आज का पंचाग, आपका राशि फल, खुलने लगे हैं उत्तराखंड के देवद्वार भगवान करें सबका उद्धार, गंगोत्री धाम के कपाट खुले, श्रीकृष्ण गीता पाठ के प्रत्यक्ष लाभ

*दिनाँक-: 15/05/2021,शनिवार*
तृतीया, शुक्ल पक्ष
वैशाख
“””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– तृतीया 07:59:06 तक उपरांत चतुर्थी
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———मृगशिरा 08:37:48
योग————– धृति 26:26:34
करण————— गर 07:59:06
करण———— वणिज 21:02:44
वार————————-शनिवार
माह————————- वैशाख
चन्द्र राशि—————– मिथुन
सूर्य राशि——————- वृषभ
रितु————————– वसंत
आयन——————– उत्तरायण
संवत्सर———————- प्लव
संवत्सर (उत्तर) ——–आनंद
विक्रम संवत—————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक) —–2077
शाका संवत—————– 1943

सूर्योदय————— 05:31:40
सूर्यास्त——————18:59:46
दिन काल————- 13:28:05
रात्री काल————– 10:31:21
चंद्रोदय—————- 07:51:59
चंद्रास्त—————— 22:16:31

लग्न—- वृषभ 0°15′ , 30°15′

सूर्य नक्षत्र—————– कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र—————— मृगशिरा
नक्षत्र पाया———————लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

की—- मृगशिरा 08:37:48

कु—-आर्द्रा 15:18:38

घ—-आर्द्रा 21:58:09

ङ—-आर्द्रा 28:36:14

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृषभ 00°52 ‘ कृतिका , 2 ई
चन्द्र = मिथुन05°23 ‘ मृगशिरा , 4 की
बुध = वृषभ 21°57′ रोहिणी’ 4 वु
शुक्र= वृषभ 13°55, रोहिणी ‘ 1 ओ
मंगल=मिथुन 18°30 ‘ आर्द्रा ‘ 4 छ
गुरु=कुम्भ 05°22 ‘ धनिष्ठा , 4 गे
शनि=मकर 19°43 ‘ श्रवण ‘ 3 खे
राहू=(व)वृषभ 17°38 ‘मृगशिरा , 3 वि
केतु=(व)वृश्चिक 17°38 ज्येष्ठा , 1 नो

*🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩*

राहू काल 08:54 – 10:35 अशुभ
यम घंटा 13:57 – 15:38 अशुभ
गुली काल 05:32 – 07:13 अशुभ
अभिजित 11:49 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 07:19 – 08:13 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 05:32 – 07:13 अशुभ
शुभ 07:13 – 08:54 शुभ
रोग 08:54 – 10:35 अशुभ
उद्वेग 10:35 – 12:16 अशुभ
चर 12:16 – 13:57 शुभ
लाभ 13:57 – 15:38 शुभ
अमृत 15:38 – 17:19 शुभ
काल 17:19 – 18:59 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 18:59 – 20:19 शुभ
उद्वेग 20:19 – 21:38 अशुभ
शुभ 21:38 – 22:57 शुभ
अमृत 22:57 – 24:15* शुभ
चर 24:15* – 25:34* शुभ
रोग 25:34* – 26:53* अशुभ
काल 26:53* – 28:12* अशुभ
लाभ 28:12* – 29:31* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 05:32 – 06:39
बृहस्पति 06:39 – 07:46
मंगल 07:46 – 08:54
सूर्य 08:54 – 10:01
शुक्र 10:01 – 11:08
बुध 11:08 – 12:16
चन्द्र 12:16 – 13:23
शनि 13:23 – 14:30
बृहस्पति 14:30 – 15:38
मंगल 15:38 – 16:45
सूर्य 16:45 – 17:52
शुक्र 17:52 – 18:59

🚩होरा, रात
बुध 18:59 – 19:52
चन्द्र 19:52 – 20:45
शनि 20:45 – 21:38
बृहस्पति 21:38 – 22:30
मंगल 22:30 – 23:23
सूर्य 23:23 – 24:15
शुक्र 24:15* – 25:08
बुध 25:08* – 26:01
चन्द्र 26:01* – 26:53
शनि 26:53* – 27:46
बृहस्पति 27:46* – 28:39
मंगल 28:39* – 29:31

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🐂वृष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें।

👫मिथुन
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय।

🦀कर्क
दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।

🐅सिंह
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें।

🙍‍♀️कन्या
परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।

⚖️तुला
पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी।

🦂वृश्चिक
कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय।

🏹धनु
किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है।

🐊मकर
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें।

🍯कुंभ
भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐟मीन
जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩
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जोतिष आचार्य पांडुरंगराव शास्त्री
कुंडली हसतरेखा वास्तुशास्त्र निष्णात एवम संपुर्ण पुजाविधी संपन्न
मो: +9321113407

 चारधाम के कपाट खुलने का शुभारम्भ हो गया है।
◆अक्षय तृतीया के दिन माँ यमुनोत्री धाम जी के दिव्य कपाट खुल गयेे हैं।
◆आज प्रातः काल 7:30 बजे माँ गंगा श्री गंगोत्री धाम जी के कपाट खुल गये हैं।
◆17 मई को प्रात: 5 बजे मेष लग्न में भगवान केदारनाथ धाम जी के कपाट खुलेंगे।
◆18 मई को विश्व विख्यात श्री बदरीनाथ धाम जी के दिव्य कपाट खुलेंंगे। 

कोरोना की भीषण मेडिकल आपदा के चलते सभी श्रद्धालुओं को यात्रा पर आने की अनुमति नहीं है।

घर पर रहें, सुरक्षित रहें, देश को ‘ कोरोना’-मुक्त करने में अपना योगदान दें।- साभार 

जय रुद्रेश 🙏🙏🙏 पंचकेदार भगवान् शंकर श्री गोपीनाथ मंदिर के गर्व गृह से शीतकालीन प्रवास से विग्रह होकर अपनी गद्दी स्थल अपने भक्तों के दर्शार्थ विराजित हुए दि 16,5 ,21 को ग्रीष्मकालीन प्रवास कैलाश को प्रस्थान करेंगे। सभी भक्तों से निवेदन है कि कोरोना गाईडलाइन का पालन अवश्य ही करेंगे। जय भोलेनाथ सबकी रक्षाकरो।-✍️शुशीला सेमवाल 

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज खोल दिये गए हैं। आज अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर विधिवत हवन, पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चारण एवं धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ गंगोत्री मंदिर के कपाट प्रातः 07.30 बजे खोले गए।
जय गंगा मैया – रजनीकांत सेमवाल 🙏💐

🙏चारों धामों में विराजमान भगवान से प्रार्थना है इस कोरोना महामारी को हराने में सभी भक्तों की शक्ति दें।⠀⠀⠀⠀⠀⠀

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गीता के प्रथम अध्याय का पाठ पाप नाशक और अंत:करण को पवित्र करने वाला है।

गीता के द्वितीय अध्याय का पाठ अंत:करण की पवित्रता और आत्मज्ञान को उतपन्न करता है, इससे शीत-ऊष्ण, राग-द्वेष, भूख-प्यास, भय-शोक आदि वृत्तियों का शमन होता है।

गीता के तीसरे अध्याय का पाठ प्रेतों-पितरों और जीवों का नरक से उद्धार करता है।

गीता के चौथे अध्याय के जप से जड़ जंगम भी शाप मुक्त हो जाते हैं और चारों तरफ दिव्यता का वातावरण बन जाता है!

गीता के पांचवें अध्याय का पाठ करने पर महापापी का भी ब्रह्मज्ञान जागृत हो जाता है और वह हत्या के पाप से भी मुक्त हो जाता है साथ ही अन्य जीवों को भी पाप से तारने वाला हो जाता है।

गीता के छठे अध्याय का पाठ करने से अप्रतिम तप और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गीता के सातवें अध्याय का पाठ पितरों को प्रेतयोनि से तारने वाला तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।

गीता के आठवें अध्याय का पाठ करने से जीव भगवद्धाम को प्राप्त हो जाता है।

गीता के नवें अध्याय का पाठ करने से शरीर में कभी प्रेत या चाण्डाल शक्तियों का प्रवेश नहीं होता, और कोई टोने टोटके भी काम नहीं करते!

गीता के दसवें अध्याय का पाठ करने से व्यक्ति सिद्ध हो जाता है और दूसरे जीवों के लिए भी पाप-ताप से मुक्ति प्रदाता बन जाता है।

गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करने वाला मरे हुए को जिंदा करने की शक्ति प्राप्त कर सकता है। इस अध्याय का जप शाप से मुक्ति प्रदान करता है। इस अध्याय से अभिमंत्रित जल परम् पवित्र होता है

गीता के बारहवे अध्याय के जप से साधक मृत को पुनर्जीवित करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है।

गीता के तेरहवें अध्याय के पाठ से महापापी भी भव- बन्धन से पार हो जाता है।

गीता के चौदहवें अध्याय का पाठ करने वाले का स्पर्श कोई भी पापी कर दे तो वह पाप मुक्त होकर परमपद को प्राप्त होता है।

गीता के पन्द्रहवें अध्याय के एक क्या आधा श्लोक का भी पाठ स्वर्ग तथा मोक्ष को देने वाला है।

गीता के सोलहवें अध्याय का पाठ करने से काल भी शांत हो जाता है। इसके जप करने मात्र से ही ज्वर, पीड़ा, अनिष्ट आदि निवृत्त हो जाते हैं।

गीता के सत्रहवें अध्याय का पाठ करने से समस्त प्रकार के संकटों और बाधाओं की निवृत्ति हो जाती है।

गीता के अठारहवें अध्याय का पाठ अविद्या का नाश करने वाला, यमदूतों को भयभीत करने वाला, काम,क्रोध,लोभ, मोह अहंकार को नष्ट करने वाला, सनकादि ऋषियों को आनन्दित करने वाला तथा वैकुंठ को प्राप्त कराने वाला है।

( पद्मपुराण, उत्तरखण्ड के अध्याय 175 से अध्याय 192 तक में गीता माहात्म्य का विस्तार से वर्णन है। यह माहात्म्य स्वयं भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को तथा भगवान शिव पार्वती से कह रहे हैं।) मेरा भी खुद का अनुभव यहां वर्णित तथ्यों के अनुरूप रहा है।
-डॉ0 भगवती प्रसाद पुरोहित
उत्तराखण्ड, देवभूमि- हिमालय ।