बलिदानी मेजर विभूति शंकर ढोंढ़ीयाल की धर्म पत्नी नीतिका बनी सैन्य अधिकारी, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बधाई देते हुए कहा उत्तराखण्ड को है गर्व, तीरथ सिंह रावत ने उत्तरकाशी में 52 करोड़ 37 लाख की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास, जबकि बड़कोट स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का किया औचक निरीक्षण, लक्षद्वीप को समृद्धि की राह पर लेजाते प्रफुल्ल पटेल

✍️हरीश मैखुरी
पुलवामा आतंकवादी विस्फोट के मध्य अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले, शौर्य चक्र से सम्मानित मेजर विभूति शंकर ढोंढ़ीयाल की पत्नी श्रीमति नीतिका सैन्य अधिकारी बन गयी हैं। सैन्य उच्चाधिकारियों ने उनके कंधे पर स्टार सजाये और उनका उत्साह वर्धन किया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों से एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नीतिका ढौंडियाल का सपना पूरा हो गया। वे विभूति के शहीद होने के बाद से ही सेना में जाना चाहती थी। ओटीए, चेन्नई में कड़ी ट्रेनिंग के बाद वह इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी।कश्मीर के पुलवामा में 8 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए देहरादून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। इसके बाद निकिता ने पति के नक्शे कदम पर चलते देश सेवा करने की ठान ली। लेफ्टिनेंट नीतिका ने पिछले वर्ष प्रयागराज में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की थी नीतिका के सेना में अधिकारी बनने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीकिता जी का सेना में भर्ती होना न केवल उनके वीर पति को सच्ची श्रद्धांजलि है, अपितु उत्तराखण्ड के लिए भी गौरव का क्षण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी राष्ट्र निष्ठा को मेरा प्रणाम।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को उत्तरकाशी में लगभग 52 करोड़ 37 लाख रूपये की 26 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें से 17 करोड़ 41 लाख रूपये की 12 योजनाओं का लोकार्पण एवं 34 करोड़ 46 लाख रूपये की 14 योजनाओं के शिलान्यास किये गये।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा जिन योजनाओं का लोकार्पण किया गया उनमें 3 करोड़ 20 लाख रूपये की जनपद के विभिन्न मोटर मार्गों पर बिटुमिन्स कंक्रीट द्वारा सतह सुधारीकरण का कार्य, 2 करोड़ 94 लाख की लागत के उत्तरकाशी घनसाली तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर बिटुमिन्स कंक्रीट द्वारा सतह सुधारीकरण का कार्य, 2 करोड़ 74 लाख की लागत के ज्ञानसू साल्ड मोटर मार्ग से ज्ञानसू उपला बस्ती मोटर मार्ग का निर्माण, 2 करोड़ 05 लाख की लागत के गंगोत्री में वरूणाघाटी में भराणगांव-उपरीकोट मोटर मार्ग के 5 किमी में 30 मीटर स्पान के 1.50 लेन स्टील गर्डर सेतु का निर्माण, 1 करोड़ 68 लाख की लागत के विकासखण्ड भटवाड़ी के अन्तर्गत जसपुर बैण्ड से पुराली गांव तक मोटर मार्ग का निर्माण एवं 2 करोड़ 81 लाख की लागत के विधानसभा क्षेत्र गंगोत्री के अन्तर्गत नाकुरी सिंगोट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण व डामरीकरण आदि के कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 4 करोड़ 64 लाख के अनुमानित लागत के जामक से बयाणा तक मोटर मार्ग निर्माण के स्टेज 2 का कार्य, 05 करोड़ 65 लाख के अनुमानित लागत के नाकुरी-कुंसी-मांगलीसेरा-बरसाली मोटर मार्ग निर्माण के स्टेज 2 का कार्य, 4 करोड़ 19 लाख की अनुमानित लागत के जामक से कामर मोटर मार्ग निर्माण के स्टेज 2 का कार्य, 03 करोड़ 75 लाख की अनुमानित लागत के बंदरकोट-जुगुल्डी-पंजिलयाला तक मोटर मार्ग निर्माण के स्टेज 2 का कार्य आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चौहान, डॉ स्वराज विद्वान,जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को बड़कोट में कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों से कोविड केयर सेंटर की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटर में दवाओं, खान-पान एवं अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। अवगत कराया गया कि कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों द्वारा नियमित देखभाल की जा रही है। भोजन, स्वच्छता एवं अन्य व्यवस्थाएं भी अच्छी हैं। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कोविड सेल से होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से फोन से वार्ता कर उनका हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। डॉक्टरों को दूरस्थ क्षेत्रों में तैनाती दी गई है। कोविड के दौरान डॉक्टरों की कमी न हो, इसके लिए जिलाधिकारियों को भी अधिकार दिया गया है कि कोविड के दौरान मानक के अनुसार एवं आवश्यकतानुसार डॉक्टरों की तैनाती कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरकाशी जनपद में कोविड के नियंत्रण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत सरकार द्वारा पूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटरों में बच्चों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सीएचसी स्तर तक भी आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है।
इस अवसर पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री यतीश्वरानन्द, उत्तरकाशी के भाजपा जिलाध्यक्ष श्री रमेश चौहान, अपर जिलाधिकारी श्री तीर्थपाल सिंह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

अब लक्षद्वीप को भारत का* मालदीव बनने से कोई नहीं रोक सकता!*
आज हम बात करेंगे एक ऐसे शख्स की जिसने अकेले भारत के दशकों पुरानी राजनीतिक पार्टियों समेत कई धुरंधर राज नेताओं के पसीने छुड़ा दिये हैं। बात यहां तक पहुंच गई कि अब राजनेताओं को उस अकेले शख्स की फरियाद भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री तक को करनी पड़ गई। यह शख्स और कोई नहीं केंद्रीय शासित राज्य लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोडा पटेल है।

प्रफुल्ल पटेल ने बीते साल दिसंबर में लक्षद्वीप के प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी। इसके बाद उन्होंने द्वीप के जुड़े कुछ नियम कानून को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया। इनमें एनिमल प्रिजर्वेशन रेग्युलेशन, लक्षद्वीप प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज रेग्युलेशन, लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी और लक्षद्वीप पंचायत स्टाफ रूल्स में संशोधन शामिल है।
यह ही कुछ मुख्य संशोधन और रूल्स है जिसके बाद से प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को लेकर लक्षद्वीप में विरोध तेज हो गया है। उनके लाए गए नए संशोधन के विरोध में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट किया और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्विटर पर पटेल के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इतना ही नहीं केरल के राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर पटेल को तत्काल वापस बुलाने का अनुरोध किया है। कुल मिलाकर इस अकेले इंसान ने भारत के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया है।

गुजरात विधानसभा के विधायक और गुजरात सरकार में मंत्री का पद संभाल चुके प्रफुल्ल पटेल ने लक्षद्वीप में कदम रखते ही द्वीप में बदलाव के बिगुल फूंक दिये। पटेल आते ही गुंडा एक्ट लेकर आए, जिससे द्वीप के में आतंकवाद संबंधित गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाया जा सके। आपको बता दें कि लक्षद्वीप में 90 प्रतिशत से ज्यादा कन्वर्टेड चरमपंथी हैं। द्वीप में बिना वजह के CAA-NRC विरोध को भी हवा दिया जाने लगा था। गुंडा एक्ट द्वीप में शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है जिसके विरोध में वहां के गुंडों द्वारा सोशल मीडिया पर save lakshadweep के नाम से ट्रेंड चलाया जा रहा है। 

बता दें कि पटेल ने वो कारनामा कर दिखाया जिसे करने के लिए भारत सरकार अभी सोच ही रही है। पटेल ने पंचायत रूल्स में संशोधन किया है कि दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को पंचायत चुनाव में भाग लेने से अयोग्य ठहराया जाएगा। एक तरह से देखे तो यह population control bill के आधार पर है। आखिर प्रफुल्ल पटेल को द्वीप की जनसंख्या को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा। इसके पिछे तर्क तथ्य है।

बता दें कि लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप है पर प्रकृति को देखते हुए रहने लायक सिर्फ कुछ ही द्वीप है। इन द्वीपों की कुल आबादी लगभग 80,000 है, जो एक द्वीप में 10,000 लोगों में तक्षीम हो जाती है तो 2 वर्ग किमी भूमि में लगभग 6,000 भूमि मालिक हैं। बित्रा (0.105 वर्ग किमी) जैसे छोटे द्वीपों में लगभग 200 लोग रहते हैं। अथार्त लक्षद्वीप में वर्ग क्षेत्र से ज्यादा आबादी बढ़ गई है, जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था। इसी कारण प्रफुल्ल पटेल को पंचायत के नियमों में बदलाव करना पड़ा है।

प्रफुल पटेल के विरोध का तीसरा सबसे प्रमुख कारण है बीफ बैन। बीफ बैन के पीछे का कारण है मासूम जानवरों का संरक्षण करना। जहां तक इस कदम की सराहना की जानी चाहिए, परंतु इसका चरमपंथियों इस निर्णय के विरुद्ध मुहिम छेड़ दी है। उनका तर्क यह है कि पटेल द्वीप को भगवा करने के फिराक में हैं। ऐसे फैसले धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए।

लिबरल और चरमपंथियों का पाखंड तब समाने आया, जब पटेल ने इस बहुमूल्य द्वीप में शराब से पाबंदी को हटा दिया, इसलिए वो भड़क गए। गौरतलब है कि इस्लामिस्टों ने इस फैसले को द्वीप के आर्थिक विकास से जोड़कर नहीं देखा।

इसके बाद प्रफुल पटेल द्वारा लाए गए लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी ड्राफ्ट में संशोधन का विरोध पुरजोर तरीके से हो रहा है। जिसके बारे में पटेल ने कहा, “ड्राफ्ट का विरोध लक्षद्वीप के लोग नहीं बल्कि वे कुछ लोग कर रहे हैं, जिनका लाभ खत्म हो रहा है। इसके अलावा मुझे इसमें कुछ भी खराब नहीं लगता, जिसका विरोध होना चाहिए। लक्षद्वीप मालदीव से ज्यादा दूर नहीं है, लेकिन मालदीव एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन है और लक्षद्वीप इतने सालों में विकास भी नहीं देख पाया है। हम इसे पर्यटन, नारियल, मछली का ग्लोबल हब बनाना चाहते हैं।”
प्रफुल्ल पटेल इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि अगर कोई इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता है। यदि उसके मन में बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्प है तो वह जरूर बदलाव ला सकता है। ऐसे में हम उम्मीद करते है कि पटेल बिना आलोचकों पर ध्यान दिए, लक्षद्वीप के विकास कार्यों में अग्रसर करते रहे तथा कड़े नियम कानून व्यवस्था के बल पर द्वीप में शांति सुनिश्चित रखे। अपने सुधार संबंधी कदमों को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं से घिरे लक्षद्वीप प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि वह द्वीपसमूह के भविष्य के लिहाज से योजनाबद्ध तरीके से बुनियाद रख रहा है। प्रशासन ने कहा कि वह दो दशक में इसे मालदीव की तर्ज पर विकसित करना चाहता है।