सीबीआई द्वारा मुकदमा किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने क्या कहा ❗

विधायकों के प्रलोभन मामले में सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुकदमा दर्ज किए जाने पर उन्होंने कहा कि “अन्ततः CBI ने मेरे विरूद्ध FIR दर्ज कर दी है, मैंने PE के वक्त भी सहयोग किया था, अब भी अग्रणी जांच हेतु प्रस्तुत हॅू। उन्होंने कहा कि मुझे देश की न्याय व्यवस्था व अपने ईष्ट देवता की शक्ति पर पूरा विश्वास है, आप सब पर भी विश्वास है। उन्होंने आरोप लगाया कि षड्यंत्रपूर्वक सरकार कांग्रेस की गिराई जाती है, बकौल उमेश कुमार, षड्यंत्रकर्ताओं के नाम भी तथाकथित स्टिंग में उल्लेख हुये हैं, उन्हों ने सवाल उठाया कि क्या CBI को इन षड्यंत्रकर्ताओं के विरूद्ध FIR दर्ज नहीं करनी चाहिये? दल-बदल मेरी पार्टी से होता है, क्या दल-बदलूओं व सहयोगी एक्टर्स के खिलाफ जांच नहीं होनी चाहिये? क्या यह दल-बदल बिना प्रलोभन या लेन-देन के हुआ है? कांग्रेस 19 तारीख को दल-बदलुओं के विरूद्ध अयोग्यता का दावा संवैधानिक अधिकारी के पास दायर कर चुकी थी, जिस पर नोटिस जारी हो चुका था, स्थिति में कोई भी परिवर्तन, चाहे आंशिक हो, हमारे दावे को शून्य कर देता है, अर्थात किसी भी दल-बदलू को वापस लेने का अर्थ, अपने पांव में कुल्हाड़ी मारना होगा। सीधी-सीधी बात है, विधायक खरीदना मेरे लिये घातक था। फिर भी राजा मारे, सर्वपथरे। उन्होंने सीधे निशाना साधते हुए कहा “मोदी जी हैं, तो असम्भव भी सम्भव है। मुझे विश्वास है कि, यह सारा प्रकरण भारत के न्यायिक इतिहास में कई संस्थाओं की परीक्षा का कारक बनेगा। और अन्त में उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि” समय किसी के बस में नहीं होता है और समय अनन्तोगत्वा न्याय करता है और मुझे विश्वास है, देर में सही, मेरे साथ भी न्याय होगा”

 मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि जांच एजेंसियां तथ्यों और कानून के हिसाब से कार्रवाई अमल में लाती हैं इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी इसके शीर्ष नेतृत्व को ब्लेम किया जाने का औचित्य नहीं  है।