आज का पंचाग आपका राशि फल, मिल गया रूपकुंड के नरकंकालों का भेद!, नेपाल के पशु पति नाथ मंदिर की महिमा और महात्म्य

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे भगवान हनुमान जी सभी मित्र मंडली की मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे
मंगल ग्रह स्तुति:–
*धरणी गर्भ सम्भूतं, विद्युत् कान्ति समप्रभम्।कुमारं शक्तिहस्तं तं,मंगलं प्रणमाम्यहम्*।।
हिन्दी ब्याख्या:– पृथ्वी के उदर से जिनकी उत्पत्ति हुई विद्युत पुंज बिजली के सामान जिनकी प्रभा है जो हाथों में शक्ति धारण किए रहते हैं उन मंगल देव को मैं प्रणाम करता हूं।
भौम गायत्री मंत्र:–🕉️ *भूमि पुत्राय विद्महे लोहितांगाय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात्*।।
भौम गायत्री का यथाशक्ति जप करने के बाद खादिर युक्त पायस घी से दशांश हवन करें।
आपका अपना *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली*फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078 ✡️
✡️श्रावण मासे ✡️
✡️19 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक :03 – 08 – 2021(मंगलवार)✡️
✡️सूर्योदय :06.02 am✡️
✡️सूर्यास्त :07.03 pm✡️
✡️सूर्य राशि :कर्क✡️
✡️चन्द्रोदय :01.17 am✡️
✡️चंद्रास्त :03.01 pm✡️
✡️चन्द्र राशि :वृषभ✡️
✡️विक्रम सम्वत : 2078
✡️अमांत महीना :आषाढ़ 24✡️
✡️पूर्णिमांत महीना :श्रावण 10
पक्ष :कृष्ण 10✡️
✡️तिथि :दशमी 1.00 pm तक, बाद में एकादशी✡️
✡️नक्षत्र :रोहिणी
योग :ध्रुव✡️
✡️करण :विष्टि 1:00 pm तक, बाद में बव✡️
✡️राहु काल :3.52 pm – 5.32 pm
✡️कुलिक काल :12.31 pm – 2.11 pm✡️
✡️यमगण्ड :9.11 am – 10.51 am✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.07 PM – 12.59 PM✡️
✡️दुर्मुहूर्त :08:38 am – 09:30 am, 11:27 pm – 12:11 am✡️
*राहुकाल यमघंट काल एवं दूर मुहूर्त में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ नहीं करने चाहिए अभिजीत मुहूर्त में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करने*

ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम् 
उर्वारुकमिव बंधनन्मृत्योम्रुक्षीय मामृतात् .
अर्थात:
हे ईश्वर, जिनके तीन नेत्र हैं उनकी प्यार, सम्मान और आदर से उपासना करते हैं जिसमे संसार की समस्त सुगंध हैं अर्थात जिसका स्वभाव मीठा हैं जो सम्पूर्ण हैं जिसके कारण स्वस्थ जीवन हैं जो रोग,लालसा एवम बुराई का नाश करता है जिस कारण जीवन समृध्द होता हैं . उस एक अनश्वर से प्रार्थना हैं कि वह हमारे सारे बन्धनों को काटकर हमें मोक्ष का द्वारा दिखाए .
👏💐🕉 ॐ नमः शिवायः 🕉💐👏

*यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं*

*तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्।*
*भाष्पवारि परिपूर्ण लोचनं*
*मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ।।*

अर्थ : जहां – जहां भगवान श्रीरघुनाथकी संकीर्तन होता है, वहां शरणागत मस्तक, जुडे हुए हस्त कमल और नेत्रोंमें भावपूर्ण आनंद अश्रुके साथ उपस्थित होते हैं , ऐसे राक्षसोंका संहार करनेवाले, श्रीहनुमानको हमारा कोटिश: प्रणाम
✡️ *आज के लिए राशिफल* ✡️✡️(03-08-2021) ✡️

✡️मेष✡️
03-08-2021
अत्यधिक फिजूलखर्ची वित्तीय कठिनाइयों को दावत दे सकती है। आप कुछ चिड़चिड़ाहट महसूस करेंगे और आपका आत्मविश्वास स्तर गिर सकता है। आपके गुप्त शत्रु आपके विरुद्ध काम कर सकते हैं और आपकी चिंताओं का कारण बन सकते हैं। नया उद्यम शुरू करने या किसी भी सौदे को अंतिम रूप देने के लिए एक अच्छा समय नहीं है। आपके बच्चों का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण हो सकता है। पारिवारिक सदस्यों की आपसे अत्यधिक अपेक्षाएं हो सकती हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️वृष ✡️
03-08-2021
आज आप आलस और थकान भी महसूस कर सकते हैं। विपरीत लिंग के कुछ लोगों से बहस हो सकती है। मतभेद के भी योग हैं। काम को लेकर किसी तरह का डर मन में न रखें। आज आप पुराने कामों का फॉलोअप जरूर लें। अपने प्रेजेंटेशन या प्लान एक बार चेक करें। किसीखास व्यक्ति के बारे में आपको नई बात पता चल सकती है। जरूरत के मुताबिक पैसों की व्यवस्था हो सकती है। साथी का रवैया आपको परेशान कर सकता है, लेकिन शादीशुदा लोगों के लिए दिन अच्छा है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मिथुन ✡️
03-08-2021
आज आप अपने डेली रूटीन में बदलाव कर सकते हैं। आप अपने साथियों को खुश रखने की कोशिश करेंगे। इस राशि के स्टूडेंट्स को करियर में सफलता मिल सकती है। आप कोई जरूरी प्लानिंग भी कर सकते हैं। आपका दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा। किसी नए काम पर सोच-विचार कर सकते हैं। नई जिम्मेदारियां आपको जल्दी मिल सकती है। आपको अपनी मनपसंद की कंपनी में इंटरव्यू के लिए बुलाया जा सकता है। मिट्टी के बर्तन में चिड़ियों के लिए पानी रखें, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️कर्क ✡️
03-08-2021
आज आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। यदि कोई समस्या है, तो उसे शान्ति से बातचीत करके सुलझाएँ। आपको प्यार में ग़म का सामना करना पड़ सकता है। शारीरिक और मानसिक रुप से आज आप काफी स्वस्थ रहेगें तथा पूरा वक्त ताजगी का अनुभव करेंगे। आज उन वस्तुओं को खरीदने से आपको बचना चाहिए जिनकी अभी आपको बहुत ज्यादा आवश्यकता नहीं है। किसी पुराने दोस्त की याद आपको परेशान कर सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️सिंह ✡️
03-08-2021
परीक्षा या प्रतियोगिता के माध्यम से उच्च अध्ययन के लिए प्रवेश पाने वाले सफल होंगे। व्यवसायी लम्बे समय से चली आ रही जटिल समस्याओं का समाधान पाएंगे। आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, लेकिन आपको अपने खर्चों पर संयम रखने की भी आवश्यकता है। बेकार की गतिविधियों पर समय और ऊर्जा खर्च न करें। अगर आप अविवाहित हैं, तो आपको शादी के अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं। कुछेक को सेहत संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आप अपने शुभचिंतकों के सहयोग का आनंद लेंगे।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️कन्या✡️
03-08-2021
नौकरी में बेकार के कामों में आप उलझ सकते हैं। अच्छे नतीजों के लिए जरूरत से ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। नौकरी बदलने का मूड है तो संभलकर रहें। आज ऐसी कोशिश न करें। छोटी-मोटी बहस से मूड खराब होने के योग हैं। अपने मन की बात किसी से शेयर नकरें। आज आप जरूरी कामों पर ध्यान दें। वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। प्रेम संबंधों में सफलता के योग हैं। सरदर्द और कफ रोग की संभावना है। आज अपनी सेहत का ध्यान रखें।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️तुला ✡️
03-08-2021
आज आपको कुछ घरेलू सामान की खरीदारी करनी पड़ सकती है। आज आप शाम को बच्चों के साथ कहीं घूमने के लिए बाहर निकल सकते हैं। आप कामकाज में बहुत हद तक सफल हो सकते हैं। किसी नये काम की शुरूआत करने पर परिवार के सभी सदस्य आपसे खुश हो सकते हैं। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मित्रों के साथ किसी बात को लेकर थोड़ी अनबन हो सकती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, आपकी सभी समस्या दूर होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
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✡️वृश्चिक ✡️
03-08-2021
आप अपनी कलात्मकता और सृजनात्मकता का उपयोग कर पाएंगें। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें। परिवार की समस्या परेशान कर सकती है। अनियोजित खर्चों में वृद्धि होगी। किसी प्रकार की देरी या कन्फ्यूजन की स्थिति में थोड़ा धैर्य रखें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। नए-नए विचार मन में आएंगे। जल्दबाजी न करें। पैसों को लेकर कोई प्लानिंग भी हो सकती है। नौकरी, निवेश या बचत में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️धनु ✡️
03-08-2021
आज का दिन हंसी-खुशी बीतेगा। आपके पास कई अच्छे अवसर होंगे। वरिष्ठों के सहयोग से वित्तीय स्थिति में भी काफी सुधार होगा। आपका पारिवारिक-जीवन खुशहाल और आनंदमय रहेगा। सेहत अच्छी रहेगी। सामान्य रूप से लोगों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे और आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। यह अवधि निवेश प्रयासों के लिए परिपक्व है, जो आपके करियर को बेहतरी की ओर ले जा सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मकर ✡️
03-08-2021
आज आपका कारोबार बढ़ सकता है। जूनियर भी आपकी मदद करेंगे। कोई टेंशन भी आज खत्म हो सकती है। समझदारी से काम लें। मकान की समस्या सुलझ जाएगी। बिजनेस में कोई फायदेमंद एग्रीमेंट होने के योग बन रहे हैं। पैसों की स्थिति में सुधार के लिए आप पूरीकोशिश करेंगे। कोई पार्टटाइम काम भी शुरू कर सकते हैं। व्यस्तता के कारण थकान हो सकती है। पूरा आराम भी जरूर करें।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️कुंभ ✡️
03-08-2021
आज आपका सोचा हुआ काम अचानक से पूरा हो जाएगा। आर्थिक पक्ष काफी मजबूत रहेगा। ऑफिस में सीनियर्स आपके काम को देखकर खुश होंगे। इस राशि के लवमेट के लिए आज का दिन शानदार रहेगा। कहीं घूमने की प्लानिंग सफल रहेगी। आपको काम के नए अवसर जल्दी ही मिलेंगे। अपने कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिए किसी मित्र से आर्थिक मदद मिलेगी। आपका आत्मविश्वास भी बढ़ा हुआ रहेगा। साथ ही दूसरों से उम्मीदें भी ज्यादा रहेंगी। जरूरतमंद को भोजन कराएं, आप सभी काम में सफल होंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मीन ✡️
03-08-2021
आज आप परिवार के किसी सदस्य के मनोदशा के साथ खेलकर मनमाना कदम उठा सकते हैं। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। रहन-सहन कष्टमय रहेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। आपका परफॉर्मेंस भी अच्छा हो सकता है। कहीं घूमने जा सकते हैं। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। आप सभी परिस्थितियों से निपटने की क्षमता रखते हैं। इसलिए अपने कार्य पर ध्यान लगाएं। परेशानियां खुद ही वापस लौट जाएंगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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*आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर 8449046631,9149003677*

रूपकुंड झील: वो झील, जिसके पानी में सैकड़ों नर कंकाल तैरते हैं | 
उत्तराखंड के चमोली जिले में है रूपकुंड झील. 
हिमालयी महाकुंभ श्री नंदा देवी राजजात का अद्भुत और अलौकिक पड़ाव है रूपकुंड। चमोली जनपद के सीमांत देवाल ब्लॉक में समुद्रतल से 4778 मीटर की ऊंचाई पर नंदाकोट, नंदाघाट और त्रिशूल जैसे विशाल हिमशिखरों की छांव में चट्टानों और पत्थरों के विस्तार के बीच अवस्थित रूपकुंड, जो अपने किनारे पर पाए गये पांच सौ से अधिक कंकालों के कारण प्रसिद्ध है।
नेपाल के  पशु पति नाथ मंदिर की अनोखी महिमा?
अगर आप कभी नेपाल घुमने जाते हैं तो आपको वहां जाकर इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं होगा कि आप एक अलग देश में हैं। कुछ भारत जैसी संस्कृति और संस्कारों को देखकर आप आश्चर्यचकित जरुर हो जायेंगे। आप अगर शिव भगवान के भक्त हैं तो आपको एक बार नेपाल स्थित भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर जरूर जाना चाहिए।
नेपाल में भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर विश्वभर में विख्यात है। इसका असाधारण महत्त्व भारत के अमरनाथ व केदारनाथ से किसी भी प्रकार कम नहीं है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है।
यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है।
यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर है। इस अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ के दर्शन के लिए भारत के ही नहीं, अपितु विदेशों के भी असंख्य यात्री और पर्यटक काठमांडू पहुंचते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले बैठे थे। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। कहा जाता हैं इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया था। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहाँ प्रकट हुए थे।
पशुपतिनाथ लिंग विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और ऊपरी भाग में पांचवां मुख है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। प्रत्येक मुख अलग-अलग गुण प्रकट करता है। पहला मुख ‘अघोर’ मुख है, जो दक्षिण की ओर है। पूर्व मुख को ‘तत्पुरुष’ कहते हैं। उत्तर मुख ‘अर्धनारीश्वर’ रूप है। पश्चिमी मुख को ‘सद्योजात’ कहा जाता है। ऊपरी भाग ‘ईशान’ मुख के नाम से पुकारा जाता है। यह निराकार मुख है। यही भगवान पशुपतिनाथ का श्रेष्ठतम मुख माना जाता है।
इतिहास को देखने पर ज्ञात होता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए 1747 से ही नेपाल के राजाओं ने भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित किया है। इसके पीछे यह तथ्य बताये जाते हैं कि भारतीय ब्राह्माण हिन्दू धर्मशास्त्रों और रीतियों में ज्यादा पारंगत होते हैं। बाद में ‘माल्ला राजवंश’ के एक राजा ने दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को ‘पशुपतिनाथ मंदिर’ का प्रधान पुरोहित नियुक्त किया। दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त होते रहे हैं।
मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कुछ जगह पर यह जरुर लिखा गया है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था।
कुछ इतिहासकार पाशुपत सम्प्रदाय को इस मंदिर की स्थापना से जुड़ा मानते हैं। पशुपति काठमांडू घाटी के प्राचीन शासकों के अधिष्ठाता देवता रहे हैं। 605 ईस्वी में अमशुवर्मन ने भगवान के चरण छूकर अपने को अनुग्रहीत माना था। बाद में मध्य युग तक मंदिर की कई नकलों का निर्माण कर लिया गया। ऐसे मंदिरों में भक्तपुर (1480), ललितपुर (1566) और बनारस (19वीं शताब्दी के प्रारंभ में) शामिल हैं। मूल मंदिर कई बार नष्ट हुआ है। इसे वर्तमान स्वरूप नरेश भूपलेंद्र मल्ला ने 1697 में प्रदान किया।
मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति की चर्चाआसपास में काफी प्रचलित है। भारत समेत कई देशों से लोग यहाँ आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं। अगर आप भी भगवान शिव के दर्शनों के अभिलाषी हैं तो यहाँ साफ़ और छल रहित दिल से आकर, आप शिव के दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर की महिमा के बारे में आसपास के लोगों से आप काफी कहानियां भी सुन सकते हैं। मंदिर में अगर कोई घंटा-आधा घंटा ध्यान करता है तो वह जीव कई प्रकार की समस्याओं से मुक्त भी हो जाता है।
विशेष,,,,
भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की किंवदंती के अनुसार पाण्डवों को स्वर्गप्रयाण के समय भैंसे के स्वरूप में शिव के दर्शन हुए थे जो बाद में धरती में समा गए लेकिन भीम ने उनकी पूँछ पकड़ ली थी। ऐसे में उस स्थान पर स्थापित उनका स्वरूप केदारनाथ कहलाया, तथा जहाँ पर धरती से बाहर उनका मुख प्रकट हुआ, वह पशुपतिनाथ कहलाया…..जय पशु पति नाथ जी 🚩