आज का पंचाग आपका राशि फल, दान पुण्य अर्चना से संबंधित ये दस बातें जिनसे होता है पूरा लाभ

🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🔔 *श्रीगणेश तिथि पञ्चाङ्ग* 🔔
🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🙏 🌹 *श्रीगणेशाय नमः* 🌹 🙏
🔔 आज का योग : 🔔
🔱 *पञ्चमी श्राद्ध, विडालयोग* 🔱
🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🔔 *श्रीगणेश तिथि पञ्चाङ्ग* 🔔
जानकारी हेतू,अपने मित्रों को अग्रसारित करे।
*समय सारणी मेरठ (उ० प्र० ) पर आधारित।*
🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹

🔔 *श्रीगणेश तिथि पञ्चाङ्ग* 🔔
🔱 *25 – सितंबर – 2021* 🔱
🔅 तिथि चतुर्थी 10:38:38
🔅 नक्षत्र भरणी 11:33:33
🔅 करण :
बालव 10:38:38
कौलव 23:50:54
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग हर्शण 14:49:10
🔅 वार *शनिवार*

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:08:44
🔅 चन्द्रोदय 20:52:00
🔅 चन्द्र राशि मेष – 18:17:01 तक
🔅 सूर्यास्त 18:12:52
🔅 चन्द्रास्त 09:50:59
🔅 ऋतु शरद

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1943 प्लव
🔅 कलि सम्वत 5123
🔅 दिन काल 12:04:08
🔅 विक्रम सम्वत 2078
🔅 मास अमांत भाद्रपद
🔅 मास पूर्णिमांत *आश्विन*

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 *अभिजित 11:46:40 – 12:34:57*
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त :
06:08:44 – 06:57:01
06:57:01 – 07:45:18
🔅 कंटक 11:46:40 – 12:34:57
🔅 यमघण्ट 14:59:46 – 15:48:03
🔅 *राहु काल 09:09:46 – 10:40:18*
🔅 कुलिक 06:57:01 – 07:45:18
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 13:23:13 – 14:11:30
🔅 यमगण्ड 13:41:20 – 15:11:51
🔅 गुलिक काल 06:08:44 – 07:39:15
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🙏 *आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो* 🙏

https://www.facebook.com/bhartiyasanskritiaajkipehchaan/

🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹

1- 🌸 *ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।* 🌸
2- 🌸 *ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।* 🌸
3- 🌸 *ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।* 🌸
4- 🌸 *कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।* 🌸
5- 🌸 *सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।* 🌸🙏

🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁 🌹🍁🌹

*आज का विचार*

✍ अनुपयोगिता से लोहा जंग खा जाता है,
स्थिरता से पानी अपनी शुद्धता खो देता है, इसी प्रकार निष्क्रियता मस्तिष्क की ताकत सोख लेती है।
जीवन में निरंतर सक्रिय रहें। 🌹

🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹🍁🌹
🙏🌹 *ॐ नमः भगवते वासुदेवाय* 🌹🙏
🙏 *आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो* 🙏

🌹आपका शुभेच्छु🌹
🙏 *मनोज वार्ष्णेय* 🙏
🍁🌹🙏🌹🍁

जानिए, दान से संबंधित ये 10 विशेष नियम…
* देने वाला पूर्वाभिमुखी होकर दान दे, और लेने वाला उत्तराभिमुखी होकर उसे ग्रहण करें, ऐसा करने से दान देने वाले की आयु बढ़ती है, और लेने वाले की आयु भी क्षीण नहीं होती।
 
* स्वयं जाकर दिया हुआ दान उत्तम एवं घर बुलाकर दिया हुआ दान मध्यम फलदायी होता है। जब गौ, ब्राम्हणों तथा रोगि‍यों को कुछ दिया जाता हो, उस समय यदि कोई व्यक्ति उसे न देने की सलाह देता हो, तो वह दुःख भोगता है।
 
* तिल, कुश, जल और चावल को हाथ में लेकर दान देना चाहिए अन्यथा उस दान पर दैत्य अधिकार कर लेते हैं। पितरों को तिल के साथ तथा देवताओं को चावल के साथ दान देना चाहिए। परन्तु जल व कुश का संबंध सर्वत्र रखना चाहिए।
 
* अन्न, जल, घोड़ा, गाय, वस्त्र, शय्या, छत्र और आसन, इन आठ वस्तुओं का दान मृत्योपरांत के कष्टों को नष्ट करता है। 
 
* गाय, घर, वस्त्र, शय्या तथा कन्या, इनका दान एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। रोगी की सेवा करना, देवताओं का पूजन और ब्राह्मणों के पैर धोना, गौ दान के समान है । 
 
* दीन, अंधे, निर्धन, अनाथ, गूंगे, जड़, विकलांग तथा रोगी मनुष्य की सेवा के लिए जो धन दिया जाता है, उसका पुण्य महान होता है । 
 
* विद्याहीन ब्राह्मणों को दान नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के दान से ब्राह्मण की हानि होती है । 
 
* गाय, स्वर्ण, चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शय्या, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर, इन 16 वस्तुओं के दान को महादान कहते हैं।
* जो मनुष्य अपनी स्त्री, पुत्र एवं परिवार को दुःखी करके दान देता है, वह दान जीवित रहते हुए भी एवं मरने के बाद भी दुःखदायी होता है।
* मनुष्य को अपने द्वारा न्यायपूर्वक अर्जित किए हुए धन का दसवां भाग, ईश्वर की प्रसन्नता के लिए सत्कर्मो में लगाना चाहिए।