आज का पंचाग, आपका राशि फल, बारह ज्योतिर्लिंग, मुहूर्त विज्ञान, हमें जेष्ठदेव की जगह न्यूटन पढ़ाया गया

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे।

*शुक्र वार स्तुति*:- *हिम कुंद मृणालाभं*, *दैत्यानां परमं गुरूम्*। *सर्वशास्त्र प्रवक्तारं*, *भार्गवं प्रणमाम्यहम्* ।।
हिन्दी ब्याख्या:–
तुषार कुंज अथवा मृणाल के समान जिनकी आभा है जो दैत्यों के परम गुरु हैं उन सब शास्त्रों के अद्वितीय वक्ता शुक्राचार्य जी को मैं प्रणाम करता हूं।
शुक्र गायत्री:– *भृगवंशजाताय विद्महे श्वेत वाहनाय धीमहि तन्न शुक्र: प्रचोदयात्*।।
शुक्र गायत्री मंत्र का यथाशक्ति जप करने के बाद औदम्बरयुक्त पायस घी से दशांश हवन करें।

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078✡️
✡️ज्येष्ठ मासे ✡️
✡️29 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️:11 – 06 – 2021(शुक्रवार)✡️
✡️सूर्योदय✡️ :05.44 am
✡️सूर्यास्त ✡️ :07.08 pm
✡️सूर्य राशि✡️ :वृषभ
✡️चन्द्रोदय ✡️:06.28 am
✡️चंद्रास्त ✡️:08.09 pm
✡️चन्द्र राशि✡️ :मिथुन
✡️विक्रम संवत्। ✡️ ✡️✡️✡️2078✡️
✡️अमांत महीना ✡️:ज्येष्ठ 1
✡️पूर्णिमांत✡️ महीना :ज्येष्ठ 16
पक्ष :शुक्ल 1
✡️तिथि✡️ :प्रतिपदा 6.30 pm तक, बाद में द्वितीया
✡️नक्षत्र✡️ :म्रृगशीर्षा 2.31 pm तक, बाद में आद्रा
✡️योग✡️ :शूल 8.38 am तक, बाद में गण्ड
✡️करण✡️ :बव 6:30 pm तक, बाद में बालव
✡️राहु काल✡️ :10.50 am – 12.30 pm
✡️कुलिक काल✡️ :7.29 am – 9.09 am
✡️यमगण्ड ✡️:3.51 pm – 5.32 pm
✡️अभिजीत मुहूर्त ✡️:11.59 AM – 12.53 PM
✡️दुर्मुहूर्त✡️ :08:25 am – 09:18 am, 12:53 pm – 01:46 pm
✍️चक्रधर प्रसाद शास्त्री: मित्रों बहुत से मित्रों ने राशि नाम एवं प्रसिद्ध नाम के माध्यम से राशिफल देखने की प्रक्रिया जाननी चाही इसके विषय में महर्षि पाराशर जी ने पाराशरी नामक ग्रंथ में लिखा है कि:–
*देशे ग्रामे गृहे युद्धे, सेवायां व्यवहार के। नाम राशे प्रधानत्वं , जन्म राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिंदी ब्यख्या:–
प्रदेश में घर के बाहर गांव में युद्ध के समय सेवारत में व्यवहारिक नाम की प्रधानता होती है स्थानों पर जन्म राशि का चिंतन न करके प्रचलित नाम की राशि का चिंतन करना चाहिए।
*विवाह सर्वमांगल्यै, यात्रायां ग्रह गोचरे । जन्म राशे प्रधानत्वम्, नाम राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
विवाह के समय मां सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में यात्रा में ग्रह गोचर दशा के पूजन में जन्म राशि की प्रधानता होती है प्रसिद्ध नाम राशि का चिंतन नहीं करना चाहिए।।

*आज के लिए राशिफल (11-06-2021)*
✡️मेष*11-06-2021
आज आप दांपत्य जीवन को सुधारने की कोशिश करें। परिवार के लिए समय ना निकाल पाने से आप खुद भी दुखी रहेंगे। प्रतिद्वंदी आप पर हावी हो सकते हैं। रोमांस के नज़रिए से ज़िन्दगी बहुत जटिल रहेगी। अगर आप व्यवसाय में किसी नये भागीदार को जोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो कोई भी वादा करने से पहले सभी तथ्यों की अच्छी तरह जाँच कर लें। कार्य का बोझ स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। वाहन का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें। गरीबों में काले वस्त्र का दान करें।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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*वृष*11-06-2021
आपकी बात और काम का असर भी लोगों पर हो सकता है। लोग आपकी बातें सुनेंगे। किसी बैठक-समारोह का बुलावा भी आज आपको मिल सकता है। परिवार वालों का पूरा समर्थन और सहयोग मिलेगा। दूर स्थान के लोगों से बातचीत होगी। आज ऐसी यात्रा हो सकती है, जिसका फायदा आपको आने वाले दिनों में मिलेगा। आप घर पर आराम कर सकते हैं। आज आप पुराने विवाद निपटाने का मन बना सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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*मिथुन*11-06-2021
आज आपको मेहनत का उचित परिणाम हासिल होगा। आपको अपनी बातों को सोसाइटी में सब के सामने रखने का पूरा मौका मिलेगा। धन लाभ के नये रास्ते नजर आयेंगे। आज कुछ महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात होगी। मैकैनिकल इंजीनियर्स वालों के लिए दिन सफलता प्रदान करने वाला है। सेहत के मामले में खुद को तंदरुस्त महसूस करेंगे। साथ ही आपके माता के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार आयेगा। लक्ष्मी जी को कमलगट्टे की माला चढ़ाएं, आपकी सफलता सुनिश्चित होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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*कर्क*11-06-2021
आज आप में से कुछ लोगों को आपके व्यवसाय-साथी या किसी करीबी सहयोगी से समस्या हो सकती है। व्यवसाय से संबंधित यात्राएं वांछित परिणाम नहीं दे सकती हैं। नए कार्यस्थल से जुड़ने या नई परियोजनाओं और उपक्रमों को शुरू करने के लिए दिन ज्यादा अनुकूल नही है। कार्य स्थल पर टकराव से बचने की कोशिश करनी चाहिए। प्रेमपूर्ण संपर्क यदि कोई हो, तो यह एक बुरा मोड़ ले सकता है और आप में से कुछ लोग बदनामी और अपमान का शिकार हो सकते हैं। यह कुछ भावनात्मक रूप से परेशान कर सकता है। जीवनसाथी या संतान के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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*सिंह*11-06-2021
आप आज एक किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे जो आपको एक आकर्षक करियर के अवसर प्रदान करेगा। आर्थिक लाभ के अवसर मजबूत होंगें। आपकी सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। किन्तु घरेलू मामलों में सावधानी से काम लें। नौकरी में कार्य का बोझ बढ़ सकता है। किसी बीमारी से आपको छुटकारा प्राप्त हो सकता है। वित्तीय व्यवहार और निवेश के साथ अधिक सतर्क और सावधान रहें क्योंकि दिन ज्यादा अनुकूल नही है। कमाई घट सकती है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : ग्रे रंग
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*कन्या*11-06-2021
आपके लिए दिन सामान्य रहेगा। लेन-देन और निवेश के मामलों में नई प्लानिंग करेंगे। आपके आसपास चहल-पहल भी रहेगी। आपकी एकाग्रता चरम पर होगी और एक साथ कई काम भी संभालने पड़ सकते हैं। लोगों से मिलने या परिवार के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बन सकता है। काम और मेहनत दोनों ज्यादा रहेंगे, लेकिन आपको सफलता मिल सकती है। दुर्घटनाएं हो सकती हैं, इसलिए वाहन सावधानी से चलाएं
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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*तुला*11-06-2021
आज आपके मन में कोई ऐसा तरीका आयेगा, जो आपके किसी खास काम को पूरा करेगा। ऑफिस में आज आपकी एक्टीविटी पर नजर रखी जा सकती है। आपको संभलकर रहना चाहिए। अगर पहले आपकी किसी मित्र से अनबन हुई है, तो वो आज दोस्ती का हांथ बढ़ायेंगे। स्वास्थ्य में आज कुछ गिरावट हो सकती है। जो लोग स्पोर्ट्स के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, आज उनका दिन सामान्य रहने वाला है। बड़े-बुजुर्ग का आशीर्वाद प्राप्त होगा। अनाथालय में जाकर बच्चों को कुछ खाने की चीजें भेंट करें, आपकी सभी समस्याओं का हल निकलेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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*वृश्चिक*11-06-2021
छात्रों के लिए यह एक अच्छा दिन है। छात्र प्रतियोगिताओं में अच्छा करेंगे और अपनी इच्छाओं के अनुरूप संस्थान में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। पारिवारिक जीवन हमेशा की तरह सुचारु रहेगा। दिन के दौरान कुछ संपत्ति के मामलों से आप अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। कार्य स्थल पर बहुत अधिक तनाव और दबाव आप में से कुछ को बेचैन कर सकता है। मानसिक तनाव के कारण स्वास्थ्य को एक झटका लग सकता है। आराम करने के लिए पर्याप्त समय लें।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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*धनु*11-06-2021
आज आपकी रोमांटिक प्रवृति उजागर होगी। अध्ययन में आ रही बाधा दूर होगी। सावधानी से काम लेकर विवादों को टालें। लव लाइफ में खुशी बनी रहेगी। निजी जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। बेहतर होगा आप अपने जीवनसाथी की सोच को समझने का प्रयास करें। अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएँ तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए। ऑफिस या वर्क प्लेस पर तनावपूर्ण स्थिति बन सकती है। आज आप दोस्तों और परिवार की जरूरतों में फंस सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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*मकर*11-06-2021
बिजनेस और नौकरी में कुछ अच्छा होने के इशारे मिल सकते हैं। किसी खास मामले को लेकर परिवार से बातचीत हो सकती है। ऑफिस के काम या अपने किसी शौक के कारण आप व्यस्त हो सकते हैं। किसी जरूरी पार्टनरशिप की दिशा में प्रगति होने के भी योग बन रहे हैं । कुछ जिम्मेदारियां और जरूरी काम आपको निपटाने पड़ सकते हैं। निवेश करने या किसी को आर्थिक मदद देने के पहले सलाह कर लें। नए मकान खरीदने का मन बन सकता है। धार्मिक यात्रा का भी योग है
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : आसमानी नीला
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*कुंभ*11-06-2021
आज आप किसी काम में माता-पिता की सलाह लेंगे। ये सलाह लाभकारी रहेगी। आज आपके मन में सामाजिक कार्य करने के लिए कई नए विचार आएगें। सोसाइटी के लोग आपके अच्छे व्यवहार से खुश रहेंगे। ऑफिस में किसी सहकर्मी से कामकाज में जो सलाह मिलेगी, वो आपके लिए कारगर साबित होगी। आपका वैवाहिक जीवन मधुरता से परिपूर्ण रहेगा। कई दिनों से पैसों के उलझे मामले आज सुलझ जायेंगे। आपकी खुशियों में इजाफा होगा। मंदिर में दही दान करें, समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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*मीन*11-06-2021
आपके सहकर्मी समूह के मध्य आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। व्यावसायिक रूप से चीजें सुचारू रहेंगी और अच्छी प्रगति होगी। आपकी आमदनी बढ़ेगी। आपको आमदनी के नए रास्ते भी मिलेंगे। भाई-बहनों और बड़ों के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण और प्रेमपूर्ण रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ छोटी यात्राओं या भ्रमण की योजना बन सकती है। आपका पारिवारिक-जीवन आनंदमय और खुशहाल रहेगा। आज पिता के स्वास्थ्य की स्थिति चिंता का विषय हो सकती है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : गहरा नीला
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आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631, 9149003677

मुहूर्त विज्ञान – 
सेठ रामनारायण जी कि कन्या का विवाह होने के पुर्व सेठ जी ने पंडित ब्रह्मांडधरजी शेषनारायण शर्मा वेद ज्योतिष के ज्ञाता को घर बुला कर कहा. अक्षय तृतिया को मेरी पुत्री का विवाह आपको संपन्न कराना है लडका विदेश से लौटा है समधीजी बहुत बडे सरकारी पद पर है आप समय का ध्यान रखिएगा कही भुल मत जाना वे लोग समय के बडे पक्के है
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विवाह का दिन पंडित जी कन्या के पिता माता से बोले फेरो के लिए मंडल मांडना है सामान देवे व स्थान बताए
यजमान पंडित जी बस दो मिनिट अभी देते है
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पंडितजी ने फिर याद दिलाया मुहूर्त का समय समीप आ रहा है
यजमान ने ध्यान नही दिया फोटो ग्राफर को टेट वाले को बहुत सा धन दिया था लाखो रूपया विवाह मे खर्च किया गया. था सांवली लडकी गौरी दिखे इसलिए प्रसिद्ध मेकअप श्रुंगार करने वाले को बुलाया था
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मुहूर्त का समय निकट आने पर भी जब यजमान ने ध्यान न दिया पंडितजी यजमान से बोले अब मे यह विवाह नही करा सकता हूँ
यजमान ने पहले क्षमा मांगी फिर धन का प्रलोभन दिया फिर कहा की सेठ रामानारायण की कन्या का विवाह आप नही कराओगे तो क्या बिगड जायगा???? विवाह मे १० अन्य पंडितजी भी आये थे
पंडित ब्रह्मांडधर जी बोले मुहूर्त मे विवाह न होने से कन्या को कष्ट होगा इतना कह कर पंडित जी घर चले आये
अन्य पंडित जी दुसरे पंडित जी ने विवाह करवाया किंतु मुहूर्त बीत जाने के बाद
क्योकी लाखो रूपये शादी मे लगे थे #फेरो #का #क्या #कभी #भी #करा #सकते #है #यह #यजमान #की #सोच #थी
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लगभग १५ साल बाद 📌📌
पंडित ब्रह्मांडधरजी के घर पर सेठ रामनारायण पधारे क्षमा मांगते हुए पुत्री की कुंडली व अपने जमाई कि कुंडली बताते हुए पुछने लगे इनकी संतान क्यो नही जीवित रहती है हर बार मृत संतान होती है क्या दोष है सब उपाय कर लिए
पंडितजी बोले मुहूर्त दोष है #जिस #दिन #कन्या #का #विवाह था #मुहूर्त #बीत जाने के कारण
#व्याधात योग के #मध्य विवाह होने से संतान योग होने पर भी संतान मृत हो रही है
याद रखे सेठ रामनारायण
फोटो ग्राफर फोटो व विडियो अच्छी बना सकता है
रसोईया भोजन अच्छा बना सकता है मेकअप वाला सांवले को गौरा बना सकता है
किंतु एक मुहूर्त और ज्ञानी पंडित ही है जो आपकी पुत्री या पुत्र का जीवन सफल बना सकता है
#शास्त्र का सनमान करे मुहूर्त व विवाह मे किसकी ज्यादा जरूरत है उसकी पहचान करे
कापी पेस्ट कर सकते है अपने नाम से भी पोस्ट कर सकते है
#मुहूर्त की आवश्यकता ✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒✒
जिन्हे शंका हो शास्त्र का अवलोकन करे
वैदिक विवाह का मुहूर्त ६० से अधिक दोष व कुयोगों को देखकर निकाला जाता है समय का सनमान करे

 

हम न्यूटन को जानते हैं, स्वामी #ज्येष्ठदेव को नहीं..

क्या आप न्यूटन को जानते हैं??

जरूर जानते होंगे, बचपन से पढ़ते आ रहे हैं…

लेकिन क्या आप स्वामी #माधवन या ज्येष्ठदेव को जानते हैं?

नहीं जानते होंगे… तो अब जान लीजिए.

अभी तक आपको यही पढ़ाया गया है कि न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक ही कैलकुलस, खगोल विज्ञान अथवा गुरुत्वाकर्षण के नियमों के जनक हैं,

लेकिन वास्तविकता यह है कि इन सभी वैज्ञानिकों से कई वर्षों पूर्व पंद्रहवीं सदी में दक्षिण भारत के *स्वामी ज्येष्ठदेव* ने ताड़पत्रों पर गणित के ये तमाम सूत्र लिख रखे हैं.

इनमें से कुछ सूत्र ऐसे भी हैं, जो उन्होंने अपने गुरुओं से सीखे थे। यानी गणित का यह ज्ञान उनसे भी पहले का है, परन्तु लिखित स्वरूप में नहीं था.

“मैथेमेटिक्स इन इण्डिया”पुस्तक के लेखक किम प्लोफ्कर लिखते हैं कि, “तथ्य यही हैं सन 1660 तक यूरोप में गणित या कैलकुलस कोई नहीं जानता था। जेम्स ग्रेगरी सबसे पहले गणितीय सूत्र लेकर आए थे.

जबकि सुदूर दक्षिण भारत के छोटे से गाँव में स्वामी ज्येष्ठदेव ने ताड़पत्रों पर कैलकुलस, त्रिकोणमिति के ऐसे-ऐसे सूत्र और कठिनतम गणितीय व्याख्याएँ तथा संभावित हल लिखकर रखे थे, कि पढ़कर हैरानी होती है.

इसी प्रकार चार्ल्स व्हिश नामक गणितज्ञ लिखते हैं कि…..

“मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ कि शून्य और अनंत की गणितीय श्रृंखला का उदगम स्थल केरल का मालाबार क्षेत्र है”.

स्वामी ज्येष्ठदेव द्वारा लिखे गए इस ग्रन्थ का नाम है “युक्तिभाष्य”, जो जिसके पंद्रह अध्याय और सैकड़ों पृष्ठ हैं.

यह पूरा ग्रन्थ वास्तव में चौदहवीं शताब्दी में भारत के #गणितीय ज्ञान का एक संकलन है, जिसे संगमग्राम के तत्कालीन प्रसिद्ध गणितज्ञ स्वामी माधवन की टीम ने तैयार किया है.

स्वामी माधवन का यह कार्य समय की धूल में दब ही जाता, यदि स्वामी ज्येष्ठदेव जैसे शिष्यों ने उसे ताड़पत्रों पर उस समय की द्रविड़ भाषा (जो अब मलयालम है) में न लिख लिया होता.

इसके बाद लगभग 200 वर्षों तक गणित के ये सूत्र “श्रुति-स्मृति” के आधार पर शिष्यों की पीढी से एक-दुसरे को हस्तांतरित होते चले गए.

भारत में श्रुति-स्मृति (गुरु के मुंह से सुनकर उसे स्मरण रखना) परंपरा बहुत प्राचीन है.

इसलिए सम्पूर्ण लेखन करने (रिकॉर्ड रखने अथवा दस्तावेजीकरण) में प्राचीन लोग विश्वास नहीं रखते थे.

जिसका नतीजा हमें आज भुगतना पड़ रहा है, कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में संस्कृत भाषा के छिपे हुए कई रहस्य आज हमें पश्चिम का आविष्कार कह कर परोसे जा रहे हैं.

जॉर्जटाउन विवि के प्रोफ़ेसर होमर व्हाईट लिखते हैं कि संभवतः पंद्रहवीं सदी का गणित का यह ज्ञान धीरे-धीरे इसलिए खो गया, क्योंकि कठिन गणितीय गणनाओं का अधिकाँश उपयोग खगोल विज्ञान एवं नक्षत्रों की गति इत्यादि के लिए होता था. सामान्य जनता के लिए यह अधिक उपयोगी नहीं था.

इसके अलावा जब भारत के उन #ऋषियों ने *दशमलव* के बाद ग्यारह अंकों तक की गणना एकदम सटीक निकाल ली थी, तो गणितज्ञों के करने के लिए कुछ बचा नहीं था.

ज्येष्ठदेव लिखित इस ज्ञान के “लगभग” लुप्तप्राय होने के सौ वर्षों के बाद पश्चिमी विद्वानों ने इसका अभ्यास 1700 से 1830 के बीच किया.

चार्ल्स व्हिश ने “युक्तिभाष्य” से सम्बंधित अपना एक पेपर “रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन एंड आयरलैंड” की पत्रिका में छपवाया.

चार्ल्स व्हिश ईस्ट इण्डिया कंपनी के मालाबार क्षेत्र में काम करते थे, जो आगे चलकर जज भी बने.

लेकिन साथ ही समय मिलने पर चार्ल्स व्हिश ने भारतीय ग्रंथों का वाचन और मनन जारी रखा.

व्हिश ने ही सबसे पहले यूरोप को सबूतों सहित “युक्तिभाष्य” के बारे में बताया था.

वरना इससे पहले यूरोप के विद्वान भारत की किसी भी उपलब्धि अथवा ज्ञान को नकारते रहते थे और भारत को साँपों, उल्लुओं और घने जंगलों वाला खतरनाक देश मानते थे.

ईस्ट इण्डिया कंपनी के एक और वरिष्ठ कर्मचारी जॉन वारेन ने एक जगह लिखा है कि “हिन्दुओं का ज्यामितीय और खगोलीय ज्ञान अदभुत था. यहाँ तक कि ठेठ ग्रामीण इलाकों के अनपढ़ व्यक्ति को मैंने कई कठिन गणनाएँ मुँहज़बानी करते देखा है”.

स्वाभाविक है कि यह पढ़कर आपको झटका तो लगा होगा, परन्तु आपका दिल सरलता से इस सत्य को स्वीकार करेगा नहीं, क्योंकि हमारी आदत हो गई है कि जो पुस्तकों में लिखा है, जो इतिहास में लिखा है अथवा जो पिछले सौ-दो सौ वर्ष में पढ़ाया-सुनाया गया है, केवल उसी पर विश्वास किया जाए.

हमने कभी भी यह सवाल नहीं पूछा कि पिछले दो सौ या तीन सौ वर्षों में भारत पर किसका शासन था?

किताबें किसने लिखीं?
झूठा इतिहास किसने सुनाया?
किसने हमसे हमारी संस्कृति छीन ली?
किसने हमारे प्राचीन ज्ञान को हमसे छिपाकर रखा?

लेकिन एक बात ध्यान में रखें कि पश्चिमी देशों द्वारा अंगरेजी में लिखा हुआ भारत का इतिहास, संस्कृति हमेशा सच ही हो, यह जरूरी नहीं.

आज भी ब्रिटिशों के पाले हुए पिठ्ठू, भारत के कई विश्वविद्यालयों में अपनी “गुलामी की सेवाएँ” अनवरत दे रहे हैं.

सोचिये, क्या भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, जो अरब में जन्में एक मुसलमान थे, हमें ये ज्ञान प्राप्त करने देते ?

और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री तो खुद भारत की खोज में लगे हुये थे, फिर भी ये ज्ञान को आपके सामने आने से रोका।

हमें तो बाबा “ब्लैक शीप और ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार” रटाते रहे और अंग्रेज हमसे ज्यादा पढ़े लिखे ज्ञानी हैं, समझाते रहे।