आखिर राज्य के खिलाड़ियों को कब मिलेगा उनका सम्मान

प्रदेश के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड का नाम रौशन किया जिसने पूरे देश को विदेशी धरती पर सम्मान दिलाया, आज उत्तराखण्ड की उन्हीं दो बेटियों को अभी तक सरकार ढंग का सम्मान तक नहीं दे सकी। सरकार पहले उम्मीद से दोगुना और फिर डीएसपी बनाने के लिए नियमावली बनाने का दावा तो करती है, पर अपने वायदे से पलटी मार देती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मानसी जोशी को डीएसपी बनाने के लिए नियमावली बदलने का दावा करने वाले खेल मंत्री अरविंद पांडे एक हफ्ते से अधिक समय तक मुख्यमंत्री से इस संबंध में कोई बात तक नहीं कर सके। ऐसे में मंत्रियों का व्यवहार सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।

उत्तराखण्ड में हर खिलाड़ी पहले ही मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं। यहां क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता न होने के चलते खिलाड़ी खेलने के लिए अन्य राज्यों में मारे-मारे फिरते हैं। किसी तरह मेहनत कर दूसरे राज्यों से होते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचते है तो सरकार दिल तोड़ देती है। महिला विश्व कप फाइनल तक पहुंचने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को सभी राज्य सरकारों ने बहुत कुछ दिया लेकिन उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री ने मानसी और एकता को एक बार शाबासी तक देना उचित नहीं समझा। खेल मंत्री अरविंद पांडेय जब मानसी जोशी से मिले तो उन्होंने खेल दिवस पर दोनों क्रिकेटरों को उम्मीद से ज्यादा देने का दावा कर डाला. करीब एक माह बाद 29 अगस्त को सरकार ने सम्मान समारोह आयोजित किया तो दोनों खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये का चेक देकर इतिश्री कर ली. एकता ने उसी समय इस पर विरोध जताया।