आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान जगन्नाथ की अद्भुत रसोई अमृत तुल्य प्रसाद

 ‼️ 🕉️ ‼️
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5123
विक्रम संवत्………………….2078
शक संवत्…………………….1943
रवि……………………….दक्षिणायन
मास………………………….भाद्रपद
पक्ष…………………………….शुक्ल
तिथी………………………….अष्टमी
दोप 01.10 पर्यंत पश्चात नवमी
सूर्योदय………..प्रातः 06.13.27 पर
सूर्यास्त………..संध्या 06.31.31 पर
सूर्य राशि………………………..सिंह
चन्द्र राशि……………………..वृश्चिक
गुरु राशि………………………..कुम्भ
नक्षत्र…………………………..ज्येष्ठा
प्रातः 06.58 पर्यंत पश्चात पूर्वाषाढ़ा
योग……………………….आयुष्मान
रात्रि 03.22 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण…………………………….बव
दोप 01.10 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………………..वर्षा
*दिन…………………….मंगलवार*

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर श्रावण, दिनांक २३*
*( नभस्य मास ) !*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*१४ सितम्बर सन २०२१ ईस्वी !*

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.57 से 12.46 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोप 03.24 से 04.56 तक ।

☸ शुभ अंक………………….5
🔯 शुभ रंग……………….सफ़ेद

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*सिंह*
04:15:41 06:27:33
*कन्या*
06:27:33 08:38:10
*तुला*
08:38:10 10:52:47
*वृश्चिक*
10:52:47 13:08:58
*धनु*
13:08:58 15:14:35
*मकर*
15:14:35 17:01:43
*कुम्भ*
17:01:43 18:35:17
*मीन*
18:35:17 20:06:29
*मेष*
20:06:29 21:47:12
*वृषभ*
21:47:12 23:45:50
*मिथुन*
23:45:50 25:59:31
*कर्क*
25:59:31 28:15:41

🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.18 से 10.49 तक चंचल
प्रात: 10.49 से 12.21 तक लाभ
दोप. 12.21 से 01.52 तक अमृत
दोप. 03.24 से 04.55 तक शुभ
रात्रि 07.55 से 09.24 तक लाभ ।

⚜️ *आज का मंत्र :-*
।। ॐ मदोत्कटाय नम: ।।

⚜️ *संस्कृत सुभाषितानि :-*
यत्तु कामेप्सुना कर्म साहङ्कारेण वा पुनः ।
क्रियते बहुलायासं तद्राजसमुदाहृतम् ॥
अर्थात :-
जो कर्म बहुत परिश्रम उठाकर किया जाता है, और उपर से भोगेच्छा से या अहंकार से किया जाता है, वह कर्म राजसी कहा गया है ।

🍃 *आरोग्यं :*-
*केले के औषधीय गुण -*

*5. भूख को शांत करने में मदद करे केला -*
कच्चे केले में मौजूद पेक्टिन और रेजिसटेंट स्टार्च तथा दूसरे कई पोषक तत्व भूख को नियंत्रित करने का काम करते हैं। कच्चा केला खाने से समय-समय पर भूख नहीं लगती है और हम जंक फूड और दूसरी अस्वस्थ चीजें खाने से बच जाते हैं। प्रक्रिया को गति देता है और मल त्याग को सुविधाजनक बनाता है।

. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा। कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम करने की इच्छा नहीं होगी। विवाद से क्लेश संभव है। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। मेहनत अधिक और लाभ कम रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। दूसरे लोग आपसे अधिक अपेक्षा करेंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या ०७.०० बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें !*

*🚩 🎪 ‼️ 🕉️ हं हनुमते नमः ‼️ 🎪 🚩*

*☯ आज का दिन भी के लिए मंगलमय हो ☯*

*‼️ शुभम भवतु ‼️*

🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩

#जगन्नाथ धाम, पुरी की रसोई अत्यंत अद्भुत है। 172 साल पुराने इस मंदिर के एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई (150 फ़ीट लंबी, 100 फ़ीट चौड़ी और 20 फ़ीट ऊँची) में भगवान् को चढ़ाये जाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने के लिए 752 चूल्हे इस्तेमाल में लाए जाते हैं और लगभग 500 रसोइए तथा उनके 300 सहयोगी काम करते हैं। ये सारा प्रसाद मिट्टी की जिन सात सौ हंडियों में पकाया जाता है, उन्हें ‘अटका’ कहते हैं। लगभग दो सौ सेवक सब्जियों, फलों, नारियल इत्यादि को काटते हैं, मसालों को पीसते हैं। मान्यता है कि इस रसोई में जो भी भोग बनाया जाता है, उसका निर्माण माता लक्ष्मी की देखरेख में ही होता है।
यह रसोई विश्व की सबसे बड़ी रसोई के रूप में विख्यात है।
यह मंदिर की दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है। भोग पूरी तरह शाकाहारी होता है। मीठे व्यंजन तैयार करने के लिए यहाँ शक्कर के स्थान पर अच्छे किस्म का गुड़ प्रयोग में लाया जाता है। आलू, टमाटर और फूलगोभी का उपयोग मन्दिर में नहीं होता। जो भी व्यंजन यहाँ तैयार किये जाते हैं, उनके ‘जगन्नाथ वल्लभ लाडू’, ‘माथपुली’ जैसे कई अन्य नाम रखे जाते हैं। भोग में प्याज व लहसुन का प्रयोग निषिद्ध है।
यहाँ रसोई के पास ही दो कुएं हैं, जिन्हें ‘गंगा’ व ‘यमुना’ कहा जाता है। केवल इनसे निकले पानी से ही भोग का निर्माण किया जाता है। इस रसोई में 56 प्रकार के भोगों का निर्माण किया जाता है। दाल, चावल, सब्जी, मीठी पूरी, खाजा, लड्डू, पेड़े, बूंदी, चिवड़ा, नारियल, घी, माखन, मिसरी आदि से महाप्रसाद बनता है। रसोई में पूरे वर्ष के लिए भोजन पकाने की सामग्री रहती है। रोज़ कम से कम 10 तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
आठ लाख़ लड्डू एक साथ बनाने पर इस रसोई का नाम गिनीज़ बुक में भी दर्ज हो चुका है
रसोई में एक बार में 50 हज़ार लोगों के लिए महाप्रसाद बनता है। मन्दिर की रसोई में प्रतिदिन बहत्तर क्विंटल चावल पकाने का स्थान है। रसोई में एक के ऊपर एक 7 कलशों में चावल पकाया जाता है। प्रसाद बनाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रख दिए जाते हैं। सबसे ऊपर रखे बर्तन में रखा भोजन पहले पकता है फिर नीचे की तरफ़ से एक के बाद एक प्रसाद पकता जाता है। प्रतिदिन नये बर्तन ही भोग बनाने के काम आते हैं।
सर्वप्रथम भगवान् को भोग लगाने के पश्चात् भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। भगवान् जगन्नाथ को महाप्रसाद, जिसे ‘अब्धा’ कहा जाता है, निवेदित करने के बाद माता बिमला को निवेदित किया जाता है तब वह प्रसाद महाप्रसाद बन जाता है। भगवान् श्री जगन्नाथ को दिन में छह बार महाप्रसाद चढ़ाया जाता है।
रथ यात्रा के दिन एक लाख़ चौदह हज़ार लोग रसोई कार्यक्रम में तथा अन्य व्यवस्था में लगे होते हैं। जबकि 6000 पुजारी पूजाविधि में कार्यरत होते हैं। ओडिशा में दस दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय उत्सव में भाग लेने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग उत्साहपूर्वक उमड़ पड़ते हैं। यहाँ भिन्न-भिन्न जातियों के लोग एकसाथ भोजन करते हैं, जात-पाँत का कोई भेदभाव नहीं रखा जाता।