जाने कब होगा मुंबई के पंचमंजलीय उत्तराखंड भवन का लोकार्पण

राकेश पुंडीर – मुंबई,

१४ वर्ष की तपती तपस्या के पश्चात होगी मुंबई प्रवासियों की तपस्या फलीभूत। १५ जनवरी की शुभतिथि पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करकमलों व महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी की अध्यक्षता में हो रहा है मुंबई के उत्तराखंड भवन भूमि के पंचमंजलीय दर्शनीयभवन का लोकार्पण। हमारे मुंबई के प्रवासी समाज के राज्य का बहुप्रतीक्षित उत्तराखंड भवन का लोकार्पण १५ जनवरी की शुभतिथि पर होने जा रहा है…. हमें आज गौर्वान्वित अनुभूति है कि हम सभी मुंबई व नवी मुंबई प्रवासी इस कृति के सहभागी, सहयोगी व सहकर्ता रहे। 

एक प्रत्यक्षदर्शी स्वरूप मुझे स्पष्ट संस्मरण है कि नवी मुंबई में १९९१ एक संस्था बनी थी जिसका नाम था बद्री केदार समिति, (तब नवी मुबई निर्माणाधीन स्थिति में क्रियान्वित थी ) संस्था ने दो चार साल अच्छा काम किया परंतु बाद में सुप्तवस्था हो गयी! जिस कारण नवी मुंबई में निवास करने वाले कुछ उत्तराखंडी प्रबुद्ध जनों ने २००१ में एक नवीन “उत्तराखंड पीपल आर्गानाजेशन नवी मुंबई ” नामक संस्था का गठन किया…. जिसके मुख्य संस्थापक सदस्य – महावीर सिंह रावत, अशोक मल, ओम प्रकाश बडोनी, राकेश पुण्डीर, हुकम सिंह नेगी, मणिचंद, माधव अधिकारी , प्रेमसिंह नेगी, वसंती मिश्रा, बी डी कुकरेती, सरस्वती कुकरेती, स्व. रोहिणी रावत, स्व. धनसिंह पंवार, रणवीर सिंह रावत, मोहन शर्मा और नीलेश वारसे ने संस्था का गठन किया… संस्थागत प्रक्रियानुसार सर्वसम्मति से महावीर सिंह रावत को अध्यक्ष नियुक्त किया गया.. गठन के पश्चात हर महिने उत्तरखंड संबंधित सामयिक विषयों पर कार्यकारिणी की मीटिंग्स हुआ करती थीं … एक दिन उत्तराखंड राज्य के पर्यटन मुंबई विभाग के प्रमुख ओ. पी बडोनी जी ने संस्था में एक महत्पूर्ण प्रस्ताव का उद्बोधन किया कि सभी प्रदेशों के “राज्य भवन” हेतू सिडको द्वारा? वाशी नयी मुंबई में सभी राज्यों को लेटर प्रेषित किये है… कई राज्यो के तो भवन निर्माण की गतिविधियां शुरू भी हो चुकी है. परंतु हमारे राज्य की तो अभी तक जमीन खरीदी का प्रोसेस तक नही हुआ… इस बात पर संस्था की मीटिंग के दौरान हम सभी संस्था के पदाधिकारियों ने चिंता जताई व वैचारिक विनिमय विष्लेषण व मंथन किया । फलस्वरूप इस कार्य हेतु सर्व सम्मती से पिपल और्गनाइजेशन संस्था नवी मुंबई द्वारा ओमप्रकाश बडोनी जी के दिशा निर्देश में उत्तराखंड सरकार के परिपेक्ष मे पत्र प्रेषित किये गये … फलस्वरूप उत्तराखंड सरकार द्वारा संस्था को एक पत्र आया..! जिसमें लिखा था कि… आपकी संस्था द्वारा मुंबई में निवास करने वाले व्क्तियों के कम से कम ५०० उत्राखंडी प्रवासी लोगों का हस्ताक्षर युक्त मेमो दून सचिवालय भेजिये ! संस्था के सभी सदस्य अपने अपने स्तर पर हस्ताक्षर अभियान पर जुट गये कार्यपूर्ण होने पर एक विग्यप्ति हस्तक्षरों सानिध्य उत्तराखंड राज्य को भेजी गयी …. प्रोसेजर आगे बढाने मे श्री गणेश गोदियाल जी का बहुत बडा सहयोग रहा , धीरे धीरे समाज के अन्य क्षेत्रों से भी लोग जुडते गये जिसमें स्व. पूर्ण मनराल जी, भवन निर्माता श्री माधवानंद भट्ट जी, बलबीर रावत जी, दिनेश ढौंडियाल जी आदि तन मन से इस कार्य में सहयोग करने मे जुटे रहे । संस्था का सचिव होने के नाते मैं व अध्यक्ष महावीर रावत जी श्री बडोनी जी के सानिध्य उत्तराखंड सरकार से पत्राचार व दूरध्वनि पर निरंतर संपर्क साधते रहे…. परिणाम स्वरूप २००६ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी जी ने ३ करोड २० लाख की धनराशि पारित की. और चंदरोज मे ही नवी मुंबई वाशी में उत्तराखंड भवनभूमि हेतु प्लाट निर्धारित हो गया…. समय गुजरता रहा …इस मध्य महाराष्ट्र राज्य के अधिनस्त सिडको के नियम१०८ के तहत सिडको से खरीदे गये किसी भी अधिनस्त प्लौट पर ४ साल के अंतर्गत निर्माण कार्य शुरू नही हुआ तो.. नियम अनुसार वह जमीन सिडको वापस ले लेगी … ४ वर्ष पूर्ण होने की स्थिति के उहापोह इस नियम की जानकारी रखने वाले कुछ प्रबुद्ध जैसे श्री माधवानंद भट्टजी ने ओपी बडोनी जी के सानिध्य में उत्तराखंड सरकार के संबंधित विभाग को अपने अपने स्तर पर जानकारियां पर्तिपादित करते रहे … अंततोगत्वा मा. निशंकजी के कार्यकाल में भवन का नक्शा पास होकर व भवन निर्माण की प्रक्रिया का नियमांकन पूर्ण हो गया.. परंतु भवन निर्माण की प्रक्रिया हेतु कुछ समय तक प्रश्न चिन्ह की स्थिति बनी रही…उधर समकालीन सरकार पर भवन निर्माण की जिम्मेदारी बढती गयी .. और २०१५ में ३९.७२ करोड भवन निर्माण हेतु उत्तराखण्ड सरकार ने पास कर दिए ! फलस्वरूप २०१६ से इस आलीशान भवन का निर्माण शुरू हुआ और आज जनवरी २०२० में पूर्ण हो चुका है .
भवन में एक अण्डरग्राउड है जो जिसका कुछ भाग पारकिंग व गोडाउन हेतु है , ग्राऊंड फ्लोर उत्रराखंड के पर्यटन के गढवाल व कुमाउ विभाग व राजकीय संबंधित विभागों हेतु निर्माण किया गया है, पहली मंजिल सैन्य विभाग हेतु, दूसरी मंजिल गेस्ट रूम हेतु , तीसरी मंत्रियो संबंधित विभाग एवं रूम्स, चौथा मुख्यमंत्री एवं संबंधित विभाग हेतु, पांचवां विशिष्ठ गेस्ट एवं सरकार संबंघित औफिसियल मंजिल है , भवन मे कॉंफ्रेस हॉल, डाइनिंग हॉल व सभा हॉल भी निर्माण किये गये हैं कुल मिला कर इस भब्य भवन को आधुनिकता के साथ साथ ठेठ उत्तराखंडी लुक भी दिया गया है।
१५ जनवरी का दिन हम सभी मुंबई मे निवास करने वाले उत्तराखंड प्रवासियों के लिये इतिहास की पंक्तियों मे एक स्वर्णिम दिवस होगा …
उत्तराखंडी मुंबई प्रवासियों को १५ जनवरी की शुभ तिथि पर नवी मुंबई के भव्य भवन पर पधार कर राज्य की इस अनुपम धरोहर है  समझा जा रहा है कि इस भवन के खुल जाने से उत्तराखंड से आने वाले बहुत से लोगों के लिए ठहरने का एक अच्छा ठिकाना भी हो सकता है