शहीद द्वार का लोकार्पण, शहीदों का बलिदान अतुलनीय: सुयश महाराज, घर घर मनाना है आजादी का अमृत महोत्सव

झंगरबो में शहीद द्वार का लोकार्पण, शहीदों का बलिदान अतुलनीय: सुयश महाराज,

पर्यटन मंत्री के बेटे सुयश महाराज ने पत्नी टीवी एक्ट्रेस मोहिना कुमारी के साथ किया शहीद द्वार का लोकार्पण

सतपुली। क्षेत्रीय विधायक एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के पुत्र सुयश महाराज ने अपनी धर्मपत्नी और टीवी एक्ट्रेस मोहिना कुमारी के साथ पाबौ विकासखंड के ग्राम झंगरबौ में जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते एक ऑपरेशन में शहीद हुए दलवीर सिंह राणा की स्मृति में उनके परिजनों द्वारा बनाए गए शहीद द्वार का समारोह पूर्वक लोकार्पण किया। इस मौके पर उपस्थित शहीद के परिजनों एवं ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सुयश महाराज ने कहा कि शहीदों का बलिदान अतुलनीय है, और उनकी चिर स्मृति को हमेशा संजोए रखने के लिए इस तरह के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने अमर शहीद दलवीर सिंह राणा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवानों की कहानी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ी अपने वीर सपूतों के इस सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखें।

सुयश महाराज ने कहा कि गढ़वाल का इतिहास ऐसे वीर सपूतों की कहानियों से भरा हुआ है, और वह अब खुद इसी माटी के बेटे हैं इस पर उन्हें बहुत गर्व है। समारोह में शहीद दलवीर सिंह राणा की पत्नी बिंदी देवी, पर्यटन मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी राय सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा देवी पाबों के ज्येष्ठ उप प्रमुख मुकेश कंडारी, ग्राम प्रधान झंगरबौ रूबी देवी, लक्ष्मण सिंह समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीय ग्रामीण एवं महिलाएं मौजूद थी। इस अवसर पर टीवी एक्ट्रेस मोहिना कुमारी के साथ फोटो खिंचवाने को अच्छी भीड़ उमड़ी, कारगिल के बलिदानियों पर बनी फोटो का स्मृति चिन्ह सुयश जी और मोहिना कुमारी को भेंट किया, 

आज देहरादून राजधानी में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आजादी का अमृत महोत्सव की बैठक में महोत्सव का संदेश आमजन तक पहुंचाने के लिए ग्राम स्तर तक भी कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए उनके योगदान के विवरण सहित चित्र उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में लगाए जाएंगे। प्रदेश में जहां भी महान विभूतियों की मूर्तियां लगी हैं, उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित कराने के साथ ही सभी कार्यक्रमों के आयोजन में कोविड-19 के नियमों का पालन भी अनिवार्य रूप कराने के निर्देश दिए।

बता दें कि मुख्यमंत्री सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री Tirath Singh Rawat की अध्यक्षता में आहूत बैठक में पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिभाग किया। इसमें समस्त उत्तराखंड में ”आज़ादी का अमृत महोत्सव” के तहत होने वाले विभिन्न आयोजनों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर महाराज ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने संदेश दिया है कि 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर देशभर में अमृत महोत्सव मनाया जाए। यह महोत्सव 75 सप्ताह पहले से ही आयोजित किया जा रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में ग्राम स्तर पर भी देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में उनके पैतृक गांवों के पंचायत भवनों में, उनके योगदान के विवरण के साथ चित्र लगाए जाएं। जहां पर भी महान विभूतियों की प्रतिमाएं लगी हैं, उनका रखरखाव सुनिश्चित हो। ‘वोकल फॉर लोकल’ तथा आत्मनिर्भर भारत पर आधारित आयोजन हों।

बैठक में महाराज ने जानकारी दी कि स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन-वृत्त पर आधारित प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जा रहा है। इनसे हमारी युवा पीढ़ी को हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध में ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त नशा मुक्ति कार्यक्रम, साइकिल रैली और मैराथन दौड़ का भी आयोजन किया जा रहा है। हर घर झंडा कार्यक्रम के तहत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्लास्टिक रहित तिरंगा झंडा तैयार कराया जा रहा है।

बैठक में इस बात पर भी बल दिया गया कि राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाए। ऐसी योजना बनाई जाए, जिससे राज्य में 12 माह पर्यटन संभव हो सके। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाने की भी बात पर भी विस्तृत चर्चा हुई। आगामी चारधाम यात्रा तथा पर्यटन सीज़न को ध्यान में रखते हुए तैयारी पूरी करने पर चर्चा हुई। मैंने कहा कि धार्मिक सर्किटों को विकसित करते हुए उनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इन सभी आयोजनों के दौरान कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इस संबंध में जो भी गाइड लाइन बने, वह स्पष्ट होनी चाहिए। पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के हितों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।