नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र वीर सिंह शाह महाकुंभ हेतु पंहुचे हरिद्वार, साधु- संतों के साथ करेंगे शाही स्नान

 

हरिद्वार : नेपाल के महाराजा ज्ञानेंद्र शाह हरिद्वार पहुंच गए। ज्ञानेंद्र दक्षिण काली मंदिर में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी के सानिध्य में पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। वे आज हरिद्वार महाकुंभ हेतु पंहुचे ।नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र महाकुंभ में शाही स्नान करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए हैं। नेपाल के राजा हरिद्वार कुंभ में भक्ति सागर में डुबकी लगायेंगे। इसके लिए वे आज रविवार को हरिद्वार पहुंच गए हैं। बताया जारहा है कि नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र वीर सिंह शाह साधु- संतों के साथ शाही स्नान भी करेंगे। जानकारी के अनुसार,  ज्ञानेंद्र शाह रविवार सुबह 9 बजे कुंभ नगरी पहुंचे। वे आज दक्षिण काली मंदिर गए जहां उन्होंने पूजा अर्चना की। हरिद्वार महाकुंभ में नेपाल के राजा श्री ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह जी के आगमन पर मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने राजा साहब को प्रेषित संदेश में कहा कि ” देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार कुंभ में आपका स्वागत है। आप साधु-संतों के सान्निध्य में गंगा स्नान कर कुंभ का पुण्य लाभ अर्जित करें।”
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के प्रतिनिधि के रूप में सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक श्री रणवीर सिंह चौहान ने हरिद्वार जाकर राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह जी को मुख्यमंत्री जी की ओर से पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। राजा साहब ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उत्तराखंड में निवास कर रहे नेपाली समुदाय के लोगों को संदेश भी दिया। आज रविवार को उनका देहरादून में शाही भोज कार्यक्रम हैै।

    12 अप्रैल को नेपाल नरेश शाही स्नान करेंगे।  नेपाल में राजपरिवार के शासन का सिलसिला काफी पुराना है। यहां पर एक ही राजपरिवार शाह वंश के सदस्यों का शासन रहा, जो कि खुद को प्राचीन भारत के राजपूतों का वंशज मानते थे। माना जाता है कि इन्होंने साल 1768 से साल 2008 तक देश पर शासन किया। हालांकि साल 2001 के जून में यहां रॉयल पैलेस के भीतर ही नरसंहार हुआ, जिसमें परिवार के 9 सदस्य मारे गए। माना जाता है कि काठमांडू स्थित नारायणहिति राजमहल में अंदरुनी अनबन की वजह से गुस्साएं क्राउन प्रिंस दीपेंद्र ने गोलियों की बौछार कर सबको मार डाला था। इसके तुरंत बाद क्राउन प्रिंस के चाचा ज्ञानेन्द्र शाह राजगद्दी पर बैठे। हालांकि साल 2008 में राज-तंत्र खत्म कर दिया गया और 28 मई को देश को रिपब्लिक घोषित कर दिया गया।  इसके तुरंत बाद पूर्व राजा ज्ञानेंद्र को राजमहल खाली करने को कहा गया। बदले में कुछ समय के लिए वे नागार्जुन पैलेस में रहे। इस पैलेस में पहले राजपरिवार गर्मी की छुट्टियां बिताने आया करता था। अब यहीं पर वे स्थाई तौर पर रहने लगे हैं।  नेपाल में बामपंथी सरकारें नहीं चाहती कि वहां सनातन धर्म ध्वजा लहराने वाले किसी राज परिवार का अस्तित्व या राजशाही लौटने की संभावना बची रहे।