वंसन्त पंचमी कब मनायें, क्या कहता है निर्णय सिंधु

 भारत और उत्तराखंड के अनेक क्षेत्रों में वसंत पंचमी का त्यौहार आज मनाया जा रहा है तर्क  है कि वसंत पंचमी अपने उदय काल में ही शुभ होती है चमोली निवासी विद्वान पंडित मदन मैखुरी (मोबाइल नंबर – 9997424254) के अनुसार “शुभस्य शीघ्रम” शास्त्रों का यह निर्विवाद कथन है। शुभ कार्य शीघ्र होने चाहिए वैसे भी वसंतोत्सव लग्न काल में ही मनाने की परंपरा है, आज वसंत पंचमी का लग्न काल है।आज ही यग्योपवीत बदलने और पंचांग व सरस्वती पूजन कार्य भी करना चाहिए। सुबह 10:30 बजे से पंचमी शुरू है कल 1:20 दिन तक रहेगी। आज ही टिहरी राज दरबार में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो रही है। लेकिन आज के इस विषय पर कुछ विद्वान ज्योतिषियों की राय अलग है, वे उदय व्यापिनी होने के कारण कल मानने की राय दे रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉक्टर रमेश चंद्र पांडे के अनुसार 
*वंसन्त पंचमी कब मनायें?*
बसंतपंचमी भारतीय त्योहारों में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। ज्योतिषीय दृष्टकोण से वर्षभर में जितने पर्व आतें हैं उन पर्वों में से तीन महत्वपूर्ण पर माने गए हैं अक्षयतृतीया, दशहरा और बसंत पंचमी। ये तीनों पर्व अभिजीत पर्व माने गए हैं। इस वर्ष वंसन्तपंचमी 29 और 30 जनवरी दो दिन पड़ रही है। पंचमी 29 तारीक बुधबार को सुबह 10 बजके 46 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन 30 जनवरी गुरुबार को दिन 1 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। जिस कारण लोगों में भ्रांति है कि 29 को या 30 को किस दिन बसंत पंचमी मनायी जाएगी ? तो इस पर लोगों की भ्रांति दूर करने के लिये ज्योतिषाचार्य डॉक्टर रमेश चंद्र पाण्डेय ने शास्त्रोक्त प्रमाण देकर कहना है कि निर्णय सिंधु और धर्मसिंधु के हेमाद्रि मतानुसार *कृष्णा पूर्वयुता , सिता परयुता स्यात् पंचमी*। और *पंचमी तु प्रकर्तव्या षष्ट्या युक्ता तु नारदः*। अर्थात कृष्ण पक्ष की पंचमी चतुर्थी तिथियुक्त और शुक्लपक्ष की पंचमी षष्ठीयुक्त शुभ मानी गयी है। दूसरे मत के अनुसार भी षष्ठीयुक्त पंचमी ही ग्राह्य है। और उदयकाल की पंचमी भी 30 जनवरी को ही पड़ रही है साथ में गुरुबार होने पर 30 को बसंत पंचमी मनानी अत्यंत शुभ रहेगी।–पंडित डॉ रमेश पांडे  9690242065  ज्योतिष केन्द्र देहरादून 

इसी तरह एक और विद्वान ज्योतिषी के अनुसार  नमस्कार ? मित्रों कल से कई लोगों के फोन और msg आये हैं बसंत पंचमी की शंका की 29 जनवरी या 30 कब को कब है,29 को पँचमी तिथी प्रातः 10 बजकर 42 मिंट से प्रांरभ होगा और 30 जनवरी को दोपहर 1 बजकर 17 मिंट तक रहेगी,पँचमी का पर्व उदय तिथि के अनुसार ही मनाया जाता है,इसलिए बसन्त पँचमी का पर्व 30 जनवरी 2020 वृहस्पतिवार को मनाया जाएगा, इसमें कोई शंका ना रखें,धन्यवाद। आचार्य गोपाल दत्त सती (ज्योतिषाचार्य)श्री बद्रीनाथ ज्योतिष केंद्र लखनऊ, मोबाइल-9450654434,9140566970।?