महाराष्ट्र में शिव सेना को शव सीन बनाने के खेल में कौन?

हरीश मैखुरी

   पुत्रमोह के जंजाल में राजनीतिक दलों की कब्रें=========================

महाराष्ट्र में जब 19 दिन तक भी राजनीतिक दल आमंत्रण के बावजूद सरकार गठित नहीं कर सके तब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और कितने दिनों तक खरीद फरोख्त का मौका देते ❗और खास कर कांग्रेस वहां अभी तक विधायक दल का नेता तक नहीं चुन सकी क्यों ❗कांग्रेस और शिवसेना के विधायक किन किन जगह नजर बंद हैं देश जानना चाहता है इस पर क्यों नहीं करते बात ❗राज्यपाल कब तक महाराष्ट्र को बिना संवैधानिक व्यवस्था के छोड़कर राजनीतिक दलों के नक्कारेपन को चलने देते ❗ उन्होंने संवैधानिक व्यवस्था बहाल कर के ठीक किया। कम से कम अब वहां कोई व्यवस्था तो बनी। अब राजनीतिक दलों के पास लम्बा मौका है बनाओ सरकार कौन मना कर रहा है?? 

महाराष्ट्र में प्याज होल्डिंग से  लेकर सत्ता की राजनीति के लिए शरद पवार को महारत हासिल है। पाँच वर्ष पहले सत्ता गंवाने बाद शरद आज फिर वहां सत्ता की चाभी लेकर  महाराष्ट्र में कितना शातिर खेल रच रहे हैं? पहले संजय राउत के माध्यम से शिवसेना को चढा़ कर इस स्थिति पर लाये कि उसके भाजपा के साथ रिश्ते खराब हो गये हैं अब अगर वो भाजपा के पास कटी हुई नाक और फटी हुई साख लेकर भी जाये तो बेइज्जती ही होगी ❗ शरद पवार और सोनिया गाँधी मिले, तय हुआ कि काँग्रेस शिवसेना के दावे का समर्थन न करे, ताकी वह सरकार ना बना सके लेकिनखुखुद शिवसेना के NCP समर्थन की बात करती रही, ताकी शिवसेना का भरोसा बना रहे। लेकिन सवाल ये है कि काँग्रेस अब NCP के दावे का समर्थन कर देगी? शरद पवार ने प्रधानमंत्री छोड़ दें तो बाकी हर पद का मजा लिया, चार बार मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री BCCI अध्यक्ष आदि कितने ही मालदार जगह बैठ कर माल कमाया। अब वह जो कर रहे हैं अपनी आने वाली पवार नस्लों के लिये कर रहे हैं। वर्तमान में पवार परिवार के करीब 20 से अधिक सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं उनके लिये वह आगे का रास्ता खाली कर रहे हैं, साथ ही शिवसेना को साफ कर रहे हैं कारण उन्हें पता है कि उनकी पार्टी सिर्फ महाराष्ट्र में ही रहने वाली है ❗इसीलिये वे वहां शिवसेना को हमेशा के लिये खत्म कर देना चाहते हैं। वैसे ही शिवसेना में अब बाल ठाकरे का बल समाप्त हो चुका है। काँग्रेस  शरद पवार को बहुत अच्छे से जानती है वह भुक्तभोगी है कि शरद पवार सबसे चालाक और निर्मम राजनेता हैं इसलिये बहुत फूंक- फूंक कर आगे बढ रही है, भाजपा भी खुश है उसे अपनी मेहनत और नेतओं पर पुरा भरोसा है कि वह अपने दम सत्ता ले लेगी और शिवसेना का रोज रोज का झंझट भी खत्म हुआ।  जैसे  परिवार और पुत्र मोह में कांग्रेस को देश में भारी नुकसान हुआ वैसे ही धृतराष्ट्र की तरह अंधे पुत्र मोह में शिवसेना को महाराष्ट्र में न केवल भारी नुकसान हुआ बल्कि वह ठाकरे के बाद ठीकरा बनकर रह गई है। पुत्र मोह में धृतराष्ट्र ने हस्तिनापुर, गँवाया मुलायम ने उत्तर प्रदेश, प्रकाशसिंह बादल ने पंजाब, लालू प्रसाद यादव ने बिहार, सोनिया ने पूरा हिन्दुस्तान और अब शिवसेना पूरा महाराष्ट्र गंवायेगी। और महाराष्ट्र में शिव सेना महज शव सीन बन कर रह सकती है।