उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021- चारधामों के कपाट खुलने की तिथियां ऐसे होंगी घोषित

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021 * चारधाम कपाट खुलने की तिथियां घोषित होंगी। * श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी को नरेन्द्र नगर राजदरबार में तय होगी। * श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 11 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर तय होंगी। * श्री गंगोत्री एवं श्री यमुनोत्री धाम परंपरागत रुप से प्रत्येक यात्राकाल में अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं। ऋषिकेश/ देहरादून। 4 फरवरी। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी 16 फरवरी मंगलवार को पंचाग गणना के पश्चात विधि-विधान से नरेन्द्रनगर स्थित राजदरबार में तय होगी। प्रात: 9.30 बजे से राजदरबार में कपाट खुलने की तिथि घोषित किये जाने हेतु समारोह शुरू होगा । इसी दिन गाडू घड़ा तेलकलश यात्रा का भी दिन निश्चित हो जायेगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने यह जानकारी दी। बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च बृहस्पतिवार शिवरात्रि के अवसर पर तय होगी जबकि श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते है। तीर्थ पुरोहितों द्वारा नव संवत्सर के दिन शीतकालीन प्रवास मुखवा में श्री गंगोत्री धाम तथा शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जयंती पर श्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय किया जाता है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारण हेतु नरेंद्रनगर राजदरबार में प्रात: 9.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जायेगा। इस दौरान कोरोना बचाव मानको का पालन किया जायेगा शोसियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजर का प्रयोग एवं मास्क पहनना जरूरी होगा। गाडू घड़ा(तेल कलश) श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ एवं योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में पूजा अर्चना के बाद 15 फरवरी शाम को देवस्थानम बोर्ड के चंद्रभागा स्थित धर्मशाला में पहुंचेगा। तथा 16 फरवरी को प्रात: राजदरबार के सुपुर्द किया जायेगा इसी पवित्र घड़े में बाद में समारोह पूर्वक तिलों का तेल भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु कपाट खुलने के अवसर पर डिमरी पुजारियों द्वारा बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा। इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाई, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी,पं संपूर्णानंद जोशी, आयुक्त गढ़वाल/ देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, देवस्थानम बोर्ड के वित्त नियंत्रक जगत सिंह चौहान, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत पदाधिकारी विनोद डिमरी, आशुतोश डिमरी, नरेश डिमरी, ज्योतिष डिमरी एवं आचार्य – वेदपाठीगण तथा श्रद्धालुजन नरेन्द्रनगर राजदरबार पहुंचेगे।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निश्चित होते ही चारधाम यात्रा की तैयारियां ब्यापक स्तर पर शुरू की जायेगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विगत दिनों से चारों धामों में बर्फ पिघलने लगी थी लेकिन मौसम सर्द होने से उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फवारी हो रही है उम्मीद की जा सकती है कि यात्रा शुरू होने तक बर्फ मौजूद रह सकती है। 

इधर अनेक हकधारियों ने कहा कि है देवस्थानम बोर्ड ने पहले ही घोषणा कर दी कि मई के मध्य में खुलेंगे पट ,जबकि यह विधान बसन्त पंचमी के दिन सुनिश्चित होता है ऐसे में वसंत पंचमी का क्या महत्व रह गया ? बद्रीनाथ धाम के पंडित विनय डिमरी का कहना है कि 
यदि देवस्थानम को मध्य मई में ही खुलवाने थे तो कमरे के अन्दर तय कर लेते,धर्माधिकारी जी,रावल जी सारे सरकारी कर्मचारी हैं ,इनका आदेश तो इन्हें मानना ही पडेगा ही चाहिए
लेकिन बाहर इस तरह की खबर फैलाकर ,क्या ये सीधे आस्था और परम्पराओं पर चोट नहीं कर रहे हैं,ये सोचनीय विषय है ,
धार्मिक कार्यों को ,धार्मिक जानकारों के पास रहने देना चाहिए ,बोर्ड को मात्र प्रशासनिक कार्य और व्यवस्थायें देखनी चाहिए। 

बद्रीनाथ धाम के पंडित भाष्कर डिमरी का कहना है कि कपाट खुलने की तिथियां सुनिश्चित करना करने की एक सुनिश्चित परम्पपरा है। इसमें शसन की कोई भी भूमिका नहीं होती है नहीं मन्दिर कर्मचारियों का कोई भी भूमिका होती है ये केवल टिहरी नरेश व दरवार के नियुक्त पुरोहित व डिमरी समाज की ही भूमिका होती है ये कार्यक्रम केवल हकहक्कू धारियों का है