आज का पंचाग, आपका राशि फल, यदि बच्चे आपके अनुकूल नहीं हैं तो दोषी संतान नहीं अपितु वो अंग्रेजी सिस्टम है जो संस्कारों की बजाय उनको दिया गया, कोरोना की तीसरी लहर और विदेशी दवा कम्पनियों की चाल समझनी होगी


 छाया चित्र – देवप्रयाग

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे। *चन्द्रमा की स्तुति* :–दधिशंख तुषाराभं *क्षीरोदार्णवसम्भवम् नमामि शशिनं सोमम् शम्भो मुकुट भूषणम्*।। हिन्दी ब्याख्या:–दधि शंख अथवा हिम के समान जिनकी दीप्ति है जिन की उत्पत्ति क्षीर समुद्र से हैं जो शिवजी के मुकुट पर अलंकार की तरह विराजमान रहते हैं मैं उन चंद्रदेव को प्रणाम करता हूं।।चन्द्र गायत्री मंत्र:–🕉️ *अत्रिपुत्राय विद्महे सागरोद्भवाय धीज्ञहि तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात्*।।
यथाशक्ति चंद्र गायत्री का जप करने के बाद पलाश युक्त पायस घी से दशांश हवन करें चंद्रदेव एवं भगवान शंकर आपकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करेंगे।।।
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री*8449046631*🙏🏽🙏🏽🙏🏽💐 *आज का मंगल विचार* 💐

*अनन्तशास्त्रं बहुलाश्च विद्या अल्पं च कालो बहुविघ्नता च।*
*आसारभूतं तदुपासनीयं हंसो यथा क्षीरमिवाम्बुमध्यात्॥*

*भावार्थ :-* शास्त्र अनेक हैं, विद्याएं अनेक हैं, किन्तु मनुष्य का जीवन बहुत छोटा है, उसमें भी अनेक विघ्न हैं । इसलिए जैसे मिले हुए दूध और पानी में से हंस दूध पी लेता है और पानी को छोड़ देता है उसी तरह काम की बातें ग्रहण कर लो तथा बाकी छोड़ देनी चाहिए।
🙏शुभप्रभातम् 🙏🌹🌹🙏जय शिव शंकर 🙏
*भगवान शंकर एवं चंद्रदेव आप सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे*
🕉️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078 (राक्षस नाम संवत्सर)✡️
✡️आषाढ़ मासे🕉️
✡️14 प्रविष्टे गते ✡️
✡️चन्द्र वासरे ✡️
✡️दिनांक ✡️ :28 – 06 – 2021(सोमवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.47 पूर्वाह्न✡️
✡️सूर्यास्त :07.12 अपराह्न✡️
✡️सूर्य राशि :मिथुन✡️
✡️चन्द्रोदय :10.42 अपराह्न✡️
✡️चंद्रास्त :10.10 पूर्वाह्न✡️
✡️चन्द्र राशि :मकर कल 12:59✡️ ✡️अपराह्न तक, बाद में कुंभ✡️
✡️विक्रम सम्वत : 2078🕉️
✡️अमांत महीना :ज्येष्ठ 18🕉️
✡️पूर्णिमांत महीना :आषाढ़ 4✡️
✡️पक्ष :कृष्ण 4✡️
✡️तिथि :चतुर्थी 2.16 अपराह्न तक, बाद में पंचमी✡️
✡️नक्षत्र :श्रवण 1.21 पूर्वाह्न तक, बाद में धनिष्ठा✡️
✡️योग :विष्कुम्भ 2.04 अपराह्न तक, बाद में प्रीति🕉️
✡️करण :बालव 2:16 अपराह्न तक, बाद में कौलव✡️
✡️राहु काल :7.30 पूर्वाह्न से- 9.10 पूर्वाह्न तक✡️
✡️कुलिक काल :2.11 अपराह्न से – 3.52 अपराह्न तक✡️
✡️यमगण्ड :10.51 पूर्वाह्न से – 12.31 अपराह्न तक✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.03✡️ अपराह्न से- 12.56 अपराह्न तक✡️
✡️दुर्मुहूर्त :12:56 अपराह्न से – 01:50 अपराह्न तक, 03:37 अपराह्न से- 04:31 अपराह्न तक✡️
*मित्रों राहुकाल यमघंट काल दूर मुहूर्त मैं यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए तथा अभिजीत मुहूर्त एवं कुलिक काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करना चाहिए*
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

✡️आज के लिए राशिफल (28-06-2021) ✡️
✡️मेष🕉️28-06-2021✡️
आज आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। व्यावसायिक सन्दर्भ में महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की जा सकती हैं। अगर आप उच्च अध्ययन या नौकरी के लिए विदेश जाना चाहते हैं, तो आप निराश नहीं होंगे। आपकी कामयाबी में वृद्धि होगी; संपर्क स्थापित होंगे और आप कुछ प्रभावशाली लोगों से भी मिलेंगे। यदि पैतृक संपत्ति के संबंध में कोई मामला लंबित है, तो यह आपके पक्ष में तय किया जाएगा। परिवार में कुछ शुभ समाचार प्राप्त होंगे और उत्सव हो सकता है। प्रेम संबंध मजबूत होंगे।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
—————————————
✡️वृष ✡️28-06-2021
आज के दिन आपको कोई बड़ा फैसला लेने से बचना चाहिए। व्यापार में धीमी गति से आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है। आपके कुछ काम आज अटक सकते हैं, लेकिन जीवनसाथी की मदद से सब कुछ ठीक भी हो सकता है। आपको अपने काम के प्रति सकारात्मक रवैय्या अपनाने की ज़रूरत है। आप अपनी स्किलस को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। आपको शाम के समय किसी समारोह में जाने का मौका मिल सकता है। आपको वहां पर अपने कुछ पुराने दोस्त भी मिल सकते हैं। पारिवारिक जीवन सुखद बना रहेगा मन्दिर में एकाक्षी नारियल अर्पित करें, आपकी सभी समस्याएं दूर होगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
—————————————
✡️मिथुन ✡️
28-06-2021
आपको नए बिजनेस, सौदे और नई नौकरी के हर तरह के ऑफर मिल सकते हैं। सोचे हुए काम पूरे होने के योग बन रहे हैं। किसी खास काम में नई शुरुआत का समय है। आप में उत्साह हो सकता है। आपको धीरे-धीरे सफलता मिलेगी। कुछ पुरानी योजनाओं पर काम नहींहुआ था, उन पर काम शुरू करने की कोशिश करें। अपने काम पर ध्यान दें। आप आज वही करते रहेंगे, जो आपका मन कहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
—————————————
✡️कर्क ✡️28-06-2021
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वालों के लिए आज का दिन मिश्रित परिणामदायक हो सकता है। व्यवसायिक कार्यों में कुछ अनावश्यक तनाव उत्पन्न हो सकता है और जिसके कारण आपका मन थोड़ा विचलित हो सकता है। किसी भी प्रकार के व्यापारिक निर्णय जिसमें आर्थिक जोखिम शामिल हो, उसके लिए समय उपयुक्त नहीं है। प्यार करने वालों के लिए यह समय सहयोगी है। पारिवारिक जीवन में भी समय अनुकूल रहेगा। किन्तु कोई भी निर्णय आवेश में ना लें। कर्ज़ देना इस समय परेशानी पैदा करने वाला होगा, अतः बचें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
—————————————
✡️सिंह 🕉️28-06-2021
आज आपके कामकाज में स्थिरता बनी रहेगी। आप कुछ नया सोचने में खुद को असमर्थ महसूस करेंगे। मित्रों से आपके संबंध बेहतर रहेंगे। आपको उनसे अपने काम में मदद मिल सकती है। जो लोग मैनेजर पॉस्ट पर हैं, आज उन्हें अपने काम में जल्दबाजी करने से बचना चाहिए। घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ किसी विषय को लेकर आपका विवाद हो सकता है। आपको उनकी बात मान लेनी चाहिए। धैर्य रखने से चीज़ें जल्द ही बेहतर होगी। ब्राह्मण के पैर छूकर आशीर्वाद लें, परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
—————————————
✡️कन्या✡️28-06-2021
आगे बढ़ने के नए मौके आपको मिल सकते हैं। आप जिससे भी बात करेंगे, उसे अपनी राय से सहमत कर सकते हैं। परिवार के किसी खास मामले पर आप अपनी राय निर्णायक ढंग से रखें। आपके दिमाग में नए विचार आ सकते हैं। किसी खास मामले को लेकर आपकी सोचबदल सकती है। विवाह प्रस्ताव भी आज आपको मिल सकते हैं। बिजनेस में भी बदलाव का मन बन सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
—————————————
✡️तुला ✡️28-06-2021
आज का दिन उपलब्धियों भरा होगा। आप अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को अंतिम रूप देने में सक्षम होंगे। रुके हुए कामों में भी प्रगति होगी और परिणाम संतोषजनक रहेंगे। आप लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। आप कला और साहित्य की ओर आकर्षित होंगे और जो लोग इन क्षत्रों से जुड़े हैं, उन्हें अपने काम के लिए सराहना मिलेगी और उनकी छवि भी बढ़ेगी। आज यात्रा संभव है, जो लाभकारी रहेगी और आय के नए रास्ते भी खोलेगी। एक परिवार के साथ किसी मनोरंजक स्थल पर घूमने जा सकतें हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
—————————————
✡️वृश्चिक 🕉️28-06-2021
आज आप किसी काम को पूरा करने के लिए कुछ नया तरीका निकाल सकते हैं, इससे आपका काम जल्दी पूरा हो जाएगा। इस राशि के कारोबारियों को अचानक से किसी दूसरी कम्पनी के साथ जुड़ने का मौका मिल सकता है। छात्रों के लिए आज का दिन बढ़िया रहेगा। आपको कोई बड़ी सफलता मिल सकती है, जिससे आपका मन प्रसन्न रहेगा। साथ ही आपके परिवार में भी प्रसन्नता बनी रहेगी। अगर आपने हाल ही में किसी नई परियोजना पर काम शुरु किया है, तो आपको बहुत जल्द ही अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिलेंगे। गाय को हरी घास खिलाएं, सफलता आपके कदम चूमेगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
—————————————
✡️धनु ✡️28-06-2021
किसी खास काम में दोस्‍तों की मदद मिल सकती है। महत्वपूर्ण मामलों पर लोगों से बातचीत का मौका आपको मिल सकता है। आपको इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए। दिनचर्या में कुछ बदलाव भी आपको करने पड़ सकते हैं। दोस्तों के साथ ज्यादा समय बीतेगा। किसी तरहका दबाव या काम का बोझ कम हो सकता है। पार्टनर से संबंध सुधर सकते हैं। पार्टनर आपको पूरा समय देगा। आप अच्छा बोलकर अपने काम पूरे करवा लेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : गहरा लाल
————————————–
✡️मकर ✡️28-06-2021
गलतफहमी और लगातार असहमति परिवारिक माहौल को निराशाजनक बना सकती है। यह स्थिति आपको तनावग्रस्त कर सकती है। आज कार्य स्थल पर सहकर्मियों और अधीनस्थों से टकराव होने का खतरा है। घरेलू मोर्चे से निपटने के लिए राजनयिक बनने की कोशिश करें और दार्शनिक दृष्टिकोण अपनाकर वास्तविक दुनिया को उसके वास्तविक परिप्रेक्ष्य में देखने का प्रयास करें। वित्तीय व्यवहार और निवेश के साथ अधिक सतर्क और सावधान रहें क्योंकि दिन ज्यादा अनुकूल नहीं है, कमाई घट सकती है और धन अवरुद्ध हो सकता है। दूसरों के लिए स्थायी गारंटी देने से बचें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
—————————————
✡️कुंभ ✡️28-06-2021
आज दूसरों के साथ आपका तालमेल बेहतर बना रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आपको अपनी मेहनत का सुखद परिणाम हासिल होगा। आज किसी कलात्मक चीज़ के प्रति आपका अधिक झुकाव हो सकता है। पूजा-पाठ में भी आपका मन लगा रहेगा। ऑफिस में आपको कुछ नया करने का मौका मिल सकता है। जीवनसाथी के साथ संबंधों में प्यार बना रहेगा। इस राशि के स्टूडेंट्स का पढ़ाई में प्रदर्शन अच्छा रहेगा। कुल मिलाकर बहुत-सी चीज़ें आज आपके फेवर में रहेगी। मन्दिर में फल और सब्जियों का दान करें, आप सभी काम में सफल होंगे।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
—————————————
✡️मीन ✡️28-06-2021
ज्यादातर काम पूरे हो सकते हैं। फायदा मिल सकता है। दोस्तों के साथ कोई कार्यक्रम भी बन सकता है। पैसों की स्थिति में सुधार करने की कोशिश करें। कोई बड़ा फैसला आज आप ले सकते हैं। बिजनेस के नए मौके आपको मिलेंगे। कुछ मामलों में अनुभवी लोगों से सलाहलेकर ही फैसला करें। आपके दिमाग में जो सवाल चल रहे हैं, उनके जवाब अपने आप मिल सकते हैं। धैर्य रखें। आज आपको काम की कोई खास बात पता चल सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
—————————————
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677* ✡️✡️✡️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️✡️🕉️🕉️

*…संतान को दोष न दें…*
*बालक को *’इंग्लिश मीडियम’* में पढ़ाया… *’अंग्रेजी’* बोलना सिखाया…
*’बर्थ डे’* और *’मैरिज एनिवर्सरी’*
जैसे जीवन के *’शुभ प्रसंगों’* को *’अंग्रेजी कल्चर’* के अनुसार जीने को ही *’श्रेष्ठ’* मानकर…
माता-पिता को *’मम्मा’* और
*’डैड’* कहना सिखाया…

जब *’अंग्रेजी कल्चर’* से परिपूर्ण बालक बड़ा होकर, आपको *’समय’* नहीं देता, आपकी *’भावनाओं’* को नहीं समझता, आप को *’तुच्छ’* मानकर *’जुबान लड़ाता’* है और आप को बच्चों में कोई *’संस्कार’* नजर नहीं आता है, तब घर के वातावरण को *’गमगीन किए बिना’*… या… *’संतान को दोष दिए बिना’*… कहीं *’एकान्त’* में जाकर *’रो लें’*…

*क्योंकि…*

पुत्र की पहली वर्षगांठ से ही,
*’भारतीय संस्कारों’* के बजाय
*’केक’* कैसे काटा जाता है ? सिखाने वाले आप ही हैं…
*’हवन कुण्ड में आहुति’* कैसे डाली जाए…
*’मंदिर, मंत्र, पूजा-पाठ, आदर-सत्कार के संस्कार देने के बदले,’…*
केवल *’फर्राटेदार अंग्रेजी’* बोलने को ही, अपनी *’शान’* समझने वाले आप…

बच्चा जब पहली बार घर से बाहर निकला तो उसे
*’प्रणाम-आशीर्वाद’*

के बदले
*’बाय-बाय’*
कहना सिखाने वाले आप…

परीक्षा देने जाते समय
*’इष्टदेव/बड़ों के पैर छूने’* के बदले

*’Best of Luck’*

कह कर परीक्षा भवन तक छोड़ने वाले आप…

बालक के *’सफल’* होने पर, घर में परिवार के साथ बैठ कर *’खुशियाँ’* मनाने के बदले…

*’होटल में पार्टी मनाने’* की *’प्रथा’* को बढ़ावा देने वाले आप…

बालक के विवाह के पश्चात्…

*’कुल देवता / देव दर्शन’*
को भेजने से पहले…

*’हनीमून’* के लिए *’फाॅरेन/टूरिस्ट स्पॉट’* भेजने की तैयारी करने वाले आप…

ऐसी ही ढेर सारी *’अंग्रेजी कल्चर्स’* को हमने जाने-अनजाने *’स्वीकार’* कर लिया है…

अब तो बड़े-बुजुर्गों और श्रेष्ठों के *’पैर छूने’* में भी *’शर्म’* आती है…

गलती किसकी…??
मात्र आपकी *'(माँ-बाप की)’*…

अंग्रेजी International *’भाषा’* है…

इसे *’सीखना’* है…

इसकी *’संस्कृति’* को,
*’जीवन में उतारना’* नहीं है…

*मानो तो ठीक…नहीं तो भगवान ने जिंदगी दी है……चल रही है, चलती रहेगी।*

*सोच कर अपने और अपने परिवार, समाज, संस्कृति और देश को बचाने का प्रयास करें, बाकी आपकी ईच्छा।*

🙏 जय मातरानी की🙏

*किस देवता या देवी को कौन सा प्रसाद चढ़ाना चाहिये*
‘पत्रं, पुष्पं, फलं, तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन:।’

अर्थ👉 जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्ध बुद्धि निष्काम प्रेमी का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुण रूप में प्रकट होकर प्रीति सहित खाता हूं। -श्रीकृष्ण

पूजा-पाठ या आरती के बाद तुलसीकृत जलामृत व पंचामृत के बाद बांटे जाने वाले पदार्थ को ‘प्रसाद’ कहते हैं। पूजा के समय जब कोई खाद्य सामग्री देवी-देवताओं के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो वह सामग्री प्रसाद के रूप में वितरण होती है। इसे ‘नैवेद्य’ भी कहते हैं।

मनमाने प्रसाद
〰️〰️〰️〰️
हिन्दू धर्म में मंदिर में या किसी देवी या देवता की मूर्ति के समक्ष प्रसाद चढ़ाने की प्राचीनकाल से ही परंपरा रही है। यह बहुत महत्वपूर्ण सवाल है कि किस देवता को चढ़ता है कौन-सा प्रसाद। आजकल लोग कुछ भी लेकर आ जाते हैं और भगवान को चढ़ा देते हैं, जबकि यह अनुचित है। यह तर्क देना कि ‘देवी या देवता तो भाव के भूखे होते हैं, प्रसाद के नहीं’, ‍उचित नहीं है।

आजकल मनमानी पूजा और मनमाने त्योहार भी बहुत प्रचलन में आ गए हैं। प्राचीन उत्सवों को फिल्मी लुक दे दिया गया है। गरबों में डिस्को डांडिया होने लगा है, जो कि धर्म-विरुद्ध कर्म है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस देवता को चढ़ता है किस चीज का प्रसाद जिससे कि वे प्रसन्न होंगे।

प्रसाद चढ़ाने का प्रचलन कब शुरू हुआ?
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
यज्ञ की आहुति भी देवता का प्रसाद है :प्रसाद चढ़ावे को नैवेद्य, आहुति और हव्य से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन प्रसाद को प्राचीनकाल से ही ‘नैवेद्य’ कहते हैं, जो कि शुद्ध और सात्विक अर्पण होता है। इसका संबंध किसी बलि आदि से नहीं होता। हवन की अग्नि को अर्पित किए गए भोजन को ‘हव्य’ कहते हैं। यज्ञ को अर्पित किए गए भोजन को ‘आहुति’ कहा जाता है। दोनों का अर्थ एक ही होता है। हवन किसी देवी-देवता के लिए और यज्ञ किसी खास मकसद के लिए।

प्राचीनकाल से ही प्रत्येक हिन्दू भोजन करते वक्त उसका कुछ हिस्सा देवी-देवताओं को समर्पित करते आया है। यज्ञ के अलावा वह घर-परिवार में भोजन का एक हिस्सा अग्नि को समर्पित करता था। अग्नि उस हिस्से को देवताओं तक पहुंचा देती थी। चढा़ए जाने के उपरांत नैवेद्य द्रव्य ‘निर्माल्य’ कहलाता है।

यज्ञ, हवन, पूजा और अन्न ग्रहण करने से पहले भगवान को नैवेद्य एवं भोग अर्पण की शुरुआत वैदिक काल से ही रही है। ‘शतपत ब्राह्मण’ ग्रंथ में यज्ञ को साक्षात भगवान का स्वरूप कहा गया है। यज्ञ में यजमान सर्वश्रेष्ठ वस्तुएं हविरूप से अर्पण कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है।

शास्त्रों में विधान है कि यज्ञ भोजन पहले दूसरों को खिलाकर यजमान ग्रहण करेंगे। वेदों के अनुसार यज्ञ में हृविष्यान्न और नैवेद्य समर्पित करने से व्यक्ति देवऋण से मुक्त होता है। प्राचीन समय में यह नैवेद्य (भोग) अग्नि में आहुति रूप में ही दिया जाता था, लेकिन अब इसका स्वरूप थोड़ा-सा बदल गया है।

गुड़-चने के प्रसाद का प्रचलन ऐसे हुआ शुरू
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
देवर्षि नारद भगवान विष्णु से आत्मा का ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे लेकिन जब भी वे विष्णुजी के पास जाते तो विष्‍णुजी कहते कि पहले उन्हें इस ज्ञान के योग्य बनना होगा। तब नारदजी ने कठोर तप किया लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तब वे चल पड़े धरती की ओर। धरती पर उन्होंने एक मंदिर में साक्षात विष्णु को बैठे हुए देखा कि एक बूढ़ी महिला उन्हें अपने हाथों से कुछ खिला रही है। नारदजी ने विष्णुजी के जाने के बाद उस बूढ़ी महिला से पूछा कि उन्होंने नारायण को क्या खिलाया? तब उन्हें पता चला कि गुड़-चने का प्रसाद उन्होंने ग्रहण किया था। कहते हैं कि नारद तब वहां रुककर तप और व्रत करने लगे और गुड़-चने का प्रसाद सभी को बांटने लगे।

एक दिन नारायण स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने नारद से कहा कि सच्ची भक्ति वाला ही ज्ञान का अधिकारी होता है। भगवान विष्णु ने उस बूढ़ी महिला को वैकुंठ धाम जाने का आशीर्वाद दिया और कहा कि जब भी कोई भक्त गुड़ और चना अर्पित करेगा उसकी मनोकामना निश्चित ही पूरी होगी। माना जाता है कि तभी से सभी ऋषि, मुनि और भक्त अपने इष्ट को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाकर प्रसन्न करते आ रहे हैं।

प्रचलित प्रसाद👉 गुड़-चना, चना-मिश्री, नारियल-मिठाई, लड्डू, फल, दूध और सूखे मेवे।

विष्णु भोग
〰️〰️〰️
विष्णुजी को खीर या सूजी के हलवे का नैवेद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है। खीर में किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थोड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू, पिस्ता, चारौजी, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें। उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर विष्णुजी को भोग लगाने के बाद वितरित करें।

भारतीय समाज में हलवे का बहुत महत्व है। कई तरह के हलवे बनते हैं लेकिन सूजी का हलवा विष्णुजी को बहुत प्रिय है। सूजी के हलवे में भी लगभग सभी तरह के सूखे मेवे मिलाकर उसे भी उत्तम प्रकार से बनाएं और भगवान को भोग लगाएं।

प्रति रविवार और गुरुवार को विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में जाकर विष्णुजी को उक्त उत्तम प्रकार का भोग लगाने से दोनों प्रसन्न होते हैं और उसके घर में किसी भी प्रकार से धन और समृद्धि की कमी नहीं होती है।

शिव भोग
〰️〰️〰️
शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद है। भोले को दूध, दही, शहद, शकर, घी, जलधारा से स्नान कराकर भांग-धतूरा, गंध, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित किए जाते हैं। शिवजी को रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी अर्पित की जाती है।

श्रावण मास में शिवजी का उपवास रखकर उनको गुड़, चना और चिरौंजी के अलावा दूध अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

श्री हनुमान भोग
〰️〰️〰️〰️〰️
हनुमानजी को हलुआ, पंच मेवा, गुड़ से बने लड्डू या रोठ, डंठल वाला पान और केसर- भात बहुत पसंद हैं। इसके अलावा हनुमानजी को कुछ लोग इमरती भी अर्पित करते हैं।

कोई व्यक्ति 5 मंगलवार कर हनुमानजी को चोला चढ़ाकर यह नैवेद्य लगाता है, तो उसके हर तरह के संकटों का अविलंब समाधान होता है।

माँ लक्ष्मी भोग
〰️〰️〰️〰️〰️
लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए।

लक्ष्मीजी को सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात बहुत पसंद हैं। कम से कम 11 शुक्रवार को जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती।

माँ दुर्गा भोग
〰️〰️〰️〰️
माता दुर्गा को शक्ति की देवी माना गया है। दुर्गाजी को खीर, मालपुए, मीठा हलुआ, पूरणपोळी, केले, नारियल और मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं। नवरात्रि के मौके पर उन्हें प्रतिदिन इसका भोग लगाने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है, खासकर माताजी को सभी तरह का हलुआ बहुत पसंद है।

बुधवार और शुक्रवार के दिन दुर्गा मां को विशेषकर नेवैद्या अर्पित किया जाता है। माताजी के प्रसन्न होने पर वह सभी तरह के संकट को दूर कर व्यक्ति को संतान और धन सुख देती है। यदि आप माता के भक्त हैं तो बुधवार और शुक्रवार को पवित्र रहकर माताजी के मंदिर जाएं और उन्हें ये भोग अर्पित करें।

सरस्वती भोग
〰️〰️〰️〰️
माता सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। ज्ञान कई तरह का होता है। स्मृतिदोष है तो ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान को व्यक्त करने की क्षमता नहीं है, तब भी ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान और योग्यता के बगैर जीवन में उन्नति संभव नहीं। अत: माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा होना जरूरी है।

माता सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा पसंद है। सरस्वतीजी को यह किसी मंदिर में जाकर ‍अर्पित करना चाहिए, तो ही ज्ञान और योग्यता का विकास होगा।

श्रीगणेश भोग
〰️〰️〰️〰️
गणेशजी को मोदक या लड्डू का नैवेद्य अच्छा लगता है। मोदक भी कई तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं।

मोदक के अलावा गणेशजी को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। इसके अलावा आप उन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं। नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं।

श्रीराम और श्रीकृष्ण का नैवेद्य
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
श्रीराम भोग
〰️〰️〰️〰️
भगवान श्रीरामजी को केसर भात, खीर, धनिए का भोग आदि पसंद हैं। इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है।

श्रीकृष्ण भोग
〰️〰️〰️〰️
भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का नैवेद्य बहुत पसंद है। इसके अलावा खीर, हलुआ, पूरनपोळी, लड्डू और सिवइयां भी उनको पसंद हैं।

कालिका और भैरव भोग
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
माता कालिका और भगवान भैरवनाथ को लगभग एक जैसा ही भोग लगता है। हलुआ, पूरी और मदिरा उनके प्रिय भोग हैं। किसी अमावस्या के दिन काली या भैरव मंदिर में जाकर उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। इसके अलावा इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं।

10 महाविद्याओं में माता कालिका का प्रथम स्थान है। गूगल से धूप दीप देकर, नीले फूल चढ़ाकर काली माता को काली चुनरी अर्पित करें और फिर काजल, उड़द, नारियल और पांच फल चढ़ाएं। कुछ लोग उनके समक्ष मदिरा अर्पित करते हैं। इसी तरह कालभैरव के मंदिर में मदिरा अर्पित की जाती है।

नैवेद्य चढ़ाए जाने के नियम
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
👉 नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है।

👉 नैवेद्य में नमक की जगह मिष्ठान्न रखे जाते हैं।

👉 प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है।

👉 नैवेद्य की थाली तुरंत भगवान के आगे से हटाना नहीं चाहिए।

👉 शिवजी के नैवेद्य में तुलसी की जगह बेल और गणेशजी के नैवेद्य में दूर्वा रखते हैं।

👉 नैवेद्य देवता के दक्षिण भाग में रखना चाहिए।

👉 कुछ ग्रंथों का मत है कि पक्व नैवेद्य देवता के बाईं तरफ तथा कच्चा दाहिनी तरफ रखना चाहिए।

👉 भोग लगाने के लिए भोजन एवं जल पहले अग्नि के समक्ष रखें। फिर देवों का आह्वान करने के लिए जल छिड़कें।

👉 तैयार सभी व्यंजनों से थोड़ा-थोड़ा हिस्सा अग्निदेव को मंत्रोच्चार के साथ स्मरण कर समर्पित करें। अंत में देव आचमन के लिए मंत्रोच्चार से पुन: जल छिड़कें और हाथ जोड़कर नमन करें।

👉 भोजन के अंत में भोग का यह अंश गाय, कुत्ते और कौए को दिया जाना चाहिए।

👉 पीतल की थाली या केले के पत्ते पर ही नैवेद्य परोसा जाए।

👉 देवता को निवेदित करना ही नैवेद्य है। सभी प्रकार के प्रसाद में निम्न पदार्थ प्रमुख रूप से रखे जाते हैं- दूध-शकर, मिश्री, शकर-नारियल, गुड़-नारियल, फल, खीर, भोजन इत्यादि पदार्थ।

नैवेद्य अर्पित कर उसे प्रसाद रूप में खाने के फायदे
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
👉 मन और मस्तिष्क को स्वच्छ, निर्मल और सकारात्मक बनाने के लिए हिन्दू धर्म में कई रीति-रिवाज, परंपरा और उपाय निर्मित किए गए हैं। सकारात्मक भाव से मन शांतचित्त रहता है। शांतचित्त मन से ही व्यक्ति के जीवन के संताप और दुख मिटते हैं।

👉 लगातार प्रसाद वितरण करते रहने के कारण लोगों के मन में भी आपके प्रति अच्छे भावों का विकास होता है। इससे किसी के भी मन में आपके प्रति राग-द्वेष नहीं पनपता और आपके मन में भी उसके प्रति प्रेम रहता है।

👉 लगातार भगवान से जुड़े रहने से चित्त की दशा और दिशा बदल जाती है। इससे दिव्यता का अनुभव होता है और जीवन के संकटों में आत्मबल प्राप्त होता है। देवी और देवता भी संकटों के समय साथ खड़े रहते हैं।

👉 भजन, कीर्तन, नैवेद्य आदि धार्मिक कर्म करने से जहां भगवान के प्रति आस्था बढ़ती है वहीं शांति और सकारात्मक भाव का अनुभव होता रहता है। इससे इस जीवन के बाद भगवान के उस धाम में भगवान की सेवा की प्राप्ति होती है और अगला जीवन और भी अच्छे से शांति व समृद्धिपूर्वक व्यतीत होता है।

👉 श्रीमद् भगवद् गीता (7/23) के अनुसार अंत में हमें उन्हीं देवी-देवताओं के स्वर्ग इत्यादि धामों में वास मिलता है जिसकी हम आराधना करते रहते हैं।

श्रीमद् भगवद् गीता में भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन के माध्यम से हमें यह भी बताते हैं कि देवी-देवताओं के धाम जाने के बाद फिर पुनर्जन्म होता है अर्थात देवी-देवताओं का भजन करने से, उनका प्रसाद खाने से व उनके धाम तक पहुंचने पर भी जन्म-मृत्यु का चक्र खत्म नहीं होता है।

चीनी वायरस की तीसरी लहर और Phizer के नेतृत्व मे चली जा रही फार्मा लॉबी की शातिराना चालों को क्रमवार समझिए ।

विचार कीजिए,कि अगर सभी भारतीयों के मेडिकल डाटा से यह स्थापित हो जाए कि डायबिटीज के मरीजों पर एक विशेष प्रकार का वायरस-स्ट्रेन खतरनाक साबित होगा, तो यकीन मानिए कि अगली लहर केवल ऐसे ही लोगों को टारगेट करेगी.. और इस प्रकार अलग-अलग समय पर अलग-अलग रूप में यह जैविक युद्ध जारी रहेगा।

आज जोर शोर से हल्ला मचाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी, तो क्या यह ‘वायरस निर्माताओं’ के हाथ में भारतीय बच्चों के डाटा आए बिना संभव है ? नहीं।*
डाटा के लीक होकर वायरस निर्माताओं तक पहुंचने में WHO की भूमिका भी संदिग्ध है।

क्या आपने पहले कभी सुना कि वायरस स्ट्रेन पहले बूढ़े-अधेड़ों को टारगेट करते है, फिर जवान-वयस्कों को और आगे जाकर बच्चों को टारगेट करेंगे ?

गौरव प्रधान के मार्च 2020 के ब्लॉग के अनुसार यह चीनी वायरस बहुत ही कस्टमाईज्ड तरीके से विभिन्न देशों के उपलब्ध मेडिकल डाटा के आधार पर
विकसित किया गया है, जिससे आज हम चीन द्वारा थोपे गए इस विषाणु युद्ध के बीच में आ गए है। और यह युद्ध है विश्व के फार्मा व अन्य व्यापारों पर अधिपत्य हासिल करने का।

आइये इस तीसरी लहर के हल्ले को परिस्थिति व सबूत के आधार पर क्रमवार समझने की कोशिश करते है डाटा साईंटिस्ट गौरव प्रधान की नजर से –

१. सबसे पहले गांधी परिवार, केजरीवाल और इनके टूलकिट गैंग के सदस्यों व मीडिया ने Pfizer वैक्सीन को भारत में मंजूरी दिलवाने हेतु अपनी सारी ताकत लगा दी ।

२. सोशल मीडिया व मीडिया में उनके द्वारा खबरें आती है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी।

३. दो हफ्तों में बाईडेन के अंतर्गत आने वाला CDC (Centre of Disease Control, USA) बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देता है लगभग 13-14 मई को।

४. जैसे ही मंजूरी मिलती है उसके अगले दिन Pfizer अपनी वैक्सीन‌ लांच कर देता है।

५. इस वैक्सीन के निर्माण से जुड़ा कोई भी डाटा पब्लिक के बीच साझा नहीं किया जाता। *किसी को नहीं पता कि बच्चों के लिए यह वैक्सीन कब, कहाँ और क्यों तैयार की गई।*

६. Pfizer अपनी वैक्सीन के लिए इजराईल और कईं यूरोपीय देशों में अपराधिक मुकदमे झेल रही है।

७. आपने समाचारों में पढ़ा होगा कि भारत सरकार ने कुछ समय पहले Pfizer को भारत में मंजूरी देने के लिए दो शर्तें रखी थी। पहली यह कि भारतीय कानून के अनुसार चलना होगा और दूसरी स्थानीय ट्रायल के बाद मंजूरी मिलेगी। Pfizer इन दोनों शर्तों पर राजी नहीं हुई।

८. भारत की आबादी में चालीस करोड़ से‌ अधिक की आबादी 18 वर्ष से कम आयु की है। Pfizer की वैक्सीन की एक डोज की कीमत 3000 के करीब है। और ऐसे में *एक लाख करोड़ रूपये से अधिक के इस व्यापार को मंजूरी दिलवाकर भारत का एक परिवार बड़ी दलाली खाना चाहता है।*

९. अचानक ही ‘मोदी जी, मेरे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी’ – जैसे पोस्टर लहराने लगते है।* जबकि भारत में बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन बनी नहीं है।

१०. भारत बायोटेक बच्चों के लिए वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मांगती है।

११. तो कोर्ट में किसी टूलकिटिए द्वारा भारत बायोटेक के इस ट्रायल पर रोक लगाने हेतु जनहित याचिका दायर कर दी जाती है।

१२. जैसे महाराष्ट्र से कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत हुई थी, उसी प्रकार की खबरें एक और कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान से आने लगती है कि इतने बच्चे संक्रमित हो रहे है।

१३. अगर आपने दिवंगत डा. क‌े के अग्रवाल के वीडियो देखे है तो उसमें उन्होने दो टुक कहा था कि बच्चों का इम्यून सिस्टम इस वायरस से स्वतः लड़ने में सक्षम है। वे अगर संक्रमित होंगे भी तो जल्द ही एंटी-बॉडी विकसित करके ठीक भी हो जाएंगे।

१४. उन्हीं डा. के के अग्रवाल का कोरोना से निधन हो जाता है।

१५. अमेरिकी Administration रिपोर्ट देता है कि उनके पास वैक्सीन बहुतायत में उपलब्ध है।

१६. दस जनपथ की शह पर स्थापित एक और दिल्ली सरकार का उपमुख्यमंत्री केन्द्र सरकार से Moderna और Pfizer से बात करने के लिए कहता है।

१७. Moderna और Pfizer राज्य सरकारों को डायरेक्ट वैक्सीन देने से मना कर देते है और कहते है कि वे भारत सरकार से ही डील करेंगे।

१८. अब सारी प्रक्रिया भारत सरकार को दोषारोपण करने तक की स्थिति में पहुंच‌ जाती है। और विभिन्न मीडिया कर्मियों एवं विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू हो जाती है कि Pfizer को बिना ट्रायल अनुमति मिल जाए। और कल को कुछ गड़बड़ हो (जो कि होगी ही) तो Pfizer किसी भी तरह से लीगली जिम्मेदार नहीं होगा, और‌ डील होने से परिवार विशेष की मोटी दलाली बनेगी।

१९. Pfizer लॉबी ने इस प्रकार राज्यों को मना करके बहुत ही शातिर तरीके से केन्द्र सरकार के ऊपर सभी प्रकार की जिम्मेदारी मढ़ दी है।

२०. और एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि Pfizer कंपनी का सम्बन्ध चीन के वुहान स्थित उस लैब से रहा है जहां कोरोना वायरस विकसित किया गया था।

२१. डा. के के अग्रवाल ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि बच्चों में संक्रमण से नुकसान होने का खतरा बिल्कुल ना के बराबर है, यानि कि मामुली सा घरेलु आयुर्वेदिक उपचार बच्चों में संक्रमण से लड़ने वाली एंटी बॉडी को विकसित कर सकता है। और आयुर्वेदिक उपचार यानि फार्मा लॉबी के लाखों करोड़ के व्यापार पर पानी फिर जाना और ऐसे में बाबा रामदेव का विवाद भी पता नहीं कहाँ से आ खड़ा होता है। यह भी सोचनीय विषय है।

२२. शाहिद जमील जिसको मोदी सरकार द्वारा हटाया गया (जिसके लिए टूलकिट गैंग ने बहुत रोना भी रोया )। उसने और उसके जैसे विश्व के 800 डाक्टरों ने भारत सरकार द्वारा एकत्रित भारतीयों के मेडिकल डाटा का एक्सेस पाने के लिए चिट्ठी लिखी, क्यों ?

सभी विकसित देश मेडिकल डाटा को सुरक्षित रखने में करोड़ों डॉलर खर्च करते है। और वे लोग हर समय एसे संवेदनशील डाटा का एक्सेस पाने की जुगत भिड़ा रहे है, क्यों ?

…क्योंकि जैविक युद्ध में मेडिकल डाटा सबसे ज्यादा जरूरी होता है जिससे विषाणु या अन्य जैविक हथियार को देश के अनुसार विकसित किया जा सके।*

*अब इस लेख के सारे पॉईंट को क्रमवार जोड़ने की कोशिश कीजिये, और देखिए किस प्रकार का अपराधिक षड़यंत्र चल रहा है जिसमें एक परलॉबी व विदेशीं सरकारों के साथ मिलकर खेल खेल रहा है।
हम जैविक युद्ध के मझधार में है और हमें यह युद्ध जीतना है। (साभार- विचार्थ शोशल मीडिया से)