वर्दी फर्ज पर न्यौछावर होने के लिए ही है- अशोक कुमार

हरीश मैखुरी

देहरादून दून पुलिस की सक्रियता पटेलनगर पुलिस ने बेहट से पैदल आ रहे 7 जमाती पकड़े, मुकदमा दर्ज किया, वहीं रामपुर से चोरी छिपे रुद्रपुर आ रहे जमातियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड ने 20 हजार का ईनाम देने की घोषणा की है। अशोक कुमार की यही तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा पुलिस आफीसर के लिए प्रेरित करती है। अपराधियों पर लगाम कसने का उनका अलग ही अंदाज है। कोरोना मेडिकल आपदा में उनकी तत्परता की एक मिसाल भी काबिले तारीफ है। कर्ज से ऊपर फर्ज अदाएगी का जीवांत उदाहरण बन गये पुलिस महानिदेशक। 

जिंदगी में कई बार ऐसे मुकाम आते है जहां वर्दी को फर्ज और कर्ज अदाएगी में से किसी एक को चुनना होता है, जिसमे वर्दी हमेशा फर्ज की मांग करती है,जो सच्चे देशभक्त व राष्ट्रभक्त की निशानी होती है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून अशोक कुमार पर भी यह वाक्य सटीक बैठता है जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है। कर्ज से ऊपर फर्ज अदाएगी का जीवांत उदाहरण इससे बेहतर फिलहाल नही हो सकता जहां उन्होंने अपनी माताजी के खराब स्वास्थ्य के चलते भी आम नागरिकों की सुरक्षा व जरूरतों को पुलिस विभाग द्वारा पूर्ण करने के रूप में फर्ज अदाएगी की मिशाल पेश की है।

पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून अशोक कुमार की माताजी को बीती 1 अप्रैल को अचानक हार्ट अटैक आया था जिसके बाद डीजी अपराध व कानूनअशोक कुमार द्वारा उनको तत्काल मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों द्वारा उनको एंजियोग्राफी करने के बाद जल्द से जल्द दिल का आपरेशन कर स्टेंट डालना ही एक मात्र उपाय बताया गया। पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून इस समय कोरोना वायरस जैसी महामारी से जुड़ी सभी गतिविधियों पर लगातार स्वयं नज़र बनाये हुए है खास तौर पर जब देहरादून में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। अशोक कुमार द्वारा अपनी माताजी के अस्पताल में भर्ती होने के माँ के कर्ज से ऊपर अपनी वर्दी के फर्ज को तरहीज दी गयी और उनके द्वारा लॉकडाउन में लगातार कार्यालय आया गया व सारे कार्य रोज़मर्रा की तरह किये गए। उनका कहना है “वर्दी फर्ज पर न्यौछावर होने के लिए ही है” उनकी माताजी का मैक्स अस्पताल में आपरेशन सफल रहा।
कहते है *वर्दी हमेशा फर्ज को तरहीज देना जानती है।* उत्तराखंड पुलिस का लॉकडाउन के दौरान कई मार्मिक किरदार सामने आये है जिससे न सिर्फ शहर में बल्कि समूचे प्रदेश में पुलिस की छवि हर दिन बेहतर होती जा रही है। *डीजी अपराध व कानून के इस फर्ज के चुनाव ने एक तरफ जहां उन्हें उत्तराखंड पुलिस विभाग में एक मिशाल के तौर पर स्थापित किया है वहीं दूसरी और उनके इस कदम ने अन्य पुलिस कर्मियों के बीच इन कठिन हालात में सहयोग का भरोसा दिया है। पूर्व में भी डीजी अपराध व कानून अपने कार्यों से उत्तराखंड पुलिस की बेहतर छवि बनाने में कामयाब रहे है परंतु आज के इस वाक्य से साबित होता है की राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था बेहतर हाथों में है।

इधर आज उत्तराखंड में कोरोना के 6 नये मामले पाये जाने के बाद राज्य में पुलिस की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गयी है। इसी के मद्देनजर वरिष्ट पुलिस उप महानिरीक्षक अरूण मोहन जोशी ने लाॅकडाउन  के नियमों  कड़ाई से पालन करने की निर्देश दिए उन्होंने कहा कि इस समय संक्रमण को रोकना उनकी प्राथमिकता है इसी के मद्देनजर देहरादून के कारगी ग्रांट और शहीद भगत सिंह कालोनी सील कर दिए गए हैं। यहां पांच जमाती लौटे थे, जो पाज़ीटिव पाए गए। जानलेवा खतरनाक संक्रमण के मद्देनजर आज हर एक पुलिस कर्मी का जीवन जन सेवा के लिए वरदान साबित हो रहा है। वहीं देश के अनेक इलाकों से कट्टरपंथियों और जमात समर्थकों द्वारा पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम पर  हो रहे हमले भी चिंता का विषय हैं

संक्रमण से बचाव हेतु उपलब्ध हर तरह के “दान” के सामने चिकित्सा,पुलिस व सफाई ब्यवस्था से जुङे कर्मियों का “जीवन दान” अनुकरणीय है।