मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पद्चिन्हों पर चलकर राज्य में विकास के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश में लगभग 3.5 लाख लोग अपना उपचार करा चुके हैं, जिस पर 460 करोड़ रूपये का खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इसलिए मरीज इलाज करवाने में असहज महसूस करते थे। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में जहां कमी है उन कमियों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत जो कमियां सामने आ रही हैं, उनका निराकरण किया जा रहा है।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल खोलने पर सरकार मानकों में शिथिलता प्रदान करने के साथ ही आर्थिक सहयोग भी करेगी। जबकि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना संबंधी जानकारी के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों के लिए विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी प्रदेशवासियों को देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के शिविर आयोजित किये जायेंगे।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड से लाभान्वित लोगों ने इस योजना से उनको कैसे जीवनदान मिला, के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक श्री विनोद चमोली, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री डी.के. कोटिया, सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ श्री अरूणेन्द्र चौहान एवं आयुष्मान योजना से लाभान्वित हुए लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर यात्रियों को बैठने के लिए बैंच की पूरी व्यवस्था की जाय। यह सुनिश्चित हो कि पेयजल आपूर्ति बाधित न हो। शौचालय में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड परिवहन निगम के काउंटर का निरीक्षण कर निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी जानकारियां बोर्ड पर चस्पा की जाए। बुजुर्ग लोगों को आवागमन के लिए कोई दिक्कत न हो, काउंटर पर उनकी सहायता के लिए व्यवस्था की जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में जाकर यात्रियों से बातचीत की एवं विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
✍️हरीश मैखुरी
चमोली के हाट गांव में टीएचडीसी की मनमानी से ग्रामीणों में ग्रामीण लोग खासे परेशान हैं इस कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी है ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक टीएचडीसी से उनका पूरा मुआवजा नहीं मिला उनके बहुत से मकानों और जमीनों का मूल्यांकन होना भी अभी शेष है लेकिन टीएसडीसी जोर जबरदस्ती के बल पर गांव पर काबिज होना चाहता है। टीएचडीसी द्वारा ग्रामीणों के साथ जबरदस्ती को कांग्रेस ने हाथोंहाथ लिया और इस विषय को लेकर आज प्रदर्शन किया। कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने भी इसका विरोध किया और इसे टीएचडीसी द्वारा ग्रामीणों के साथ जोर जबरदस्ती बताया भंडारी ने आरोप लगाया कि यह सब शासन के इशारों पर हो रहा है।
वहीं इस मामले में बद्रीनाथ के वर्तमान विधायक और चार धाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र भट्ट भी एचडीसी की करनी से नाराज हैं, उन्होंने घटना पर सीधे मुख्यमंत्री से बात कर सर्वमान्य हल निकालने की बात कही। शोशल मीडिया पर महेन्द्र भट्ट ने लिखा “दशोली के हाट गाँव की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मैने प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही पर अपना विरोध प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी से ब्यक्त किया। लम्बे समय से THDC द्वारा ग्रामीणों को केवल आश्वासन दिए गए,लेकिन कोई भी मांग समय पर पूर्ण नही की गयी।
जिलाप्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व THDC, मुझे तथा गाँव के प्रधान श्री राजेन्द्र प्रसाद हटवाल,जेष्ठ प्रमुख श्री पंकज हटवाल जी को विश्वास दिलाया था कि 3 अक्टूबर तक सभी से वार्ता कर समाधान निकाला जाएगा।
परन्तु आज जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बिना एक तरफा कार्यवाही की गई।इस विषय पर भी मैने मुख्यमंत्री जी से अपनी नारजगी ब्यक्त की है।
मुझे मुख्यमंत्री जी ने अवगत कराया कि उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए है कि तत्काल THDC तथा संबंधित लोगो से वार्ता कर प्रभावितों की प्रमुख मांगों का समाधान करें।
मैं ग्रामीणों को विश्वास दिलाता हूँ कि सभी प्रमुख मांगो के समाधान के लिए मैं प्रमुखता के साथ आपके साथ खड़ा रहूँगा”
इस पूरे प्रकरण में एनटीपीसी अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है लेकिन एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्रामीणों को जिस संपत्ति का मुआवजा मिल चुका है उसे भी खाली करने को राजी नहीं हैं, ऐसे में टाईमबांउंड कार्य कैसे पूरा होगा! हमारा कहना है कि इस प्रकरण में सरकार को हस्तक्षेप कर तत्काल सर्वमान्य हल निकलना चाहिए।