आज का पंचाग आपका राशि फल, पितरों को भोजन कैसे मिलता है 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻गुरुवार, २३ सितंबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१२
सूर्यास्त: 🌅 ०६:१२
चन्द्रोदय: 🌝 १९:४३
चन्द्रास्त: 🌜०८:००
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वितीया (०६:५३ तक)
नक्षत्र 👉 रेवती (०६:४४ तक)
योग 👉 ध्रुव (१३:४९ तक)
प्रथम करण 👉 गर (०६:५३ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (१९:३७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 मेष (०६:४३ से)
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 तुला (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४५ से १२:३३
अमृत काल 👉 २५:०३ से २६:४८
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:१० से १४:५८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०० से १८:२४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४५ से २४:३३
राहुकाल 👉 १३:४० से १५:११
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०६:०६ से ०७:३६
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 दक्षिण
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 स्वर्ग (१९:३७ से)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व ०६:४४ से)
शिववास 👉 सभा में (०६:५३ क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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तृतीया तिथि का श्राद्ध, पंचक समाप्त ०६:४३ पर, राष्ट्रीय आश्विन मास आरम्भ आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:४४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २९:४१ से ०७:५९
तुला – ०७:५९ से १०:२०
वृश्चिक – १०:२० से १२:३९
धनु – १२:३९ से १४:४३
मकर – १४:४३ से १६:२४
कुम्भ – १६:२४ से १७:५०
मीन – १७:५० से १९:१३
मेष – १९:१३ से २०:४७
वृषभ – २०:४७ से २२:४२
मिथुन – २२:४२ से २४:५७
कर्क – २४:५७ से २७:१८
सिंह – २७:१८ से २९:३७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०६:०६ से ०६:४४
अग्नि पञ्चक – ०६:४४ से ०६:५३
शुभ मुहूर्त – ०६:५३ से ०७:५९
रज पञ्चक – ०७:५९ से १०:२०
शुभ मुहूर्त – १०:२० से १२:३९
चोर पञ्चक – १२:३९ से १४:४३
शुभ मुहूर्त – १४:४३ से १६:२४
रोग पञ्चक – १६:२४ से १७:५०
शुभ मुहूर्त – १७:५० से १९:१३
शुभ मुहूर्त – १९:१३ से २०:४७
रोग पञ्चक – २०:४७ से २२:४२
शुभ मुहूर्त – २२:४२ से २४:५७
मृत्यु पञ्चक – २४:५७ से २७:१८
अग्नि पञ्चक – २७:१८ से २९:३७
शुभ मुहूर्त – २९:३७ से ३०:०६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के आरंभिक भाग में धन लाभ होगा परन्तु खर्च अधिक रहने के कारण संचय नही कर पाएंगे। दिन अधिकांश समय मन को प्रसन्न करने वाले प्रसंग बनेंगे। कार्यो में सहज सफलता मिलने से उत्साह बढ़ेगा। भाग्य साथ देने से अटके कार्य पूर्ण होंगे धन की आमद भी रुक रुक कर होती रहेगी। पारिवारिक सदस्यों की कार्य क्षेत्र पर भी सहायता मिलेगी। सरकारी कार्य में बाधा आने की संभावना है फिर भी किसी के सहयोग से पार कर लेंगे। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त कार्य का लाभ शीघ्र मिल जायेगा। दूर रहने वाले रिश्तेदारो से मिलने के प्रसंग बनेंगे। पारिवारिक वातावरण में प्रेम रहेगा लेकिन प्रेम प्रसंगों में दुखद अनुभव होंगे लंबी यात्रा के योग है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपकी सोची हुई योजनाए विफल रहेंगी। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे हानि होने के योग बन रहे है प्रत्येक कार्य देखभाल कर ही करें। व्यापार में निवेश अथवा वस्तुओ पर खर्च आज ना करें। व्यवसायी वर्ग संतोषी वृति अपनाने से ही आज मानसिक रूप से शांत रह सकते है। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाये अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिये शुभफलदायी रहेगा। आज आपके विचार अधिकांश कार्य थोड़े से प्रयास के बाद पूर्ण हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज लंबे समय तक लाभ देने वाले सौदे हाथ लग सकते है। व्यवसायी वर्ग की मानसिकता जोखिम वाले कार्यो से शीघ्र पैसा बनाने की रहेगी इसमे सफल भी रहेंगे। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। सन्तानो की प्रगति से संतोष होगा। सरकारी कार्यो में धन खर्च होगा लेकिन कुछ लाभ नही मिलेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे। मित्र मंडली में खर्च करने पर खुशामद होगी। सार्वजिक क्षेत्र पर सम्मान बढेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी आपके लिए बेहतर साबित होगा। दिन के आरंभ में किसी बहुप्रतीक्षित कार्य के पूर्ण होने की संभावना बनेगी जिसके मध्यान तक पूर्ण होने की संभावना है। आज आपके संपर्क में जो भी आएगा वह कुछ ना कुछ खुशिया ही देकर जाएगा। व्यवहार कुशलता से अपने काम बना लेंगे। आर्थिक रूप से दिन मध्यान तक उलझन बढ़ाएगा इसके बाद धन की आमद होने से स्थिति सुधरेगी। आज नए अनुबंध पाने के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ेगी। धन संबंधित उलझने कुछ हद तक शांत रहेंगी। घर के बुजुर्ग अथवा महिलाये आज अकारण ही क्रोध कर सकते है जिससे वातावरण कुछ समय के लिए अशान्त बनेगा धैर्य बनाये रखें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका मन आध्यात्म की ओर स्वयं ही आकर्षित होगा। ज्योतिष एवं अन्य गूढ़ रहस्यों को जानने की लालसा रहेगी पूजापाठ टोन टोटको पर विश्वास करेंगे इनपर समय एवं धन भी खर्च होगा। सार्वजिनक क्षेत्र पर नए व्यावहारिक संबंध बनेंगे परन्तु आज घर के सदस्यों की बात ना मानने के कारण आप अनुपयोगी ही रहेंगे। कभी आकस्मिक उछाल कभी उदासीनता रहने से कार्य व्यवसाय में आज अनिश्चितता अधिक रहेगी। भाई-बंधुओ में कुछ समय के लिए अनबन गृहस्थ का वातावरण बिगाड़ेगी किसी बुजुर्ग के सहयोग से स्थिति सामान्य बनेगी फिर भी मन मे क्षोभ बना रहेगा। व्यावसायिक अथवा पर्यटन यात्रा की संभावना है दोनो में लाभ कम खर्च ही अधिक होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
सेहत के दृष्टिकोण से आपका आज का दिन अशुभ रहेगा। आज दिन के आरंभ से ही स्वास्थ्य मे विकार आने से किसी भी कार्य मे उत्साह नही बनेगा परिणाम स्वरूप सभी कार्य में विलंब होगा भाग्य का साथ भी आज कम ही मिलेगा। गहरे जल अथवा ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से बचे यात्रा भी अति आवश्यक होने पर ही करें। व्यवसायी एवं नौकरी वाले लोग अपूर्ण कार्य पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगे फिर भी कुछ कार्य अधूरे रह सकते है।हतोत्साहित ना हो आशानुकूल ना सही काम चलाने लायक लाभ अवश्य होगा। पति पत्नी मे अथवा किसी अन्य से गरमा गरमी हो सकती है विवेकि व्यवहार अपनाए। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। खर्च सोच समझ कर ही करें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए विजय दिलाने वाला रहेगा। घर एवं बाहर सर्वत्र आपके कार्य की प्रशंसा होगी। व्यवसायी वर्ग भी आज मनोवांछित लाभ पाने से उत्साहित रहेंगे। लेकिन नौकरी वाले लोग जल्दबाजी में कार्य करने के कारण गलती कर सकते है। आपका हितैशी व्यवहार अन्य सभी से निकटता बढ़ाएगा लोग आपको अपने मन की बात निसंकोच होकर बताएंगे। आर्थिक लाभ पूर्वनियोजित के साथ ही अकस्मात भी होगा। दिन के पूर्वार्ध की अपेक्षा मध्यान के बाद का समय बेहतर रहेगा धन की आमद होने से अधूरे कार्य पूर्ण कर सकेंगे। महिलाओं की भावनाएं आज पल-पल में बदलेंगी जिससे सही निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। बड़े लोगो से स्वार्थ सिद्धि पूर्ण कर लेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप घर मे सुख सुविधा बढ़ाने पर विचार करेंगे निकट भविष्य में इनके ऊपर खर्च करना पड़ेगा। घर अथवा कार्य क्षेत्र की साजसज्जा बढ़ाने के लिए तोड़-फोड़ भी करा सकते है। महिलाओं का मन आज बाहर घूमने यात्रा पर्यटन का रहेगा इसकारण घरेलू कार्य बेमन से ही करेंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार आने से आवश्यकताओं की पूर्ति आराम से हो जाएगी। महिलाओं को भी आज गृहस्थी में तालमेल बैठाने में अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी। पूर्व नियोजित यात्रा पर्यटन की योजना शारीरिक अथवा किसी अन्य कारण से निरस्त करनी पड़ेगी जिससे खास कर सन्ताने निराश होंगी। धर्म क्षेत्र पर दान-पुण्य के अवसर मिलेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके अंदर बुद्धि विवेक की प्रचुर मात्रा रहेगी फिर आर्थिक कार्यो में संयम नही रख सकेंगे। कम समय मे अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे हाथ आया लाभ भी निकल सकता है प्रलोभन से बच कर रहे। आवश्यकता अनुसार धन लाभ आज बैठे बिठाये भी हो सकता है। महिला वर्ग आज कोई उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशंशा की पात्र बनेंगी। आर्थिक कारणों से किसी प्रियपात्र से कलह हो सकती है। मध्यान के बाद शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी थोड़ा आराम अवश्य करें। धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित होने के कारण घरेलू कार्य अस्त-व्यस्त रहेंगे। बुजुर्ग लोग शारीरिक समस्या से परेशान रहेंगे फिर भी हिम्मत नही हारेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन व्यर्थ के झगड़ो एवं बहस के कारण अशांति से व्यतीत होगा घर मे भाई बंधुओ से धैर्य की कमी के चलते किसी ना किसी बात पर मतभेद होने की संभावना है मामूली बात को बढ़ाने से परिणाम गंभीर भी हो सकते है। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर अनिर्णायक स्थिति के कारण हाथ से निकलने की संभावना अधिक है। व्यवसाय में आज सोचने में वक्त खराब ना करें जोभी निर्णय लेना है शीघ्र ही लें कुछ ना कुछ लाभ ही होगा। महिलाओं को भी आज गुस्से पर काबू रखने की अधिक आवश्यकता है। बात-बात पर नाराज होने से घर का वातावरण अस्त-व्यस्त हो सकता है। धन आने के साथ जाने के रास्ते बना लेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके धन कोष में वृद्धि करेगा। लेकिन आज लापरवाही भी आपमें कुछ अधिक ही रहेगी महत्त्वपूर्ण कार्यो में टालमटोल का नतीजा हानिकर हो सकता है। आर्थिक कार्य मे कुछ ना कुछ व्यवधान अवश्य आएंगे परन्तु धैर्य ना त्यागे कर्म करते रहे परिणाम आशा से अधिक अनुकूल मिलेंगे। व्यवसायी वर्ग छोटे निवेश से बड़ा लाभ कमाने में सफल होंगे। नौकरी वाले लोग भी आज अतिरिक्त आय बना सकेंगे। घरेलू खर्चो में भी आज वृद्धि होगी फिर भी तालमेल बना रहेगा। पारिवारिक जीवन आपके व्यवहार कुशलता से आनदमय रहेगा लेकिन महिलाये आज कुछ अनैतिक मांग पूरी करने पर घर का वातावरण कुछ समय के लिए अशांत बनाएंगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपका मन अस्थिर रहने के कारण बनी बनाई योजनाए निरस्त हो जाएगी। बुद्धि का विवेक भी आज कम ही काम आएगा। परिजन अथवा अन्य लोग वादा पूरा ना करने पर क्रोधित होंगे।
कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी मनमानी करेंगे जिससे कार्य विलम्ब के साथ अव्यवस्था अधिक रहेगी मध्यान तक संभावनाओं पर आश्रित रहना पड़ेगा इसके बाद थोड़ा बहुत धन लाभ होने से काम चलते रहेंगें। नौकरी पेशा लोग एव महिलाये आज यात्रा पर्यटन के मूड में रहेंगे घरेलू विघ्नों के बाद ही कामना पूर्ति हो सकेगी। सामाजिक कार्यो की अनदेखी करेंगे। दाम्पत्य जीवन उत्तम रहेगा। मनपसंद भोजन वाहन सुख मिलेगा।
_______________________________________________🙏राधे राधे🙏

         पितरों को भोजन कैसे मिलता है 
    प्राय: कुछ लोग यह शंका करते हैं कि श्राद्ध में समर्पित की गईं वस्तुएं पितरों को कैसे मिलती है? कर्मों की भिन्नता के कारण मरने के बाद गतियां भी भिन्न-भिन्न होती हैं। कोई देवता, कोई पितर, कोई प्रेत, कोई हाथी, कोई चींटी, कोई वृक्ष और कोई तृण बन जाता है। तब मन में यह शंका होती है कि छोटे से पिंड से अलग-अलग योनियों में पितरों को तृप्ति कैसे मिलती है? इस शंका का स्कंद पुराण में बहुत सुन्दर समाधान मिलता है।
 
एक बार राजा करंधम ने महायोगी महाकाल से पूछा, ‘मनुष्यों द्वारा पितरों के लिए जो तर्पण या पिंडदान किया जाता है तो वह जल, पिंड आदि तो यहीं रह जाता है फिर पितरों के पास वे वस्तुएं कैसे पहुंचती हैं और कैसे पितरों को तृप्ति होती है?’
 
भगवान महाकाल ने बताया कि विश्व नियंता ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि श्राद्ध की सामग्री उनके अनुरूप होकर पितरों के पास पहुंचती है। इस व्यवस्था के अधिपति हैं अग्निष्वात आदि। पितरों और देवताओं की योनि ऐसी है कि वे दूर से कही हुई बातें सुन लेते हैं, दूर की पूजा ग्रहण कर लेते हैं और दूर से कही गईं स्तुतियों से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
वे भूत, भविष्य व वर्तमान सब जानते हैं और सभी जगह पहुंच सकते हैं। 5 तन्मात्राएं, मन, बुद्धि, अहंकार और प्रकृति- इन 9 तत्वों से उनका शरीर बना होता है और इसके भीतर 10वें तत्व के रूप में साक्षात भगवान पुरुषोत्तम उसमें निवास करते हैं इसलिए देवता और पितर गंध व रसतत्व से तृप्त होते हैं। शब्द तत्व से तृप्त रहते हैं और स्पर्श तत्व को ग्रहण करते हैं। पवित्रता से ही वे प्रसन्न होते हैं और वे वर देते हैं।
 
पितरों का आहार है अन्न-जल का सारतत्व- जैसे मनुष्यों का आहार अन्न है, पशुओं का आहार तृण है, वैसे ही पितरों का आहार अन्न का सारतत्व (गंध और रस) है। अत: वे अन्न व जल का सारतत्व ही ग्रहण करते हैं। शेष जो स्थूल वस्तु है, वह यहीं रह जाती है।
 
किस रूप में पहुंचता है पितरों को आहार?
 
नाम व गोत्र के उच्चारण के साथ जो अन्न-जल आदि पितरों को दिया जाता है, विश्वदेव एवं अग्निष्वात (दिव्य पितर) हव्य-कव्य को पितरों तक पहुंचा देते हैं। यदि पितर देव योनि को प्राप्त हुए हैं तो यहां दिया गया अन्न उन्हें ‘अमृत’ होकर प्राप्त होता है। यदि गंधर्व बन गए हैं, तो वह अन्न उन्हें भोगों के रूप में प्राप्त होता है। यदि पशु योनि में हैं, तो वह अन्न तृण के रूप में प्राप्त होता है। नाग योनि में वायु रूप से, यक्ष योनि में पान रूप से, राक्षस योनि में आमिष रूप में, दानव योनि में मांस रूप में, प्रेत योनि में रुधिर रूप में और मनुष्य बन जाने पर भोगने योग्य तृप्तिकारक पदार्थों के रूप में प्राप्त होता है।
 
जिस प्रकार बछड़ा झुंड में अपनी मां को ढूंढ ही लेता है, उसी प्रकार नाम, गोत्र, हृदय की भक्ति एवं देश-काल आदि के सहारे दिए गए पदार्थों को मंत्र पितरों के पास पहुंचा देते हैं। जीव चाहें सैकड़ों योनियों को भी पार क्यों न कर गया हो, तृप्ति तो उसके पास पहुंच ही जाती है।
 
श्राद्ध में आमंत्रित ब्राह्मण पितरों के प्रतिनिधि रूप होते हैं। एक बार पुष्कर में श्रीरामजी अपने पिता दशरथजी का श्राद्ध कर रहे थे। रामजी जब ब्राह्मणों को भोजन कराने लगे तो सीताजी वृक्ष की ओट में खड़ी हो गईं। ब्राह्मण भोजन के बाद रामजी ने जब सीताजी से इसका कारण पूछा तो वे बोलीं-
 
‘मैंने जो आश्चर्य देखा, उसे मैं आपको बताती हूं। आपने जब नाम-गोत्र का उच्चारण कर अपने पिता-दादा आदि का आवाहन किया तो वे यहां ब्राह्मणों के शरीर में छाया रूप में सटकर उपस्थित थे। ब्राह्मणों के शरीर में मुझे अपने श्वसुर आदि पितृगण दिखाई दिए फिर भला मैं मर्यादा का उल्लंघन कर वहां कैसे खड़ी रहती? इसलिए मैं ओट में हो गई।’
 
तुलसी से पिंडार्चन किए जाने पर पितरगण प्रलयपर्यंत तृप्त रहते हैं। तुलसी की गंध से प्रसन्न होकर गरुड़ पर आरूढ़ होकर विष्णुलोक चले जाते हैं।
 
पितर प्रसन्न तो सभी देवता प्रसन्न- श्राद्ध से बढ़कर और कोई कल्याणकारी कार्य नहीं है और वंशवृद्धि के लिए पितरों की आराधना ही एकमात्र उपाय है।
 
आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।
पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्।। (यमस्मृति, श्राद्धप्रकाश)
 
यमराजजी का कहना है कि श्राद्ध करने से मिलते हैं ये 6 पवित्र लाभ-
 
 श्राद्ध कर्म से मनुष्य की आयु बढ़ती है।
पितरगण मनुष्य को पुत्र प्रदान कर वंश का विस्तार करते हैं।
परिवार में धन-धान्य का अंबार लगा देते हैं।
 श्राद्ध कर्म मनुष्य के शरीर में बल-पौरुष की वृद्धि करता है और यश व पुष्टि प्रदान करता है।
पितरगण स्वास्थ्य, बल, श्रेय, धन-धान्य आदि सभी सुख, स्वर्ग व मोक्ष प्रदान करते हैं।
श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने वाले के परिवार में कोई क्लेश नहीं रहता, वरन वह समस्त जगत को तृप्त कर देता है। ॐ नमः शिवाय