नहीं रही कांग्रेस नेता और उत्तराखंड की पूर्व काबीना मंत्री इंदिरा हृदयेश – हरीश रावत बोले राजनीति में उनकी जगह सदैव के लिए रिक्त होगयी

✍️हरीश मैखुरी

कांग्रेस नेता इंदिरा हरदेश नहीं रही, हृदय गति रूकने से दिल्ली में उनका निधन हो गया है। वे उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष थी। उनकी मृत्यु पर पूर्व कांग्रेसी राज्य अध्यक्ष और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि #इंदिरा_हृदयेश जी नहीं रही, सहसा इस समाचार पर विश्वास नहीं होता, कल तक हम साथ थे, कांग्रेस को उत्तराखंड में कैसे मजबूत किया जाए उसके लिए विचार विमर्श कर रहे थे, कार्य योजना बना रहे थे और अभी-अभी खबर आई है कि क्रूर काल ने इंदिरा हृदयेश जी को हमसे छीन लिया है। कांग्रेस की मूर्धन्य नेता, एक अनूठा व्यक्तित्व, संसदीय विधा की मर्मज्ञ, संघर्षरत जनता व शिक्षकों की आवाज, हल्द्वानी व उत्तराखंड की जनता की एक लगनशील सेविका और कांग्रेस की शीर्ष नेता इंदिरा हृदयेश जी, उनका जाना हम सबके लिए बहुत दु:खद है, उनके रिक्त स्थान को कोई नहीं भर सकता है। इंदिरा हृदयेश जी आप लोगों को हमेशा बहुत याद आएंगी, आपने जो अविस्मरणीय कार्य अपने मंत्रितत्वकाल में किये हैं, जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की विधान परिषद हो या शिक्षा जगत हो उसके लिए शिक्षक नेत्री के रूप में किया है, उसे कौन भुला सकता है। हल्द्वानी की विकास की आप माँ हैं, एक विकास की माँ चले गई। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि किन शब्दों में आपको मैं श्रद्धांजलि अर्पित करूं, किन शब्दों में आपके परिवार को, हम सब भी आपके परिवार हैं, हम एक-दूसरे को संवेदना प्रेषित करें। भगवान को शायद यही मंजूर था कि आप हमको मझधार में छोड़कर के चले गई। जिस समय कांग्रेस को आपसे मार्गदर्शन की सबसे अधिक आवश्यकता थी, उस समय आपका जाना बहुत कष्ट दे गया। इंदिरा जी आपका आशीर्वाद, हमेशा उत्तराखंड के कांग्रेसजनों के साथ रहेगा इसका मुझे पूरा विश्वास है। मैं, अपने और अपने परिवार की ओर से, अपने कांग्रेस परिवार व अपने उत्तराखंड के भाई-बहनों की ओर से, आपके लाखों प्रशंसकों जिनमें एक मैं भी हूंँ, आपको श्रद्धासुमन अर्पित करता हूंँ। भगवान, आपको अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
“ॐ शांति, ॐ शांति”

कांग्रेस नेता के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि “नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश का असमय आकस्मिक निधन उत्तराखण्ड प्रदेश एवं कांग्रेस पार्टी की अपूर्णीय क्षति है उनके निधन से राजनीति में जो स्थान रिक्त हुआ है उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक राजनीति से लेकर उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड तक का उनका लम्बा राजनैतिक सफर रहा है जिसमें उन्होंने कई उतार-चढाव देखे हैं। उन्होंने कहा कि स्व0 इन्दिरा हृदयेश के रूप में हमने आज अपना एक मार्ग दर्शक खो दिया है। नेता प्रतिपक्ष में पार्टी के विधायकगणों को समय-समय पर उनका मार्ग दर्शन मिलता रहा जिसके कारण विपक्षी दल के रूप में उनके कुशल एवं अनुभवी नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सदन में जनता की आवाज उठाती रही। राज्य में पहली सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य में ढांचागत विकास की नींव रखने में मदद की जिसके लिए वे सदैव याद की जायेंगी।  सहसपुर से आर्येंन्द्र शर्मा ने कहा कि इंदिरा हृदयेश का आकस्मिक निधन गहरा आघात दे गया है। भावभीनी श्रध्दांजलि। “

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे राजनीति में भेदभाव से ऊपर उठी भी नेता थी। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हमने इंद्रा हृदयेश के साथ काफी समय काम किया है वह हमारे साथ मंत्री रही हैं। वे मजबूत निर्णय के लिए जानी जाती हैं। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी इंदिरा हरदेश की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। 

बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा जब मै पहली बार 2002 में विधायक बनकर विधानसभा में गया,उस समय माँ तुल्य स्नेह देकर आपने मुझे अपना आशीर्वाद दिया।मन बहुत दुःखी है।आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलता था।
भगवान अपने चरणों मे स्थान दें।ॐ शान्ति।।