अल्मोड़ा में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और कोविड टीकाकरण का निरीक्षण, कोरोना पर गेम चेंजर औषधि 2DG के मुख्य अविष्कारक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, लक्षण दिखना शुरू होते ही करायें उपचार अब मोबाइल से भी होगी जांच – मुख्य सचिव ओमप्रकाश, ह्यूस्टन से पी एच डी टैक्सास से पोस्ट डाक्टरेट प्रोफेसर आलोक सागर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासियों बीच झोपड़ी में रहते हैं

अल्मोड़ा 10 मई, 2021 (सूवि) सुनिश्चित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय पहुॅचे जहाॅ उन्होंने बेस चिकित्सालय/मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। उन्होंने बेस चिकित्सालय में चल रही व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मा0 मुख्यमंत्री सर्वप्रथम चिकित्सालय में कोरोना मरीजो की जानकारी के लिए स्थापित हैल्प डैस्क का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चिकित्सालय में डिजीटल डिस्प्ले सिस्टम जिसके माध्यम से लोग प्रतिदिन बेस में हो रहे आरटीपीसीआर सैम्पल की जानकारी प्राप्त कर सकते है, का भी निरीक्षण किया। वहीं कोविड कन्ट्रोल रूम का भी उन्होंने निरीक्षण किया। मा0 मुख्यमंत्री ने सीएनडीएस द्वारा बनाये जा रहे 12 बैड के आईसीयू कक्षों का निरीक्षण भी किया। प्राचार्य मेडिकल कालेज द्वारा इसके बारे में जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने आईसीयू कक्ष को जल्द से जल्द संचालित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।                                     निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोविड वार्ड व उसमें भर्ती मरीजों की जानकारी अधिकारियो से प्राप्त की और कहा कि मरीजों के ईलाज में किसी भी प्रकार की कमी न होने दी जाय और  उन्हें बेहतर ईलाज मुहैया कराया जाय। इस दौरान एचएलएल संस्था द्वारा बेस में निर्माणाधीन आक्सीजन जनरेशन प्लान्ट का निरीक्षण करते हुए उन्होंने अधिकारियों को 25 मई तक प्लान्ट निर्माण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एचएलएल के उच्चाधिकारियों से उनके द्वारा पृथक से वार्ता कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज के अवशेष निर्माण कार्य किन्ही कारणों से रूके थे जो अब प्रारम्भ हो चुके है और उन्हंे जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी आडे़ नहीं आने दी जायेगी। अल्मोड़ा को एक दो दिन में 35 आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में अन्तिम वर्ष के छात्रों व पूर्व सैनिकों की सेवायें लेकर कोविड में मैनपावर की कमी को दूर किया जायेगा।                                        इसके बाद मा0 मुख्यमंत्री द्वारा राजकीय होटल मैनेजमेंट में चल रहे वैक्सीनेशन सेन्टर का निरीक्षण भी किया उन्होंने टीका लगा रहे लोगो से जानकारी प्राप्त की और कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगो का टीकाकरण करते हुए इस महामारी को रोकने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि आज से प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रारम्भ किया गया है जिसमें 400 करोड़ से अधिक धनराशि का व्यय होगी जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ खड़ी है सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में मीडिया कर्मियों द्वारा बेहतर कार्य किया गया है इस दौरान मीडिया के महत्व को देखते हुए उन्हें फ्रन्र्ट लाईन वर्कर के रूप में प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगायी जा रही है।                                          होटल मैनेजमेंट में एक संक्षिप्त बैठक के दौरान मा0 मुख्यमंत्री अधिकारियों को कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए बेहतर प्रबन्ध करने, दवाईयों व आवश्यक उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले पर सख्ती और जनपद की सीमाओं में कड़ी निगरानी रखते हुए प्रत्येक आने वाले व्यक्ति की गहन जाॅच करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है आशा सर्विलांस बढ़ाया जाय। पाॅजिटिव आ रहे लोगो को होम आईसोलेशन किट तत्काल उपलब्ध कराये और उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहें। उन्होंने कहा कि लोगो को इस बात के लिए प्रेरित् किया जाय कि हल्के लक्षण होने पर भी अपनी जाॅच अवश्यक करायें व डाक्टर का परामर्श अवश्य लें। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने जनपद में करोना संक्रमण की रोकथाम एवं आवश्यक तैयारियों की पाॅवर पाइंट प्रेजेंटशन के माध्यम से मा0 मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी। इस दौरान प्राचार्य मेडिकल कालेज आर0जी0 नौटियाल ने भी मेडिकल कालेज के कार्यों की प्रगति व समस्याओं के बारे में मा0 मुख्यमंत्री को अवगत कराया जिस पर उन्होंने शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान मा0 विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, सांसद अजय टम्टा, विधायक महेश नेगी, विधायक महेश जीना ने कई समस्यायें सम्बन्धित क्षेत्र से मा0 मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी जिस पर उन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।                                            इस कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, सांसद नैनीताल अजय भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि रौतेला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, अपर जिलाधिकारी बी0एल0 फिरमाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सविता हंयाकी, एसीएमओ डा0 योगेश पुरोहित, डा0 दीपाकंर डेनियल, उपजिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा, मोनिका, तहसीलदार संजय कुमार, पीएमएस एच0सी0 गढ़कोटी, अनिल आर्या, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा गोविन्द सिंह पिलख्वाल, रमेश बहुगुणा , कैलाश गुरूरानी, किरन पंत, पुलिस उपाधीक्षक वीर सिंह, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी आदि उपस्थित थे ये देश के हीरो हैं, कोरोना इलाज में गेम चेंजर दवाई 2DG के मुख्य अविष्कारक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा। बलिया में जन्मे और बीएचयू से केमिस्ट्री में पीएचडी। 1997 में इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एण्ड एप्लाइड साइंसेज ज्वॉइन किया और दो साल में पीएम का यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी जीत लिया। बकौल डॉ. मिश्रा, यह दवा कोरोना की हर स्टेज में कारगर है और बच्चों को भी दे सकते हैं। दवा ऑक्सीजन की कमी रोकेगी, संक्रमण की संभावना कम करेगी। वायरस के पनपने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है, यह दवा ग्लूकोज के बजाय कोशिकाओं में जम जाएगी और वायरस इसे खाते ही खत्म हो जाएगा। कोटि-कोटि प्रणाम है डॉक्टर मिश्रा, दवा क्रांतिकारी हो रामबाण हो और दुनिया में भारत के विज्ञान का डंका बजे। ऐसी कामना है। प्रलय के भविष्यवक्ता नहीं, राष्ट्रीय गौरव एवं स्वाभिमान के प्रवक्ता बनिए! जय हिंदुस्तान जय विज्ञान 🙏🏻 श्री आलोक सागर….IIT दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिग्री , ह्यूस्टन से पी एच डी , टैक्सास से पोस्ट डाक्टरेट ,पूर्व आर बी आई गवर्नर श्री रघुराम राजन के प्रोफेसर…. विगत 32 वर्षों से किसी भी तरह के लालच को दरकिनार कर ….मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासियों के बीच रहते हुए उनके सामाजिक, आर्थिक , शैक्षणिक उत्थान और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. निजी जीवन में दिल्ली में करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक श्री आलोक सागर की मां दिल्ली के मिरांडा हाउस में फिजिक्स की प्रोफेसर , पिता भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी थे,छोटा भाई आज भी आई आई टी में प्रोफेसर है. सब कुछ त्याग कर आदिवासियों के उत्थान के लिये समर्पित ,आदिवासियों के साथ सादगी भरा जीवन जी रहे है…रहने को घासफूस की एक झोपड़ी ,पहनने को तीन कुर्ते, आवागमन के लिए एक साइकिल-ताकि प्रकृति को नुकसान न हो. कई भाषाओं के जानकार श्री सागर आदिवासियों से उन्हीं की भाषा में संवाद करते हैं … उनको पढ़ना लिखना सिखाने के साथ-साथ आसपास के जंगलों में उनसे लाखों फलदार पौधौं का रोपण करवा चुके हैं …फलदार पौधौं का रोपण करवाकर आदिवासियों में गरीबी से लड़ने की उम्मीद जगा रहे हैं…साइकिल से आते जाते बीज इकट्ठा कर आदिवासियों को बोने के लिए देते हैं. पद्मम पुरस्कार के लिए मना कर चुके श्री आलोक सागर को शत-शत नमन।  मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने जनता से अपील की कि जब भी लक्षण दिखना शुरू हो, तत्काल उपचार करवाएं मुख्य सचिव ने बताया कि मोबाइल टेस्टिंग वैन भी शुरू करेंगे, जो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर मरीजों की पहचान करेगी और वहीं उनकी जांच करेगी देहरादून। कोविड-19 की स्थिति को लेकर सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने बताया कि एक आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड में 10 ली. प्रति मिनट दर से और आईसीयू बेड के लिए 24 लीटर प्रति मिनट की दर से आॅक्सीजन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार इन बेड्स के लिए राज्य सरकार को 165.18 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की आवश्यकता होगी। भारत सरकार ने 183 मीट्रिक टन उत्तराखंड को अलोकेट किया है। अभी जो बेड उपयोग में आ रहे हैं, उनके लिए 130 मीट्रिक टन आॅक्सीजन की जरूरत है और हमें प्रतिदिन 126 मीट्रिक टन आॅक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध होती है। हाॅस्पिटल्स में जो प्लांट लगे हैं, उनसे 5 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध हो रही है। अस्पतालों में और भी प्लांट लग रहे हैं, जिनसे 4 मीट्रिक टन आॅक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि जब भी लक्षण दिखना शुरू हो, तत्काल उपचार करवाएं तो कोविड के मामलों और मौत के आंकड़ों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आईसीयू की जरूरत नहीं है, और अगर वे इसका उपयोग कर रहे हैं, उनकी निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जो हाॅस्पिटल्स की निगरानी करेगी। वैक्सीन को लेकर उन्होंने बताय कि हमें 1 लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है। हमने भारत सरकार को लिखा है कि राज्य सरकार अगर बाहर से सीधे वैक्सीन आयात कर सकती है तो उसके लिए हमें अनुज्ञा दी जाए। बहुत जल्द हम मोबाइल टेस्टिंग वैन भी शुरू करेंगे, जो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर मरीजों की पहचान करेगी और वहीं उनकी जांच करेगी, इससे उन्हें उपचार के लिए शहर आने की आवश्यकता नहीं होगी। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि राज्य में मार्च 2020 में आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड्स 673 थे जो कि वर्तमान में 5500 के अधिक हैं। इसी प्रकार राज्य में मार्च 2020 में आईसीयू 216 थे जो कि अब 1390 है, वेंटिलेटर्स मार्च 2020 में 116 से बढकर अब 876 हो गये हैं, आॅक्सीजन सिलेंडर्स मार्च 2020 में 1193 थै जो कि वर्तमान में 9900 हो गये हैं, आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स मार्च 2020 में 275 थे अब 1293 हैं, एंबुलेंस 307 और 64 टूनाड मशीन हैं। वहीं मार्च 2020 में केवल एक टेस्टिंग लैब थी, वर्तमान मे 10 सरकारी लैब और 26 प्रायवेट लैब हैं। उन्होंने बताया है कि राज्य सरकार द्वारा एक साल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और और आगे भी इनमें वृद्धि करेंगे। उन्होंन बताया कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में 500 बेड का कोविड हाॅस्पिटल बन रहा है, जिसमें 100 बेड आईसीयू के होंगे। वहीं ऋषिकेश मे 500 बेड का कोविड अस्पताल बना रहे है। ऋषिकेश एम्स में 100 बेड का आईसीयू अस्पताल होगा। इसी प्रकार जाॅलीग्रांट में 200 से 300 बेड वैकल्पिक रूप से तैयार करेंगे। साथ ही जितने भी सरकारी अस्पताल हैं, उनमें भी आॅक्सीजन बेड करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि हाॅस्पिटल्स को निर्देश दिए हैं कि आॅक्सीजन बेड की उपलब्धता कि स्थिति को लगातार अपडेट करते रहें। पब्लिक को परेशानी न हो, इसके लिए अस्पतालों की वेबसाइट पर लिखे गए सभी पीआरओ के नंबर भी अपडेट किए जाने चाहिए। हमने एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है, जिसमें डीएम, पुलिस, मेडिकल डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट होंगे, जो सभी शिकायतों पर संज्ञान लेकर आगे कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर को क्लिनिकल प्रोटोकाॅल के अनुसार ही उपयोग किया जाएगा। प्रतिदिन 25 से 30 हजार लोगों की जांच की जा रही है और हम इसे बरकरार रखेंगे। हमारा प्रयास है कि आरटीपीसीआर के साथ ही रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा करे, जिससे लक्षण वाले लोगों को 15 मिनट में रिपोर्ट मिल सकेगी। श्री पंकज पांडे ने बताया कि टेस्टिंग और रिजल्ट में अंतर आने को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी टेस्ट करवाएगा, उसे तुरंत दवाई दे देंगे, उसके लिए रिजल्ट का इंतजार नहीं करेंगे। यह व्यवस्था हर जनपद में लागू हो गई है और किट बंटना शुरू हो गई है। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य मौत के आंकड़ों को कम करना है। उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर के भाव भारत सरकार ने तय किए हैं। जितने रूपए में सरकार को यह उपलब्ध हो रहा है, उतने ही रूपयों में निजी अस्पतालों को भी ट्रांसफर हो रहा है। हमने निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए हैं कि जनता को भी उतने ही रूपए में रेमडिसिविर उपलब्ध करवाए जाएं, जितने में हमने उन्हें दिया है। श्री अमित सिन्हा ने बताया कि जब से अभियान शुरू हुआ है, अब तक 1150 सूचनाओं पर धरपकड़ की जा चुकी है । उन्होंने बताया कि मिशन हौसला के अंतर्गत डीएम के साथ पुलिस सामंजस्य कर आॅक्सीजन और अन्य सुविधाएं जनता को उपलबध करवा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 22 एफआईआर हो चुकी है, जिसके तहत 33 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और 194 रिकवरी हुई है।