मोदी सरकार की ये याचिका सुप्रीम कोर्ट को कटघरे में खड़ा कर सकती है

हरीश मैखुरी

केंद्र की मोदी सरकार ने रामजन्म भूमि के गैर विवादित 90 एकड़ हिस्से को हिन्दुओं को सौपने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, इसका सीधा सा मतलब है कि मिलाॅर्ड  50 साल से विवादित जमीन के फैसले के नाम पर सुनवाई भले टाल रहे थे, पर करते वही जो आका चाहते। अब विवादित जमीन के हिस्से का निपटारा बाद में करते रहना , अब रचुपचाप जो हमारी गैर विवादित जमीन है , जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला दे चुका है .. वो हमें वापस कर दो , हम उसी पर मंदिर बनाना शुरू करते हैं । 5 जजों की बेंच बनाओ या सात की , बेंच में सिर्फ खालिस जज रखने के बजाए हिंदू – मुस्लिम जज , कल्याण सिंह वाला जज करते रहो , भले ही हर सुनवाई किसी जज के पेटदर्द या सरदर्द की वजह से टालते रहो हमें कोई दिक्कत नहीं , तुम तो जो हमारी जमीन है वो पहले हमें दे दो ताकि हम मंदिर बनाना शुरू करें ।

ध्यान रखना ये याचिका किसी एनजीओ , धार्मिक संस्था ने नहीं लगाई है और ना ही ये कोई जनहित याचिका है बल्कि ये याचिका खुद केंद्र की मोदी सरकार ने लगाई है । अब पता चल जायेगा कि 50 साल से मामला लटकाने वाले मूर्ति इस याचिका को खुद कैसे लपेटे में रखते हैं। मोदी सरकार की ये याचिका सुप्रीम कोर्ट को कटघरे में खड़ा कर सकती है।इइसे कहते हैं मास्टर स्ट्रोक ।