उत्तराखंड के एक और लाल को बड़ी कमान, पी. सी. पंत बनाये गये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष

✍️भुवन नौटियाल
         राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड के प्रफुल्ल चंद्र पंत को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया हैं। पंत की नियुक्ति से उत्तराखंड में हर्ष की लहर हैं।
प्रफ्फुल चन्द्र पंत का जन्म 30 अगस्त 1982 को पिथौरागढ़ में हुआ था। पंत ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान की उपाधि प्राप्त की तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। पंत ने उपाधि प्राप्त करने के उपरान्त सन् 1973 में बार काउंसिल उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा 1973 में चयनित होने पर उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। श्री पंत 29 जून 2005 को नैनीताल हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ ली।  2008 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 2013 में मेघालय उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्त हुए।  
        पंत उत्तराखंड के पहले लोकायुक्त तथा विधि एवं न्याय सचिव भी रहे हैं। 22 अप्रैल 2019 को पंत की आयोग में सदस्य के रूप में नियुक्ति हुई थी। पंत उत्तराखंड मूल के पहले व्यक्ति के रूप में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य व अब कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। 
29 अप्रैल 2019 को उत्तराखंड सदन नई दिल्ली में वार मेमोरियल स्मारिका के दिल्ली इकाई के सदस्यों और सहयोगियों के वितरण समारोह में पंत जी मुख्य अतिथि थे।  इस मध्य उन्होंने अपने संबोधन में वीसी दरवाना सिंह नेगी के वॉर मेमोरियल स्कूल एवं रेल लाइन के सपने और सराहना की सराहना की। उन्होंने शताब्दी समारोह समिति की पहल को ऐतिहासिक बताया और अपील की कि, हमें अपने गांव के देवता मंदिर की पूजा के साथ सरस्वती की मंदिर की भी पूजा करनी चाहिए । उन्होंने बताया कि, उनके पिताजी जोशीमठ जीआईसी में प्रधानाचार्य थे|

पिथौरागढ़ जिले के प्रफुल्ल चन्द्र पन्त को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। पंत आयोग के  सदस्य के रूप में 22 अप्रैल 2019 को नियुक्त हुए थे। वह उत्तराखंड के पहले विधि एवं न्याय सचिव रह चुके हैं. 2014 से 2017 अगस्त तक प्रफुल्ल चन्द्र पन्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं। (आलेख एवं फोटो सौजन्य भुवन नौटियाल)