सोच समझकर करें मतदान, राष्ट्र को बनाना है महान

?सोच समझकर किजिए मतदान, भारत को बनाना है महान ?
भारत को पंथ निरपेक्ष राष्ट्र कहा गया है। लेकिन किसी विधानसभा अथवा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का नाम बता सकते हैं जिसमें मुस्लिम अथवा ईसाई जनसंख्या 65 प्रतिशत से अधिक हो और वहां से कोई हिन्दू विधायक अथवा सांसद निर्वाचित हुआ हो?  विचारणीय यह भी है कि यदि मुस्लिम सांसदों की संख्या भारत की संसद में 250 से ऊपर हो जाती है तो क्या भारतीय भारत का संघीय ढांचा बरकरार रहेगा या उस दिन शरियत शासन होगा? जैसा कि बहुत से देशों में किया जा चुका है। एक सूची गौर करने लायक है लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की और उनके निर्वाचन क्षेत्र की जनसांख्यिकी।
1. हैदराबाद (पुरानी शहर) – 65%( मुस्लिम ) – असुद्दीन ओवैसी
2. बरपेटा (असम) – 70.74%( मुस्लिम ) –  सिराजुद्दीन अजमल
3. धुवरी (असम) – 79.67% ( मुस्लिम ) –  बदरुद्दीन अजमल
4. अररिया (बिहार) – 56.68% ( मुस्लिम ) – तरलिमुद्दिन
5.कठिहार (बिहार) – 54.85%( मुस्लिम ) –  तारिक अनवर
6. खगरिया ( बिहार) – 89.21%( मुस्लिम ) – मेहबूब अली कैसर
7. किसनगंज ( बिहार ) – 67.89% ( मुस्लिम )  – मुहम्मद असरूल हक
8. आनंगंज ( जे .के ) – 97.99% ( मुस्लिम )  – मेहबूबा मुफ्ति
9. बारामूला ( जे. के) – 95.15% ( मुस्लिम ) – मुजफ्फर हुसैन बेग
10. श्रीनगर ( जे. के) – 96% ( मुस्लिम ) – तारिक अहमद कारा
11. मालापुरम ( केरल) – 70.20% ( मुस्लिम ) – पीके कुंजलिकुट्टी
12. पॉन्ननानी ( केरल) – 59.85% ( मुस्लिम )  – मुहम्मद बशीर
13. वायानाद ( केरल) – 49.48% हि. –  एम आई शाहनवाज़
14. लक्षद्वीप – 96.58% मु. – मुहम्मद फैसला
15. रमनथनपुराम ( तमिल नाडु) – 77.39% हि., 15. 37% मु. – अनवर राजा
16. बसीरहाट – 79.46% हि., 25.82% मु – इदरीस अली
17. बर्दवान – दुर्गापुर (प. बंगाल) – 91.63% हि., 6.34% मु – मुमताज़ संघमित्रा
18. मालदा दक्षिण (प. बंगाल) – 59% मु, अबू हासेम खान
19. मालदा उत्तर (प. बंगाल) – 53% हि., 46% मु, मौसम नूर
20. मुर्शिदाबाद (प.बंगाल) – 66.27% मु. – बद्रुद्दोजा खान
21. रायगंज (प. बंगाल) – 65.13% हि., 34.14% मु. – मोहम्मद सलीम
22. उलूबेरिया (प. बंगाल) – 54.87% हि., 44.79% मु., – सुल्तान अहमद
 
सूची से सवाल उठता है कि जब एक मुस्लिम, हिन्दू बहुसंख्यक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हो सकता है, तो कोई हिन्दू, मुस्लिम बहुसंख्यक निर्वाचन क्षेत्र निर्वाचित क्यों नहीं होता?. मतलब साफ है भाईचारा एक तरफा है, और प्रमाण की आवश्यकता नहीं कि, ये लोग राष्ट्र की परवाह किए बिना मजहब को ऊपर रखते हैं। यही समय है इस विषय में सोच समझ के मतदान करने का, नहीं तो भारत भी अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश की राह पर है वहां हिन्दुओं की स्थिति सब जानते हैं।  भारत की संप्रभुता तभी तक है जब तक भारत में सनातन धर्म परंपरा और देश का संविधान बरकरार है वरना बहुत सारी विदेशी चिंतन वाली ताकतें इस देश की संस्कृति और संविधान के विरुद्ध काम कर रही हैं