आज का पंचाग आपका राशि फल, शब्द संयम और भक्ति मंत्रों की शक्ति, मीरा ने किया वैद्य को पुनर्जीवित

*⛳सनातन-धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है✍🏻*
*👉🏻लेख क्र.-सधस/२०७७/पौष/शु/६*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*🗓आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल🗓*
*🌻मंगलवार, १९ जनवरी २०२१🌻*

*सूर्योदय: 🌄 ०७:११*
*सूर्यास्त: 🌅 १८:०४*
*चन्द्रोदय: 🌝 ११:२१*
*चन्द्रास्त: 🌜२३:४७*
*अयन 🌕 उत्तराणायने*
*ऋतु: ❄️ शिशिर*
*शक सम्वत: 👉 १९४२ (शर्वरी)*
*विक्रम सम्वत: 👉 २०७७ (प्रमादी)*
*मास 👉 पौष*
*पक्ष 👉 शुक्ल*
*तिथि 👉 षष्ठी (१०:५८ तक)*
*नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद (०९:५३ तक)*
*योग 👉 शिव (१८:४६ तक)*
*प्रथम करण 👉 तैतिल (१०:५८ तक)*
*द्वितीय करण 👉 गर (२४:०३ तक)*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️
*॥ गोचर ग्रहा: ॥*
🌖🌗🌖🌗
*सूर्य 🌟 मकर*
*चंद्र 🌟 मीन*
*मंगल 🌟 मेष (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*बुध 🌟 मकर (उदय, पश्चिम, मार्गी)*
*गुरु 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)*
*शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)*
*राहु 🌟 वृष*
*केतु 🌟 वृश्चिक*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*शुभाशुभ मुहूर्त विचार*
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
〰〰〰〰〰〰〰
*अभिजित मुहूर्त 👉 १२:१६ से १२:५९*
*सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०७:१३ से ०९:५५*
*रवियोग 👉 ०७:१३ से ०९:५५*
*विजय मुहूर्त 👉 १४:१३ से १४:५५*
*गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३२ से १७:५६*
*राहुकाल 👉 १५:२१ से १६:४३*
*राहुवास 👉 पश्चिम*
*यमगण्ड 👉 ०९:५५ से ११:१६*
*दुर्मुहूर्त 👉 ०९:२२ से १०:०६*
*होमाहुति 👉 बुध – ०९:५५ तक*
*दिशाशूल 👉 उत्तर*
*अग्निवास 👉 पाताल (१०:५८ से पृथ्वी)*
*चन्द्रवास 👉 उत्तर*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*☄चौघड़िया विचार☄*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*॥ दिन का चौघड़िया ॥*
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
*॥ रात्रि का चौघड़िया ॥*
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
*नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*शुभ यात्रा दिशा*
🚌🚈🚗⛵🛫
*उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*तिथि विशेष*
🗓📆🗓📆
〰️〰️〰️〰️
❌❌❌
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*आज जन्मे शिशुओं का नामकरण*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️
*आज ०९:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम*
*उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (दे, दो, च, ची) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*🙏🏻आज का सुविचार🙏🏻*
😊🌻🤝🏻🤚🏻🥳🍩🧁
*“इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं, हम वो सब कर सकते है जो हम सोच सकते है और हम वो सब सोच सकते हैं जो आज तक हमने नहीं सोचा।”॥*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
*आज का राशिफल*
🐐🐂💏💮🐅👩
〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)*
आज भी दिन का आधा भाग बेचैनी में बीतेगा। दिन के आरंभ से ही मन में कोई डर रहेगा। आर्थिक उलझने सुलझने की संभावना नही दिखने से मन मे नकारत्मक विचार आएंगे थोड़ा धैर्य रखें जदबाजी में कोई गलत निर्णय ना लें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। मध्यान बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा। किसी परिचित की सहायता से आर्थिक मसले कुछ हद तक सुलझेंगे। कार्य व्यवसाय में आकस्मिक तेजी आएगी लेकिन प्रतिस्पर्धा आज अधिक रहने के कारण शारीरिक एवं बौद्धिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। संध्या का समय पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक अशांति दूर होगी। आपके कृपण व्यवहार से कोई नाराज भी हो सकता है।

*वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
आज के दिन भी व्यस्तता अधिक रहेगी परन्तु आज आप केवल आवश्यक कार्यो को प्राथमिकता देंगे जिससे मध्यान तक कि गई मेहनत संध्या तक आशाजनक लाभ के रूप में मिलेगी। व्यवसायी वर्ग उन्नति होने से प्रसन्न रहेंगे लेकिन कार्य क्षेत्र पर आज किसी भी प्रकार के बदलाव से बचें। सहकर्मी भी पूर्ण सहयोग करेंगे जिससे अधिकांश कार्य समय से पूर्ण कर लेंगे। धन की आमद पहले से बेहतर रहेगी। पारिवारिक वातावरण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन आता रहेगा। महिलाये खरीददारी की जिद पर अड़ेंगी मांग पूरी होने पर ही शांत बैठेंगी। घर मे सुख के साधनों की वृद्धि की योजना बनेगी शीघ्र ही इसपर खर्च भी करना पड़ेगा। संध्या के समय शुभ समाचार की प्राप्ति प्रसन्न करेगी।

*मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)*
आज आपके कारोबार में वृद्धि होगी साथ ही सामाजिक जीवन मे भी चहल पहल बढ़ेगी। समाज के प्रतिष्ठित लोगो के साथ भेंट सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान दिलायेगी लेकिन घर मे इसके विपरीत वातावरण रहेगा। परिजनों को प्रसन्न रखना मुश्किल भरा रहेगा कोई ना कोई सदस्य अकारण ही नाराज होगा। कार्य व्यवसाय को लेकर थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ेगी लेकिन दोपहर बाद से परिणाम आपके किये आनंदकारी रहेंगे। धन की आमद आज अच्छी होगी भविष्य के लिए भी नए कार्य मिलेंगे। आज आप मन चाही वस्तुओ पर खर्च कर सकेंगे धन संचय भी होगा। संध्या का समय थकान वाला फिर भी दिन की अपेक्षा बेहतर रहेगा। परिजनों के आगे मौन ही रहें।

*कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
आज दिन के पूर्वार्ध में आपका ध्यान आध्यात्मिक कार्यो में ज्यादा रहेगा अप्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ आज आपको अवश्य मिलेगा। मानसिक रूप से स्थिर रहेंगे। परोपकार की भावना आज थोड़ी कम ही रहेगी तंत्र मंत्र दान के कार्य करेंगे लेकिन केवल स्वार्थ के लिए ही। काम काज के प्रति नीरसता रहेगी लेकिन मध्यान बाद सफलता का स्वाद चखने के साथ ही धन कमाने की लालसा बढ़ेगी। सरकारी उलझनों से बचने के लिये कागजी कार्यो को आज दुरुस्त रखें ऋण के लिए आवेदन करना आज शुभ रहेगा। धन लाभ संध्या के समय होगा इसके पूर्वनिर्धारित होने से उत्साह नही रहेगा। अन्य छोटे मोटे लाभ भी लगे रहेंगे लेकिन खर्च अधिक रहने से दिखेंगे नही।

*सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। दिन के आरंभिक भाग में खराब स्वास्थ्य के कारण प्रत्येक कार्यो में विलंब होगा लेकिन धीरे धीरे सुधार आने के बाद कार्य व्यवसाय के प्रति गंभीरता आएगी। मध्यान बाद मेहनत के अनुपात में अधिक लाभ मिलने के योग है व्यवहारिकता पर अधिक ध्यान दें आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य ना ले जाये। धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी लेकिन व्यस्तता के चलते ज्यादा समय नही दे सकेंगे देवदर्शन के योग है। परिजन आपका ख्याल रखेंगे लेकिन बदले में कुछ मांग भी की जा सकती है।

*कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
आज दिन का प्रथम भाग सभी कार्यो में विजय दिलाएगा जिस भी काम को हाथ मे लेंगे उसमे से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य कमाएंगे। सरकारी कार्यो में भी आज ले देकर विजय मिलेगी। नौकरी वाले लोग ज्यादा भार उठाने के मूड में नही रहेंगे। व्यवसायी वर्ग भी बड़े कार्यौ में ढील देंगे आगे सरकाने के पक्ष में रहेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति प्रतिकूल होने लगेगी सेहत भी साथ नहीं देगी मौसमी बीमारियों का प्रकोप अकस्मात ही जकडेगा आवश्यक कार्यो में मध्यान रहते पूर्ण करने का प्रयास करें। परिजन आपके स्वभाव में आये परिवर्तन से रुष्ट होंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि के कारण दर्शाएंगे नहीं। लंबी यात्रा से बचे हानिकर रहेगी।

*तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
आज का दिन आपको आकस्मिक लाभ देकर जाएगा दिन के पूर्वार्ध में घर एवं कार्य क्षेत्र में तालमेल बैठाने में परेशानी होगी इससे होने वाले लाभ में कुछ कसर भी रह सकती है। नौकरी वाले लोग अधिकांश कार्य बाद के लिए टालेंगे इससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी। आर्थिक मामलों को मध्यान पूर्व ही निपटाने के प्रयास करें इसके बाद कार्य तो चलते रहेंगे लेकिन संतोष कम ही होगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों की कमी खलेगी फिर भी विलम्ब नही होने देंगे। घरेलू वातावरण मध्यान तक ठीक रहेगा इसके बाद किसी गलतफहमी अथवा मांग पूरी ना होने पर अशांति हो सकती है। संध्या के आसपास सेहत में नरमी आएगी किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा।

*वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। लेकिन आज लाभ कमाने के लिए मानसिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा व्यवहारिकता के बल पर आज अन्य लोगो की अपेक्षा ज्यादा फल पाने के हकदार रहेंगे। आज आप हाथ आये काम को किसी भी प्रकार जाने नही देंगे। नौकरी पेशा भी लेदेकर काम अधूरा छोड़ने की जगह पूरा करने के पक्ष में रहेंगे। मध्यान बाद भविष्य के खर्चो को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने की मानसिकता रहेगी। प्रलोभन के अवसर भी मिलेंगे इनसे बचना ही बेहतर रहेगा अन्यथा भविष्य के लिये नई समस्या खड़ी हो सकती है। नौकरी वाले लोग आरम्भ में लापरवाही दिखाएंगे किसी की फटकार सुनने के बाद ही गंभीरता धारण करेंगे। सेहत कुछ नरम रहेगी

*धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)*
आज के दिन आपकी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। पारिवारिक कलह मामूली बात से आरम्भ होकर गंभीर रूप ले सकती है इससे बचने के लिये आज घर मे कम ही समय बिताये। कार्य व्यवसाय में भी आज चाहकर भी मन की योजनाये पूरी नही कर सकेंगें। धन को लेकर भी किसी से कहासुनी सो सकती है। मानसिक दबाव आज कुछ ज्यादा ही रहेगा कोई अनैतिक कदम उठाने से बचे बुजुर्गो के सानिध्य में रहे अथवा आध्यात्म से जुड़े मानसिक रूप से काफी राहत मिलेगी। आर्थक दृष्टिकोण से दिन ठीक ही रहेगा फिर भी आज कुछ ना कुछ कमी अवश्य बनी रहेगी। संध्या का समय दिन की अपेक्षा शान्ति से बीतेगा। सेहत स्वयं की गलती से खराब होगी।

*मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)*
आज आप दिन के आरंभिक भाग में संभावित लाभ को लेकर उत्साहित रहेंगे। मध्यान से पहले पुरानी योजनाओं से धन लाभ भी होगा लेकिन आज नए कार्यो में धन ना फसाये भविष्य में हानि होने की संभावना है। अतिआवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। मध्यान बाद किसी से धन संबंधित मामलों को लेकर कहासुनी हो सकती है धैर्य का परिचय दे अन्यथा स्थिति गंभीर होते देर नही लगेगी। अनैतिक सरकार विरोधी कार्य से बचें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगने की संभावना है। परिजन आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे लेकिन अपने स्वार्थ हेतु आज किसी भी दलील को नही मानेंगे। संध्या का समय खर्चीला रहेगा। मानसिक रूप से अशान्त रहने के कारण मनोरंजन में रुचि नही रहेगी।

*कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
आज आपके स्वभाव में तल्खी रहेगी। व्यवहार में रूखापन एवं बात बात में क्रोध करने की आदत के कारण आसपास का वातावरण खराब होगा साथ ही सरलता से बन रहे कार्यो को खुशामद करके बनाना पड़ेगा। फिर भी मध्यान तक स्थिति आपकी पकड़ में रहेगी महत्त्वपुर्ण कार्य मे ढील ना दें अन्यथा बाद में ग्लानि होगी। सहकर्मियों से मामूली बात पर उलझना भविष्य के लिये अहितकर रहेगा स्वभाव को संभाले देख भाल कर ही अपनी प्रतिक्रिया दें। व्यवसाय में निवेश आज ना करें पुराने वादों को पूर्ण करने पर जोर दें सामाजिक क्षेत्र पर अति आवश्यक होने पर ही योगदान दें। मध्यान बाद परिजन हानि होने से चिंतित रहेंगे।

*मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आज के दिन आप मानसिक रूप से शांत रहेंगे लेकिन धन संबंधित कामनाये अधिक रहेंगी। मध्यान तक कार्य क्षेत्र पर परिश्रम की अधिकता रहेगी इसके बाद मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने लगेगा यह क्रम संध्या बाद तक रुक रुक कर चलता रहेगा। संध्या के समय कहीं से अचनाक लाभदायक समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। आज आप लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे इसमे विघ्न भी आ सकते है। सहकर्मी कुछ अनैतिक माग कर सकते है इससे थोड़ी देर के लिए दुविधा होगी। मध्यान बाद का समय अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा लेकिन सतर्क रहें हित शत्रु कोई गड़बड़ कर सकते है। पारिवारिक वातावरण स्थिर रहेगा।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें*⛳🙏🏻
मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय हनुमान, जय जय हनुमान।।
*रामभक्त हनुमान की जय🙏🏻🚩*
https://t.me/JagratiManch
_*⛳⚜️सनातन धर्मरक्षक समिति*_⚜⛳

🕉️*शब्द जब तक आपके अंदर है ,*
*वह आपके आधीन है और*
*मुँह से बाहर आने के बाद आप* *उसके आधीन हो जाते हैं* ।

✡️* सफलता के वृक्ष कर्म की भूमि पर ही उगते हैं*

🕉️✍🏻*भूलते जा रहे हैं हम वैदिक कलेंडर*।कोई पूछ दे हिंदी महीनो के नाम तो असमन्जस में न रहें ।

*हमारे वैदिक महीनों के नाम*

1. चैत्र
2. वैशाख
3. ज्येष्ठ
4. आषाढ़
5. श्रावण
6. भाद्रपद
7. अश्विन
8. कार्तिक
9. मार्गशीर्ष
10. पौष
11. माघ
12. फाल्गुन

चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है, जिस दिन ये मास आरम्भ होता है, उसे ही वैदिक नव-वर्ष मानते हैं l चैत्र मास अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल में आता है, चैत्र के बाद वैशाख मास आता है जो अप्रैल-मई के मध्य में आता है, ऐसे ही बाकी महीने आते हैं l
फाल्गुन मास हमारा अंतिम मास है जो फरवरी-मार्च में आता है, फाल्गुन की अंतिम तिथि से वर्ष की सम्पति हो जाती है, फिर अगला वर्ष चैत्र मास का पुन: तिथियों का आरम्भ होता है जिससे नव-वर्ष आरम्भ होता है l

*हमारे समस्त वैदिक मास (महीने) का नाम 28 में से 12 नक्षत्रों के नामों पर रखे गये हैं l*

जिस मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उसी नक्षत्र के नाम पर उस मास का नाम हुआ l

1. चित्रा नक्षत्र से चैत्र मास l
2. विशाखा नक्षत्र से वैशाख मास l
3. ज्येष्ठा नक्षत्र से ज्येष्ठ मास l
4. पूर्वाषाढा या उत्तराषाढा से आषाढ़ l
5. श्रावण नक्षत्र से श्रावण मास l
6. पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद से भाद्रपद l
7. अश्विनी नक्षत्र से अश्विन मास l
8. कृत्तिका नक्षत्र से कार्तिक मास l
9,. मृगशिरा नक्षत्र से मार्गशीर्ष मास l
10. पुष्य नक्षत्र से पौष मास l
11. माघा मास से माघ मास l
12. पूर्वाफाल्गुनी या उत्तराफाल्गुनी से फाल्गुन मास l🚩

🙏🏼🌺 *_|| श्रीकृष्ण ||_*🌺🙏🏼
         

               ✡️!! मीरा चरित!! ✡️

*उदयकुँवर बाईसा मीरा से भक्ति ज्ञान की बातें श्रवण कर रही थी ,उसकी आँखों से आँसुओं की धारायें बहकर उसके ह्रदय का कल्मष धो रही थी ।तभी कुछ लोगों के रोने की आवाज़ से उनका ध्यान बँटा ।मीरा ने कहा,” अरी गोमती ! ज़रा देख तो ! क्या कष्ट है ?”*

*” कुछ नहीं भाभी म्हाँरा ! आपको विष से न मरते देखकर राणा ने समझा कि वैद्यजी ने दगा किया है ।उन्होंने उस प्याले में बची विष की दो बूँदे वैद्यजी को पिला दी ।वे मर गये है ।लगता है उनका शव लेकर घर के लोग जा रहे होंगे ।” उदा ने कहा ।*

*” वैद्यजी को राणा जी ने ज़हर पिला दिया ।उनका शव लेकर घरवाले आपके पास अर्ज़ करने आये है ” इधर से गोमती ने भी आकर निवेदन किया ।*

*” हे मेरे प्रभु ! यह क्या हुआ ? मेरे कारण ब्राह्मण की मृत्यु ? कितने लोगों का अवलम्ब टूटा ? इससे तो मेरी ही मृत्यु श्रेयस्कर थी ” मीरा ने भारी मन से निश्वास छोड़ते हुए कहा ।*

*मीरा सोच ही रही थी कि वैद्यजी के घरवाले उनका शव लेकर आ पहुँचे । वैद्य जी की माँ आते ही मीरा के चरणों में गिर पड़ी है -” अन्नदाता ! हम अनाथों को सनाथ कीजिए ।हमें कौन कमा कर खिलायेगा ? महाराणा जी ने हमें क्यों ज़हर नहीं पिला दिया ? हम आपकी शरण में है ! याँ तो हमें इनका जीवन दान दीजिए अन्यथा हम भी मर जायेंगे ।”*

*वृद्ध माँ के आँसू देख मीरा की आँखें भी भर आई । कैसी भी स्थिति हो , उसे तो बस गिरधर का ही आश्रय था और सत्य में जिसको उसका आश्रय हो उसे किसी और ठौर की आवश्यकता भी क्या ? मीरा ने सबको धीरज रखने को कहा और इकतारा उठाया ………….*

🌿हरि तुम हरो जन की पीर ।
द्रौपदी की लाज राखी तुरत बढ़ायो चीर ॥
भक्त कारन रूप नरहरि धरयो आप सरीर।
हिरणकस्यप मार लीनो धरयो नाहिन धीर॥
बूढ़तो गजराज राख्यो कियो बाहर नीर ।
दासी मीरा लाल गििरधर चरनकमल पर सीर॥

*चार घड़ी तक राग का अमृत बरसता रहा । मीरा की बन्द आँखों से आँसू झरते रहे ।सब लोग मीरा की करूण पुकार में स्वयं के भाव जोड़ रहे थे ।किसी को ज्ञात ही न हुआ कि वैद्यजी कब उठकर बैठ गये और वह भी तन मन की सुध भूल कर इस अमृत सागर में डूब गये है ।भजन पूरा हुआ तो सबने वैद्यजी को बैठा हुआ देखा ।उनके मुख से अपने आप हर्ष का अस्पष्ट स्वर फूट पड़ा ।उन सभी ने धरती पर सिर टेककर मीरा की और गिरधर गोपाल की वन्दना की ।चम्पा ने सबको चरणामृत और प्रसाद दिया ।वैद्यजी की पत्नी ने मीरा के चरण पकड़ लिये ।उसके मन के भावों को वाणी नहीं मिल रही थी ,सो भाव ही आँसुओं की धारा बनकर मीरा के चरण धोने लगे ।*

*” आप यह क्या करती है ?आप ब्राह्मण है ।मुझे दोष लगता है इससे ।उठिये ! प्रभु ने आपका मनोरथ पूर्ण किया है ।इसमें मेरा क्या लगा ? भगवान का यश गाईये । सबको स्नेह से भोजन करा और बालकों को दुलार करके विदा किया ।डयोढ़ी तक पहुँचते पहुँचते सबके हर्ष को मानो वाणी मिल गई -* *”मेड़तणीजीसा की जय ! मीरा बाई की जय ! भक्त और भगवान की जय !!!”*

*” यह क्या मंगला ! दौड़ कर जा तो उन्हें कह कि केवल भगवान की जय बोलें ।यह क्या कर रहे है सब ?”*

*” बोलने दीजिए भाभी म्हाँरा ! उनके अन्तर के सुख और भीतर के हर्ष को प्रकट होने दीजिए ।लोगों ने , राजपरिवार ने अब तक यही जाना है कि मेड़तणीजी कुलक्षिणी है ।इनके आने से सब मर-खुटे है ।उन्हें जानने दीजिये कि मेड़तणीजी जी तो गंगा की धारा है, जो इस कुल का और दुखी प्राणियों का उद्धार करने आई है ” उदयकुँवर बाईसा ने कहा ।*

🙏🏼🌺 *जय श्रीराधे*🌺🙏🏼