🔯पौष-कृष्ण-१५-२०७७🔯
🔥 13जनवरी 2021
दिन —– *बुधवार*
तिथि — *अमावस्या-10:32am तक* फिर प्रतिपदा
नक्षत्र ——- *उत्तरा आषाढ़*
पक्ष —— *कृष्ण*
अमांत माह- मार्गशीर्ष-३०
पूर्णिमांत माह- पौष-१४
माह– — *पौष*
ऋतु ——– *हेमन्त*
सूर्य उत्तरायणे,*दक्षिण गोले*
विक्रम सम्वत –2077 -प्रमादी
दयानन्दाब्द — 196
शक सम्बत -1942
मन्वन्तर —- वैवस्वत
कल्प सम्वत–1972949122
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२२
🍑 *पहला सुख निरोगी काया* :
अगर गर्भवती को उल्टी हो तो, अजवाइन को नींबू के रस में भिगोकर सुखा लें और स्वाद अनुसार काला नमक मिला लें, फिर 5 -10 दाने समय-समय पर चूसते रहें, उल्टी नहीं होगी। .
🌺जय श्री बदरी विशाल। लोहड़ी त्यौहार की मङ्गलमयी शुभकामनाएं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी को सद्भावना और उल्लास के पावन पर्व “लोहड़ी” की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं। उन्होंने कहा कि लोहड़ी का प्रकाश आपकी जिंदगी को प्रकाशमय कर दे और आपके जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति लाए, ऐसी ईश्वर से मंगल कामना करता हूं।
🏵 *हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन! आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5122 वर्ष चल रहा है , वेदोत्पत्ति मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बाईसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार सतत्तर है,दयानन्दाब्द 196वां है, सूर्य उत्तर अयन में दक्षिण गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु हेमन्त , मास *पौष* का कृष्ण पक्ष ,तिथि – *अमावस्या* नक्षत्र – *
*…संतान को दोष न दें…*😡
बालक को *’इंग्लिश मीडियम’* में पढ़ाया…
*’अंग्रेजी’* बोलना सिखाया…😡
*’बर्थ डे’* और *’मैरिज एनिवर्सरी’*
जैसे जीवन के *’शुभ प्रसंगों’* को *’अंग्रेजी कल्चर’* के अनुसार जीने को ही *’श्रेष्ठ’* मानकर…
माता-पिता को
*’मम्मा’* और *’डैड’* कहना सिखाया…😡
😂जब *’अंग्रेजी कल्चर’* से परिपूर्ण बालक बड़ा होकर, आपको *’समय’* नहीं देता… आपकी *’भावनाओं’* को नहीं समझता… आप को *’तुच्छ’* मानकर *’जुबान लड़ाता’* है और आप को बच्चों में कोई *’संस्कार’* नजर नहीं आता है… तब घर के वातावरण को *’गमगीन किए बिना’*… या…
*’संतान को दोष दिए बिना’*… कहीं *’एकान्त’* में जाकर *’रो लें’*…🧐
*क्योंकि…*
पुत्र की पहली वर्षगांठ से ही,
*’भारतीय संस्कारों’* के बजाय
*’केक’* कैसे काटा जाता है… सिखाने वाले आप ही हैं…😡
*’हवन कुण्ड में आहुति’* कैसे डाली जाए…
*मंदिर, मंत्र, पूजा-पाठ, गीता 🕉️रामायण पढ़ना पढ़ाना आदर-सत्कार के संस्कार देने के बदले…*
केवल *’फर्राटेदार अंग्रेजी’* बोलने को ही… अपनी *’शान’* समझने वाले आप…😡
बच्चा जब पहली बार घर से बाहर निकला तो उसे
*’प्रणाम-आशीर्वाद’* के बदले
*’बाय-बाय’*
कहना सिखाने वाले आप…😡
परीक्षा देने जाते समय
*’इष्टदेव-बड़ों के पैर छूने’* के बदले
*’Best of Luck’*
कह कर परीक्षा भवन तक छोड़ने वाले आप…😡
बालक के *’सफल’* होने पर… घर में परिवार के साथ बैठ कर *’खुशियाँ’* मनाने के बदले…
*’होटल में पार्टी मनाने’* की *’प्रथा’* को बढ़ावा देने वाले आप…😡
बालक के विवाह के पश्चात्…
*’कुल देवता – देव दर्शन’*
को भेजने से पहले…
*’हनीमून’* के लिए *’फाॅरेन-टूरिस्ट स्पॉट’* भेजने की तैयारी करने वाले आप…😡
ऐसी ही ढेर सारी *’अंग्रेजी कल्चर्स’* को हमने जाने-अनजाने *’स्वीकार’* कर लिया है…🧐
अब तो बड़े-बुजुर्गों और श्रेष्ठों के *’पैर छूने’* में भी *’शर्म’* आती है…🧐
गलती किसकी…??
मात्र आपकी “यानि” (माँ-बाप की)*…😡
अंग्रेजी International *’भाषा’* है…
इसे *’सीखना’* जरूरी है…
किन्तु इसकी *’संस्कृति’* को…
*’जीवन में उतारना’*नहीं है…😡
आज हम बच्चों को माँ को म मा,मम्मी
पिता जी को डेड हर रिश्ते ko शॉर्ट फॉर्म से संबोधन सिखाते है l
गलती किसकी…??
मात्र आपकी “यानि” (माँ-बाप की)*…
*मानो तो ठीक…नहीं तो भगवान ने जिंदगी दी है… चल रही है… और चलती रहेगी…*
*सोच कर देखें…*
*अपने और अपने परिवार, समाज और संस्कृति को बचाने का प्रयास करें… लाभ भी आपका ही है…*
*…बाकी आपकी ईच्छा…*
*🔱*प्रत्येक देश का अपना अपनी अपनी संस्कृति है अपने अपने हिसाब की पारिवारिक संगठन है इंग्लैंड आदि देशों में हमारी तरह परिवार का कंसेप्ट नहीं है इसलिए वहां की अंग्रेजी शिक्षा भारत में लागू करने का दुष्परिणाम सबसे ज्यादा यह हुआ कि हमारे यहां की जो कृषि व्यवस्था परिवार आधारित थी उस पर आघात हुआ परिवार कृषि व्यवस्था की रीड है अंग्रेजी शिक्षा की वजह से परिवार परिवार नाम की संस्था धीरे-धीरे लुप्त हो रही है यह भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। इसलिए अपने बच्चों को काम चलाने लायक अंग्रेजी सिखाना अच्छी बात है उनके पास हिंदी और स्थानीय बोली के अलावा एक अंतरराष्ट्रीय भाषा का संज्ञान होना बुरा नहीं है लेकिन बच्चों को अंग्रेज बना देना ना केवल परिवार के लिए घातक है बल्कि भारतवर्ष के लिए भी शुभ नहीं है भारत की 24 व स्थानीय भाषाओं में अपने अपने क्षेत्र की स्थानीय भाषा अवश्य सिखाएं आपके क्षेत्र में काम चलाने योग्य अंग्रेजी सिखाने का कार्य तो शिशुमंदिर और सरकारी विद्यालयों में भी बहुत अच्छा होता है फिर काहे बच्चों को मंहंगे स्कूलों में भेजकर उन्हें अंग्रेज में बनाते हैं? चिंतन करें। 💐🙏
🌺🌺💐 नर्सिंग और लैंन पंडितों के लिए 171 पद और अन्य धर्म गुरुओं के लिए भी भर्तियां निकली हैं इन भर्तियों के लिए ऑनलाइन आवेदन www.joinindianarmy.nic.in साईट सलेक्ट कर आवेदन कर सकते हैं। धर्म गुरूओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की वेबसाइट दिनांक ११जनवरी २०२१ को खुल गयी और दिनांक ९ फरवरको २०२१ को शाम पांच बजे बंद होगी। वटसैप पर इसकी पीडीएफ फाइल भी वायरल है।