आज का पंचाग आपका राशि फल, आज से होते हैं दिन छोटे और रातें बड़ी, इसराइली हैफा(Haifa) शहर को इस्लामिक ऑट्टोमन खलीफा के चंगुल से छुड़ाने वाले सैनिक भारतीय घुड़सवार थे

*🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻🙏🏻*
🙏🏻🙏🏻
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 24 सितम्बर 2021*
⛅ *दिन – शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शरद*
⛅ *मास -अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार – भाद्रपद)*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – तृतीया सुबह 08:29 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
⛅ *नक्षत्र – अश्विनी सुबह 08:54 तक तत्पश्चात भरणी*
⛅ *योग – व्याघात दोपहर 02:09 तक तत्पश्चात हर्षण*
⛅ *राहुकाल – सुबह 11:00 से दोपहर 12:30 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:29*
⛅ *सूर्यास्त – 18:31*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – संकट चतुर्थी (चंद्रोदय : रात्रि 08:47), भरणी श्राद्ध, चतुर्थी का श्राद्ध*
💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *श्राद्ध में क्या करें क्या ना करें* 🌷
🌷 *श्राद्ध एकान्त में ,गुप्तरुप से करना चाहिये, पिण्डदान पर दुष्ट मनुष्यों की दृष्टि पडने पर वह पितरों को नहीं पहुचँता, दूसरे की भूमि पर श्राद्ध नहीं करना चाहिये, जंगल, पर्वत, पुण्यतीर्थ और देवमंदिर ये दूसरे की भूमि में नही आते, इन पर किसी का स्वामित्व नहीं होता, श्राद्ध में पितरों की तृप्ति ब्राह्मणों के द्वारा ही होती है, श्राद्ध के अवसर पर ब्राह्मण को निमन्त्रित करना आवश्यक है, जो बिना ब्राह्मण के श्राद्ध करता है, उसके घर पितर भोजन नहीं करते तथा श्राप देकर लौट जाते हैं, ब्राह्मणहीन श्राद्ध करने से मनुष्य महापापी होता है | (पद्मपुराण, कूर्मपुराण, स्कन्दपुराण )*
🌷 *श्राद्ध के द्वारा प्रसन्न हुये पितृगण मनुष्यों को पुत्र, धन, आयु, आरोग्य, लौकिक सुख, मोक्ष आदि प्रदान करते हैं , श्राद्ध के योग्य समय हो या न हो, तीर्थ में पहुचते ही मनुष्य को सर्वदा स्नान, तर्पण और श्राद्ध करना चाहिये,*
*शुक्ल पक्ष की अपेक्षा कृष्ण पक्ष और पूर्वाह्न की अपेक्षा अपराह्ण श्राद्ध के लिये श्रेष्ठ माना जाता है | (पद्मपुराण, मनुस्मृति)*
🌷 *सायंकाल में श्राद्ध नहीं करना चाहिये, सायंकाल का समय राक्षसी बेला नाम से प्रसिद्ध है, चतुर्दशी को श्राद्ध करने से कुप्रजा (निन्दित सन्तान) पैदा होती है, परन्तु जिसके पितर युद्ध में शस्त्र से मारे गये हो, वे चतुर्दशी को श्राद्ध करने से प्रसन्न होते हैं, जो चतुर्दशी को श्राद्ध करने वाला स्वयं भी युद्ध का भागी होता है | (स्कन्दपुराण, कूर्मपुराण, महाभारत)*
🌷 *रात्रि में श्राद्ध नहीं करना चाहिये, उसे राक्षसी कहा गया है, दोनो संध्याओं में भी श्राद्ध नहीं करना चाहिये, दिन के आठवें भाग (महूर्त) में जब सूर्य का ताप घटने लगता है उस समय का नाम ‘कुतप’ है, उसमें पितरों के लिये दिया हुआ दान अक्षय होता है, कुतप, खड्गपात्र, कम्बल, चाँदी , कुश, तिल, गौ और दौहित्र ये आठो कुतप नाम से प्रसिद्ध है, श्राद्ध में तीन वस्तुएँ अत्यन्त पवित्र हैं, दौहित्र, कुतपकाल, तथा तिल, श्राद्ध में तीन वस्तुएँ अत्यन्त प्रशंसनीय हैं, बाहर और भीतर की शुद्धि, क्रोध न करना तथा जल्दबाजी न करना (मनुस्मृति, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुपुराण)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
➡ *24 सितम्बर 2021 को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:47)*
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
🙏🏻 *-
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏🏻संपूर्ण पक्ष में श्राद्ध की तिथियां :

पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर
प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर
द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर
तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर
चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर
पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर
षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर
सप्तमी श्राद्ध – 28 सितंबर
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर
नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर
दशमी श्राद्ध – 1 अक्टूबर
एकादशी श्राद्ध – 2 अक्टूबर
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर
त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्टूबर
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर
अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर

दिनांक 24 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 6 होगा। आपमें गजब का आत्मविश्वास है। इसी आत्मविश्वास के कारण आप किसी भी परिस्थिति में डगमगाते नहीं है। आपको सुगंध का शौक होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति आकर्षक, विनोदी, कलाप्रेमी होते हैं। आप अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति गंभीर होते हैं। अगर आप स्त्री हैं तो पुरुषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी। लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है। 6 मूलांक शुक्र ग्रह द्वारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें सहज झुकाव होगा।

शुभ दिनांक : 6, 15, 24

शुभ अंक : 6, 15, 24, 33, 42, 51, 69, 78

 

शुभ वर्ष : 2022, 2026

ईष्टदेव : मां सरस्वती, महालक्ष्मी

शुभ रंग : क्रीम, सफेद, लाल, बैंगनी

कैसा रहेगा यह वर्ष
नौकरीपेशा व्यक्ति अपने परिश्रम के बल पर उन्नति के हकदार होंगे। बैक परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित करेंगे। दाम्पत्य जीवन में मिली जुली स्थिति रहेगी। आर्थिक मामलों में सभंलकर चलना होगा। लेखन संबंधी मामलों के लिए उत्तम होती है। जो विद्यार्थी सीए की परीक्षा देंगे उनके लिए शुभ रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में भी सफलता रहेगी। विवाह के योग भी बनेंगे। स्त्री पक्ष का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी।

मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आज आप अपने मित्रों के साथ लंबी दूरी की यात्रा पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज सामाजिक सम्मान प्राप्त होगा, जिससे उनके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। यदि आज आपका कोई सरकारी कार्य लंबित है, तो आपको उसमें किसी बड़े अधिकारी से अनबन नहीं करनी है, नहीं तो वह आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। आज दांपत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। आज आपको किसी भी अनैतिक गतिविधि से दूर रहना होगा, नहीं तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है।
वृष दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहेगा। व्यापार कर रहे लोगों को आज अधिक परिश्रम करना पड़ेगा, तभी वह अपने कार्य क्षेत्र की योजनाओं की तरफ ध्यान देंगे, लेकिन आज आपको कुछ लाभ अचानक से भी मिल सकते हैं, जो आपको संदेह में डाल देंगे, जिनकी आपको उम्मीद भी नहीं थी। यदि आपने किसी से कोई कर्ज लिया हुआ है, तो आज आप उसे उतारेंगे, जिससे आप राहत की सांस लेंगे। सायंकाल के समय आज आप अपने जीवनसाथी के साथ व्यतीत करेंगे।

मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज का दिन आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार करेगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। व्यापार में आज आपको दिनभर छुटपुट लाभ के अवसर मिलते रहेंगे। सायंकाल का समय आप अपने मित्रों के साथ बातचीत में व्यतीत करेंगे। नौकरी कर रहे जातकों की यदि अपने अधिकारियों से कोई अनबन चल रही थी, तो वह भी आज समाप्त होगी। आज आपको अपने सीमित दायरे से बाहर निकलकर कुछ ऐसे लोगों से मिलने मुलाकात बढ़ानी होगी, जिनका आपको लाभ मिल सके। संतान की उन्नति देख आज आपका मन प्रसन्न होगा।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहेगा। आज आप अपने आप में ही मस्त रहेंगे व आलोचकों की किसी आलोचना पर कोई ध्यान नहीं देंगे, जिसके कारण थोड़ा परेशान भी हो सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज लोगों का जन समर्थन मिलेगा और लोगों से मेल मुलाकात करने से उनको फायदा भी होगा। यदि आपने पार्टनरशिप में किसी व्यवसाय को चलाया हुआ है, तो उसमें आज आपकी कोई बहसबाजी हो सकती है। सायंकाल का समय आज आप अपने पिताजी के सहयोग से जो भी कार्य करेंगे, वह आपको भरपूर लाभ ही देगा।

सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए कुछ मेहनत भरा रहेगा। आज आपको अपने करियर की उपलब्धियों को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन आपके शत्रु इसमें अडंगा डाल सकते हैं। विवाह योग्य जातकों के लिए समय अनुकूल है। यदि वह कोशिश करेंगे, तो उन्हे सफलता मिल सकती हैं। आज आपको दूसरों की बातों में आकर निवेश करने से बचना होगा,नही तो वह भविष्य में आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नए अवसर प्राप्त होंगे, जिन्हें पाकर वह प्रसन्न होंगे। सायंकाल के समय आज आप अपने जीवनसाथी को शॉपिंग पर ले जा सकते हैं।

कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
आज दिन का काफी समय आप रचनात्मक कार्य में व्यतीत करेंगे। विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न होने पर भी आपको घबराना नहीं है, उनका डटकर सामना करें। विद्यार्थियों की क्षमता का विकास होगा। यदि राजनीतिक दिशा में कार्यरत हैं, तो आपको किसी अधिकारी की मदद प्राप्त हो सकती है। सायंकाल के समय आज आपको अचानक लाभ मिलने के योग बन रहे हैं, लेकिन वह आपको प्रयास के बाद ही मिल पाएंगी। आपको उन्हे पहचानना होगा और आगे बढ़कर लेना होगा, लेकिन आज आपको अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं करनी है, नहीं तो वह आपके कार्य में रुकावट डाल सकते हैं।

तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज का दिन आपके मन मुताबिक नहीं रहेगा। नौकरी पेशा जातकों के सुझावों का आज ऑफिस में स्वागत होगा, जिसे देखकर वह प्रसन्न होंगे। मित्रों के साथ छोटी दूरी पर जाने का प्लान बना सकते है। आज जीवनसाथी की सलाह आपके लिए मददगार साबित होगा। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से आज आपका कोई वाद विवाद होता है, तो आपको उसमें अपनी वाणी की मधुरता को बनाए रखना होगा। प्रेमजीवन जी रहे लोगों के जीवन में मधुरता आएगी।

वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आज आपका पूरा दिन कुछ विशेष कर दिखाने की धुन में लगा रहेगा जिसमें सफल भी होंगे। आज आपको अपने किसी परिचित के लिए कुछ रुपयों का इंतजाम भी करना पड़ सकता है। आज आप किसी डील को फाइनल करने के लिए व्यस्त रहेंगे। व्यस्तता के बीच आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए समय निकालने में नाकामयाब रहेंगे, जिसके कारण आपकी माता जी आपसे नाराजगी जता सकते हैं। आज आपको अपने व्यवसाय में पार्टनरशिप करने से आपको फायदा भी मिलेगा। आज किसी से वाद-विवाद करने से बचने की कोशिश करनी होगी।

धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए व्यस्तता भरा रहेगा, लेकिन आज आपको रोजमर्रा के कार्य में कोताही बिल्कुल नहीं बरतनी है, नहीं तो वह लम्बे समय के लिए लटक सकते है। यदि आप कुछ नए लोगों से संपर्क बनाएंगे, तो वह आपके व्यापार में मददगार साबित होंगे। सायंकाल के समय आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है, जिसमें छोटे बच्चे मौज मस्ती करते नजर आएंगे। परिवार के किसी सदस्य के विवाह में यदि कोई समस्या आ रही थी, तो आज वह समाप्त होगी।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आज आपके प्रभाव व प्रताप में वृद्धि का दिन रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी अपने वरिष्ठ अधिकारियों से घनिष्ठ मित्रता रहेगी, जिसके कारण आपको आपके मनपसंद काम सौंपा जा सकता है, जिसे देखकर आप प्रसन्न होंगे। दांपत्य जीवन मे सरसता बनी रहेगी। प्रेम जीवन जी रहे लोगों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा, नहीं तो उनके संबंधों में दरार आ सकती है। पारिवारिक बिजनेस में आज आपको अपने पिताजी की सलाह की आवश्यकता होगी। आज आप व्यापार के लिए कुछ योजनाएं बनाएंगे, जो आपके लिए उत्तम रहेंगी।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपको सुख देने वाला रहेगा। आज आपको अपने खर्च पर नियंत्रण रखना होगा, नहीं तो भविष्य में आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। आज आप सांसारिक सुख भोग के साधनों पर भी कुछ धन व्यय करेंगे। सामाजिक कार्यक्रमों में भी आज बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। यदि आप किसी भूमि व वाहन, भवन को खरीदना चाहते हैं, तो उसके लिए आज दिन उत्तम रहेगा। आज आपको संतान के भविष्य की चिंता सता सकती है, जिसके लिए आप कुछ निवेश भी करेंगे। जीवनसाथी का सहयोग भी आपको हर मामले में प्राप्त होता दिख रहा है।

मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आज का दिन हर मामले में आपको सफलता दिलाने वाला रहेगा। संतान से संबंधित यदि कोई समस्या चल रही है, तो आज वह आपके पिताजी के सहयोग से सुलझ सकती हैं। विद्यार्थी यदि किसी कंपटीशन में भाग ले रहे हैं, तो उसमें उन्हें जीत मिलेगी। मौसम के विपरीत प्रभाव के कारण आज आपके स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आ सकती है। यदि ऐसा हो, तो सावधान रहें। आज आपको अपने घर व व्यापार कहीं भी जल्दबाजी में किसी भी फैसले को लेने से बचना होगा, नहीं तो भविष्य में यह आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। यदि आपने किसी को धन उधार दिया हुआ है,तो वह भी आज आपको प्राप्त हो सकता है।

कल तो दिन और रात बराबर थी लेकिन आज से होते हैं दिन छोटे और रातें बड़ी।

 

हमारे पूर्वज जो भी परंपरा बनाये है हर परंपरा मे वैज्ञानिकता है.. आइए इसे ऐसे समझते हैं..🙏🙏🙏🙏

एक पंडितजी को नदी में तर्पण करते देख एक फकीर अपनी बाल्टी से पानी गिराकर जाप करने लगा कि..

“मेरी प्यासी गाय को पानी मिले।”

पंडितजी के पूछने पर उस फकीर ने कहा कि…

जब आपके चढाये जल और भोग आपके पुरखों को मिल जाते हैं तो मेरी गाय को भी मिल जाएगा.

इस पर पंडितजी बहुत लज्जित हुए।”

यह मनगढंत कहानी सुनाकर एक इंजीनियर मित्र जोर से ठठाकर हँसने लगे और मुझसे बोले कि –

“सब पाखण्ड है जी..!”

शायद मैं कुछ ज्यादा ही सहिष्णु हूँ…

इसीलिए, लोग मुझसे ऐसी बकवास करने से पहले ज्यादा सोचते नहीं है क्योंकि, पहले मैं सामने वाली की पूरी बात सुन लेता हूँ… उसके बाद ही उसे जबाब देता हूँ.

खैर… मैने कुछ कहा नहीं ….

बस, सामने मेज पर से ‘कैलकुलेटर’ उठाकर एक नंबर डायल किया…
और, अपने कान से लगा लिया.

बात न हो सकी… तो, उस इंजीनियर साहब से शिकायत की.

इस पर वे इंजीनियर साहब भड़क गए.

और, बोले- ” ये क्या मज़ाक है…??? ‘कैलकुलेटर’ में मोबाइल का फंक्शन भला कैसे काम करेगा..???”

तब मैंने कहा…. तुमने सही कहा…
वही तो मैं भी कह रहा हूँ कि…. स्थूल शरीर छोड़ चुके लोगों के लिए बनी व्यवस्था जीवित प्राणियों पर कैसे काम करेगी ???

इस पर इंजीनियर साहब अपनी झेंप मिटाते हुए कहने लगे-
“ये सब पाखण्ड है , अगर ये सच है… तो, इसे सिद्ध करके दिखाइए”

इस पर मैने कहा…. ये सब छोड़िए
और, ये बताइए कि न्युक्लीअर पर न्युट्रान के बम्बारमेण्ट करने से क्या ऊर्जा निकलती है ?

वो बोले – ” बिल्कुल ! इट्स कॉल्ड एटॉमिक एनर्जी।”

फिर, मैने उन्हें एक चॉक और पेपरवेट देकर कहा, अब आपके हाथ में बहुत सारे न्युक्लीयर्स भी हैं और न्युट्रांस भी…!

अब आप इसमें से एनर्जी निकाल के दिखाइए…!!

साहब समझ गए और तनिक लजा भी गए एवं बोले-
“जी , एक काम याद आ गया; बाद में बात करते हैं “

कहने का मतलब है कि….. यदि, हम किसी विषय/तथ्य को प्रत्यक्षतः सिद्ध नहीं कर सकते तो इसका अर्थ है कि हमारे पास समुचित ज्ञान, संसाधन वा अनुकूल परिस्थितियाँ नहीं है ,

इसका मतलब ये कतई नहीं कि वह तथ्य ही गलत है.

क्योंकि, सिद्धांत रूप से तो हवा में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों मौजूद है..
फिर , हवा से ही पानी क्यों नहीं बना लेते ???

अब आप हवा से पानी नहीं बना रहे हैं तो… इसका मतलब ये थोड़े ना घोषित कर दोगे कि हवा में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ही नहीं है.

उसी तरह… हमारे द्वारा श्रद्धा से किए गए सभी कर्म दान आदि भी आध्यात्मिक ऊर्जा के रूप में हमारे पितरों तक अवश्य पहुँचते हैं.

इसीलिए, व्यर्थ के कुतर्को मे फँसकर अपने धर्म व संस्कार के प्रति कुण्ठा न पालें…!

और हाँ…

जहाँ तक रह गई वैज्ञानिकता की बात तो….

क्या आपने किसी भी दिन पीपल और बरगद के पौधे लगाए हैं…या, किसी को लगाते हुए देखा है?
क्या फिर पीपल या बरगद के बीज मिलते हैं ?
इसका जवाब है नहीं….

ऐसा इसीलिए है क्योंकि… बरगद या पीपल की कलम जितनी चाहे उतनी रोपने की कोशिश करो परंतु वह नहीं लगेगी.

इसका कारण यह है कि प्रकृति ने यह दोनों उपयोगी वृक्षों को लगाने के लिए अलग ही व्यवस्था कर रखी है.

जब कौए इन दोनों वृक्षों के फल को खाते हैं तो उनके पेट में ही बीज की प्रोसेसिंग होती है और तब जाकर बीज उगने लायक होते हैं.

उसके पश्चात कौवे जहां-जहां बीट करते हैं, वहां वहां पर यह दोनों वृक्ष उगते हैं.

और… किसी को भी बताने की आवश्यकता नहीं है कि पीपल जगत का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो round-the-clock ऑक्सीजन (O2) देता है और वहीं बरगद के औषधि गुण अपरम्पार है.

साथ ही आप में से बहुत लोगों को यह मालूम ही होगा कि मादा कौआ भादो महीने में अंडा देती है और नवजात बच्चा पैदा होता है.

तो, इस नयी पीढ़ी के उपयोगी पक्षी को पौष्टिक और भरपूर आहार मिलना जरूरी है…

शायद, इसलिए ऋषि मुनियों ने कौवों के नवजात बच्चों के लिए हर छत पर श्राघ्द के रूप मे पौष्टिक आहार की व्यवस्था कर दी होगी.

जिससे कि कौवों की नई जनरेशन का पालन पोषण हो जाये……

इसीलिए…. श्राघ्द का तर्पण करना न केवल हमारी आस्था का विषय है बल्कि यह प्रकृति के रक्षण के लिए नितांत आवश्यक है.

साथ ही… जब आप पीपल के पेड़ को देखोगे तो अपने पूर्वज तो याद आएंगे ही क्योंकि उन्होंने श्राद्ध दिया था इसीलिए यह दोनों उपयोगी पेड़ हम देख रहे हैं.

अतः…. सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पे उंगली उठाने वालों से इतना ही कहना है कि….

उस समय भी हमारे ऋषि मुनियों को मालूम था कि धरती गोल है और हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह हैं.

साथ ही… हमें ये भी पता था कि किस बीमारी का इलाज क्या है…
कौन सी चीज खाने लायक है और कौन सी नहीं…?

अपनी संस्कृति और आस्था बनाये रखें|

🙏🚩

हमारा इतिहास लिखने वाले लुगदी उपन्यासकारों ने चूँकि कई तथ्य पहले ही छुपा रखे हैं इसलिए भारतीय सेना के सौर्य को छुपाना भी आसान हो गया | पहले विश्व युद्ध के दौरान कई भारतीय सिपाही भी लड़े थे और उनका इतिहास नागरिकों को कभी आजादी के बाद बताया ही नहीं गया | इसी वजह से लोगों को ये नहीं पता है कि इसराइली हैफा(Haifa) शहर को इस्लामिक ऑट्टोमन खलीफा के चंगुल से छुड़ाने वाले सैनिक भारतीय घुड़सवार थे |

फिफ्टीन्थ इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड के सैनिक 1918 में इसराइल के हैफा शहर को छुड़ाने के लिए लड़े थे | इनमें से कई वहीँ वीरगति को प्राप्त हुए और करीब 900 को वहीँ दफनाया गया है | सौ साल पहले हुई इस लड़ाई में 400 साल की इस्लामिक हुकूमत से हैफा को छुटकारा मिल गया, वो तुर्की हुक्मरानों से आजाद हुआ | हर साल 23 सितम्बर को भारत और इसराइल दोनों में हैफा दिवस मनाया जाता है | मुझे पता नहीं कि भारत में कितने लोगों ने कभी हैफा दिवस का नाम सुना होगा |

इसलिए हम वहां आ जाते हैं जो आपका सुना, आपके लिए जाना पहचाना है | आपने तीन मूर्ती भवन का नाम शायद सुना होगा | पहले प्रधानमंत्री नेहरु का आवास होने के कारण, और अब संग्रहालय और पुस्तकालय होने के कारण ये प्रसिद्ध है | वहां से गुजरती सड़क भी इसी नाम से जानी जाती है | सन 1924 में यहाँ उस तीन मूर्ती का अनावरण हुआ था, जिन तीन मूर्तियों के कारण इसका नाम पड़ा | ग़लतफ़हमी में कुछ लोग “तीन मूर्ती” कहने पर गाँधी जी के तीन बन्दर समझ लेते हैं |

पीतल की बनी ये तीन मूर्तियाँ हैदराबाद, जोधपुर और मैसूर रियासतों के घुड़सवार सैनिकों का प्रतीक हैं जो मिलकर पंद्रहवीं इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड के रूप में लादे थे | बाद में जब भारत आजाद हुआ तो ये 61वीं कैवलरी नाम से जाने जाने लगे | आज 61वीं कैवलरी दुनिया की इकलौती काम करती घुड़सवार सैन्य टुकड़ी है | जब 8 मार्च, 1924 को वाइसरॉय रीडिंग के समय इस प्रतिमा का अनावरण हुआ था तो इसकी सुरक्षा में 19 किंग जॉर्ज फिफ्थ ओन लैंसर्स तैनात था और गार्ड ऑफ़ ऑनर 2/13 फ्रंटियर फोर्सेज रायफल्स ने दी थी | ये दोनों बंटवारे में पाकिस्तान को दे दिए गए |

ये स्टाम्प की तस्वीर इन्टरनेट से जुटाई है, मेरे पास ये फिलहाल नहीं, क्योंकि कोई परिचित फिलहाल इसराइल में नहीं है | भारतीय डाक ने कभी इन घुड़सवार सैनिकों पर कोई डाक टिकट निकाले हों ऐसा याद नहीं आता | अगले साल भारतीय सैनिकों के इसराइल के हैफा में दर्ज करवाए इस कारनामे को सौ साल हो जायेंगे | सवाल ये है कि क्या भारत भी अपने सैनिकों को याद करेगा ?
✍🏻आनन्द कुमार

आज आप लोगों ने भारत के प्रति इजरायल का जो कृतज्ञता का भाव देख रहे है, संभवत: उसके पीछे हाइफा का युद्ध लड़ने गए हमारे इन्हीं महान भारतीय योद्धाओं का बलिदान है !! इसलिए भारत और इजरायल के बीच आज एक रक्तबत सबंध हैं !! ओर बड़ी दू:ख की बात है कि भारत के ज्यादातर लोग, इन भारतीय योद्धाओं की इस पराक्रम की गाथा को पहली बार सुन रहे होंगे.

✍️ : हिन्दुओं की पराजय का इतिहास लिखने वाले वामपंथी इतिहासकारों ने बड़ी सफाई से भारतीय योद्धाओं की अकल्पनीय विजयों को इतिहास के पन्नों पर दर्ज नहीं होने दिया !! शारीरिक तौर पर मरने के बाद जी उठने वाला देश इजरायल की आजादी के संघर्ष को जब हम देखेंगे, तब हम पाएंगे कि यहूदियों को ‘ईश्वर के प्यारे राष्ट्र‘ का पहला हिस्सा भारतीय योद्धाओं ने जीतकर दिया था !! वर्ष 1918 में हाइफा के युद्ध में भारत के अनेक योद्धाओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, समुद्र तटीय शहर हाइफा की मुक्ति से ही आधुनिक इजरायल के निर्माण की नींव पड़ी थी !! इसलिए हाइफा युद्ध में भारतीय सैनिकों के प्राणोत्सर्ग को यहूदी आज भी स्मरण करते हैं !! इजरायल की सरकार आज तक हाइफा, यरुशलम, रामलेह और ख्यात के समुद्री तटों पर बनी 900 भारतीय सैनिकों की समाधियों की अच्छी तरह देखरेख करती है !! इजरायल के बच्चों को इतिहास की पाठ्य-पुस्तकों में भारतीय सैनिकों के शौर्य और पराक्रम की कहानियाँ पढ़ाई जाती हैं. प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को भारतीय योद्धाओं को सम्मान देने के लिए हाइफा के महापौर, इजरायल की जनता और भारतीय दूतावास के लोग एकत्र होकर हाइफा दिवस मनाते हैं !! भारतीय सेना भी 23 सितंबर को हाइफा दिवस मनाती है. अब हम समझ सकते हैं कि बीते दिनों भारत और इजरायल के रिश्तों में सार्वजनिक दूरी के बाद भी जो गर्माहट बनी रही, वह भारतीय सैनिकों के रक्त की गर्मी से है.

✍️ : भारतीय योद्धाओं के पराक्रम और साहस को समझने के लिए पहले आप लोगों को हाइफा युद्ध के पन्ने पलटने होंगे !! हाइफा का युद्ध मानव इतिहास का सबसे बड़ा और अपनी तरह का आखिरी युद्ध है. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान तुर्की साम्राज्य से इजरायल के हाइफा शहर को आजाद कराने के लिए ब्रिटिश सेना की सहायता के लिए जोधपुर, मैसूर और हैदराबाद से सैनिकों को भेजा गया था !! हैदराबाद के निजाम द्वारा भेजी गई टुकड़ी में लगभग सभी सैनिक मुस्लिम थे, इसलिए ब्रिटिश सेना के अधिकारियों ने उन्हें सीधे युद्ध के मैदान में नहीं उतारा !! निजाम के सैनिकों को युद्ध बंदियों के प्रबंधन और देखरेख का कार्य सौंपा गया !! जबकि मैसूर और जोधपुर की घुड़सवार सैन्य टुकडिय़ों को मिलाकर एक विशेष इकाई बनाई गई थी. तुर्की, ऑस्ट्रिया और जर्मनी की संयुक्त साधन सम्पन्न शक्तिशाली सेना के विरुद्ध भारतीय सैन्य दल का नेतृत्व जोधपुर के मेजर दलपत सिंह शेखावत ने किया था, जो इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए !! अदम्य साहस और सैन्य रणनीति का प्रदर्शन करने वाले मेजर दलपत सिंह शेखावत को हाइफा के नायक के रूप में जाना जाता है !! हाइफा का युद्ध इसलिए बड़े युद्धों में शामिल है, क्योंकि इस युद्ध में इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास की विजय हुई थी.

✍️ : चलिए अब हमारे वीरों की गाथा भी सुना देता हूं…… एक ओर तुर्की, जर्मनी और ऑस्ट्रिया की संयुक्त सेना अपनी चौकियों पर मजबूती से जमी हुई थी. उनके पास तोप, बम और बंदूक सहित अत्याधुनिक हथियार थे !! जबकि भारतीय सैनिकों ने उनका मुकाबला केवल तलवार और भालों से किया !! उन्होंने पैदल और घोड़ों पर सवार होकर युद्ध न केवल लड़ा, बल्कि अकल्पनीय विजय भी प्राप्त की. यह दुनिया के इतिहास में घुड़सवार सेना का अंतिम महान अभियान था. इसके साथ ही यह सैन्य इतिहास में एकमात्र घटना है, जब एक घुड़सवार सेना ने सबसे कम समय में सुरक्षित और चाक-चौबंद शहर पर कब्जा कर लिया था…. हाइफा पहुँचने के बाद जब ब्रिटिश सेना को दुश्मन की मोर्चाबंदी और ताकत के बारे में पता चला तब ब्रिगेडियर जनरल एडीए किंग ने सेना को वापस बुला लिया था !! ब्रिगेडियर का निर्णय उचित ही था, क्योंकि तुर्की की सेना सुरक्षित और युद्ध की दृष्टि से लाभप्रद स्थिति में थी. परंतु, भारतीय योद्धा सेना को वापस बुलाने के निर्णय से खुश नहीं थे !! उन्होंने कहा कि ‘हम अपने देश में किस मुंह से जाएंगे !! अपने देश की जनता को कैसे बताएंगे कि शत्रु के डर से मैदान छोड़ दिया !! युद्ध के मैदान में पीठ दिखाकर भागना उचित नहीं माना जाता !! ओर हम हिन्दू राजपूतों का रक्त इसका इजाजत नहीं देता, इसलिए हम युद्ध लड़कर यहीं वीरगति प्राप्त करना पसंद करेंगे. भारतीय सैनिक सीधे मौत के मुँह में जाने की इजाजत माँग रहे थे. काफी समझाने के बाद भी जब भारतीय सैनिक नहीं माने, तब ब्रिटिश सेना के अधिकारी समझ गए कि यह असली योद्धा हैं, इन्हें रोका नहीं जा सकता !! भारतीय योद्धाओं के दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस को देखकर उन्हें हमले की अनुमति दे दी गई !! तलवार और भालों से सज्जित घुड़सवार एवं पैदल भारतीय सेना ने 23 सितंबर को सुबह 5 बजे हाइफा की ओर बढ़ना प्रारंभ किया. भारतीय सेना का मार्ग माउंट कार्मल पर्वत श्रृंखला के साथ लगता हुआ था और किशोन नदी एवं उसकी सहायक नदियों के साथ दलदली भूमि की एक पट्टी तक सीमित था. जैसे ही सेना 10 बजे हाइफा पहुँची, वह माउंट कार्मल पर तैनात 77 एमएम बंदूकों के निशाने पर आ गए !! परंतु, भारतीय सेना का नेतृत्व कर रहे जवानों ने यहाँ बहुत सूझबूझ दिखाई. मैसूर लांसर्स की एक स्क्वाड्रन शेरवुड रेंजर्स के एक स्क्वाड्रन के समर्थन से दक्षिण की ओर से माउंट कार्मल पर चढ़ी !! उन्होंने दुश्मनों पर अचानक आश्चर्यचकित कर देने वाला हमला कर कार्मल की ढलान पर दो नौसैनिक तोपों पर कब्जा कर लिया !! उन्होंने दुश्मनों की मशीनगनों के खिलाफ भी वीरता के साथ आक्रमण किया. उधर, 2 बजे ‘बी’ बैटरी HC के समर्थन से जोधपुर लांसर्स ने हाइफा पर हमला किया. मजबूत प्रतिरोध के बावजूद भी लांसर्स ने बहादुरी के साथ दुश्मनों की मशीनगनों पर सामने से आक्रमण किया !! 3 बजे तक भारतीय घुड़सवारों ने उनके स्थानों पर कब्जा कर तुर्की सेना को पराजित कर हाइफा पर अधिकार कर लिया.

सारांश :-
जिस तरह इजरायल अपने बच्चों को साहसी बनाने के लिए अपने पाठ्य-पुस्तकों में हाइफा युद्ध और भारतीय सैनिकों के शौर्य के पाठ पढ़ा रहा है, उसे देखते हुए भारत सरकार को भी अपने यहाँ किताबों में इन वीर गाथाओं को स्थान देना चाहिए…
✍🏻जीवन आनन्द

जब आप इतिहास से नहीं सीखते, तो इतिहास खुद को दोहराता है। दूसरे विश्वयुद्ध के शुरू होने के समय भारत में जो नौसेना थी, वो बड़ी मामूली थी। सैन्य विद्रोह न हो सकें इसके लिए अंग्रेजों ने वर्षों से अफवाहें फैलाई थीं। बड़े पोत बनाने पर प्रतिबन्ध लगाए इस समय तक सौ वर्ष के लगभग बीत चुके थे। जब द्वित्तीय विश्वयुद्ध के लिए सैनिकों की जरुरत पड़ी तो जान देने वाले सैनिक कहाँ से आते? जाहिर है वो भारत जैसे देशों से लिए गए, जो फिरंगी हुक्मरानों की गुलामी करने के लिए मजबूर थे। रॉयल ब्रिटिश नेवी का भारतीय हिस्सा अपने 1939 के आकार से बढ़कर 1945 में करीब दस गुना हो चुका था।

इस नौसेना में 1942 से 1945 के दौर में सीपीआई के नेताओं ने भर्तियाँ करवाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाये। उपनिवेशवादियों की सेना में वो भारतीय लोगों को क्यों भर्ती करना चाहते थे? संभवतः इसलिए क्योंकि स्टालिन के हिटलर से मनमुटाव होने के बाद के दौर में नाजियों के खिलाफ होना जरूरी था! जब 18 फ़रवरी 1946 को “रेटिंग विद्रोह” यानि ब्रिटिश नौसेना में भारतीय नौसैनिकों का विद्रोह भड़का तो उसे बाहर से समर्थन देने वाले भी कम्युनिस्ट ही थे। इस विद्रोह में जिन नौसैनिकों ने भाग लिया था, उनमें से 476 को बाद में कोर्ट मार्शल किया गया। भारत की आजादी के बाद भी उन्हें सेना में वापस नहीं लिया गया था।

विद्रोही सैनिकों को भले लोग भूल गए हों लेकिन इस विद्रोह में शामिल नौसैनिकों को संबोधित करने वाली एक बड़ी नेत्री का नाम आप जानते हैं। उन्हें संबोधित करने वाली थीं अरुणा आसफ अली। उन्हें आज के भारत में एक महान शिक्षाविद के रूप में याद किया जाता है। विद्रोह का बिगुल जिन्होंने फूंका उनका पता नहीं। विद्रोह करने वाले असली क्रन्तिकारी खो गए। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की तरह कोई पेंशन इत्यादि देने की कोई योजना भी कभी बनी या चली हो, ऐसा सुनाई नहीं देता। इससे सबक क्या सीखे जा सकते हैं? ये वो सबक हैं जो बार-बार दोहराए ही जाते रहे हैं।

पहली चीज़ तो ये है कि पी.सी. जोशी के दौर से ही सरकारी तंत्रों में कैसे “अपने लोगों” की पैठ करवाई जाए, इसपर ध्यान दिया जाता है। आज के दौर में भी आपको अकादमिक, कला, साहित्य, सिनेमा इत्यादि के क्षेत्रों में इस गिरोह की पैठ आसानी से हर बार नजर आ जाएगी। दूसरी चीज़ ये कि वो अपने अग्रिम पंक्तियों के योद्धाओं का क्या करते हैं? उनके नेता गन्ने की तरह कार्यकर्ताओं को चूसने के बाद उन्हें फेंक देते हैं। नेता के हित के लिए जनता की कुर्बानी दे दी जाती है। बिलकुल वैसे ही जैसे कोर्ट मार्शल हुए उन 476 सैनिकों की कुर्बानी देकर वाम झुकाव वाली कांग्रेसी अरुणा आसफ अली उभर आई!
#तुम्हें_याद_हो_कि_न_याद_हो

बंदरगाह पर लगे जहाज पर माहौल तनावपूर्ण था। नौसैनिक फ्रिगेट एचएमआईएस शमशेर की स्थिति और भी नाजुक थी। रॉयल ब्रिटिश नेवी के इस जहाज की कमान संभाल रहे लेफ्टिनेंट कृष्णन ने बंदरगाह छोड़ने का सिग्नल देने का आदेश दे दिया था। उनसे सहमत न होते हुए भी सब-लेफ्टिनेंट आर.के.एस. गांधी ने सैन्य अनुशासन का पालन किया था, लेकिन क्या विद्रोह पर उतारू नाविक मानेंगे? इसी तनावपूर्ण माहौल में लड़ने और मरने के लिए वर्षों से तैयार नाविकों के सामने लेफ्टिनेंट कृष्णन आये। भीड़ चीरकर आगे बढ़ते जहाज के इस कप्तान के लिए तेज चलती सांसें, क्रोध और असंतोष भांप लेना कोई मुश्किल नहीं था।

उस 18 फ़रवरी की सुबह लेफ्टिनेंट कृष्णन का भारतीय होना काम आया। एचएमआईएस शमशेर रॉयल ब्रिटिश नेवी का, बॉम्बे के बंदरगाह पर खड़ा, ऐसा इकलौता जहाज था जिसकी कमान एक भारतीय के हाथ में थी। उनके भाषण को आज बस याद किया जाता है। उन्होंने पक्का पक्का क्या कहा था, ये नहीं मिलता। हाँ, ये जरूर है कि उनके भारतीय होने के कारण हिन्दुस्तानी नाविकों ने उनकी बात सुनी और मानी। नाविकों ने इस जहाज के लंगर उठा दिए थे। जब तक 18 फ़रवरी को उग्र हुआ “रेटिंग विद्रोह” या रॉयल ब्रिटिश नेवी के भारतीय नाविकों का विद्रोह अपने चरम पर पहुँचता ये फ्रिगेट तट से काफी दूर जा चुका था।
#तुम्हें_याद_हो_कि_न_याद_हो
✍🏻आनन्द कुमार