उत्तराखंड पुलिस : शादी की बजाय कर्तव्य को दी प्राथमिकता

हरीश मैखुरी

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद  पुलिस की छवि में  गजब का निखार आया है उत्तराखंड पुलिस जहां अपराधियों पर भारी पड़ती है वहीं मानवता के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए भी तैयार रहती है। ऐसा ही एक उदाहरण आया है चमोली जिले से कर्णप्रयाग थाने में तैनात 2 जवानों की सच्ची कहानी का, ये जूनून कर्तव्य का है, कर्णप्रयाग थाने में कॉन्स्टेबल आरती ,व कृष्णा जिनको १५ अप्रैल २०२० के शुभ दिन जीवन की डगर यानी शादी के बंधन में  बंधना था, लेकिन कोरोना महामारी की ड्यूटी के चलते उन्होंने शादी को स्थगित करते हुए अपने दायित्व को प्राथमिकता दी है ,आरती दशोली ब्लॉक से सेंजी गावँ, एवम कृष्णा पौड़ी के कुई गावँ की रहने वाले हैं , 15 अप्रैल को  इन दोनों जवानों की शादी होनी थी कार्ड कार्ड छप चुके थे शादी की बहुत सारी तैयारियां हो चुकी थी  लेकिन फिर भी को रोना महामारी के चलते अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता देते हुए इन दोनों युवाओं ने अपनी शादी को स्थगित करने का साहसिक निर्णय लिया। 

उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों के अमूल्य योगदान का एक दूसरा उदाहरण देवप्रयाग पुलिस से आया है जहां से शशि ध्यानी ने लिखा है कि “थाना प्रभारी देवप्रयाग महिपालसिंह रावत की पहल पर पुलिस स्टाफ ने यहाँ एक नई मिसाल पेश की है। जिसमें थाना क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले देवप्रयाग व नरेंद्रनगर ब्लॉक की 48 ग्राम पंचायतो के 101 गाँवों को पुलिस द्वारा गोद लेने का निर्णय लिया गया। इन गाँवो में राशन व चिकित्सा की व्यवस्था पुलिस स्टाफ अपने वेतन से करेगा। थाना प्रभारी महिपालसिह रावत ने बताया कि समस्त पुलिस स्टाफ ने लॉक डाउन की स्थिति में स्वेच्छा से थाना क्षेत्र के 101 गाँवों में राशन व चिकित्सा की व्यवस्था अपने वेतन की राशि से किये जाने का निर्णय लिया गया। इसमें थाने के 24 सिपाही दो दो गाँव,5 एसआई0 आठ आठ गाँव व थाना प्रभारी द्वारा 13 गाँव गोद लिए गए हैं। थाने मे तैनात 4 महिला सिपाहियो ने इसको जन सेवा का बेहतर अवसर माना है। महिला सिपाही ज्योति के अनुसार कोरोना वायरस से बने संकट में उन्हें अपने वेतन से असहाय ग्रामीण लोगों को सहायता देकर बहुत संतुष्टि मिलेगी। देवप्रयाग पुलिस की ये पहल निश्चित ही देश व समाज के लिए प्रेरणादायी है।”
      कोरोना मेडिकल आपदा में इन दिनों जिस भी गली चौराहे पर चले जाएं आपको उत्तराखंड पुलिस के जवान चुस्त-दुरुस्त मिलेंगे। गर्मी के इस मौसम में भी भोजन पानी की पपरवाह किए और छांव का आसरा लिए बिना कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे जवानों के जज्बे को सेल्यूट है।