आज का पंचाग, आपका राशि फल, पंचांग क्यों पढ़ना चाहिए, और शरद ऋतु में स्वास्थ्य व आत्मरक्षा के लिए घरेलू उपचार

आदरणीय! नित्य पंचाग अवश्य पढ़ें इससे कलिकाल एवं शकरकाल का संज्ञान रहता है यानी आप अपडेट रहते हैं। समय सबसे मूल्यवान है उसकी उपयोगिता पता चलती है। जैसे दवाई से धीरे धीरे रोग कटते हैं वैसे पंचाग पढ़ने से कालचक्र के दुष्प्रभाव नहीं फटकते एवं कष्ट कटते हैं। ब्राह्मणों के पंचाग भगवान भगवान कृष्ण भी नित्य पढ़ते थे। पंंचाग का नित्य अध्ययन आपको आने वाले कष्ठों का पूर्वाभाष कराता है और आप सचेत हो जाते हैं।साधक त्रिकालदर्शी हो जाते हैं और उन्हें वागसिद्धि मिलती है। पंचाग का यही गूढ़ रहस्य है। – – हरीश मैखुरी 

*बड़ो की छत्रछाया हमारी*
*संस्कृति और संस्कार है*
*”बोझ नहीं” यह हमारा*
*सुरक्षा कवच है…*
*इन्हें सम्भाल कर रखिये।*
*बदन मेरा मिट्टी का*
*साँसे मेरी उधार हैं*
*घमंड करो तो किस बात का*
*हम सब उसके ही तो किराएदार है*

🍁🕉*🙏सुप्रभात🙏*🕉🍁

*वस्त्रों का त्याग करना भी साधना हो सकता लेकिन किसी वस्त्रहीन को देखकर अपना वस्त्र देकर उसके तन को ढक देना उससे बड़ी बात है। ऐसे ही भोजन का त्याग भी साधना  है किसी भूखे की भूख मिटाने के लिए भोजन दान करना उससे बढ़कर है।*
*साधना का बड़ा अर्थ है स्वयं के लिए स्वार्थ और से ऊप र उठकर समाज के लिए, रास्ट्र के लिए त्याग करना। दूसरों के लिए विष तक पी जाने की भावना के कारण ही तो भगवान शिव महादेव बने। जो स्वयं के लिए जीये वो देव, जो सवके लिए जीये वो महादेव*
*आज का आदमी धर्म को जीने की अपेक्षा खोजने में लगा है। धर्म ना तो सुनने का विषय है ना वोलने का, सुनते-वोलते धर्ममय हो जाना है। धर्म आवरण नहीं आचरण है। धर्मं चर्चा नहीं चर्याय** जय श्री राधे कृष्णा🙏*

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, २१ दिसंबर २०२०🌻

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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 21 दिसम्बर 2020*
⛅ *दिन – सोमवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शिशिर*
⛅ *मास – मार्गशीर्ष*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – सप्तमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात अष्टमी*
⛅ *नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
⛅ *योग – सिद्धि दोपहर 11:52 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
⛅ *राहुकाल – सुबह 08:33 से सुबह 09:54 तक*
⛅ *सूर्योदय – 07:12*
⛅ *सूर्यास्त – 18:01*
⛅ *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*

सूर्योदय: 🌄 ०७:२०

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१
चन्द्रोदय: 🌝 १२:१३
चन्द्रास्त: 🌜००:०२
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🌲 हेमन्त
शक सम्वत: 👉 १९४२ (शर्वरी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७७ (प्रमादी)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉सप्तमी – १६:१४ तक
नक्षत्र 👉 पूर्वाभाद्रपद – २३:०३ तक
योग 👉 सिद्धि – ११:५२ तक
प्रथम करण 👉 वणिज – १६:१४ तक
द्वितीय कारण 👉 विष्टि – ०५:१० तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 धनु
चंद्र 🌟 मीन (१६:१८ से)
मंगल 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 धनु (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 तुला (उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:३६
अमृत काल 👉 १४:२३ से १६:०७
विजय मुहूर्त 👉 १३:५७ से १४:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:११ से १७:३५
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४८ से ००:४३
राहुकाल 👉 ०८:२५ से ०९:४२
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:५९ से १२:१५
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (२३:०३ तक)
अग्निवास 👉 पाताल (१६:१४ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्युलोक १६:१४ से ०५:१०
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर १६:२९ से)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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रवि उत्तरायणे, शिशिर ऋतु आरम्भ आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २३:०३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (सो, द, दी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय चरण अनुसार क्रमश (दू, थ) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – ०६:४८ से ०८:५२
मकर – ०८:५२ से १०:३३
कुम्भ – १०:३३ से ११:५९
मीन – ११:५९ से १३:२२
मेष – १३:२२ से १४:५६
वृषभ – १४:५६ से १६:५१
मिथुन – १६:५१ से १९:०६
कर्क – १९:०६ से २१:२७
सिंह – २१:२७ से २३:४६
कन्या – २३:४६ से ०२:०४
तुला – ०२:०४ से ०४:२५
वृश्चिक – ०४:२५ से ०६:४४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:०९ से ०८:५२
रोग पञ्चक – ०८:५२ से १०:३३
शुभ मुहूर्त – १०:३३ से ११:५९
मृत्यु पञ्चक – ११:५९ से १३:२२
रोग पञ्चक – १३:२२ से १४:५६
शुभ मुहूर्त – १४:५६ से १६:१४
मृत्यु पञ्चक – १६:१४ से १६:५१
अग्नि पञ्चक – १६:५१ से १९:०६
शुभ मुहूर्त – १९:०६ से २१:२७
रज पञ्चक – २१:२७ से २३:०३
शुभ मुहूर्त – २३:०३ से २३:४६
चोर पञ्चक – २३:४६ से ०२:०४
शुभ मुहूर्त – ०२:०४ से ०४:२५
रोग पञ्चक – ०४:२५ से ०६:४४
शुभ मुहूर्त – ०६:४४ से ०७:०९
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन सामाजिक कार्यो में समर्पित रहेगा आज आप परोपकार एवं स्वार्थ सिद्धि के बीच उलझे रहेंगे अपने नियत कार्यो में फेरबदल कर मित्र परिचितों के आवश्यक कार्यो में समय देना पड़ेगा लेकिन प्रशंशा की जगह आज अपमान हो सकता है विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र पर विपरीत लिंगीय से सावधानीपूर्वक व्यवहार करें लांक्षन लगने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में सहकर्मी अथवा अधीनस्थों के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा जिससे लाभ की संभावना भी आज कम ही रहेगी। आत्मनिर्बर होकर जोभी कार्य करेंगे उसमे आरंभिक परेशानी के बाद आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। सेहत भी अकस्मात ही नरम होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये किसी बहुप्रतीक्षित कामना की पूर्ति कराएगा लेकिन इसके लिये व्यवहार में मिठास भी रखनी पड़ेगी अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकते है। दिन के आरंभ से ही किसी जरूरी कार्य को लेकर व्यस्त रहेंगे दोपहर के बाद इसके पूर्ण होने पर राहत मिलेगी। आज किसी सार्वजनिक कार्य को लेकर भी दिनचार्य में बदलाव करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय स्थल पर अनुकूल वातावरण कुछ समय के लिये ही मिलेगा इसका समय रहते लाभ उठाएं अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। धन की आमद आज बिना मेहनत के ही हो जाएगी जिससे स्वभाव में आलस्य रहेगा। महिलाओ का दिमाग बिना मेहनत सफलता मिलने पर सातवे आसमान पर रहेगा। संध्या के समय सेहत थोड़ी नरम रहने पर भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप धार्मिक कार्यो में अधिक रुचि लेंगे दिन के आरंभिक भाग में व्यस्तता में भी पूजा पाठ के लिये समय निकाल लेंगे दिन का आरंभ ऊर्जावान रहने से शेष भाग में भी मानसिक रूप से शांति बनी रहेगी। मध्यान के बाद स्वभाव में ईर्ष्या आएगी जिससे लोगो मे आपके प्रति हीनभावना बढ़ सकती है लेकिन आपके परोपकारी स्वभाव के चलते लोग छोटी मोटी बातो को अनदेखा करेंगे। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे यहाँ लोभ से बचे अन्यथा थोड़े बहुत लाभ से भी वंचित हो जाएंगे। घर मे आज वैचारिक मतभेद रहने के बाद भी आपके कद में वृद्धि होगी। अपच के कारण अन्य शारीरिक समस्या बन सकती है खान पान में संयम बरते।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा सेहत आज लगभग सामान्य बनी रहेगी कार्य क्षेत्र पर अथवा अन्य कारणों से जमा पूंजी खर्च करेंगे। मध्यान तक कि दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी इसके बाद ही थोड़ी स्थिरता आ पाएगी। काम धंधे को लेकर कोई नई संमस्या खड़ी होगी इसका आज निपटारा सम्भव नही जोर जबरदस्ती भी ना करें अन्यथा बात बिगड़ सकती है। आज अपने बलबूते ही कार्य करने का प्रयास करे अन्य के भरोसे बैठकर हानि हो सकती है धन की आमद खर्च से कम रहने के कारण आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। शादी विवाहादि के कार्य में सहभागिता देनी पड़ेगी। महिलाए आज अपने मन की करेंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन से आप कुछ ना कुछ लाभ अवश्य उठाएंगे आपका निखारा हुआ व्यक्तित्त्व भी कठिन कार्यो को आसान बनाने में सहायता करेगा। जिस भी कार्यो को करेंगे पूर्ण समर्पित भाव से ही करेंगे इसलिये किसी का भी गैरजिम्मेदार व्यवहार पसंद नही करेंगे। आज छोटे भाई बहन को आपसे अथवा आपको उनसे किसी भी रूप में लाभ होने की सम्भवना है। शत्रु पक्ष अपनी ही गलतियों के कारण आपके सामने आने की हिम्मत नही कर पाएंगे। व्यावसायिक स्थल पर आपकी बातों को महत्त्व मिलेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने का पूरा लाभ उठाये लेकिन आज अतिआत्मविश्वाश और अहम की भावना से बचे अन्यथा परिणाम विपरीत हो सकते है। आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से यात्रा करनी पड़ सकती है इसमे सतर्कता बरते।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिये खर्चीला रहेगा। आपका स्वभाव भी दिखावा पसन्द रहने के कारण आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भाग्य का साथ कम ही मिलेगा मध्यान के बाद लाभ के अवसर मिलेंगे जिन्हें लापरवाही के चलते हाथ से निकाल सकते है। धन की आमद को लेकर आज बेपरवाह रहेंगे फिर भी काम चलाऊ हो ही जायेगी। कोर्ट कचहरी अथवा अन्य सरकारी कार्यो के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा आज जितना हो सके व्यर्थ के खर्च से बचे नहीं तो बाद में आर्थिक उलझने परेशान करेंगी। नौकरी पेशाओ का अधिकारी वर्ग से अनबन होने की संभावना है जिसका परिणाम बाद में परेशान करेगा जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें। पति-पत्नी में किसी न किसी बात को लेकर मतभेद रहेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप अधिकांश कार्य बुद्धि विवेक के साथ करेंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहने के कारण अपना हित साधने के लिये किसी अन्य को परेशानी में डालने में संकोच नही करेंगे। घर अथवा बाहर पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति का जिद्दी स्वभाव क्रोध दिलाएगा लेकिन ध्यान रखें आज धैर्य रखने पर ही इनसे लाभ और सम्मान मिलेगा। महिलाए के मन मे कोई गुप्त युक्ति लगी रहेगी स्वभाव भी सनकियो जैसा रहने के कारण आस पास के लोगो को पसंद नही आएगा। अचल संपत्ति के कार्यो में आज ढील देना ही बेहतर है सरकारी पचड़ों से स्वयं को दूर रखें। संध्या के समय कही से आकस्मिक धन अथवा शुभ समाचार मिल सकता है। आवश्यक कार्य आज पूरा कर लें इसके बाद कलह क्लेश की भेंट चढ़ेगा। शरीर मे छोटी मोटी व्यादि लगी रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन विपरीत फलदायी रहेगा स्वभाव में रखापन और बात बात पर क्रोध आने से आसपास के लोग आपके साथ व्यवहार करने में असहज अनुभव करेंगे। मध्यान तक ज्यादा आवश्यकता पड़ने पर ही बोले इसके बाद स्वभाव में नरमी आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर कोई भी भला बुरा निर्णय लेने से पहले अवश्य विचार करें शीघ्र ही इसकी पुनरावृति होगी। कार्य व्यवसाय को लेकर भी मध्यान तक कोई न कोई दुविधा लगी रहेगी इसके बाद कहि से आकस्मिक लाभ मिलने पर शान्ति मिलेगी। सहकर्मी अथवा किसी स्वजन पर अनैतिक दबाव ना बनाये अन्यथा स्वयं ही मुसीबत में फसेंगे। पति पत्नी एक दूसरे की भावनाओ को समझे छोटी बातों पर कलह हो सकती है। पेट संबधित संमस्या लगी रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको किसी ना किसी रूप में धन अथवा अन्य लाभ कराएगा लेकिन आज भी मन मे चल रही कामना पूर्ति होने में कोई व्यवधान अवश्य आएगा। दिन के आरम्भ में आलसी स्वभाव के कारण दिनचार्य धीमी चलेगी लेकिन मध्यान के समय कही से लाभ की संभावना बनने पर कार्य के प्रति गंभीरता आएगी। कार्य क्षेत्र पर पुरानी योजना से लाभ होगा नए कार्यो में भी निवेश कर सकते है निकट भविष्य में लाभ देगा। महिलाओ की मानसिकता आज सुखोपभोग की रहेगी जिस कारण घर के कार्य अस्त व्यस्त होंगे। आज अचल संपत्ति सम्पति संबंधित अधूरे कार्य को प्रथमिकता दे सफलता की संभावना अधिक है। विपरीत लिंगीय के प्रति शीघ्र आकर्षित हो जाएंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज परिस्थियां आपके अनुकूल तो नहीं फिर भी मन को संतोष अवश्य देंगी। सुबह से ही आलस्य प्रमाद में रहेंगे कार्य क्षेत्र को लेकर किसी विशेष सोच में समय खराब होगा मौके की तलाश में रहेंगे परन्तु आज भाग दौड़ से बचने का प्रयास होने वाले लाभ में कमी लाएगा। कार्य क्षेत्र पर मंदी के कारण मन कम ही लगेगा फिर भी संध्या के आसपास कामचलाऊ धन की आमद हो जाएगी। घर मे आपका उदासीन व्यवहार परिजनों को पसंद नही आएगा बड़े बुजुर्गों से मार्गदर्शन के साथ ताने भी सुनने को मिलेंगे। सरकारी क्षेत्र से आज संभावना होने पर भी लाभ नहीं मिल सकेगा। संध्या का समय राहत वाला रहेगा किसी समारोह में सम्मिलित होंगे प्रियजनों से भेंट मन हल्का करेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपका व्यवहार बच्चों जैसा रहेगा अपनी बचकाना हरकतों से नाराज लोगो को भी हंसने पर मजबूर करेंगे। दिन के आरम्भ से मध्यान तक लगभग सभी कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे किसी की डांट फटकार सुनने के बाद ही स्वभाव में गंभीरता आएगी। मीठा बोलने वालों से आज विशेष सावधानी बरतें पीठ पीछे आपको हानि पहुँचा सकते है। कार्य व्यवसाय में दोपहर के बाद लाभ की संभावना बनेगी लेकिन टलते टलते संध्या के समय आकस्मिक रूपनसे होगी। धन आज आएगा लेकिन टिकेगा नही रूठो को मनाने अथवा पारिवारिक व्यवहारों पर खर्च करना पड़ेगा। शाम के समय थकान बनने से उत्साह हीनता बढ़ेगी। संचित कोष में कमी आएगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपको आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है। जाने अनजाने कोई ऐसा काम हो सकता है जिसका भुगतान लंबे समय तक करना पड़ेगा साथ ही किसी प्रियजन से संबंधों में खटास भी बनेगीं। कार्य व्यवसाय से आज जो भी उम्मीद लगाएंगे परिणाम उसके विपरीत ही रहने वाले है इसलिए आर्थिक मामलों में अधिक सतर्कता बरते। उधार लिया धन शीघ्र लौटाने का प्रयास करें अन्यथा मान हानि हो सकती हैं। परिजन का व्यवहार भी अनापेक्षित रहेगा जिससे बात बात पर गुस्सा आएगा आज धैर्य और विवेक का परिचय दें कल से परिस्थिति सुधरने लगेगी। किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें हानि ही निश्चित है। यात्रा टालने के प्रयास करे सेहत बिगड़ने की संभावना है।
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⛅ *व्रत पर्व विवरण – शिशिर ऋतु प्रारंभ*
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुए नाराज हुए, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नहीं थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ 21 दिसम्बर 2020 सोमवार को दोपहर 11:53 से 22 दिसम्बर, मंगलवार को दोपहर 12:11 तक व्यतिपात योग है।*🙏🏻 *

🌷 *शीत (हेमन्त तथा शिशिर) ऋतुचर्या* 🌷
➡ *21 दिसम्बर 2020 सोमवार से शिशिर ऋतु प्रारंभ ।*
🔹 *शीत ऋतु के अंतर्गत हेमंत और शिशिर ऋतुएँ आती हैं। इस काल में चन्द्रमा की शक्ति विशेष प्रभावशाली होती है। इसलिए इस ऋतु में औषधियों, वृक्ष, पृथ्वी व जल में मधुरता, स्निग्धता व पौष्टिकता की वृद्धि होती है, जिससे प्राणिमात्र पुष्ट व बलवान होते हैं। इन दिनों शरीर में कफ का संचय व पित्त का शमन होता है।*
🔹 *शीत ऋतु में स्वाभाविक रूप से जठराग्नि तीव्र होने से पाचनशक्ति प्रबल रहती है। इस समय लिया गया पौष्टिक और बलवर्धक आहार वर्ष भर शरीर को तेज, बल और पुष्टि प्रदान करता है।*
🍝 *आहारः शीत ऋतु में खारा तथा मधुर रसप्रधान आहार लेना चाहिए।*
👉🏻 *पचने में भारी, पौष्टिकता से भरपूर, गरम व स्निग्ध प्रकृति के, घी से बने पदार्थों का यथायोग्य सेवन करना चाहिए।*
👉🏻 *मौसमी फल व शाक, दूध, रबड़ी, घी, मक्खन, मट्ठा, शहद, उड़द, खजूर, तिल, नारियल, मेथी, पीपर, सूखा मेवा तथा अन्य पौष्टिक पदार्थ इस ऋतु में सेवन योग्य माने जाते हैं। रात को भिगोये हुए चने (खूब चबा-चबाकर खायें), मूँगफली, गुड़, गाजर, केला, शकरकंद, सिंघाड़ा, आँवला आदि कण खर्च में खाये जाने वाले पौष्टिक पदार्थ हैं।*
👉🏻 *इस ऋतु में बर्फ अथवा बर्फ का या फ्रिज का पानी, रूखे-सूखे, कसैले, तीखे तथा कड़वे रसप्रधान द्रव्यों, वातकारक और बासी पदार्थों का सेवन न करें। शीत प्रकृति के पदार्थों का अति सेवन न करें। हलका व कम भोजन भी निषिद्ध है।*
👉🏻 *इन दिनों में खटाई का अधिक प्रयोग न करें, जिससे कफ का प्रकोप न हो और खाँसी, श्वास (दमा), नजला, जुकाम आदि व्याधियाँ न हों। ताजा दही, छाछ, नींबू आदि का सेवन कर सकते हैं। भूख को मारना या समय पर भोजन न करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। शीतकाल में जठराग्नि के प्रबल होने पर उसके बल के अनुसार पौष्टिक और भारी आहाररूपी ईंधन नहीं मिलने पर यह बढ़ी हुई अग्नि शरीर की धातुओं को जलाने लगती है जिससे वात कुपित होने लगता है। अतः इस ऋतु में उपवास भी अधिक नहीं करना चाहिए।*
🚶🏻‍♂ *विहार*
➡ *शरीर को ठंडी हवा के सम्पर्क में अधिक देर तक न आने दें।*
➡ *प्रतिदिन प्रातःकाल दौड़ लगाना, शुद्ध वायु सेवन हेतु भ्रमण, शरीर की तेलमालिश, व्यायाम, कसरत व योगासन करने चाहिए।*
➡ *जिनकी तासीर ठंडी हो, वे इस ऋतु में गुनगुने गर्म जल से स्नान करें। अधिक गर्म जल का प्रयोग न करें। हाथ-पैर धोने में भी यदि गुनगुने पानी किया जाय तो हितकर होगा।*
➡ *शरीर की चंपी करवाना एवं यदि कुश्ती अथवा अन्य कसरतें आती हों तो उन्हें करना हितावह है।*
➡ *तेलमालिश के बाद शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करना हितकारी है।*
➡ *कमरे एवं शरीर को थोड़ा गर्म रखें। सूती, मोटे तथा ऊनी वस्त्र इस मौसम में लाभकारी होते हैं। प्रातःकाल सूर्य की किरणों का सेवन करें। पैर ठंडे न हों, इस हेतु जुराबें अथवा जूतें पहनें। बिस्तर, कुर्सी अथवा बैठने के स्थान पर कम्बल, चटाई, प्लास्टिक अथवा टाट की बोरी बिछाकर ही बैठें। सूती कपड़े पर न बैठें।*
➡ *इन दिनों स्कूटर जैसे दुपहिया खुले वाहनों द्वारा लम्बा सफर न करते हुए बस, रेल, कार जैसे वाहनों से ही सफर करने का प्रयास करें।*
➡ *दशमूलारिष्ट, लोहासव, अश्वगंधारिष्ट, च्यवनप्राश अथवा अश्वगंधावलेह अथवा अश्वगंधाचूर्ण जैसे देशी व आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करने से वर्ष भर के लिए पर्याप्त शक्ति का संचय किया जा सकता है।*
➡ *हेमंत ऋतु में बड़ी हरड़ के चूर्ण में आधा भाग सोंठ का चूर्ण मिलाकर तथा शिशिर ऋतु में अष्टमांश (आठवां भाग) पीपर मिलाकर 2 से 3 ग्राम मिश्रण प्रातः लेना लाभदायी है। यह उत्तम रसायन है।*

🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏