आज का पंचाग, आपका राशि फल, होली के रंगों में परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद अवश्य मिलाना, वही हमारे शुभचिंतक और मूलरूप हैं, मंदिरों के चढावे पर सरकार की नजर से श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य खिन्न, नागा साधु बने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता, होली और भांग

 झीवारेड़ी निकट मानक सिद्ध देहरादून की महिलाओं ने इस बार मिलकर मंदिरों में चढ़ने के बाद निष्प्रयोज्य हुए फूलों का उपयोग कर के अपने घरों में ही होली के रंग बनाए हैं उन्होंने अनेक मंदिरों और स्थानों से निष्प्रयोज्य हो चुके फूलों को उठाकर होली के रंग बनाए, इनके यह जैविक रंग शरीर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाते है और इनकी प्राकृतिक खुशबू से तो तन मन महक उठता है नए प्रयोग के लिए सावित्री पुरोहित और उनकी मंडली को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज की ओर से बधाई।

*कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,*

*कूकते हैं फ़ाग में।*

*तन और मन भीगे हुए हैं,*

*प्रेम और अनुराग में।।*
*तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित,*
*नित नए उत्सर्ग में।*
*ईश् अनुकम्पा बिखेरे,*
*होलिका के पर्व में।।*

होली के अनेक रंगों की तरह आपका जीवन भी ख़ुशियों के अनेक रूप-रंगों से परिपूर्ण हो।आप सभी पााठकों को परिवार सहित रंगोत्सव के पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं।—✍️हरीश मैखुरी, प्रधान संपादक 

 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय ✍️पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️चैत्र मासे ✡️
✡️16 प्रविष्टे गते ✡️
Date :29 – 03 – 2021(सोमवार)
सूर्योदय :06.25 am
सूर्यास्त :06.37 pm
सूर्य राशि :मीन
चन्द्रोदय :07.26 pm
चंद्रास्त :07.31 am
चन्द्र राशि :कन्या कल 01:42 am तुला
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :फाल्गुन 16
पूर्णिमांत महीना :चैत्र 1
पक्ष :कृष्ण 1
तिथि :पूर्णिमा 12.18 am तक, बाद में प्रतिपदा 8.54 pm तक, बाद में द्वितीया
नक्षत्र :हस्त 3.02 pm तक, बाद में चित्रा
योग :ध्रुव 5.54 pm तक, बाद में व्याघात
करण :बालव 10:37 am कौलव 8:54 pm तक, बाद में तैतिल
राहु काल :7.30 am – 9.10 am
कुलिक काल :2.11 pm – 3.52 pm
यमगण्ड :10.51 am – 12.31 pm
अभिजीत मुहूर्त :12.07 PM – 12.56 PM
दुर्मुहूर्त :12:56 pm – 01:44 pm, 03:22 pm – 04:11 pm✡️आज के लिए राशिफल ✡️

✡️मेष✡️29-03-2021

मेष राशि के सभी सोचे हुए काम पूरे हो जाएंगे। धंधे में अचानक आपको आर्थिक लाभ होगा। आपके द्वारा की गई आर्थिक यात्रा सफल हो सकती है। घर में चहल-पहल रहेगी। कोई सुधार या मरम्मत का काम भी हो सकता है। मकान बदलना चाहते हैं, तो उस पर भी विचार हो सकता है। होलिका दहन के समय एक नारियल लेकर उसे होली की अग्नि में डाल दें इससे आपके स्वास्थ्य की सारी समस्याएं खत्म हों जाएंगी।👍
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
—————————————
✡️वृष ✡️29-03-2021
आज आप में से अधिकतर लोगो के लिए शुभ परिणामदायक रहेगा। सामाजिक कार्य या राजनीति से जुड़े लोग कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करेंगे। आप में से कुछ लोग नवीन संपर्क स्थापित कर सकते हैं। रचनात्मक क्षेत्रों में आप अच्छा प्रर्दशन करेंगे। परीक्षा या प्रतियोगिता के माध्यम से नौकरी की तलाश करने वालों को शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। कोर्ट में लंबित कोई संपत्ति संबंधी मामला आपके पक्ष में आ सकता है। घरेलू वातावरण सुखद रहने के कारण आपका मन प्रसन्न रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
—————————————
✡️मिथुन ✡️29-03-2021
आज काम को लेकर आपके सामने कई चुनौतियां आ सकती हैं। आपको अपने किसी खास काम में मित्र की मदद मिल सकती है। आपका काम सफल होगा। जीवनसाथी के साथ रिश्ते बेहतर होंगे। आप अपने भविष्य के बारे में किसी से विचार-विमर्श कर सकते हैं। घर पर अचानक से कोई मेहमान आ सकता है। नौकरीपेशा लोगों को लाभ मिल सकता है। सेहत के मामले में आप तंदरुस्त रहेंगे। आज दोस्तों के साथ आपका समय अच्छा बीतेगा। आपको संतोष की भावना का अनुभव होगा। धरती माँ को छूकर प्रणाम करें, सभी काम सफल हों
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
—————————————
🕉️कर्क ✡️29-03-2021
लोगों से संबंध बढ़ाने के लिहाज से आज होली का दिन आपके लिए अच्छा है। करियर के बारे में संभावनाएं ज्यादा साफ होती जाएंगी। अपने कार्यक्षेत्र से जुड़ा कोई राज आज आपको पता चल सकता है। आपके प्रस्ताव भी ज्यादातर लोग मान सकते हैं। अपने काम और जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान दें। कामकाज और करियर में आपको बहुत कुछ नई बातें पता चल सकती हैं। करीबी लोगों से रिश्ते मजबूत हो सकते हैं। अचानक धन लाभ से आप खुश हो सकते हैं। परिवार में वातावरण अच्छा रहेगा। बिजनेस में प्रगति के योग हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
—————————————
✡️सिंह ✡️
29-03-2021
आज होली आपको काफी आरक्षित और सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ लोग आपके रास्ते में बाधा बनने की कोशिश कर सकते हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। वाद विवाद से दूर रहें। अपना सच्चा प्यार हासिल करने में कामयाबी हासिल करेंगे। नए कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का मौसम रहेगा। रूके हुए कार्य में प्रगति होगी। मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं। साथ के लोगों से सहयोग मिलेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
—————————————
✡️कन्या🕉️29-03-2021
कन्या राशि के जातक अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतें। प्रेम-संबंधों के मध्य ग़लतफहमी को न पनपने दें। यदि आपका स्वभाव अत्यधिक मौज-मस्ती वाला है तो सावधान हो जाएं अन्यथा आप किसी स्कैंडल में फंस सकते हैं। व्यावसायिक सदंर्भ में गुप्त शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। किसी समस्या या विवाद को सुलझाने में अत्यधिक धन खर्च हो सकता है। व्यापारियों के लिए अचानक और अप्रत्याशित धन प्राप्ति की सम्भावना बन रही है। आज आप उच्च अधिकारियों या समाज के उच्च व्यक्तियों के साथ संपर्क में आ सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
—————————————
✡️तुला ✡️29-03-2021
आज माता-पिता अपने बच्चों के साथ कहीं आस-पास पिकनिक स्पॉट पर जा सकते हैं। आप किसी समारोह में जाने की प्लानिंग भी कर सकते हैं। ऑफिस में माहौल थोड़ा गंभीर रह सकता है। आपको अपने बॉस की बातों को ध्यान से सुनने के बाद ही अपनी कोई राय देनी चाहिए। आज आपको थोड़ा आलस्य भी महसूस हो सकता है। आपको अपना खान-पान हेल्दी रखना चाहिए। कुछ जरूरी मामलों में आप थोड़े भावुक हो सकते हैं। अपने गुरु को कुछ उपहार दें, आपकी सभी परेशानियाँ दूर होंगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
—————————————
✡️वृश्चिक ✡️29-03-2021
कई चीजों को बेहतर ढंग से समझने में आपको मदद मिल सकती है। नई जानकारियां मिलेंगी। आपके पास हर बात का जवाब हो सकता है। अकेले ही सारा काम करने की इच्छा आपके मन में हो सकती है। लोग आपसे प्रभावित हो सकते हैं। पैसों से जुड़े कुछ नए मौके आपको मिल सकते हैं। समय आपकेसाथ रहेगा। आप किसी खास मामले में सही समय पर सही जगह मौजूद हो सकते हैं। इससे आप मौके का फायदा उठा सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
—————————————
✡️धनु ✡️29-03-2021
बिजनेस वालों के लिए दिन अच्छा है। स्टूडेंट्स के लिए दिन ठीक नहीं है। आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। दायित्व का निर्वाह होगा। साहित्य कला में भी आप निपुण रहेंगे, आप किसी बड़े काम को सफलतापूर्वक निपटा सकेंगे। स्वास्थ्य से जुड़े मामले आपको प्रभावित कर सकते हैं। आपकी पलटने की आदत आपको रोक देगी। कुछ ज्यादा ही मेहनत हो सकती है। नए कामों की योजना बनेंगी। जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग
—————————————
✡️मकर ✡️29-03-2021
जीवनसाथी के साथ आनंददायी समय बीतेगाI प्रेम-संबंधों में कुछ विवादास्पद घटनाक्रम सामने आ सकते हैं। इस समय आपको अपनी वाणी पर विशेष संयम रखना होगा। आज का दिन आपके लिए सुखमय रहेगा। आर्थिक गतिविधियों में आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आपको सभी प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आर्थिक लाभ के लिए कुछ अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। हालांकि आपको अपनी कार्यशैली में कुछ परिवर्तन करना पड़ सकता है, जिसके कारण आपके कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
—————————————
✡️कुंभ ✡️
29-03-2021
आज आपका कोई बड़ा काम संतान की मदद से पूरा हो जायेगा। माता-पिता का सहयोग भी बना रहेगा। शाम को उनके साथ किसी धार्मिक स्थल पर जायेंगे। आज आपको कोई बड़ी खुशखबरी मिलेगी। इस राशि के छात्रों का आज पढ़ाई के प्रति रूझान बना रहेगा। आपके पास कुछ नयी जिम्मेदारियां आ सकती है, जिन्हें आप सफलतापूर्वक निभायेंगे। आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। आज व्यापार में साझेदारी से लाभ होगा। अनाथालय में जाकर कुछ दान करें, संतान सुख की प्राप्ति होगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
————————————-
✡️मीन ✡️
29-03-2021
अपने विचार साफ तौर पर रखें। कारोबार में लोग आपसे सहमत होकर आपकी बात भी मान सकते हैं। ऑफिस और बिजनेस के मामले में सफलता वाला दिन हो सकता है। आप कोशिश करेंगे तो किसी खास व्यक्ति को प्रभावित करने में सफल हो सकते हैं। किसी भरोसेमंद दोस्त से मदद लेकर ही कोई काम करें। किसी के साथ अचानक होने वाली मुलाकात प्रेम संबंधों की शुरुआत करवा सकती है। आपका आत्मविश्वास बढ़ सकता है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
*ॐ नमों भगवते सुदर्शन वासुदेवाय , धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय , सकला भय विनाशाय , सर्व रोग निवारणाय , त्रिलोक पठाय, त्रिलोक लोकनिथाये , ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपा, ॐ श्री श्रीॐ औषधा चक्र नारायण स्वहा !! ✍️पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर 8449046631 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽आज होली है, जिसका उद्देश्य मूलतः पारिवारिक और सामाजिक जीवन में एकीकरण कर उनके मध्य खुशियों के रंग बिखेरना होता है। होली के रंगों में परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद अवश्य मिलाना, वही हमारे शुभचिंतक और मूलरूप हैं,

परन्तु सामयिक दृष्टिकोण से विचार करें तो आज हम आधुनिकता की अंधी गलियों में भटक कर भौचक्के से एकाकी खड़े हुए हैं। आंगन में खिंची दीवार न जाने दिलों में कब खिंच गई पता ही नहीं चला। कहीं न कहीं यह भी सच है कि पहले दिलों में दीवार खिंची होगी उसके बाद ही आंगन में आई होगी।

परिवार भी एक बूढ़े बरगद के वृक्ष की तरह होता है जो अपने समस्त रिश्ते नातों को मजबूती से मात्र एक जड़ के सहारे समेट कर सबको पालता है, ख़याल रखता है, पोषण करता है लेकिन अचानक से जब परिवार टूटता है तो सिर्फ़ एक जड़ के उखड़ने से सारे तने अलग हो जाते हैं। सारी शाखाएं टूट कर इधर-उधर बिखर जातीं हैं।

वृक्ष से भी बुरी गत परिवार की होती है, जब एक परिवार टूटता है तो टूट जाती है बरसों पुरानी सभ्यता जिसको स्नेह, प्रेम, वात्सल्य से सींचा गया था, जब एक परिवार टूटता है तो बच्चों की कहानियों में जिंदा नानी और दादी समय से पहले ही मर जातीं हैं, जब एक परिवार टूटता है तो अलग – अलग कमरों में बुजुर्गों के फोटो पर हार-फूल चढ़ाने वाले हाथ तो होते हैं लेकिन बुजुर्गों को याद करने के लिए किसी के दिल में कोई जगह नहीं होती और यहीं से शुरू होती है तथाकथित आधुनिकता की ख़तरनाक चोचलेबाजी।

गाँव के शांत सुरम्य वातावरण को छोड़कर हम AC के कमरे तक तो पहुँच गए, 24 इंची हरक्यूलिस, हीरो साइकिल को चलाते-चलाते पल्सर बुलेट और ऑडी तक तो आ गए, हाफ पैंट पहनकर नाक सुड़कने वाले बच्चे आज के दौर में डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर तो बन गए लेकिन उनके बचपन की कहानियों को जिंदा करने वाले उनके नाना-नानी, दादा-दादी, बुआ-फूफा, तहेरे, चचेरे मौसेरे भाई-बहन, सारे रिश्ते समय से पहले ही मर गए। इन सब रिश्तों के मरने के बाद जन्म होता है किसी डॉक्टर का, किसी मैनेजर का, किसी इंजीनियर का, किसी बिजनेस मैन का। और बुजुर्ग या तो गांव के पुराने घरों में उपेक्षित पड़े रहते हैं और या ओल्डएज होम में 

आज आधुनिकता की फिसलन भरी पगडंडी से होते हुए जब व्यक्ति अपनी माटी की ओर, अपने गाँव की ओर वापस लौटता है फ़िर चाहे बहाना होली, दिवाली या ब्याह आदि का कोई भी क्यों न हो, तब उसके पास बचती है बस अहंकार दिखाने वाली चंद गांधीजी की खड़खड़ाती तस्वीरें और आधुनिकता के नाम पर फ़ैशनेबल कपड़े, स्मार्ट मोबाइल और परिवार के रहते हुए भी अनाथ का सा जीवन।

पहले जब एक घर से 5-10 औरतें पड़ोस में होली मिलने, एक-दूसरे की गुझिया बनवाने, फाग गाने अथवा किसी बुजुर्ग की शोक होली में जाने को निकलती थीं तो उसमें परिवार की एकता नजर आती थी, उसमें परिवार का संस्कार नजर आता था, उसमें परिवार की महानता नजर आती थी लेकिन होली जैसे महापर्व पर भी अपनी माटी से जुड़कर अपनों से दूर रहने वालों के मुकद्दर में अगर कुछ आता है तो वह है भविष्य का एक कलंक, वर्तमान का तथाकथित सुख और अतीत की मन को कचोटती यादें।

आधुनिकता और अहंकार के बीच में बसी हमारी आज की पीढ़ी बस आईफोन 6 ,7, 8, 9, 10 का अपडेट वर्जन तो खरीद सकती है किन्तु परिवार के साथ रहकर भी परिवार के बिना वह अनाथ ही है।

2-3 बीघा जमीन, 50-100 गज भर के मकान के लिए अपनों से दूर करता आज का समाज हमें रामायण नहीं अपितु महाभारत के युग में ले जाएगा। और अंत में सिर्फ़ यही यक्ष प्रश्न कि होलिका मैय्या का यह महापर्व भी परिवार के लिए ही मनाया जाता है, तभी कह रहे हैं होली के रंगों में परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद अवश्य मिलाना, वही हमारे शुभचिंतक और मूलस्रूप हैं

*बड़ों का दिया हुआ आशीर्वाद…*
*और अपनों की दी हुई शुभकामनाओं का कोई रंग नहीं होता….*
*लेकिन जब ये रंग लाते है तो जीवन में रंग भर जाते है…*
जय श्री राधे श्याम,.. ✍️ हरीश मैखुरी 

श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने राहुल और सिद्धरमैय्या (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) को आशीर्वाद नहीं दिया! जगदगुरु ने कहा “आप मठ में आए हैं, धन्यवाद। लेकिन, आप जो कुछ कर रहे हैं, उसके बाद हम आपको आशीर्वाद तो नहीं दे सकते । “

बैठक के समय जगदगुरु ने राहुल और सिद्धरमैय्या को निर्देशन देते हुए कहा कि यदि आप हिंदू धर्म के प्रति असहिष्णुता रखते हैं, तो कृपया हिंदू मंदिरों से दूर ही रहें, बनस्पत इसके कि आप अपने कार्यों से हिंदू धर्म के अन्दर बैमनस्य पैदा करें । हिंदू मठ और मंदिरों ने क्या गलत किया है, जो मंदिरों का प्रबंध सरकार ने अपने हाथों में लिया है, इतना ही नहीं तो चढोतरी के रूप में आने वाले धन की राशि से मंदिरों का पुनर्निर्माण करने के स्थान पर दूसरे मजबियों के कल्याण के लिए वही धन खर्च किया जाता है, यह स्वीकार्य नहीं है, जगदगुरु ने उन दोनों से दो टूक कहा कि, “यह अच्छा है कि आप हमारे मठ में पधारे, लेकिन आप जिस प्रकार हिंदू-विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं, हम आपको आशीर्वाद प्रदान नहीं कर सकते हैं। “

दोनों राजनेताओं को जगदगुरु से ऐसी तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। दोनों बेहद सकपका गए और बैठक से निकलने के बाद इस उधेड़बुन में लग गए कि जगदगुरु की प्रतिक्रिया मीडिया तक पहुंचने से कैसे रोकी जाये ।

मठ से जुड़े हुए सभी भक्तगण व कर्मचारी जगदगुरु की प्रतिक्रिया जानकर आनंद से झूम उठे और सबने अविलम्ब इसे हर स्तर पर साझा किया ।

आधार: जगदीशचंद्र बी, संपादक, हिंदुत्व-बंधुत्व, मासिक पत्रिका #यलगार_पोस्ट, और https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2666892923383242&id=212771912128701

ये भले बात दो साल पुरानी हो गयी लेकिन हमारी परम्परागत संस्कृति के संदर्भ में यह सदैव आवश्यक है कि सचमुच सरकारें सैक्युलर हैं तो वह हमारी वैज्ञानिक सनातन धर्म संस्कृति में न तो हस्तक्षेप करें न हमारे मंदिरों में सरकारी दान पेटीयां लगें। तथा धारा ३५ ए की समाप्ति कर मंदिरों के चढावे से सदियों से चली आ रही २५ वर्ष की आयु तक राष्ट्र के अनुशासित और जिम्मेदार नागरिक बनाने की गुरुकुल पद्धति की पुनर्प्रतिष्ठा हो। बच्चों को सुसंस्कृत बनाने के लिए गुरूकुल पद्धति की पुन: शुरुआत हो। 

आने वाली पीढ़ी मे धर्म कल्याण के लिए ऐसे साधुओं की बहुत आवश्यकता है।

     नागा साधु से बने सुप्रीम कोर्ट के वकील -करुणेश शुक्ला
आज हम आपको एक ऐसे व्यक्तित्व करुणेश शुक्ला के बारे में कुछ जानकारी देंगे, जो अभी भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता है।

जिन्होंने श्री राम जन्मभूमि केस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और श्री महंत धर्मदास जी महाराज जी के लिए वकील रहे।

करुणेश शुक्ला वकील बनने से पहले अयोध्या के सुप्रसिद्ध हनुमान गढ़ी में एक “नागा साधु” थे और पुजारी के रूप में कार्य करते थे। गुरु परम्परा के अनुसार उत्तराधिकार में इनके पास पचारी स्टेट की अपार संपदा थी लेकिन हिंदुत्व के प्रेम में हिंदुत्व की रक्षा के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए सब कुछ छोड़कर गुरु आज्ञा से सुप्रीम कोर्ट में वकील बने।

श्री राम जन्मभूमि अयोध्या केस में विजय प्राप्त हुई। और अब श्री कृष्ण जन्म भूमि, मथुरा के लिए केस लड़ रहे हैं। और साथ ही उनकी टीम के द्वारा काशी-विश्वनाथ को आजादी दिलाने की मुहिम शुरू हो गई है।

करुणेश जी ने देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए और अपने जान की बिना कोई परवाह किए, सुप्रीम कोर्ट में कुरान के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह एक अति संवेदनशील मामला है जोकि कुरान की चौबीस आयतें जो भारतीय संविधान का उलंघन करती हैं उसको कुरान से हटाने के लिए है। अगर यह हो जाता है तो आने वाले भविष्य में विश्व को बहुत बड़ी लड़ाई से बचाया जा सकता है।

साथ ही देश को एक वैभवशाली राष्ट्र बनाने के लिए भारतीय संविधान से “सेकूलर” और “सोशलिस्ट” जैसे शब्द हटाने के लिए याचिका दायर की है। ये शब्द आपातकालीन स्थिति में भारत के संविधान में डाल दिया गया था।

साथ ही कई सारी हिन्दू लड़कियां जो “लव जिहाद में फंस गई है, उनके लिए फ्री में केस लड़ते हैं, और उन लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाकर नयी जिंदगी शुरू करने में मदद करते हैं।

साथ ही तमाम सारे मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से हिन्दू समाज को जागरूक करते हैं। साथ ही गरीब हिन्दू भाईयों के लिए “माइक्रो फाइनेंस” की व्यवस्था करते हैं। जिन हिन्दू भाईयों को अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं उनकी आर्थिक सहायता करते हैं। साथ ही करुणेश जी मानवता में विश्वास रखते हैं और मानवतावादी संगठन मिशन ह्यूमेंनिटी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष है।

देश में शांति बनी रहे, विश्व में शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। “करुणेश शुक्ला जी” के बारे में ऐसे कुछ जानकारी हम जो इंटरनेट के माध्यम से हम निकाल सके हम आप लोगों के साथ शेयर कर रहे हैं। आप सभी लोग ऐसे प्रचंड हिन्दू बीर योद्धा के साथ जुड़े और देश और धर्म की रक्षा करें।#जय सनातन धर्म संस्कृति 🌼🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🌼🥀🌼

अधिकतर भारतीयों को जानकारी नहीं है कि होली जैसे मदनोत्सव का उद्गमस्थल मुल्तान है जो आज पाकिस्तनमें है और जिसे आर्यों का बतौर मूलस्थान भी कभी जाना जाता रहा है. आज वह प्रहलाद पुरी है..!!नरसिंह अवतार की.
*खंडहर में बदल हो चुकी* *”प्रहलाद पुरी” में स्थित विशाल किले के भग्नावशेष चीख चीख कर उसकी प्राचीन ऐतिहासिकता के प्रमाण दे रहे हैं। वहां इस समय मदरसे चला करते हैं ।
पूरी कहानी यह कि देवासुर संग्राम के दौरान दो ऐसे अवसर भी आए जब सुर- असुर ( आर्य- अनार्य ) के बीच संधि हुई थी..!!!
*एक भक्त ध्रुव के समय और दूसरी प्रहलाद के साथ. जब हिरण्यकश्प का वध हो गया तब वहां एक विशाल यज्ञ हुआ और बताते हैं कि हवन कुंड की अग्नि छह मास तक धधकती रही थी और इसी अवसर पर मदनोत्सव का आयोजन हआ…जिसे हम होली के रूप में जानते हैं। 
यह समाजवादी त्यौहार क्यों है, इसका कारण यही कि असभ्य-अनपढ़- निर्धन असुरों को पूरा मौका मिला देवताओं की बराबरी का. टेसू के फूल का रंग तो था ही, पानी, धूल और कीचड़ के साथ ही दोनों की हास्य से ओतप्रोत छींटाकशी भी खूब चली.. उसी को आज हम गालियों से मनाते हैं. लेकिन बड़ों के चरणों की धूल भी मस्तक पर लगाते हैं। इसी लिए इस त्यौहार को धूलिवंदन भी कहते हैं.
मुल्तान की वो ऐतिहासिक विरासत जला दी गयी थी, बचा है सिर्फ वह खंभा जिसे फाड़ कर नरसिंह निकले थे. गूगल में प्रहलादपुरी सर्च करने पर सिर्फ खंभे का ही चित्र मिलेगा। 

यह कैसी विडंबना है कि हमको कभी यह नहीं बताया गया और न ही पाठ्यक्रम में इसे रखा गया। पाकिसतान में तो विरासतें बिखरी पड़ी हैं पर हम बहुत कम जानते हैं। उसको छोड़िए कभी यह बताया गया हमें कि श्रीलंका और नेपाल का भारत के साथ साझा इतिहास है ? नहीं ..! जय श्रीकृष्णा, जय अखण्ड सत्य सनातन राष्ट्रम्*🚩

💢💢♨️💢💢♨️💢💢♨️💢

कुंभ के लिए तैयारियां

होली  के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, मुख्यमंत्री हरीश रावत, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, बद्रीनाथ के विधायक श्री महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह, पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी तथा पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार ने सभी समस्त प्रदेशवासियों और क्षेत्रवासियोंं को होली की हार्दिक शुभकामनाएं दी। अशोक कुमार ने कहा कि खुशी से होली मनायें लेकिन किसी से दुर्व्यवहार न करें न किसी से जबर्दस्ती करें। https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3747568115329377&id=732711210148431

कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अपने घरों में ही होली मनाने और सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन का अनुरोध भी किया। 

भांग को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता मिल गई है. संयुक्त राष्ट्र संघ में हुए ऐतिहासिक मतदान के बाद इससे दवा के रूप में मान्यता दे दी गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों की सिपारिश के बाद ये फैसला लिया गया है. अब भांग को उस ड्रग्स की लिस्ट से हटा दिया गया है, जिसमें हेरोइन जैसे ड्रग्स शामिल थे। 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भांग तो उस लिस्ट से हटा जरूरत दिया है लेकिन ये गैर मेडिकल इस्तेमाल के तौर पर अब भी प्रतिबंधित ड्रग ही माना जाएगा।

 भांग भारत में शदियों से दवा के रूप में प्रयोग होती रही है होली पर लोग भांग की ठंडाई बहुदा प्रयोग करते हैं। भांग को हमारे यहां शिवप्रिया कहा जाता है। यह एपिटाइट यानी पाचन, गैस्ट्राइटिस यानी गैस्टिक, डिप्रेशन यानी अवसाद, पल्पिटेशन याने घबराहट बेचैनी धड़कन बढ़ना तथा कैंसर की एकमात्र सर्व सुलभ दवाई है। भांग के बीजों अथवा पत्ते की चटनी पीस कर, गोली बनाकर इसको वैद्यकीय परामर्श से लिया जा सकता है। शास्त्रों में भांग को शिवप्रिया कहा गया है इसीलिए प्राचीन काल से ही लोग भांग को दवा के रूप में प्रयोग करते रहे हैं। लेकिन साजिश के अंतर्गत अंग्रेजी शराब लाबी ने इस अचूक औषधि को नारकोटिक्स एक्ट में डाल दिया है। भारत में आवश्यकता है भांग को नारकोटिक एक्ट से मुक्त कराने की। माना कि भांग को यदि लोग शराब के बदले नशे के रूप में भी प्रयोग करते हैं तब भी भांग किडनी आदि को देशी विदेशी शराब की तरह डैमेज नहीं करती और शराब की तरह मंहगा जहर भी नहीं है । जहरीली शराब और मंहगी शराब से हर साल देश में लाखों परिवार नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में वैद्यकीय सुझावों के अनुसार आवश्यकता है भारत सरकार तत्काल भांग को नारकोटिक्स एक्ट से बाहर निकाले। उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार तथा त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में भांग की खेती से रोजगार बढ़ाने की पहल हुई थी लेकिन अब इसे व्यावसायिक स्तर पर बढावा देने की आवश्यकता है। बता दें कि भांग को प्रतिबंधित मादक पदार्थों की लिस्ट से बाहर निकालने के लिए मतदान कराया गया था. इसमें पक्ष में जहां 27 देशों का समर्थन था, वहीं विपक्ष में 25 देश ही आए. खास बात है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने बदलाव के पक्ष में मतदान किया. भारत, पाकिस्तान, रूस और नाइजीरिया ने बदलाव का विरोध किया था।अब बताया जा रहा है कि भांग से बनी दवाओं के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. वहीं, भांग पर साइंटिफिक रिसर्च भी देखने को मिल सकता है। अब दूसरे देश भी भांग और गांजे के इस्तेमाल को लेकर बदलाव ला सकते हैं।

गुरु करे केशर का टीका
गाल गुलाबी शुक्र करें
हरियालि हो सोमपुत्र से
कालिख दूर शनि करें
सूर्य लालिमा साँझ-सबेरे
मङ्गल उज्ज्वल रङ्ग करें
चन्द्र शुभ्र चांदी सा शीतल
मन को निर्मल शांत करें
राहु केतु अपनी छाया से
शत्रु मर्दन कार्य करें
नित मङ्गल हो साथ आपके
कामधेनु घर वास करें
कहे दास अर्जी रघुवर से
सङ्ग अँग अपने कर लें
निज चरणों की भक्ति दे दो
दासों को अपने रँग ले
*रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं❤🌹*