डोलियां और छंतोलियां शामिल होती हैं।
*दसवां पड़ाव : फल्दियागांव*
नंदकेशरी से फल्दियागांव पहुंचने के दौरान देवी मां पूर्णासेरा पर भेकलझाड़ी यात्रा में विशेष महत्व है।
पूजा-अर्चना के बाद मुंदोली पहुंचती है राजजात
*ग्यारहवां पड़ाव : मुंदोली*
ल्वाणी, बगरियागाड़ में पूजा-अर्चना के बाद राजजात मुंदोली पहुंचती है। गांव में महिलाएं और पुरुष सामूहिक झौंड़ा गीत गाते हैं।
*बारहवां पड़ाव : वाण*
लोहाजंग से देवी की राजजात अंतिम बस्ती गांव वाण पहुंचती है। यहां पर घौंसिंह, काली दानू और नंदा देवी के मंदिर हैं।
*तेरहवां पड़ाव : गैरोलीपातल*
द्धाणीग्वर और दाडिमडाली स्थान के बाद गरोलीपातल आता है। यह पहाड़ यात्रा का पहला निर्जन पड़ाव है।हैं।
*चौदहवां पड़ाव : वैदनी*
इस वर्ष की राजजात में वैदनी को पड़ाव बनाया गया है। मान्यता है कि महाकाली ने जब रक्तबीज राक्षस का वध किया था, तो भगवान शंकर ने महाकाली को इसी कुंड में स्नान कराया था, जिससे वे पुन: महागौरी रूप में आ गई थी।
*15वां पड़ाव : पातरनचौंणियां*
वेदनी कुड से यात्री दल पातरनचौंणियां पहुंचती है। यहां पर पूजा के बाद विश्राम होता है।
*सोलहवां पड़ाव : शिला समुद्र*
पातरनचौंणियां के बाद तेज चढ़ाई पार कर कैलवाविनायक पहुंचा जाता है। यहां गणेश जी की भव्य मूर्ति है। इस दौरान बगुवावासा, बल्लभ स्वेलड़ा, रुमकुंड आदि स्थानों से होकर मां नंदा की राजजात शिलासमुद्र पहुंचती है।
*सत्रहवां पड़ाव : चंदनियाघाट*
होमकुंड में राजजात मनाने के बाद नंदा भक्त रात्रि विश्राम के लिए चंदनियाघाट पहुंचते हैं। यहां पहुंचने का रास्ता काफी खतरनाक है।
*अठारहवां पड़ाव : सुतोल*
राजजात पूजा के बाद श्रद्धालु रात्रि विश्राम के लिए सुतोल पहुंचते हैं। इस गांव के रास्ते में तातड़ा में धौसिंह का मंदिर है।
*उन्नीसवां पड़ाव : घाट*
नंदाकिनी नदी के दाहिने किनारे चलकर सितैल से नंदाकिनी का पुल पार कर श्रद्धालु घाट पहुंचते हैं।
*वापसी नौटी*
घाट और नंदप्रयाग से होते हुए श्रद्धालु सड़क मार्ग से कर्णप्रयाग पहुंचते हैं। यहां ड्यूड़ी ब्राह्मण राजकुंवर और बारह थोकी के ब्राह्मणों को विदा करते हैं। नौटी पहुंचते हैं। अन्य को भी सुफल देते हुए राजकुंवर और राज पुरोहित के साथ शेष यात्री नंदाधाम नौटी पहुंचते हैं।
*गढ़ी जा रही हैं नई परंपराएं।*
मान्यता है कि नंदा जब अपने ससुराल के लिए निकली तो इस गांव के लोगों ने नंदा का खूब स्वागत किया था। तब से नंदा की जात ईड़ा बधानी जरूर जाती है। पर दूर से सीधी और सरल दिखने वाली जात स्थानीय स्तर पर उतनी ही उलझी हु़ई है।
नंदा को विदा करने की इस जात का गांव से गहरा नाता है और यह दिख भी रहा है। 175 परिवार वाले नौटी गांव में करीब सौ परिवार ही गांव में रहते हैं, पर जात के लिए बाकी केपरिवार वापस  पर जाम की स्थिति है