आज का पंचाग, आपका राशि फल, भारतीय संस्कृति की ओर लौटें, ‘मदर डे’ की होड़ में खो गयी नित्य माता पिता के चरणस्पर्श की संस्कृति

 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे भगवान शिव शंकर आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।।
शिव स्तुति:—
*कण्ठे यस्य लसत्कराल गरलं गंगाजलं मस्तके,*
*वामांगे गिरिराजराजतनया जया भवानी सती।*
*नन्दी स्कन्द गणाधिराज सहिता श्रीविश्वनाथप्रभुः,*
*काशीमन्दिरसंस्थितो$खिलगुरुर्देयातसदामंगलम्।।*

*भावार्थ:*
जिनका कण्ठ विष से नील वर्णी है,मस्तक पर गङ्गा जल की धारा प्रवाहित हो रही है, वामाँग में पर्वतराज सुता माता सती भवानी पत्नी रूप में विराजमान है,नन्दी स्कन्द गणाधिराज श्री विश्वनाथ प्रभु के समक्ष उपस्थित हैं, ऐसे काशी के मंदिर मे नित्य वास करने वाले जिनको समस्त ब्रह्माण्ड विश्व गुरू के रूप में पूजता है वे देवाधिदेव महादेव सदैव सबका मंगल करें ।  ✍️*पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* *जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून।*

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️विक्रम संवत 2078✡️
✡️बैशाख मासे ✡️
✡️27 प्रविष्टे गते ✡️
✡️दिनांक ✡️:10 – 05 – 2021(सोमवार)✡️
सूर्योदय :05.52 am
सूर्यास्त :06.54 pm
सूर्य राशि :मेष
चन्द्रोदय :04.56 am
चंद्रास्त :05.50 pm
चन्द्र राशि :मेष
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :चैत्र 28
पूर्णिमांत महीना :बैशाख 13
पक्ष :कृष्ण 14
तिथि :चतुर्दशी 9.55 pm तक, बाद में अमावस्या
नक्षत्र :अश्विनी 8.25 pm तक, बाद में भरणी
योग :आयुष्मान 9.39 pm तक, बाद में सौभाग्य
करण :विष्टि 8:41 am तक, बाद में शकुनि 9:55 pm तक, बाद में चतुष्पद
राहु काल :7.30 am – 9.10 am
कुलिक काल :2.11 pm – 3.52 pm
यमगण्ड :10.51 am – 12.31 pm
अभिजीत मुहूर्त :11.57 AM – 12.49 PM
दुर्मुहूर्त :12:49 pm – 01:41 pm, 03:26 pm – 04:18 pm 

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✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(10-05-2021) ✡️
✡️मेष✡️10-05-2021
मेष राशि वालों के लिए दिन सामान्य से थोड़ा काम बेहतर रहने वाला है। आज दैनिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं लेकिन आपको हिम्मत नहीं हारनी है। अपने कार्यों में लगे रहें। आज थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है और अपने आसपास के माहौल पर भी निगाह बनाकर रखनी की सलाह आपकाे दी जा रही है। आज आपको दिल के बजाय दिमाग से काम लेना है। किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना है। जिन लोगों को अपने पैसा उधार दिया हुआ है आज उनसे पैसा वापस लौटने के योग दिखाई दे रहे हैं। आज उन लोगों को याद दिलाएं। आज परिवार के सदस्यों के साथ कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं। इससे रिश्ते में मजबूती आएगी और पारिवारिक माहौल बेहतर होगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : मोर नीला
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🕉️वृष ✡️10-05-2021
आज घर-परिवार में किसी मांगलिक आयोजन की रूपरेखा बनेगी। विद्यार्थी अपना समय अध्ययन में लगायेंगे, इससे उन्हें सफलता मिलेगी। आप सुबह के समय वर्क आउट शुरू कर सकते हैं, जिससे आप चुस्त-दुरुस्त बने रहेंगे। आपको व्यवसाय से जुड़े सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे, आपका दिन फेवरेबल रहेगा । सामाजिक स्तर पर आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। नौकरीपेशा लोगों को कामकाज में लाभ मिलेगा। कार्यस्थल पर आपका कामकाज बहुत शानदार रहेगा। गायत्री मंत्र का जप करें, समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आज दोपहर बाद किसी पुराने मित्र से मुलाकात के योग भी आपकी राशि में दिखाई देते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️मिथुन ✡️10-05-2021
आपको व्यावसायिक जीवन में कुछ बेहतरीन अवसर प्राप्त हो सकते हैं, जिनका उपयोग आप अपने लाभ के लिए कर सकते हैं। किसी बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने वाली महत्वपूर्ण सलाह पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि आप उस से अत्यधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। विचारों का आदान-प्रदान भी आपको बहुत लाभ दिला सकता है। आपको अपने पिता के सुझाव का स्वागत करना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए कुछ नए वित्तीय मार्ग खोलने में मदद कर सकता है। आपकी मां का स्वास्थ्य चिंता का कारण हो सकता है। चल और अचल संपत्तियों के बारे में नए निर्णय लेने से बचें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : चंदन सफेद
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✡️कर्क ✡️10-05-2021
कर्क राशि वालों के लिए आज का दिन सामान्य से कम बेहतर है आज कानूनी मामलों में आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है आज कानूनी मामले आपके पक्ष में नहीं है इसलिए कानूनी पचड़े में पढ़ने से बचें आज नकारात्मक विचार आप को घेरने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन सकारात्मकता बनाए रखना आपके लिए जरूरी है अच्छी बात यह है कि आज संपत्ति मेला बाप की राशि में दिखाई देते हैं आज अचल संपत्ति से आपको फायदे हो सकते हैं अच्छा सौदा आज आप कर सकते हैं व्यापारी हैं कारोबारी तो आपके लिए साझे का बिजनेस आज अच्छा रहने वाला है
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️सिंह ✡️
10-05-2021
आज जीवनसाथी की बेहतर सलाह से आपको धन कमाने का नया जरिया प्राप्त हो सकता है। साथ ही उनके साथ बिताएं गए कुछ पल आपके रिश्ते को और भी मजबूत बनायेंगे। मित्रों के साथ किसी बात को लेकर थोड़ी बहस हो सकती है। आपके अत्यधिक क्रोध से कोई बना हुआ काम बिगड़ भी सकता है, इसलिए आपको अपने गुस्से पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहिए। आप खुद को उर्जा से भरा हुआ फील कर सकते हैं जिससे आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आपको जल्दबाजी में कोई फैसला करने से बचना चाहिए, बल्कि सावधानीपूर्वक फैसला लेना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️कन्या✡️10-05-2021
आप व्यावसायिक यात्रा कर सकते हैं। भाग्य आज आपका साथ दे रहा है और इसलिए आप व्यावसायिक जीवन के संबंध में नई योजनाएं बना सकते हैं। किन्तु किसी भी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करते समय सावधान रहें। आर्थिक लेन—देन सोच—समझकर करें अन्यथा कठिनाइयां आ सकती हैं। न चाहते हुए भी आपको सामाजिक समारोहों का हिस्सा बनना पड़ सकता है। इससे आपको स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी भी हो सकती है। जीवनसाथी की सेहत का ख़्याल रखें अन्यथा परेशानी हो सकती है। आज धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका आपको मिलेगा आज आपकी राशि में खर्च किया संकाय में दिखाई दे रही है इसलिए खर्च करते समय आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️तुला ✡️10-05-2021
तुला राशि वालों के लिए बुधवार आज का दिन सामान्य रहने वाला है। आज मित्रों से भरपूर सहयोग आपको मिलने वाला है। अगर आपका कोई कार्य रुका हुआ है तो उसमें आज मित्रों का सहयोग आप ले सकते हैं मित्रों के सहयोग से आके रुके हुए कार्यों में आज पूर्णता आएगी। आज धन लाभ के योग भी आपकी राशि में दिखाई देते हैं दोपहर बाद कुछ नए लोगों से आपकी मुलाकात होगी लेकिन सावधान रहिएगा आज आपको कई तरह के प्रस्ताव आ सकते हैं लुभावने प्रस्तावों में पढ़ने से आपको आज बचना है आज बुद्धि का इस्तेमाल आपको करना है कोई भी निर्णय करने से पहले मन का नहीं बल्कि दिमाग का इस्तेमाल करें आज चतुराई भी आपके लिए बेहद आवश्यक है किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करना आपके लिए आज ठीक नहीं रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 6
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️वृश्चिक ✡️10-05-2021
आज आप व्यापार में योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकते हैं। आपका कुछ अच्छा खाने का मन कर सकता है। घर-परिवार का वातावरण शांतिदायक बना रहेगा। अध्यात्म के मामले में आपका दिन अनुकूल रहेगा, आध्यात्मिकता की ओर रुझान हो सकता है। उच्चाधिकारी आपसे प्रसन्न हो सकते हैं। घर पर मेहमानों का आगमन हो सकता है। करियर में आपको कोई बड़ी सफलता हासिल हो सकती है। साथ ही आपका सकारात्मक रवैय्या करियर में आपको बेहतरी दिलायेगा। अपने गुरु को आशीर्वाद लें, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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🕉️धनु ✡️10-05-2021
व्यावसायिक उद्यम लाभ ला सकते हैं। व्यापार में आपको बड़ी सफलता मिलेगी। नवीन सौदे लाभदायक रहेंगें और मददगार लोग आपको किसी भी मुश्किल पेच को दूर करने में मदद करेंगे। मातृ संबंध मौद्रिक लाभों के साधन के रूप में कार्य कर सकते हैं। छात्रों को अपने एकाग्रता के स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। विवाह योग्य जातक शादी के बंधनों में बंध सकते हैं। आप में से कुछ पीठ एव घुटनों के दर्द से पीड़ित हो सकतें हैं। साझीदार से आपको आज अच्छे लाभ होने के योग बने हुए हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️मकर ✡️10-05-2021
मकर राशि वालों के लिए बुधवार का दिन सामान्य से बेहतर रहने वाला है आज आपको अपनी इमानदारी पर बने रहना है आज आपका स्वभाव आपकी वाणी दोनों ही महत्वपूर्ण है अपनी वाणी से आज आपको कोई भी ऐसे शब्द नहीं निकालने जो दूसरों को बुरे लगते हो दूसरों के मन को परेशान करने वाले हैं आज किसी के कार्य में बेवजह हस्तक्षेप करना आपके लिए उचित नहीं है जब तक कोई ना कहीं सलाह देना भी ठीक नहीं रहेगा अगर आप कोई नया कार्य शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो कुछ कठिनाइयां आपको उठानी पड़ सकती है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है मेहनत करते रहिए आपको सफलता जरूर मिलेगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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🕉️कुंभ ✡️10-05-2021
आज आपका दिन उत्तम रहेगा। आपको किसी से कोई उपहार मिलेगा। इससे आपका मन खुश रहेगा। परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा। दाम्पत्य जीवन में आपसी सामंजस्य बेहतर रहेगा। सेहत के लिहाज से आप चुस्त-दुरूस्त रहेंगे। विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए शिक्षकों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। कुछ लोग आपसे प्रभावित होंगे।साथ ही वो आपसे जुड़ने की कोशिश भी करेंगे। बिजनेसमैन को बेहतर अपॉर्चुनिटिज़ मिलेगी। गाय को रोटी खिलाएं, जीवन में लोगों का सहयोग मिलता रहेगा। आज परिवार के सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग आपको मिलने वाला है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मीन ✡️10-05-2021

नए वाहन या संपत्ति खरीदने के लिए अपनी योजनाओं को स्थगित कर दें क्योंकि यह आपके बड़े नुकसान का कारण हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को अधिकारियों के साथ अपने संबंधों के मामले में कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है। अपने बॉस पर हावी होने की कोशिश न करें, वरना आप खुद मुसीबत में पड़ सकते हैं। धन संबंधी मामलों में आपके हमपिता की सलाह आपके लिए में मददगार साबित हो सकती है। माता के सुख में सामान्य कमी महसूस कर सकते हैं। इस समय आप कुछ समय निकाल कर अपने जीवनसाथी के साथ घूमने फिरने का समय मिलेगा।
✍️*पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली* *फलित ज्योतिष शास्त्री*जगदंबा ज्योतिष* कार्यालय *सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️✡️

*भारतीय संस्कृति की ओर लौटिए*

. बड़े शहर में रहने वाले 2से 3दिन पुराना ब्रेड पर 3से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

2. कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल्स नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

3. पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में flat फ्लैट कहते हैं जिनमें ना ताज़ी हवा नसीब होती है ना धूप ,में बिना सूरज की रोशनी में और बिना ताजी हवा के उसमें रहकर अगर आप सोचतें कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो मैं क्या कहूँ ।

4. 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमे तरह तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिला हुआ है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

5. ऐसी अनेक चीजे है जो आपके आस है उनको देखिए समझिए और अपने बच्चो को समझाए की चीज़/ बटर /पीजा/ पास्ता / बेकरी / मयोनेज/ पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे हुए इंग्रेडियंट जिनको बिना समझे आप खाकर खुद को शाकाहारी समझ कर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

6. योग और प्राणायाम और बिना खुली हवा के दिनभर में एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े करोना का झटका शायद ही झेल पाएं ।

7.ज्वार बाजरा रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेंहू के भरोसे आप अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

8. नन्हे नन्हे बच्चों और दादी और नानी के नुस्खे छोड़ कर आप डब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते है की ये स्ट्रॉन्ग बन रहा है और स्ट्रॉन्ग immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

9.नहाने से लेकर संवारने तक खुद को भी और बच्चो को भी आप कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो ओर सोचते हो की पोने तीन करोड़ रोम छिद्रों का कोई महत्व नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

11. ताजा फल और उनका रस भारतीय भोजन और तुलसी जी कड़ी पत्ता ताजा नींबू और तरह तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और भोजन खाकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

*निवेदन है की भारतीय जीवन पद्धति की और लौटें । जो पेड़ अपनी जड़ से कट जातें है वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते ।*

‘मदर्स डे’ की होड़ में खो गयी नित्य माता पिता के चरणस्पर्श की संस्कृति 

नेपाल का मदर्स डे , बैशाख महीने में मनाया जाता है ।

इंग्लैंड में मदर्स डे , मार्च के दूसरे संडे को मनाया जाता है ।

स्पेन , पुर्तगाल में मदर्स डे मई के पहले संडे को मनाया जाता है ।

अमेरिका और अनेक देशों में यह मई के दूसरे संडे को मनाया जाता है ।

हमने अमेरिका वाला कॉपी पेस्ट कर लिया ।

यदि मैं इंग्लैंड में बैठकर केवल mother’s search करूँ तो गूगल बता देगा की तुम्हारा 14 मार्च 2021 को आएगा ।

मदर्स डे , आप मनाएँ पर कॉपी पेस्ट के स्थान पर यदि भारत शारदीय नवरात्रि की नवमी को इसे चुनता तो मुझे अधिक व्यवहारिक लगता , क्योंकि मई का दूसरा संडे , भारत के लिए तिथिनुसार कोई अर्थ नहीं रखता , और पूरी दुनिया इसी एक ही दिन को मना रही होती तो और बात थी ।

स्वीडेन का मदर्स डे , मई के लास्ट संडे को आता है, अर्थात 31 मई को ।

अमेरिका वाले मदर्स डे की शुभकामनाएं । इंग्लैंड वाला मदर्स डे तो मार्च में आता है और बाक़ी देशों के भी अलग अलग मदर्स डे , सनातन धर्म की अपनी नवरात्रि भी है ।

फिर भी हम उत्सव धर्मी लोग हैं अत: अमेरिका वाला डे हो या जापान वाला , मना लेने में कोई समस्या नहीं है पर साथ के साथ हम माँ का स्वरूप भी समझते रहें ।

जन्म देने वाली माँ , गंगा माँ, अन्नपूर्णा माँ , तुलसी माँ से लेकर सनातन धर्म में जहाँ दृष्टि जाएगी , माँ , आधिभौतिक आधिदैविक और प्रमा के रूप आध्यात्मिक रूप से दिखती रहेगी ।

माँ का एक और स्वरूप मेरे गुरू ने समझाया है उस पर भी दृष्टि डालने का अनुरोध है ।

राधा की माँ का नाम कीर्तिदा था और श्रीकृष्ण की माँ का नाम यशोदा था । अर्थात् कीर्ति और यश से ही भगवान मिलते हैं ।

अब प्रश्न उठता है कि कीर्ति और यश कैसे मिलता है तो उसका उत्तर है #कथा ।

जो व्यक्ति कहीं से भी संत संगति ( चाहे सोशल मीडिया या कहीं भी ) करके कथा श्रवण करता है तो उसके मन में ईश्वर का अवतार हो जाएगा ।

मदर्स डे पर ईश्वर की #कथा को भी एक माँ के समान ही अपने जीवन में उतारें ।
✍🏻राज शेखर तिवारी

ईसाइयों के लिए मई का महिना मडोना की उपासना का महिना होता है। अगर मडोना नाम अलग लगे, कम सुना हुआ हो तो ऐसे समझ लीजिये कि वो जो चर्च में मदर मैरी की गोद में बच्चा लिए तस्वीरें-मूर्तियाँ दिखती हैं, उसे मडोना कहते हैं। कभी कभी उसे गोद में बच्चे के बिना भी दर्शाया जाता है। मुंबई के बांद्रा में जो बासीलीक ऑफ़ आवर लेडी ऑफ़ द माउंट है, वो भी वर्जिन मैरी यानि मडोना का ही है। विश्व भर में तीस बड़े मडोना के रिलीजियस सेण्टर हैं जैसे नाजरेथ, इसराइल का बासीलीक ऑफ़ एनानसीएशन, या फिर पुर्तगाल का आवर लेडी ऑफ़ फ़ातिमा।

इस महीने की शुरुआत में कैथोलिक पोप ने घोषणा की थी कि इन सब में पूरे महीने कोरोना संकट से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थनाएँ चलेंगी। किसी चर्च में दिवंगत लोगों के लिए प्रार्थना होगी, कहीं गर्भवती स्त्रियों और छोटे बच्चों के लिए होगी, कहीं प्रवासियों के लिए, कहीं बुजुर्गों के लिए, तो कहीं वैज्ञानिकों और शोध संस्थानों और कहीं डॉक्टर और नर्सों के लिए प्रार्थना की जाएगी। इसकी शुरुआत करते हुए पोप ने प्रार्थना कर के रोजरी यानि जप वाली मालाएं इन सभी जगहों पर भेजी हैं। इस विशेष प्रार्थना के लिए 5 मई को ही, शाम छह बजे का समय भी निर्धारित कर दिया गया था।

भारत में वैसे तो “कोम्परिटिव रिलिजन” यानि धर्म को तुलनात्मक रूप से पढ़ने-समझने का अब चलन बहुत कम ही बचा है (अगर कहीं बचा भी हो तो), फिर भी इसे एक अच्छे उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। माला के जरिये जप करने की परम्परा हिन्दुओं से पहले से किसी में भी नहीं होगी। ऐसा भी नहीं कि आज इस परंपरा का लोप हो गया है। कई लोग अभी भी गोमुखी में हाथ डाले, माला जपते दिख जायेंगे। इसका प्रभाव वैज्ञानिक तौर पर भी माना जाता है। ये एकाग्रता – कंसन्ट्रेशन बढ़ाने का एक अच्छा उपाय होता है। अकाल मृत्यु जैसे भय से बचाने के लिए महा मृत्युंजय मन्त्र का जप किया जाता है, ये भी आबादी के एक बड़े हिस्से को पता होता है।

इसके बाद भी क्या ऐसा कोई प्रयास हुआ? अरे नहीं! ऐसा करने से तो अनर्थ ही हो जाता ना! कहीं जो घर के लोग माला जपने से साधू हो गए तो क्या होगा? वैसे किसी ने माला जपने वालों को साधू हो जाते नहीं देखा है मगर फिर भी रिस्क क्यों लेना? मेरे ही घर कोई हो गया तो? इसके अलावा जो बड़े पीठ हैं, मठाधीश हैं, उनकी ओर से ऐसा कुछ करने का कोई आह्वान भी नहीं सुनाई दिया। घरों में धर्म से जुड़ी किसी रीति का पालन होते देखने पर घर के लोगों की, विशेष कर नयी पीढ़ी की उसमें रूचि जाग सकती थी, लेकिन साधू हो गया तो? रिस्क क्यों लेना? इसलिए न तो आपने खुद किया, ना मठाधीशों ने कोई आह्वान ही किया।

ऐसे ही धीरे-धीरे आपके पास से आपके रीति-रिवाज खिंचकर दूसरों के पास जाते हैं। जैसे वो क्रिसमस ले गए, जप की माला भी बीस-तीस वर्षों में रोजरी हो ही जाएगी। प्रकृति खाली जगह बिलकुल बर्दाश्त नहीं करती। गड्ढा होते ही वो और किसी से नहीं तो पानी से भरने लगता है। वैसे तो गड्ढों को हम लोग कचरे से भर ही देते हैं। बिलकुल वैसे ही जो जगह धर्म से खाली होगी, वो रिलिजन से भरेगी। उसके बाद आप शिकायत करेंगे कि “कूल डूड” की पीढ़ी तो हर महीने बर्थडे मनाती है, मोमबत्ती फूंक कर केक काटती है! इसके लिए खाली जगह आपने ही तो बनाई है!

बाकी खाली जगह हमने-आपने और हमसे-आपसे पहले की पीढ़ियों ने छोड़ी ही क्यों, ये जवाब हमें और आपको खुद ही सोचना है। जो गलतियाँ पहले हो गयी उन्हें दोहराते जाना है, या कम से कम एक माला जुटा लेना है, ये भी खुद ही सोच लीजियेगा!
✍🏻आनन्द कुमार

इमं लोकं मातृभक्त्या पितृभक्त्या तु मध्यमम् ।
गुरुशुश्रुषया त्वेवं ब्रह्मलोकं समश्नुते ।। मनु स्मृति २/२३३

अर्थात् मां की भक्ति से इस लोक को ,पिता की भक्ति से मध्यमलोक को ,इसी प्रकार गुरु की सेवा से ब्रह्म लोक को प्राप्त करता है ।

यावत् त्रयस् ते जीवेयुस् तावन् नाऽन्यं समाचरेत् ।
तेष्वेव नित्यं शुश्रुषां कुर्यात् प्रियहिते रत: ।। मनु स्मृति २/२३५

अर्थात् जब तक वे तीन (माता-पिता-गुरु) जीवित रहते हैं ,तब तक अन्य धर्म का अनुष्ठान न करे ,उन के प्रिय और हित कार्यों में रमता हुआ सदाकाल उन की ही सेवा करे ।

सनातन धर्म में माता पिता गुरु की सेवा का क्या महत्त्व है यह उक्त मन्वादि शास्त्र वचन से सिद्ध है।

ब्रह्मवैवर्त्तपुराण में सोलह मातायें कही गईं
स्तन पिलाने वाली (धाय), गर्भ में धारण करने वाली (जननी), भोजन देने वाली (पाचिका), गुरुपत्नी, अभीष्ट देवता की पत्नी, पिता की पत्नी (सौतेली माता), कन्या, बहिन, पुत्रवधू, पत्नी की माता (सास), माता की माता (नानी), पिता की माता (दादी), सहोदर भाई की पत्नी, माता की बहिन (मौसी), पिता की बहिन (बूआ) तथा मामी– ये सोलह मनुष्यों की वेद विहित माताएँ कहलाती हैं।

भोजरचित चाणक्यनीति में पाँच मातायें गिनाई गई हैं-
राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्र पत्नी तथैव च ।

पत्नी माता स्वमाता च पञ्चैता मातरः स्मृता ॥

त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
✍🏻अत्रि विक्रमार्क

एक माता थी मदालसा जिन्होंने लोरी और पालने में ही अपने बालक को ब्रह्मज्ञान करा दिया और अज्ञान रूपी दुःख से छुटकारा दिला दिया ।

और एक आजकल की मातायें हैं जिनका उद्देश्य बस अपने बालक को खाना खिलाने , पैसा कमवाने और शादी करके बच्चा पैदा करवाने तक ही सीमित रह गया है ।

काश मदालसा माँ जैसी माँ सबको मिले ।
मदालसा का अपने पुत्र को ब्रह्मज्ञान का उपदेश :-

शुद्धो sसिं रे तात न तेsस्ति नाम
कृतं हि ते कल्पनयाधुनैव ।
पंचात्मकम देहमिदं न तेsस्ति
नैवास्य त्वं रोदिषि कस्य हेतो: ॥

हे तात! तू तो शुद्ध आत्मा है, तेरा कोई नाम नहीं है। यह कल्पित नाम तो तुझे अभी मिला है। वह शरीर भी पाँच भूतों का बना हुआ है। न यह तेरा है, न तू इसका है। फिर किसलिये रो रहा है?

न वा भवान् रोदिति वै स्वजन्मा
शब्दोsयमासाद्य महीश सूनुम् ।
विकल्प्यमाना विविधा गुणास्ते-
sगुणाश्च भौता: सकलेन्द्रियेषु ॥

अथवा तू नहीं रोता है, यह शब्द तो राजकुमार के पास पहुँचकर अपने आप ही प्रकट होता है। तेरी संपूर्ण इन्द्रियों में जो भाँति भाँति के गुण-अवगुणों की कल्पना होती है, वे भी पाञ्चभौतिक ही है?

भूतानि भूतै: परि दुर्बलानि
वृद्धिम समायान्ति यथेह पुंस: ।
अन्नाम्बुदानादिभिरेव कस्य
न तेsस्ति वृद्धिर्न च तेsस्ति हानि: ॥

जैसे इस जगत में अत्यंत दुर्बल भूत अन्य भूतों के सहयोग से वृद्धि को प्राप्त होते है, उसी प्रकार अन्न और जल आदि भौतिक पदार्थों को देने से पुरुष के पाञ्चभौतिक शरीर की ही पुष्टि होती है । इससे तुझ शुद्ध आत्मा को न तो वृद्धि होती है और न हानि ही होती है।

त्वं कञ्चुके शीर्यमाणे निजेsस्मिं-
स्तस्मिश्च देहे मूढ़तां मा व्रजेथा: ॥
शुभाशुभै: कर्मभिर्दहमेत-
न्मदादि मूढै: कंचुकस्ते पिनद्ध: ॥

तू अपने उस चोले तथा इस देहरुपि चोले के जीर्ण शीर्ण होने पर मोह न करना। शुभाशुभ कर्मो के अनुसार यह देह प्राप्त हुआ है। तेरा यह चोला मद आदि से बंधा हुआ है (तू तो सर्वथा इससे मुक्त है) ।

तातेति किंचित् तनयेति किंचि-
दम्बेती किंचिद्दवितेति किंचित्
ममेति किंचिन्न ममेति किंचित्
त्वं भूतसंग बहु मानयेथा: ॥

कोई जीव पिता के रूप में प्रसिद्ध है, कोई पुत्र कहलाता है, किसी को माता और किसी को प्यारी स्त्री कहते है, कोई ‘यह मेरा है’ कहकर अपनाया जाता है और कोई ‘मेरा नहीं है’ इस भाव से पराया माना जाता है। इस प्रकार ये भूतसमुदाय के ही नाना रूप है, ऐसा तुझे मानना चाहिये ।

दु:खानि दु:खापगमाय भोगान्
सुखाय जानाति विमूढ़चेता: ।
तान्येव दु:खानि पुन: सुखानि
जानाति विद्वानविमूढ़चेता: ॥

यद्यपि समस्त भोग दु:खरूप है तथापि मूढ़चित्तमानव उन्हे दु:ख दूर करने वाला तथा सुख की प्राप्ति करानेवाला समझता है, किन्तु जो विद्वान है, जिनका चित्त मोह से आच्छन्न नहीं हुआ है, वे उन भोगजनित सुखों को भी दु:ख ही मानते है।

हासोsस्थिर्सदर्शनमक्षि युग्म-
मत्युज्ज्वलं यत्कलुषम वसाया: ।
कुचादि पीनं पिशितं पनं तत्
स्थानं रते: किं नरकं न योषित् ॥

स्त्रियों की हँसी क्या है, हड्डियों का प्रदर्शन । जिसे हम अत्यंत सुंदर नेत्र कहते है, वह मज्जा की कलुषता है और मोटे मोटे कुच आदि घने मांस की ग्रंथियाँ है, अतः पुरुष जिस पर अनुराग करता है, वह युवती स्त्री क्या नरक की जीती जागती मूर्ति नहीं है?

यानं क्षितौ यानगतश्च देहो
देहेsपि चान्य: पुरुषो निविष्ट: ।
ममत्वमुर्व्यां न तथा यथा स्वे
देहेsतिमात्रं च विमूढ़तैषा ॥

पृथ्वी पर सवारी चलती है, सवारी पर यह शरीर रहता है और इस शरीर में भी एक दूसरा पुरुष बैठा रहता है, किन्तु पृथ्वी और सवारी में वैसी अधिक ममता नहीं देखी जाती, जैसी कि अपने देह में दृष्टिगोचर होती है। यही मूर्खता है ।

धन्योs सि रे यो वसुधामशत्रु-
रेकश्चिरम पालयितासि पुत्र ।
तत्पालनादस्तु सुखोपभोगों
धर्मात फलं प्राप्स्यसि चामरत्वम ॥
धरामरान पर्वसु तर्पयेथा:
समीहितम बंधुषु पूरयेथा: ।
हितं परस्मै हृदि चिन्तयेथा
मनः परस्त्रीषु निवर्तयेथा: ॥
सदा मुरारिम हृदि चिन्तयेथा-
स्तद्धयानतोs न्त:षडरीञ्जयेथा: ॥
मायां प्रबोधेन निवारयेथा
ह्यनित्यतामेव विचिंतयेथा: ॥
अर्थागमाय क्षितिपाञ्जयेथा
यशोsर्जनायार्थमपि व्ययेथा:।
परापवादश्रवणाद्विभीथा
विपत्समुद्राज्जनमुध्दरेथाः॥

बेटा ! तू धन्य है, जो शत्रुरहित होकर अकेला ही चिरकाल तक इस पृथ्वी का पालन करता रहेगा। पृथ्वी के पालन से तुझे सुखभोगकी प्राप्ति हो और धर्म के फलस्वरूप तुझे अमरत्व मिले। पर्वों के दिन ब्राह्मणों को भोजन द्वारा तृप्त करना, बंधु-बांधवों की इच्छा पूर्ण करना, अपने हृदय में दूसरों की भलाई का ध्यान रखना और परायी स्त्रियों की ओर कभी मन को न जाने देना । अपने मन में सदा श्रीविष्णुभगवान का चिंतन करना, उनके ध्यान से अंतःकरण के काम-क्रोध आदि छहों शत्रुओं को जीतना, ज्ञान के द्वारा माया का निवारण करना और जगत की अनित्यता का विचार करते रहना । धन की आय के लिए राजाओं पर विजय प्राप्त करना, यश के लिए धन का सद्व्यय करना, परायी निंदा सुनने से डरते रहना तथा विपत्ति के समुद्र में पड़े हुए लोगों का उद्धार करना ।
✍🏻श्वेताभ