आज का पंचाग, आपका राशि फल, डूब चुके धन प्राप्ति हेतु अचूक उपाय, बिसज्युला का नृरसिंह मंदिर, और स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री सहित माननीयों ने दी बधाई

📖 *नीतिदर्शन…………………….*✍
*एतावज्जनमसाफल्यं यदनायत्तवृत्तिता।*
*ये पराधीनतां यातास्ते वै जीवन्ति के मृता:।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 पराधीनता से आजीविका न होना ही जन्मकी सफलता है, जो पराधीनता को प्राप्त हुए भी जीते हैं तो मरे हुए कौन हैं?
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || पौष कृष्णपक्ष || चतुर्दशी तिथि अपराह्न १२:२६ तक उपरान्त अमावस्या || कुजवासर || पौष सौर २९ प्रविष्ठ || तदनुसार १२ जनवरी २०२१ ई० || मूल नक्षत्र पूर्वाह्ण ७:३९ तक उपरान्त पूर्वाषाढ़ा || धनुर्धरस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

(आज है स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिवस) 
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜 ««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5122
विक्रम संवत्…………………..2077
शक संवत्……………………..1942
रवि………………………..दक्षिणायन
मास………………………………पौष
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी…………………………चतुर्दशी
दोप 12.24 पर्यंत पश्चात अमावस्या
सूर्योदय………..प्रातः 07.09.51 पर
सूर्यास्त………..संध्या 06.01.16 पर
सूर्य राशि…………………………धनु
चन्द्र राशि………………………..धनु
गुरु राशि……………………….मकर
नक्षत्र……………………………..मूल
प्रातः 07.30 पर्यंत पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग………………………….व्याघात
रात्रि 02.44 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण………………………….शकुन
दोप 12.24 पर्यंत पश्चात चतुष्पद
ऋतु…………………………….हेमंत
दिन…………………………मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
12 जनवरी सन 2021 ईस्वी ।

📜 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.13 से 12.56 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोप 03.16 से 04.36 तक ।

☸ शुभ अंक………………….3
🔯 शुभ रंग……………….सफ़ेद

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:14:51 07:48:24
*मकर*
07:48:24 09:07:34
*कुम्भ*
09:07:34 10:41:09
*मीन*
10:41:09 12:12:23
*मेष*
12:12:23 13:53:06
*वृषभ*
13:53:06 15:51:43
*मिथुन*
15:51:43 18:05:25
*कर्क*
18:05:25 20:21:35
*सिंह*
20:21:35 22:33:24
*कन्या*
22:33:24 24:44:03
*तुला*
24:44:03 26:58:41
*वृश्चिक*
26:58:41 29:14:51

🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.53 से 11.13 तक चंचल
प्रात: 11.13 से 12.34 तक लाभ
दोप. 12.34 से 01.54 तक अमृत
दोप. 03.15 से 04.35 तक शुभ
रात्रि 07.35 से 09.15 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ सर्वलोकचारिणे नम: ।।

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
दानं च निजहस्तेन मातृहस्तेन भोजनम् ।
तिलकं स्वसृहस्तेन परहस्तेन मर्दनम् ॥
अर्थात :-
दान निजहाथों से, भोजन माँ के हाथों से, तिलक बहन के हाथ से और मर्दन पराये हाथों से कराना चाहिए ।

🍃 *आरोग्यं :*-
*फेफड़े की कमजोरी का इलाज :-*

*4. अदरक -*
अदरक डालने से आपके व्यंजन का स्वाद बिलकुल ही बदल जाता है। यह फेफड़ों से विषैले तत्व को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। अदरक रक्त के संचलन में सुधार करने में मदद करता है और इस प्रकार, शरीर को स्वस्थ और फिट रखता है। अदरक को ब्रोंकाइटिस के इलाज के साथ पाचन में सहायता करने और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को पहले से कहीं अधिक मजबूत बनाने के लिए सिद्ध किया गया है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
वाणी पर नियंत्रण रखें। मान घट सकता है। विरोध होगा। शत्रुभय रहेगा। कुसंगति से बचें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। पार्टनरों से मतभेद बढ़ सकते हैं। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। उच्चाधिकारी अप्रसन्न रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में अनावश्यक विलंब होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य की चिंता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। परिवार की चिंता रहेगी। परिस्थिति देखकर हंसी-मजाक करें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। धनार्जन होगा। जोखिम न लें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
चिंता तथा तनाव रहेंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। भूमि व भवन आदि की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। भाग्य का साथ बना रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपयश हो। व्यवसाय ठीक चलेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। सुख के साधन जुटेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
घर-परिवार की चिंता रहेगी। कर्ज में वृद्धि हो सकती है। आय में कमी रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। आराम का अवसर नहीं मिलेगा, बाकी सामान्य रहेगा।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। प्रयास सफल रहेंगे। कार्यसिद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। मानसिक बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पार्टनरों से मतभेद समाप्त होंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विरोधियों का पराभव होगा। डूबा हुआ पैसा मिल सकता है। कार्य में आसानी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। काम का बोझ बढ़ेगा। थकान महसूस होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। सभी ओर से लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। जोखिम न उठाएं। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन तत्काल लाभ नहीं देगा। भाइयों से मतभेद खत्म होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
आय व रोजगार में वृद्धि होगी। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कोई बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। किसी बड़ी चिंता से मुक्ति के योग हैं। संतान के विवाह के प्रयास सफल रहेंगे। सफलता प्राप्त होगी। प्रसन्नता रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
थकान तथा आलस्य रहेंगे। कार्य में अवरोध आ सकता है। शांति से प्रयास करें, सफलता मिलेगी। आय में वृद्धि हो सकती है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी। घर-बाहर तनाव रह सकता है।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। आय में वृद्धि होगी। घर-परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है। देनदारी कम होगी। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। मेहनत सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्ति के योग बनते हैं। प्रसन्नता रहेगी। बाहरी सहयोग मिलेगा।

☯ *आज मंगलवार है परन्तु कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आपसे मंदिर स्थान पर ज्यादा संख्या एकत्रित होना उपयुक्त नहीं है अतः आपसे आग्रह है अपने घर के मंदिर में संध्या 7 बजे सपरिवार हनुमान चालीसा पाठ अवश्य करे और यदि संभव होवे तो उसे फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव के माध्यम से सम्पूर्ण जगत के साथ साझा करे (यदि आप लाइव करते है तो #हनुमत_शक्ति_जागरण इस हैशटैग का उपयोग आपकी पोस्ट में अवश्य करें) |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। प्रदेश में इस वर्ष स्वामी विवेकानन्द की जयंती ‘‘युवा चेतना दिवस’’ के रूप में मनाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द, महान आध्यात्मिक विचारक एवं वक्ता थे। स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय दर्शन तथा हमारी महान संस्कृति के महत्व को दुनिया से अवगत कराया। वह युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं सहित सभी प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग कर देश एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।

स्वामी विवेकानन्द की 158वीं जयंती पर प्रदेश की राजधानी देहरादून में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री प्रदेश के युवाओं के साथ वर्चुअल संवाद करेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में सांयकाल राष्ट्रभक्ति कवि सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रहेंगे। डॉ. कुमार विश्वास, सुश्री कविता तिवारी, श्री तेज नारायण शर्मा बेचैन, श्री रमेश मुस्कान एवं श्री राजीव राज द्वारा काव्य प्रस्तुति दी जायेगी। जिला मुख्यालयों पर भी युवाओं से रोजगार, स्वरोजगार एवं राष्ट्रीय चेतना के संबंध में परिचर्चा आयोजित की जाएगी। परिचर्चा के उपरांत स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित उत्पाद मुख्यमंत्री जी की ओर से युवाओं को प्रतीक चिन्ह के रूप में वितरित किये जायेंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, कृषि मंत्री  सुबोध उनियाल,  वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, जनपद  चमोली से बद्रीनाथ के के विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह ने भी विवेकानंद के जन्मदिन पर प्रदेश और क्षेत्रवासियों को बधाई दी। 

*भारत माता की जय* 🚩🚩

उत्तराखंड के चंपावत जिले अंतर्गत बिसज्युला क्षेत्र के छोटे छोटे 20 गांवों के ग्रामीणों ने आपसी सहयोग की मिसाल कायम कर श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर का पुनर्निर्माण बिना सरकारी सहायता से किया है। मकरसंक्रांति को धार्मिक अनुष्ठान के बाद मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। (श्रोत अभिमन्यु मेहता)

डूब चुका धन प्राप्ति के लिए करें ये अचूक उपाय
🌺=========================🌺अपना डूबा हुआ धन प्राप्त करने के लिए आप शुक्रवार को कपूर को जला कर उसका काजल बना ले। फिर एक भोजपत्र पर उस व्यक्ति का नाम लिखे जिसके पास आपका धन है। इसके बाद आप उस कागज़ पर 7 बार थपकी देते हुए उस व्यक्ति से अपने धन की वापसी के लिए कहें फिर उस भोजपत्र को अपनी तिजोरी / अलमारी / बक्सा जहाँ पर आप धन रखते है उसके नीचे दबा दें
 

अगर आप उसको जानते है तो काजल से भोजपत्र पर उसका नाम लिखकर वह कागज अपने पास रखकर उसके पास जाएँ और बिलकुल शान्त होकर उसको किसी भी तरीके से 7 बार थपकी देकर अपना धन वापस करने के लिए कहे और घर आकर उस भोजपत्र को उपरोक्त विधि से दबा दें । धीरे धीरे आपके धन की वापसी होने लागगी। यह समस्त उपाय बहुत ही कारगर है इन्हे बिलकुल चुपचाप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धैर्य बनाये रखना चाहिए

*भारत में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती, अर्थात १२ जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है*। इस दिन देश भर के विद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं; रैलियाँ निकाली जाती हैं; योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है; व्याख्यान होते हैं; विवेकानन्द साहित्य की प्रदर्शनी लगती है। वो युवाओं के लिए सच्चे आदर्श हैं। वे कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहे हैं और आगे भी रहेंगे। महान व्यक्तित्व के धनी लोगों के जीवन से हरपल और हरदम कुछ न कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन उनके विचारों को जीवन में कैसे उतारे यह हमें नहीं पता होता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने स्वामी जी के जीवन से *वह कुछ महत्त्वपूर्ण शिक्षा का चुनाव किया है*, जिन्हें आप स्वयं अपने जीवन में उतार सकते हैं।

*पहली शिक्षा*: दयालुता और कृपालुता सदैव ही रहने वाले हैं
एक दिन स्वामी विवेकानंद जी की माता ने उनसे कहा पुत्र मुझे छुरी लाकर दो। स्वामी विवेकानंद छूरी लेकर आए और उसकी धार को अपनी तरफ़ रखा और पकड़ने वाले हिस्से को माँ की तरफ़ किया। *उनकी माताजी उनसे काफ़ी प्रसन्न हुई और बोली कि अब तुम समाज के उत्थान के लिए काम कर सकते हो*। उन्होंने अपनी माँ से उनके इस सोच का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा: जिस तरह से तुमने मुझे छूरी पकड़ाई 🗡️🔪, तुमने धार को अपनी तरफ़ रखा ताकि मुझे चोट न पहुंचे और तुमने हत्थे को मेरी ओर किया, इससे तुम्हारी दयालुता और कृपालुता का पता चलता है। ऐसा कहा जाता है की उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी से कहा की जैसा ध्यान तुमने मेरा रखा वैसा ही ध्यान तुम्हें सब लोगों का और इस पूरे समाज का भी रखना है।

*दूसरी शिक्षा*: एकता के संरक्षण के लिए कार्य करें
सनातन धर्म के प्रतिनिधित्व के रूप में अमरीका में आयोजित एक धर्म संसद में गए। यह सही समय था, किसी भी प्रतिष्ठित मंच पर सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को सामने लाने का। धर्म संसद में, कई गणमान्य वक्ता थे जो अपने सम्बंधित भाषण के साथ तैयार थे।
जब स्वामी विवेकानंद जी की बारी आई, तो वहाँ बैठे हुए दर्शकों को उन्होंने “ *मेरे अमरीकी भाइयों और बहनों*” कह कर संबोधित किया। उनका यह वाक्य चर्चा का विषय बन गया था। उनके बात करने के तरीके से वहाँ बैठे लोग काफ़ी प्रभावित हुए थे।
हमारे बात करने के अंदाज़ से हम लोगों को सहज या असहज महसूस कराते हैं। संसार में हमें हमारे सम्प्रेषण का ध्यान रखना चाहिए की जो हम कहना चाहते हैं वो लोगों तक अच्छे से पहुँचे।

*तीसरी शिक्षा:* अपनी संस्कृति और उसके सिद्धांतो का आदर हो
स्वामी विवेकानंद की गंभीरता और गहनता की पहचान एक बड़ी प्रसिद्ध कहानी से होती है, जिसका लोहा सारे विश्व ने मन था:-
एक बार अंग्रेजों ने भारतीय 🇮🇳 *परिधान पर व्यंग्य करते हुए कहा था की आपके परिधान बहुत “असभ्य”* हैं। इस पर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा, “आपकी संस्कृति में, कपड़ों से आदमी की पहचान होती है लेकिन *हमारी संस्कृति में, कपड़ों से नहीं चरित्र से व्यक्ति की पहचान होती है”*।
इस शिक्षा से सीख:
हमें अपनी संस्कृति, उसके सिद्धांत और उसकी परंपरा का सदैव सम्मान करना चाहिए। संस्कृति एवं सिद्धांत ही हर समुदाय को विशिष्ठ बनाती हैं। हमारे जीवन में उनका महत्त्व और उसे लेकर हमारा तर्क दूसरों के संदेहों, धारणाओं और विचारों को स्पष्ट करने में मदद करता है।
*चौथी शिक्षा*: समग्र दृष्टिकोण रखें
विश्व धर्म संसद में, स्वामी विवेकानंद ने देखा की भारतीय महाकाव्य भगवद गीता सबसे निचला दर्जा दिया गया था। इस के कई दृष्टिकोण हो सकते हैं, लेकिन स्वामी जी ने अपना भाषण शुरू के तरीके ने सबको प्रभावित किया, उन्होंने भगवद गीता की ओर इशारा करते हुए कहा, “….नींव अच्छी है”। उन्होंने हीन भावना महसूस करने के बजाये, सनातन धर्म पर गर्वान्वित होते हुए अपने जवाब से सबको चकित कर दिया था।
इस शिक्षा से सीख:
अपनी संस्कृति, धर्म और सभ्यता के बारे में एक समग्र दृष्टिकोण रखें। ऐसा करने से आप अपनी संस्कृति को और अधिक गहराई से समझ पायेंगे। साथ ही हमें दूसरी संस्कृतियों को भी समझ पाएंगे और उनका सम्मान भी कर सकेंगे।
*पाँचवी शिक्षा:* हास्य बुद्धि का प्रतीक है
एक भोजनालय में, स्वामी विवेकानंद अपने एक परिचित प्रोफेसर के साथ खाना खाने के लिए बैठे थे। प्रोफेसर ने टिपण्णी करते हुए कहा – ‘सूअर और पक्षी एक ही मेज़ पर साथ भोजन नहीं कर सकते।
स्वामी विवेकानंद ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा, “श्रीमान, आप जब भी कहेंगे, मैं उड़ जाऊँगा”।
हास्य में हर संघर्ष और प्रतिकूल स्थिति को बदलने की क्षमता है। हास्य विवेकवान का लक्षण है। यदि आप हास्यवान व्यक्ति हैं तो आप हर स्थिति में ख़ुद को ढाल सक सकते हैं और अपने विरोधियों का मन भी आप मोह सकते हैं।
*इस शिक्षा से सीख:*
हास्य के साथ हम हर परिस्थिति को हल्का और अपने अनुकूल बना सकते हैं।
और किसी क्रांति के पहले एक वैचारिक क्रांति होती है और मैं अभी उसी वैचारिक क्रांति के लिए ही आपको प्रेरित कर रहा हूँ । वैचारिक क्रांति कैसे होगी ? वैचारिक क्रांति तब होगी जब ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ऐसी बातें पहुंचाई जाये और मुझे उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएंगे । कृपया सच्चाई प्रचारित करने में सहयोग करें । इसे और भाइयों के साथ साझा करें। मित्रों और संपर्कों के बीच इस संबंध में जागरूकता पैदा करें। किसी अन्य व्यक्ति को सच्चाई के करीब लाने से बड़ी सेवा मानवता के लिए कोई नहीं है, और आपके पास अभी आपके हाथों में वह शक्ति है। ज्ञान की उपहार के साथ उदार रहो! इस शब्द को फैलाएं ताकि बहुत से लोग लाभान्वित हो सकें। खासकर मुंह के शब्द से उन लोगों को जो facebook या internet का उपयोग नहीं करेंगे। अपने व्यक्तिगत क्षेत्र में पहुंच के, क्या आप इन विचारों को ले सकते हैं और लोगों को विभिन्न media-print, electronic या किसी अन्य माध्यम से संतों को तैनात कर सकते हैं। आगे बढ़ना, पढ़ना और प्रसार करना! आपका बहुत आभारी रहूँगा, कि जो बातें मैंने आपसे कही हैं, इनको आप हमेशा हृदयांगम करके रखेंगे, इनको अपनी समझ में रखेंगे, अपने दिमाग में रखेंगे,

साभार !!🖋️