आदिवासियों की कीमत पर विकास का क्या औचित्य

मेधा पाटकर को 11 वें दिन उपवास के समय लाठी चार्ज कर पुलिस ने उठाया, 32 साल के संघर्ष का ये सिला कोई भी संवेदनशील व्यक्ति पचा नहीं पा रहा है। बिना पुनर्वास के 40,000 परिवारों को डूबा कर नर्मदा की पूजा करेगी सरकार? नदी जोडो़ अभियान के लिए भी सभी को साथ लेकर चलना जरूरी है, अन्यथा किसानों की भलाई के लिए बन रही परियोजना के लिए भी राजनीतिक घाटा हो सकता है केन्द्र को। मोदी और उमा भारती को ऐसे मामलों में पूरी संवेदना और संवेदनशीलता के साथ कदम उठाना चाहिए।