उत्तराखंड : उतराखंड को पर्यटन में सर्वोत्तम बनाने का लक्ष्य, ६ हजार गांव जुड़ेंगे इन्टरनेट से, महालक्ष्मी योजना शुरू, रोडवेज कर्मियों के लिए ३४ करोड़ जारी,

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखण्ड को 2027 तक पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जाएगा। पर्यटन एवं ऊर्जा की दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क एवं रेल परियोजनाओं के कार्यों में और तेजी लाई जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से राज्य में विभिन्न निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के 06 हजार गांव इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़े जाएंगे। दिल्ली में केंद्रीय रेलवे एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से इस संबंध में वार्ता हुई। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों एवं टनकपुर बागेश्वर ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के सर्वे में तेजी लाने के लिए भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कोविड के दृष्टिगत राज्य में कांवड़ यात्रा को स्थगित किया गया है। प्रदेश की जनता का हित सरकार की पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के लिए जो लोग क्राइटेरिया में आते हैं, उनका अगले तीन चार माह में प्रदेश में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण किया जाएगा।

 

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए 34 करोङ रूपए की राशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदनशील है। उनकी समस्त समस्याओं का समाधान करने के लिये राज्य सरकार तत्पर है। 

गौरतलब है कि कोरोना के कारण बसों का संचालन न होने से परिवहन निगम को घाटा होने से उसके कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं हो पर रहा था। 14 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में इस पर व्यापक विचार विमर्श किया गया और परिवहन निगम के कर्मचारियों के वेतन इत्यादि विषय के संबंध में सहायता के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था। 

इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए 34 करोङ रूपए की राशि स्वीकृत की है।

*मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का हुआ शुभारम्भ*

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये*

*मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं/जुङवा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने लाभार्थी महिलाओं को महालक्ष्मी किट का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने चयनित लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। पूरे राज्य में समस्त जनपदों के कुल 16929 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जनजागरूकता आई है। इससे लिंगानुपात मे सुधार भी देखने को मिला है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने आस पास देखें तो पाएंगे कि बेटों की बजाय बेटियां माता पिता का अधिक ख्याल रखती हैं। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ बेटियों ने सफलता न पाई हो। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण योजना है।  जल्द ही मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू करने जा रहे हैं। 

कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि हमें बेटियों को आगे बढाने के लिए दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। इसलिए बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। महिला-पुरूष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है। 

प्रसवोपरांत मातृ व कन्या शिशु के पोषण और अतिरिक्त देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं/जुङवा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। 

इस अवसर पर सचिव श्री हरि चंद्र सेमवाल व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना मे आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख / शर्ते : 
1. आंगनवाडी केंद्र पर पंजीकरण
2.सरकारी अथवा प्राइवेट माता-शिशु रक्षा कार्ड की प्रति (MCP कार्ड)
3. संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र (यदि किसी आकस्मिक कारणवश रास्ते में या घर में प्रसव है हुआ है तो तद्विषयक आंगनवाडी कार्यकर्त्री/ मिनी कार्यकर्त्री/आशा वर्कर / चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र )
4. परिवार रजिस्टर की प्रति
5. प्रथम द्वितीय / जुड़वाँ कन्या के जन्म हेतु स्वप्रमाणित घोषणा 
 6. नियमित सरकारी /अर्धसरकारी सेवक तथा आयकरदाता न होने विषयक प्रमाण पत्र |