त्रिवेंद्र सरकार ने खोला खजाना – 2.43 लाख युवाओं को एक हजार की सहायता, पंचायतों को 143 करोड़ 50 लाख, प्रदेश के १३ चिकित्सालयों को 578.34 लाख

सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री दिलीप जावलकर ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में पर्यटन उद्योग पर गम्भीर प्रभाव पड़ा है। इसके तहत पर्यटन उद्योग से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यक्तियों/इकाईयों/संस्थानों को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशों के तहत राहत प्रदान की गई है। इससे लगभग 2.43 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व अन्य इकाईयों, जो पर्यटन अथवा राज्य सरकार के किसी अन्य विभाग से अपने व्यवसाय के संचालन हेतु सेवायें यथा- विद्युत कनेक्शन, पेयजल कनेक्शन प्राप्त करते हैं, अथवा व्यवसाय के संचालन हेतु राजकीय संस्था यथा FSSAI,  उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि के अन्तर्गत पंजीकृत कर्मियों एवं पर्यटन उद्योग में पंजीकृत फोटोग्राफरों, जिनकी जिलाधिकारियों के माध्यम से कराये गये त्वरित सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश में कुल संख्या लगभग 2.43 लाख है उन्हें प्रति कार्मिक रू 1,000/- की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसका व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जायेगा। इसमें जहां पर्यटन विशेष क्षेत्र/गतिविधि समितियों (टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण/गंगा नदी राफ्टिंग प्रंबन्धन समिति) के पास अपने संसाधन है तथा जिन रिवर गाइड व अन्य कार्मिकों को लाभान्वित किया जा चुका है। उन्हें उक्त श्रेणी में धनराशि प्राप्त नही होगी किन्तु विभाग द्वारा दी गयी राशि रूपये 1,000/- से अन्यून होगी।
सचिव पर्यटन ने बताया कि वीर चन्द सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीन दयाल होम स्टे योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रथम तिमाही (माह अप्रैल से माह जून 2020) के ऋण पर लिये जाने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति भी राज्य सरकार द्वारा  सम्बन्धित जिलाधिकारियों के माध्यम से की जायेगी। इसका भी व्यय वहन मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा के अन्तर्गत लगने वाले पंजीकरण/नवीनीकरण शुल्क को एक वर्ष की अवधि के लिए समाप्त/शून्य किया गया है। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के आधार पर पर्यटन से जुड़े बस/टैक्सी/मैक्सी कैब/ऑटो रिक्शा/विक्रम/ई-रिक्शा में योजित लगभग 1,01,185 कार्मिकों की जिलेवार सूची परिवहन विभाग द्वारा जिलाधिकारी को प्रति कार्मिक रूपये 1,000/- की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने हेतु उपलब्ध करायी जायेगी।
उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग 6675 सूचीबद्ध कलाकारों की सूची सम्बन्धित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के साथ ही प्रति कलाकार रूपये 1,000 की दर से वन टाईम आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से वितरित किये जाने हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। जिसे जिलाधिकारी अपने स्तर से डी.बी.टी के माध्यम से सम्बन्धित कलाकारों को वितरित करेंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि जहां संभव हो, स्थानीय निकाय पर्यटन सम्बन्धी इकाईयों को अपने स्तर से रजिस्ट्रेशन/Renewal  शुल्क अथवा कर से एक साल तक राहत दिये जाने हेतु स्वतंत्र होंगे, जिस हेतु उनके द्वारा विधिसम्मत प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी।

*प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों को 143 करोड़ 50 लाख की धनराशि अवमुक्त*

*15 वें वित्त आयेाग की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों को प्राथमिक अनुदान के अंतर्गत धनराशि अवमुक्त करने का शासनादेश जारी।*

*चतुर्थ राज्य वित आयोग से भी सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 की मासिक किश्त की  95 करोड़ से अधिक की धनराशि अवमुक्त की गई है। *

 

##@15 वें वित्त आयेाग की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों को प्राथमिक अनुदान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्रथम किश्त में 143.50 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। आज सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी द्वारा इसका शासनादेश जारी किया गया है। इसमें राज्य के समस्त जिला पंचायतों को 21 करोड़ 52 लाख 50 हजार रूपए, क्षेत्र पंचायतों को 14 करोड़ 35 लाख रूपए, समस्त ग्राम पंचायतों को 107 करोड़ 62 लाख 50 हजार रूपए की धनराशि अवमुक्त की गई है।  
इससे पूर्व चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर राज्य सरकार द्वारा सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 की मासिक किश्तों की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। इसके तहत राज्य की समस्त जिला पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की तृतीय व चतुर्थ मासिक किश्त (माह-जून व जुलाई) के लिए 28 करोड़ 43 लाख 22 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त क्षेत्र पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 07 करोड़ 23 लाख 78 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 09 करोड़ 65 लाख 12 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त नगर निगमों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 22 करोड़ 10 लाख 97 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त नगर पालिकाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 22 करोड़ 11 लाख 99 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त नगर पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 05 करोड़ 35 लाख 17 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य के तीन गैर निर्वाचित निकायों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किश्त (माह- जुलाई) के लिए 17 लाख 17 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है।

##इंडिया कोविड-19 इमरजेन्सी रेस्पोंस एंड हेल्थ प्रिपेरेडनेस फाईनेंसियल पैकेज के अंतर्गत 13 जिला चिकित्सालयों/उपजिला चिकित्सालयों में आक्सीजन सप्लाई पाईप लाईन के निर्माण कार्य के लिए कुल 578.34 लाख रूपये की राशि अनुमन्य की गई है।  यह जानकारी देते हुए मिशन निदेशक, एनएचएम श्री युगल किशोर पंत ने बताया कि जिला चिकित्सालय गोपेश्वर, चमोली के लिए 30.29 लाख रूपये, जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा 36.89 लाख रूपये,  जिला चिकित्सालय रुद्रपुर उधम सिंह नगर 94.17 लाख रूपये, बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल 34.49 लाख रूपये, श्री जगद्गुरु शंकराचार्य माधवाश्रम राजकीय जिला चिकित्सालय कोटेश्वर रुद्रप्रयाग 76.44 लाख रूपये,  जिला चिकित्सालय बागेश्वर 22.83 लाख रूपये, राजकीय बेस चिकित्सालय हल्द्वानी 53.07 लाख रूपये,  जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी 51.77 लाख रूपये, जिला चिकित्सालय हरिद्वार 15 लाख रूपये, जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ 30.80 लाख रूपये, जिला चिकित्सालय चंपावत 41.60 लाख रूपये, बेस चिकित्सालय कोटद्वार 58.73 लाख रूपये और जिला चिकित्सालय पौङी के लिए 32.26 लाख रूपये की राशि अनुमोदित की गई है। उक्त धनराशि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित है।