स्व० हेमवतीनंदन बहुगुणा की जीवनी, उनकी जयंती पर बहुगुणा विचारमंच गढ़वाल-कुमाऊँ द्वारा “पलायन कारण एवं निवारण” विषय पर गोष्ठी, मुख्यमंत्री सहित उत्तराखंड भर से श्रध्दांजलि

✍️हरीश मैखुरी
नैनीताल हाईकोर्ट के पूूर्व स्टेंडिंग कांउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश पुजारी द्वारा जानकारी दी गई है कि “स्व० हेमवतीनंदन बहुगुणा जी की जयंती पर बहुगुणा विचारमंच गढ़वाल-कुमाऊँ द्वारा “पलायन कारण एवं निवारण” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें स्व० बहुगुणा द्वारा पहाड़ों से पलायन रोकने के लिये कारगर योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा व नैनीताल जनपदों के लिये तत्समय केंद्र से अलग से 400 करोड़ रुपयों(वर्तमान में 4000 करोड़) का अतिरिक्त बजट केंद्र से स्वीकृत कराया था।
      श्री पुजारी कहा कि हेमवतीनंदन बहुगुणा ने गढ़वाल विकास निगम, कुमाऊँ विकास निगम की स्थापना का, तीर्थों को पर्यटन से जोड़ा, साथ ही पलायन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए देहरादून व अल्मोड़ा में होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना वर्ष 1975 में करवाई ताकि यहां का नौजवान पर्यटन के क्षेत्र में  स्वरोजगार बना सके,  शिक्षा के लिये गढ़वाल विश्वविद्यालय व कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना की, देहरादून जनपद को मेरठ कमिश्नरी से गढ़वाल कमिश्नरी में शामिल करने का दूरदर्शी कदम उठाया।
       अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण के अतिरिक्त दूरस्थ हिमाच्छादित पर्वतीय क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को अलग से मेडिकल, इंजीनियरिंग व उच्च शिक्षण संस्थाओं में 5% आरक्षण की व्यवस्था प्रवेश में की।
      भविष्य में टिहरी बांध से उत्पन्न होने वाली बिजली का 10% पर्वतीय क्षेत्रों को नि:शुल्क वितरण का आदेश वर्ष 1975 में जारी किया, फौज में भर्ती के लिये सीने व लम्बाई की माप में पहाड़ों के नवजवानों को छूट प्रदान केंद्र से करवायी, सीमांत तहसीलें जो चीन की सीमा से जुड़ी थी उनके लिये फौज में हाई स्कूल उत्तीर्ण तक की छूट दी।
        वक्ताओं ने पलायन रोकने की स्व० बहुगुणा की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए विचार व्यक्त किए की बन्दरों व जंगली जानवरों से छुटकारा, पहाड़ों में निवास करने वालों को बिजली के बिलों से निजात, जलकर, भवनकर से छूट और इन टैक्सों की भरपाई जल विद्युत परियोजनाओं के मालिकों से जलकर, भवनकर के रूप में ली जानी चाहिए।
      पर्यटकों के लिए Way to Heaven (स्वर्गारोहण) पर्यटन ट्रैक बनाया जाए जिसमें पांडवों के स्वर्गारोहण की तर्ज पर कुरुक्षेत्र से कुमाऊं होते हुए गढ़वाल के पाणुवाखाल, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, गौरीकुंड, केदारनाथ, भीमपुल, सतोपंथ, स्वर्गारोहिणी होते हुए स्वर्ग जाने का मार्ग विकसित हो, ताकी आगामी पीढ़ी देश-विदेश की इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बन सके।
         गोष्ठी की अध्य्क्षता श्री लखपत बुटोला पूर्व उपाद्यक्ष  जिला पंचायत चमोली तथा संचालन श्री शेखर रावत पत्रकार ने किया,  गोष्ठी में संयोजन श्री हरीश पुजारी, सर्वश्री कुंवर सिंह नेगी पूर्व विधायक बद्री-केदार, प्रेम बल्लभ भट्ट पूर्व नगर पालिका अध्य्क्ष गोपेस्वर, श्री नन्दन बिष्ट पूर्व प्रमुख दशोली, श्री सुदर्शन कठैत पूर्व प्रमुख घाट, श्रीमती रेजा चौधरी पूर्व प्रमुख पोखरी, श्रीमती रेखा पुजारी, श्री किशन सिंह फर्स्वाण अधिवक्ता, समीर बहुगुणा पत्रकार, मनोज भट्ट अधिवक्ता, जगदीश नैनवाल, पूर्व छात्र संघ अध्य्क्ष देवेंद्र बर्तवाल, पूर्व छात्र संघ अध्य्क्ष मदन मिश्रा, भूपाल सिंह रावत, भरत सिंह रावत अध्य्क्ष बार एसोसिएशन चमोली, शंकर सिंह मनराल अधिवक्ता, दिलवर सिंह फर्स्वाण अधिवक्ता, चंद्र सिंह नेगी पत्रकार मोहन खाल पोखरी, नीरज पंवार गजेंद्र पाठक, रविन्द्र भारद्वाज आदि उपस्थित रहे,  गोष्ठी में उत्तराखंड की जनता से स्व० हेमवतीनंदन बहुगुणा जी के अधूरे कार्य पूर्ण करने के लिये आग्रह किया गया।
 हेमवतीनंदन बहुगुणा की जीवनी 
  • वर्ष 1952 में सर्वप्रथम विधान सभा सदस्य निर्वाचित। पुनः वर्ष 1957 से लगातार 1969 तक और 1974 से 1977 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य।
  • वर्ष 1952 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति तथा वर्ष 1957 से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति सदस्य।
  • अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव।
  • वर्ष 1957 में डा0 सम्पूर्णानन्द जी के मंत्रिमण्डल में सभासचिव।
  • डा0 सम्पूर्णानन्द मंत्रिमण्डल में श्रम तथा समाज कल्याण विभाग के पार्लियामेन्टरी सेक्रेटरी।
  • वर्ष 1958 में उद्योग विभाग के उपमंत्री।
  • वर्ष 1962 में श्रम विभाग के उपमंत्री।
  • वर्ष 1967 में वित्त तथा परिवहन मंत्री।
  • वर्ष 1971,1977 तथा 1980 में लोक सभा सदस्य निर्वाचित।
  • दिनांक 2 मई,1971 को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में संचार राज्य मंत्री।
  • पहली बार 8 नवम्बर, 1973 से 4 मार्च, 1974 तथा दूसरी बार 5 मार्च, 1974 से 29 नवम्बर, 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
  • वर्ष 1977 में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में पेट्रोलियम,रसायन तथा उर्वरक मंत्री।
  • वर्ष 1979 में केन्द्रीय वित्त मंत्रीउत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कुशल प्रशासक, जनसेवी, हिमालय पुत्र के नाम से प्रसिद्ध श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन। वे ऐसे क्रांतिकारी देशभक्त थे, जो सामाजिक न्याय, सांप्रदायिक सद्भावना और राष्ट्रीय गौरव के लिए सदैव प्रयासरत रहे। उन्हें देश व दुनिया ने कुशल प्रशासक, ओजस्वी वक्ता और प्रखर राजनेता के रूप में जाना। स्व.बहुगुणा जी का पहाड़ो के विकास के लिये एक सपना था, एक चिन्तन था। अपनी संस्कृति व सभ्यता से भी उन्हें बड़ा लगाव था। उनके विचार एवं उनके द्वारा दिखाया गया समाजवाद एवं नैतिकता का मार्ग हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कुशल प्रशासक, हिमालय पुत्र श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
        पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें याद करते हुए कहा कि एक औजस्वी वक्ता,प्रखर राजनेता, हिमालय पुत्र ‘स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा जी’ की 102वीं जयंती के अवसर पर उन्हें कोटिशः नमन, वंदन। स्व.बहुगुणा जी पहाड़ों के सच्चे हितैषी, किसानों के बेहद प्रिय और गरीबों के मसीहा के तौर पर जाने जाते हैं। वे पहाड़ के विकास के लिये सदैव प्रयत्नशील रहते थे। !!विनम्र श्रद्धांजलि!!
      बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा हिमालय पुत्र को शत शत नमन।