आज का पंचाग, आपका राशि फल, गुप्त नवरात्रि पर अति गोपनीय बीजमंत्र, जाने किस दिन शरीर पर तेल लगाने से हो सकते हैं रोग और रहता है मृत्यु भय

मित्रों आप सोचते होंगे यह व्यक्ति हमें  रोज पंचांग क्यों भेजता है  तो उसके लिए आपको  स्मरण होना चाहिए  पंचांग ब्रह्मांड की गति का  द्योतक है  ब्रह्मांड की गति में ही हमारे इस मानव पिंड की गति  सन्निहित है इसलिए ब्रह्मांड की गति को जानने के लिए नित्य पंचांग जानना आवश्यक है भगवान श्रीकृष्ण भी नित्य पंचांग पढ़ते थे। एक अति गोपनीय बात बता दें  की नित्य पंचांग पढ़ने और भगवान के नाम स्मरण से आपके दुख दारिद्र्य और अरिष्ट वैसे ही कट जाते हैं जैसे निरंतर दवा लेने से जटिल रोग धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं। हमारा प्रयास रहता है कि भारत की विशाल वैज्ञानिक संस्कृति के अनुभव जन्य कल्याणकारी ज्ञान के समुद्र में से किसी एक दो अति आवश्यक विषय की प्रस्तुति से भी आपको अपडेट कर सकें। बस इतना ही उद्देश्य रहता है। – – – हरीश मैखुरी 

✡️दैनिक पंचांग✡️✡️

Date :14 – 02 – 2021✡️

✡️(रविवार)✡️

सूर्योदय :07.03 am
सूर्यास्त :06.18 pm
सूर्य राशि :कुंभ
चन्द्रोदय :08.45 am
चंद्रास्त :08.45 pm
चन्द्र राशि :कुंभ कल 10:09 am तक, बाद में मीन
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2077
✡️फाल्गुन मासे ✡️
✡️03 प्रविष्टे गते ✡️
अमांत महीना :माघ 3
पूर्णिमांत महीना :माघ 17
पक्ष :शुक्ल 3
तिथि :द्वितीया 12.56 am तक, बाद में तृतीया
नक्षत्र :पूर्वभाद्रपदा 4.33 pm तक, बाद में उत्तरभाद्रपदा
योग :शिव 1.32 am तक, बाद में सिद्ध
करण :तैतिल 1:23 pm तक, बाद में गर
राहु काल :5.32 pm – 7.12 pm
कुलिक काल :3.52 pm – 5.32 pm
यमगण्ड :12.31 pm – 2.11 pm
अभिजीत मुहूर्त :12.18 PM – 01.03 PM

🕉️✡️आज के लिए राशिफल (14-02-2021) ✡️✡️

🕉️मेष✡️
14-02-2021

तनाव के चलते बीमारी से दो-चार होना पड़ सकता है। सुकून महसूस करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ कुछ समय बिताएँ। नए क़रार फ़ायदेमंद दिख सकते हैं, लेकिन वे उम्मीद के मुताबिक़ लाभ नहीं पहुँचाएंगे। निवेश करते समय जल्दबाज़ी में निर्णय न लें। घरेलू मोर्चे पर समस्या खड़ी हो सकती है, इसलिए तोल-मोल कर ही बोलें। सेमिनार और प्रदर्शनी आदि आपको नई जानकारियाँ और तथ्य मुहैया कराएंगे। आपका नजदीकी कोई व्यक्ति आपकी भावनाएं समझेगा और आपकी सहायता भी करेगा।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

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🕉️वृष ✡️
14-02-2021

सबकुछ बहुत अच्छा चलेगा। आपके ज्यादातर काम भी आसानी से और शांति से निपट जाएंगे। दोस्तों की मदद से आनंद और मनोरंजन के मौके मिल सकते हैं। अधिकारियों या बुजुर्गों के साथ उपयोगी विचार-विमर्श हो सकता है। किसी नए तरीके से कोशिश करने पर अटका हुआ काम बन सकता है। कामकाज बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा दिन है। आपका पराक्रम भी बढ़ सकता है। इनकम सामान्य रहेगी। आपकी कोशिश सफल रहेगी। किए गए कामों का पूरा फायदा आपको मिल सकता है।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

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🕉️मिथुन ✡️
14-02-2021

आज लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का अंत हो सकता है। चीज़ों और लोगों को तेजी से परखने की क्षमता आपको दूसरों से आगे बनाए रखेगी। आज आप अकेलापन महसूस कर सकते हैं, इससे बचने के लिए कहीं बाहर जाएं और दोस्तों के साथ कुछ समय बिताएं। आज जिस नए समारोह में आप शिरकत करेंगे, वहाँ से नयी दोस्ती की शुरुआत होगी। ज्यादा काम करने से बचें और टेंशन कम से कम लें, अच्छा होगा कि आज आप किसी बेकार की बहस में ना पड़ें, धैर्य और नम्रता से काम लें।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

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🕉️कर्क ✡️

14-02-2021

किसी झगड़ालू इंसान से वाद-विवाद आपका मूड ख़राब कर सकता है। समझदारी से काम लें और अगर संभव हो तो इससे बचें, क्योंकि किसी भी तरह का विवाद आपके लिए मददगार नहीं रहेगा। अतिरिक्त आय के लिए अपने सृजनात्मक विचारों का सहारा लें। अपने बर्ताव में उदार बनें और परिवार के साथ प्यार भरे लम्हे गुज़ारें। रोमांस को झटका लगेगा और आपके क़ीमती तोहफ़े भी आज जादू चलाने में विफल रहेंगे। सुनी-सुनाई बातों पर आँखें मूंदकर यक़ीन न करें और उनकी सच्चाई को भली-भांति परख लें।

 

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

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✡️सिंह ✡️
14-02-2021

कठिन और पेचीदा सौदे आपके फेवर में हो सकते हैं। नौकरी बदलने का मूड है, तो उन्नति की संभावना है। इनकम बढ़ेगी। दिनचर्या में थोड़ा-सा बदलाव होने से आराम मिलेगा या आप खुश भी हो जाएंगे। कई तरह के नए अनुभव आपको हो सकते हैं। पैसों के क्षेत्र में दूसरे लोग आपके लिए मददगार हो सकते हैं। कर्जा लेना और देना आपके लिए आसान रहेगा। संतान से मदद मिल सकती है। बिजनेस में बदलाव के योग बन रहे हैं।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : पीला रंग

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🕉️कन्या✡️
14-02-2021

आज आर्थिक स्थिति में सुधार आना तय है। आपके दृष्टिकोण में आज कोई नया आयाम जुड़ेगा या आप किसी अपरिचित व्यक्ति के दृष्टिकोण से अत्यधिक प्रभावित होंगे। कुटुम्बजनों में प्रसन्नता का वातावरण होगा। आज किसी नए काम का प्रारंभ करना हितकारी नहीं है। व्यावसायिक कार्य से बाहर जाना हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आसपास के बिगडे़ हुए कार्य सुधारने का प्रयास करेंगे। जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 1

भाग्यशाली रंग : हरा रंग

 

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✡️तुला ✡️
14-02-2021

आप ख़ुद को नए रोमांचक हालात में पाएंगे जो आपको आर्थिक फ़ायदा पहुँचाएंगे। दोस्त और जीवनसाथी आपके लिए सुकून और ख़ुशी लेकर आएंगे, नहीं तो आपका दिन बुझा-बुझा और दौड़-भाग से भरा रहेगा। प्यार में अपने अशिष्ट बर्ताव के लिए माफ़ी मांगें। अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएँ तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए। जीवनसाथी की ख़राब सेहत का असर आपके काम-काज पर भी पड़ सकता है, लेकिन आप किसी तरह चीज़ें संभालने में क़ामयाब रहेंगे। माता से भी लाभ मिलेगा।

 

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 3

भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

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🕉️वृश्चिक ✡️
14-02-2021

आपके काम पूरे तो होंगे, बल्कि सफलता का श्रेय भी आपको मिलेगा। मेहनत भी ज्यादा रहेगी। इसका सकारात्मक नतीजा आपको मिल सकता है। योजनाएं पूरी होंगी। आज आप किसी खास परिस्थिति को संभालने में पूरी तरह सफल हो सकते हैं। साथ के कुछ लोग आपसे प्रभावित हो जाएंगे। नौकरी और बिजनेस में आगे बढ़ने की योजनाएं बना सकते हैं। ऑफिस और फील्ड में आज आप चौकन्ने रहेंगे। लव लाइफ के मामले में भी दिन अच्छा रहेगा।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

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✡️🕉️धनु ✡️
14-02-2021

आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। आपके मन से चिंता का भार हल्का हो जाएगा और आप मानसिक रूप से प्रफुल्लितता का अनुभव करेंगे। साथ में शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। पारिवारिक वातावरण आनंदित रहेगा। विशेषकर भाई-बहनों के साथ संबंधों में मधुरता का अनुभव करेंगे। छोटे से प्रवास की भी संभावना है। व्यापारीगण व्यापार में वृद्धि कर सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र में आपको सफलता और यश-कीर्ति मिलने का भी योग है। आकस्मिक धन लाभ की संभावना है। नई साज-सजावट से घर की शोभा में अभिवृद्धि करेंगे।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : हल्का हरा

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✡️मकर
14-02-2021✡️

आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा। कोई दोस्त अपनी निजी समस्याओं के समाधान के लिए आपसे राय मांग सकता है। अपने मनमौजी बर्ताव पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह आपकी दोस्ती को बर्बाद कर सकता है। टैक्स और बीमे से जुड़े विषयों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है। आप अपने वैवाहिक जीवन में दिलचस्पी कम होती हुई महसूस कर सकते हैं। लेकिन जल्दी ही सब ठिक हो जाएगा। परिवार में किसी सदस्य के साथ कहा-सुनी के चलते माहौल थोड़ा बोझिल हो सकता है, लेकिन यदि आप स्वयं को शान्त रखें व धैर्य से काम लें तो सबका मूड बढ़िया कर सकते हैं।

 

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

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🕉️कुंभ ✡️
14-02-2021

🙏🏽 आपका मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में अच्छी स्थितियां बन सकती हैं। कुछ पुरानी समस्याएं सुलझ सकती हैं। कोई कठिनाई आने पर शांति और धैर्य से काम लें। विवाह प्रस्ताव मिल सकता है। कामकाज की योजना गुप्त रखेंगे तो सफल हो जाएंगे। किए गए कामों का नतीजा आपके फेवर में हो सकता है। दूसरे लोगों को उसका क्रेडिट नहीं मिल पाएगा। अधिकारी या निचले वर्ग के कर्मचारी आपकी बात मानेंगे। जीवनसाथी का मूड भी अच्छा हो सकता है। मित्रों के साथ पार्टी या पिकनिक में आज का दिन बहुत अच्छी तरह से बीतेगा।

 

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : लाल रंग

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✡️मीन ✡️
14-02-2021

आज अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। छोटी परेशानियां आपको घेरे रहेंगी। आज के दिन अपने निजी विचारों को छोड़कर, दूसरों के विचारों पर भी ध्यान देने की सलाह है। घर के काम करते समय सकारात्मक रवैया रखें। कार्यक्षेत्र में धन, पुरस्कार और सम्मान मिल सकता है। पैसों के मामलों में आपको दूसरों की सलाह पर चलने के बजाय अपने मन की बात सुनना चाहिए। कोई दोस्त आपसे पैसा मांग सकता है। वाणी पर संयम रखने की जरूरत है। झुंझलाहट से बचने के लिए शांतचित्त रहें। आज लोग आपकी वह प्रशंसा करेंगे, जिसे आप हमेशा से सुनना चाहते थे।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : पीला रंग


 पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली उत्तराखंड।

नवरात्रि के द्वितीय दिवस पर लिजिए आप के लिए प्रस्तुत है
*बीजाक्षरों का संक्षिप्त कोष*
आशा है यह आपके लिए संग्रहणीय होगा।

*ऊँ* —प्रणव, ध्रव, तैजस बीज है।
*ऐं* —वाग् और तत्त्व बीज है।
*क्लीं* —काम बीज है।
*हो* —शासन बीज है।
*क्षि* —पृथ्वी बीज है।
*प* —अप् बीज है।
*स्वा* —वायु बीज है ।
*हा:* —आकाश बीज है।
*ह्रीं* —माया और त्रैलोक्य बीज है।
*क्रों* —अंकुश और निरोध बीज है।
*आं* —फास बीज है।
*फट्* —विसर्जन और चलन बीज है।
*वषट्* —दहन बीज है।
*वोषट्* —आकर्षण और पूजा ग्रहण बीज है।
*संवौषट्* —आकर्षण बीज है।
*ब्लूँ* —द्रावण बीज है।
*ब्लैं* —आकर्षण बीज है।
*ग्लौं* —स्तम्भन बीज है।
*क्ष्वीं* —विषापहार बीज है।
*द्रां, द्रीं, क्लीं* ब्लूँ, स:* —ये पांच बाण बीज हैं।
*हूँ* —द्वेष और विद्वेषण बीज है।
*स्वाहा* —हवन और शक्ति बीज है।
*स्वधा* —पौष्टिक बीज है।
*नम:* —शोधन बीज है।
*श्रीं* —लक्ष्मी बीज है।
*अर्हं* —ज्ञान बीज है।
*क्ष: फट्* —शस्त्र बीज है।
*य:*—उच्चाटन और विसर्जन बीज है।
*जूँ* —विद्वेषण बीज है।
*श्लीं* —अमृत बीज है।
*क्षीं* —सोम बीज है।
*ह्वं* —विष दूर करने वाला बीज है।
*क्ष्म्ल* — पिंड बीज है।
*क्ष* —कूटाक्षर बीज है।
*क्षिं ऊँ स्वाहा* —शत्रु बीज है।
*हा:* —निरोध बीज है।
*ठ:* —स्तम्भन बीज है।
*ब्लौं* —विमल पिंड बीज है।
*ग्लैं*—स्तम्भन बीज है।
*घे घे* —वद्य बीज है।
*द्रां द्रीं* —द्रावण संज्ञक है।
*ह्रीं ह्रूँ ह्रैं ह्रौ ह्र:* —शून्य रूप बीज हैं।
मंत्र की सफलता साधक और साध्य के ऊपर निर्भर करती है ध्यान के अस्थिर होने से भी मंत्र असफल हो जाता है। मन्त्र तभी सफल होता है, जब श्रद्धा भक्ति तथा संकल्प दृढ़ हो। मनोविज्ञान का सिद्धान्त है कि मनुष्य की अवचेतना में बहुत सी आध्यात्मिक शक्तियां भरी रहती हैं। इन्हीं शक्तियों को मंत्र द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। मंत्र की ध्वनियों के संघर्ष द्वारा आध्यात्मिक शक्ति को उत्तेजित किया जाता है। इस कार्य में अकेली विचार शक्ति काम नहीं करती है। इसकी सहायता के लिये उत्कट इच्छा शक्ति के द्वारा ध्वनि संचालन की भी आवश्यकता है। मंत्र शक्ति के प्रयोग की सफलता के लिये नैष्ठिक आचार की आवश्यकता है। मंत्र निर्माण के लिए *ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूँ ह्रौं ह्र: ह्रा ह +स: क्लीं द्रां द्रीं द्रँ द्र: श्रीं क्षीं क्ष्वीं र्हं क्ष्वीं र्हं अं फट् वषट् संवौषट घे घै य: ख ह् पं वं यं झं तं थं दं* आदि बीजाक्षरों की शक्ति काम करती है।

*तेल मालिश संबंधित नियम* मित्रों  हम सब काम अच्छे करते हैं फिर भी हमें अच्छे परिणाम नहीं मिलते तो उसके लिए बता दें कि इस धरती में हर कार्य के पीछे उसका कारण छुपा रहता है यदि हम जानकारी के अभाव में  ऐसी छोटी-छोटी  गलतियां कर देते हैं  तो हमें  अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते  जैसे  किसी अच्छे कार्य के लिए  घर से निकलो  तो किस दिशा के लिए  कौन सा पैर सबसे पहले आगे बढ़ाना चाहिए और किस देवता का स्मरण करना चाहिए  यह हमें ज्ञात होना चाहिए  उसी तरह से एक छोटा सा उपाय है शरीर पर तेल लगाने के ही नियमों का पालन ना करें तो इतने से ही हमें नुकसान हो सकते हैं आज हम शरीर पर तेल लगाने के नियम आपको बता रहे हैं
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कब और क्यों न करें मालिश या मसाज?

वैसे तो स्वस्थ त्वचा के लिए तेल मालिश करना नियमित दिनचर्या है लेकिन सप्ताह में इसे केवल तीन दिन ही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को तेल मालिश करना चाहिए। जबकि रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए। अगर रोजाना करना ही हो तो फिर कुछ उपाय करने के बाद ही करें। बहरहाल सवाल यह उठता है कि रवि, मंगल और शुक्रवार को तेल से मालिश क्यों न करें? दरअसल इसके पीछे भी विज्ञान है। शास्त्र कहते हैं कि इन दिनों में तेल से मालिश करने पर रोग होने की आशंका रहती है।

तैलाभ्यांगे रवौ ताप: सोमे शोभा कुजे मृति:।

बुधेधनं गुरौ हानि: शुझे दु:ख शनौ सुखम् ॥

अर्थ- रविवार को तेल मालिश से ताप यानी गर्मी संबंधी रोग, सोमवार को शरीर के सौन्दर्य में वृद्धि, मंगलवार को मृत्यु भय, बुधवार को धन की प्राप्ति, गुरुवार को हानि, शुक्रवार को दु:ख और शनिवार को करने से सुख मिलता है।

तीन दिन क्यों नहीं
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शास्त्रों के अनुसार रविवार, मंगलवार और शनिवार को तेल से मालिश करना मना है। इसके पीछे भी विज्ञान है। रविवार का दिन सूर्य से संबंधित है। सूर्य से गर्मी उत्पन्न होती है। अत: इस दिन शरीर में पित्त अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक होना स्वाभाविक है। तेल से मालिश करने से भी गर्मी उत्पन्न होती है। इसलिए रविवार को तेल से मालिश करने से रोग होने का भय रहता है। मंगल ग्रह का रंग लाल है। इस ग्रह का प्रभाव हमारे रक्त पर पड़ता है। इस दिन शरीर में रक्त का दबाव अधिक होने से खुजली, फोड़े फुन्सी आदि त्वचा रोग या उनसे मृत्यु होने का डर भी रहता है। इसी तरह शुक्र ग्रह का संबंध वीर्य तत्व से रहता है। इस दिन मालिश करने से वीर्य संबंधी रोग हो सकते हैं। अगर रोजाना मालिश करना हो तो तेल में रविवार को फूल, मंगलवार को मिट्टी और शुक्रवार को गाय का मूत्र डाल लेने से कोई दुष्प्रभाव नही होता।