कतर को लेकर अरब देशों में तनातनी, सात देशों ने कतर से तोड़े रिश्ते

बहरीन, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, लीबिया और मालदीव ने सोमवार को कतर से राजनयिक रिश्ते तोड़ लिए। इन देशों ने यह कदम कतर द्वारा चरमपंथी-आतंकी समूहों का समर्थन करने और ईरान से उसके रिश्तों को लेकर उठाया है। इस कदम के बाद अरब देशों के बीच दरार और गहरी हो गई है। सबसे पहले बहरीन ने कतर से अपने संबंध तोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद अन्य देशों ने राजनयिक रिश्ता खत्म करने का फैसला किया। इन देशों ने कतर पर अल कायदा, आईएस और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे गुटों का समर्थन करने और खाड़ी के देशों में गड़बड़ी पैदा करने का आरोप लगाया। आरोपों को खारिज करते हुए कतर ने इस कदम पर दुख जताया।

अंतरराष्ट्रीय संबंध कभी भी एक जैसे नहीं रहते। करीब 17-18 वर्ष पहले कुवैत और इराक के आपसी खींचतान के असर को दुनिया देख चुकी है। आज एक बार फिर अरब देशों में कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है। आतंकी संगठनों के साथ कतर के रिश्ते को लेकर छह अरब देशों ने उसपर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन अरब देशों की जो तस्वीर सामने आ रही है वो भारत के लिए चिंताजनक है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जहां सऊदी अरब से कच्चा तेल मंगाता है, वहीं कतर से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति होती है। लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि अरब देशों के बीच तनाव से भारत अछूता रहेगा।