भारत व चीनी सैनिकों की झड़प में कर्नल समेत दो सैनिक शहीद, चीन के भी 5 सैनिक मारे गए 11घायल, सेनाध्यक्ष की रक्षामंत्री से मुलाकात

खबर है कि लद्दाख ग्लवान घाटी में भारत चीन सैनिकों के बीच कल रात हुई झड़प में भारत के कर्नल कर्नल संतोष बाबू और दो सैनिक दिनेेेश सैनी और कमल शहीद हो गए। ये दोनों डीडवाना तहसील के रहने वाले हैं और आपस में भाई बताये जाते हैं।
भारत ओर चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी के पास सघर्ष हुआ जिसमें भारत के एक आफिसर्स और दो सैनिक शहीद हो गये
जय हिंद जय भारतशहीद हुए, जबकि चीन के 5 सैनिक मारे गए और 11 सैनिक घायल हुए । खबर है कि दोनों ओर से एक भी गोली नहीं चली फिर भी झड़प में मरने वाले सैनिकों की संख्या २० तक भी हो सकती है, जबकि चीन के ४३ सैैनिकों के मारे जाने की अपुष्ट ख़बर आ रही है। 

भारतीय सेना की विज्ञप्ति के अनुसार कुछ चीनी जवान और कुछ भारतीय सिपाही शहीद हुवे. चीनी सेना की विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय सेना अग्रेसिव थी, चीन ने डिप्लोमेटिक स्तर पर कड़ा विरोध जताया है, भारत को संदेश भेजा है कि शांति पूर्ण समाधान निकालना ज़रूरी है. यह वक्त है भारत की सेना के साथ खड़े रहने का, उनके जज़्बे को, उनके हौसले को सलाम करने का,एक मज़बूत दुश्मन के साथ वह मज़बूती से लड़ रहे हैं आँखों में आँखे डाल। भारत के थल सेना अध्यक्ष जनरल मुकुंद नरवाने ने और सीडीएस विपिन रावत ने भारत चीन मामले में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात विचार विमर्श किया। 

 जो भी LAC पर हो रहा है इसमें चीन तो  वही कर रहा है जो वो आज तक करते आया। हां भारत अवश्य नयां कर रहा है, चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और अपनी एक एक इंच भूमि का हिसाब ले रहा है। यानी बार्डर पर भारत के नये तेवरों से चीन हताशामय विस्मयकारी बौखलाहट में है। क्या भारत ने नेवी में पिछले 6 साल में दर्जन भर से ज्यादा छोटे-बड़े-बैकअप परमाणु पनडुब्बियों सहित युद्ध पोत क्या पाकिस्तान के लिए उतारे गए हैं? शिनूक, अपाचे, बराक-8, इजराइली टनल बम,द्रोण का जखीरा, दो टाइप की होवित्जर, ग्लोबमास्टर, मिग के अपग्रेड,अर्जुन, काली, ब्रह्मोश, एन्टी सैटेलाइट आदि भयानक हथियारों को पांच साल से लगातार पाकिस्तान के लिए इकट्ठा किया जा रहा था क्या? पूर्वोत्तर में सबसे ऊँचा पुल, सबसे लंबा पुल, एरोड्रम, सड़क, डबल गेज रेल और यहां तक कि कोविड के बीच रिकॉर्ड 1 महीने में बर्फ पिघलने से पहले और पेट्रोलिंग बढ़ने से पहले ही लद्दाख साइड में 60 टन क्षमता का पुल क्या पाकिस्तान के लिए बनाया गया है?

मेक इन इंडिया से शुरु करके स्वदेसी अपनाओ के नारे तक पहुँच जाना क्या पाकिस्तान से निपटने के लिए है। ये नया हिंदुस्तान है, बस ये एक खूटा ही पाकिस्तान के लिए काफी था फिर CDS की नियुक्ति किसलिए? ये सारी पाकिस्तान के नाम से की गई तैयारी इसीलिए थी कि आगे से चिन्को का भारतीय सीमा में शेर बनकर जंगल में भृमण करने का भरम तोड़ दिया जाय। और इस बार चीन की कमर तोड़ के ही मानेगी सेना…अगले साल या तो चिन्के लाइन देख कर चलना सीख जाएंगे नहीं तो चीन में लोकतंत्र स्थापित हो जाएगा। इसलिए चीनी प्रवक्ताओं, जासूसों और चरण चाटुओं के चक्कर में न उलझो, अपनी सेना पर भरोषा करो और आधिकारिक बयान के अलावा चीनी एजेंटों, मक्कारों व चीन प्रेम से सावधान रहें। धर्म भारतीय सेना के साथ है, और हां चमचों के मदरसा छाप ज्ञान से दूर ही रहना क्यों कि जैसा उनके नेता वैसे ही गुलाम।
आप चीन का मीडिया देखिए, उनका सोशल मीडिया देखिए, 100% लोग सेना व देश के साथ खड़ा है। इधर अपने देश में कई लोगों का अपनी सरकार को कोषना आरम्भ हो गया,ये वही हैं जो चीन द्वारा हमला किए जाने की दशा में उसी के पक्ष में माहोल बनाने लगेंगे। 

यह युद्ध है, इसमें क्षति तो दोनों ओर होगी लेकिन जो देश मज़बूती से अपनी सेना के साथ रहेगा जीत उसी की होगी, भारत में टुकड़े गैंग, कुछ मीडिया संस्थान और कुछ राजनीतिक दल देश की केन्द्र सरकार के विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें यह भी नहीं पता रहता कि कब देश के साथ खड़ा रहना है और कब प्रश्न उठाने चाहिए। अरे चीन के खिलाफ पहले तो भारत सरकार का साथ देना चाहिए नहीं तो कम से कम भारतीय सेना का तो मनोबल बढ़ाओ, ये देश की सेना है किसी की पार्टी विशेष की नहीं। जय हिंद। जय जय हिंद की सेना।।