यदि कसाब जिंदा न पकड़ा जाता तो, भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की थी शाजिस

अगर कसाब जिंदा न पकड़ा जाता तो😢

#समीर_चौधरी, अरुणोदय कॉलेज, हैदराबाद”
जी हां, यही नाम था #अजमल_कसाब की जेब में रखे आइडेंटिटी कार्ड पर, और हाथ में #लाल_कलावा बंधा हुआ था!

यही नहीं बाकी सब #10_आतंकवादियों को भी #हिन्दू_आइडेंटिटी के साथ भेजा गया था!
मुंबई के पूर्व कमिश्नर #राकेश_मारिया की किताब #”Let_me_say_it_now” में उन्होंने इस तरह के कई बड़े खुलासे किए हैं!

धन्य हैं पुलिस कांस्टेबल तुकाराम जिन्होंने गोली लगने बावजूद पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़े रखा। इसके बाद भी भारत के कतिपय सैक्युलर इसे हिन्दू टेरर और साज़िश बताने से नहीं चूके। 

सोच के ही झुरझुरी आ जाती है कि, अगर #कसाब_ज़िंदा_न_पकड़ा_जाता तो इस देश में #हिंदुओं को और भारतीय संस्कृति को कितना #घृणित और #हीन_महसूस कराया जाता! अनगिनत पाप हैं कहां तक कहें (साभार)