आज का पंचाग, आपका राशि फल, सर्वप्रथम गणेशजी की पूजा क्यों करनी चाहिए, देवताओं को पत्र पुष्प चढ़ाने के विधान, हृदय को स्वस्थ रखने का घरेलू उपाय

 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे । *शुक्र वार स्तुति:- *हिम कुंद मृणालाभं, दैत्यानां परमं गुरूम्। सर्वशास्त्र प्रवक्तारं, भार्गवं प्रणमाम्यहम्* ।।
हिन्दी ब्याख्या:–
तुषार कुंज अथवा मृणाल के समान जिनकी आभा है जो दैत्यों के परम गुरु हैं उन सब शास्त्रों के अद्वितीय वक्ता शुक्राचार्य जी को मैं प्रणाम करता हूं।
शुक्र गायत्री:– *भृगवंशजाताय विद्महे श्वेत वाहनाय धीमहि तन्न शुक्र: प्रचोदयात्*।।
शुक्र गायत्री मंत्र का यथाशक्ति जप करने के बाद औदम्बरयुक्त पायस घी से दशांश हवन करें।
✡️ आपका अपना ✡️ ✡️ *पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री* ✡️
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078✡️
✡️आषाढ़ मासे ✡️
✡️04 प्रविष्टे ✡️
दिनांक:18 – 06 – 2021✡️(शुक्रवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.45 am✡️
✡️सूर्यास्त :07.10 pm✡️
✡️सूर्य राशि :मिथुन✡️
✡️चन्द्रोदय :12.35 pm✡️
✡️चंद्रास्त :01.11 am✡️
✡️चन्द्र राशि :कन्या✡️
✡️अमांत महीना :ज्येष्ठ 8✡️
✡️पूर्णिमांत महीना :ज्येष्ठ 23
पक्ष :शुक्ल 8✡️
✡️तिथि :अष्टमी 8.39 pm तक, बाद में नवमी✡️
✡️नक्षत्र :उत्तर फाल्गुनी 9.37 pm तक, बाद में हस्त✡️
✡️योग :सिद्धि 2.46 am तक, बाद में व्यातीपात✡️
✡️करण :विष्टि 9:24 am तक, बाद में बव 8:39 pm तक, बाद में बालव✡️
✡️राहु काल :10.50 am – 12.30 pm✡️
✡️कुलिक काल :7.29 am – 9.09 am✡️
✡️यमगण्ड :3.51 pm – 5.32 pm✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.00 PM – 12.54 PM✡️
✡️दुर्मुहूर्त :08:26 am – 09:20 am, 12:54 pm – 01:48 pm✡️
*यमघंट राहुकाल एवं दुरमुहूर्त यात्रा एवं शुभ कार्य वर्जित हैं कुलिक काल एवं अभिजीत मुहूर्त में यात्रा एवं शुभ कार्य करने चाहिए*
[18/6, 02:15] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: मित्रों बहुत से मित्रों ने राशि नाम एवं प्रसिद्ध नाम के माध्यम से राशिफल देखने की प्रक्रिया जाननी चाही इसके विषय में महर्षि पाराशर जी ने पाराशरी नामक ग्रंथ में लिखा है कि:–
*देशे ग्रामे गृहे युद्धे, सेवायां व्यवहार के। नाम राशे प्रधानत्वं , जन्म राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिंदी ब्यख्या:–
प्रदेश में घर के बाहर गांव में युद्ध के समय सेवारत में व्यवहारिक नाम की प्रधानता होती है स्थानों पर जन्म राशि का चिंतन न करके प्रचलित नाम की राशि का चिंतन करना चाहिए।
*विवाह सर्वमांगल्यै, यात्रायां ग्रह गोचरे । जन्म राशे प्रधानत्वम्, नाम राशि न चिंन्तयेत्*।।
हिन्दी ब्याख्या:–
विवाह के समय मां सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में यात्रा में ग्रह गोचर दशा के पूजन में जन्म राशि की प्रधानता होती है प्रसिद्ध नाम राशि का चिंतन नहीं करना चाहिए।।
✡️आज के लिए राशिफल✡️ ✡️(18-06-2021) ✡️
✡️मेष✡️18-06-2021
आप एक नई साझेदारी में प्रवेश कर सकते हैं। आप व्यावसायिक परियोजनाओं के प्रति उत्साही और आश्वस्त हैं, अत: आप भविष्य में पूर्ण सफलता प्राप्त कर पायेंगे। यदि कोई कानूनी मामला लंबित है, तो अदालती मामलों में सफलता का संकेत मिलता है। परिवार और दोस्त खुशी के समय और यादगार अवसरों को मनाने के लिए इकट्ठा होंगें। बच्चे परीक्षा में सफल होंगें, जो पूरे परिवार के लिए खुशी की बात है। वित्तीय उपक्रमों और निवेशों की लाभ की ध्वनि आपको प्रसन्नचित रखेगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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✡️वृष ✡️18-06-2021
आज आपको अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। घरेलू समस्या से छुटकारा मिलेगा। यह व्यवसाय के मोर्चे पर एक धीमा दिन होगा और यह आपको परेशान करेगा। आप काम के मोर्चे पर पिछली गलतफहमी को साफ कर देंगे। प्रिय व्यक्ति के साथ मिलन-मुलाकात सुखद रहेगी। वित्तीय प्रबंधन को लेकर कुछ परेशान हो सकते हैं। बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपके परिवार के सदस्य किसी महत्वपूर्ण चीज़ पर आपकी सहायता कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : गहरा नीला
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✡️मिथुन ✡️18-06-2021
आज का दिन शानदार रहने वाला है। किसी बात को लेकर आपके मन में उत्सुकता बनी रहेगी। कुछ लोग आपको खुद से जोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। आज आप जो कहेंगे लोग उसे पूरी गंभीरता से सुनेंगे। इस राशि के जो छात्र इंटरव्यू के लिए जा रहे हैं , उन्हें सफलता मिलनी तय है। इस राशि के जो लोग प्रॉपर्टी डीलर हैं उन्हें लाभ ही लाभ मिलने वाला है। आपका आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा।खुद पर भरोसा रखें स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आज स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें, मनोकामनाएं जरूर पूरी होगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : चन्दन रंग
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✡️कर्क ✡️18-06-2021
आज का दिन भाग-दौड़ वाला हो सकता है। आप सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होंगे और आपका उत्साह आपको साहस एव बल प्रदान करेगा। जिसके फलस्वरूप आप व्यावसायिक स्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ पाएंगे। आप अपने साथियों को फायदा पहुंचाने और उनके प्रभावित करने के अवसरों का पूर्ण लाभ उठाएंगे। आय के नए स्रोत विकसित हो सकतें हैं। नए संपर्क विकसित होने की संभावना है और आप सामाजिक और व्यावसायिक समारोहों में भी शामिल होंगे। यात्रा फलदायी साबित होगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️सिंह ✡️18-06-2021
आपको साझेदारी से फायदा होगा। आपका कोई प्रियजन आपके लिए कोई खुशखबरी ले कर आएगा और आपको उस पर गर्व होगा। अगर लोग परेशानियों के साथ आपके पास आएँ तो उन्हें नजरअंदाज करें और उन्हें अपनी मानसिक शांति भंग न करने दें। आप के आलसी रवैये से नुकसान हो सकता है। कारोबार विस्तार के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ समय बिताएंगे। रिश्ते में मजबूती आएगी। आप दोनों कहीं घूमने जा सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️कन्या✡️18-06-2021

आज का दिन महत्वपूर्ण रहने वाला है। आज आपको कुछ नई चीजों को सीखने की जरूरत है। जिस काम को आप नजरअंदाज करते आ रहे थे आज उससे आपको उम्मीद से अधिक लाभ मिलेगा।ऑफिस में आप थोड़े व्यावहारिक रहने की कोशिश करें, लोगों पर साकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस राशि के जो लोग वकील हैं आज उन्हें किसी बड़े केस में जीत हासिल हो सकती है। आज आपको काफी धन लाभ का योग है। स्वास्थ्य आज बहुत ही बढ़िया रहेगा। माँ लक्ष्मी को लाल फूल चढ़ाएं, रुका हुआ काम पूरा हो जाए।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️तुला ✡️18-06-2021
व्यवसाय में उन लोगों के लिए यह एक अनुकूल अवधि है और आप एक नयी साझेदारी में प्रवेश कर रहें हैं। व्यावसायिक और आर्थिक परियोजनाएं उचित विचार और परिश्रम के बाद ही पूर्ण और संपन्न होंगीं। आप महत्वपूर्ण लोगों को प्रभावित एवं उनसे संपर्क स्थापित कर पायेंगे। वित्तीय रूप से दिन अच्छा है, लेकिन आपको अपने खर्च को नियंत्रित करने की अति आवश्यकता है। आपके प्रेम सम्बन्ध का आपके जीवनसाथी को पता चल सकता है। ऐसे में आपको अपमान एव जीवनसाथी के क्रोध का भाजन बनना पड़ सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️वृश्चिक ✡️18-06-2021
वृश्चिक राशि वालों के पारिवारिक जीवन में शांत वातावरण देखने को मिलेगा। कुछ बातों के प्रति आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। सोच समझकर हर फैसला लेने के बारे में आप सोच सकते हैं। किसी से बातचीत का तरीका आपके लिए थोड़ा परेशानी बन सकता है। पैसों के लेन-देन में सावधानी बरतें, आर्थिक पक्ष सामान्य बना रहेगा। अधिक काम के चलते आपकी दिनचर्या व्यस्त रहेगी।आप परिवार और प्रियजनों के साथ गुणवत्ता समय का आनंद लेंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हल्का लाल
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✡️धनु ✡️18-06-2021
आज का दिन खुशियों से भरा रहने वाला है। आज आपको भविष्य की योजनाओं पर ध्यान देने की जरूरत है। जिसमें किसी करीबी का सहयोग प्राप्त होगा। आज पारीवारिक क्लेष के कारण आप थोड़ा डिस्टर्ब रहेंगे। आपकी दखलअंदाजी से चल रहा मन मुटाव कम खत्म हो जायेगा। इस राशि के जो सोना चांदी के व्यापार से जुडे़ हैं आज उन्हें काफी धन लाभ होने वाला है। पेट दर्द की समस्या से आज आपको थोड़ी तकलीफ हो सकती है। बेहतर होगा आज आज तली चीजों को एवॉएड करें। गाय को हरी घास खिलाएं, स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : हल्का हरा
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✡️मकर ✡️18-06-2021
किस्मत आपका साथ देगी और महत्वाकांक्षी परियोजनाएं गतिशील हो सकती हैं। नए क्षेत्र में उद्यम करते समय अथवा नए सहयोगियों के साथ बातचीत करते हुए अपने शब्दों एवं विचारों का चयन खूब सोच—समझ कर कीजिए। आप सामूहिक चर्चाओं, बैठकों, सम्मेलनों में भाग लेंगीं और आसानी से अपने विचार बिंदु को व्यक्त कर पाएंगे। पारिवारिक परिवेश में काफी समय से लंबित कार्य आज पूरे किए जा सकते हैं। परिवार के सदस्यों की संगति में यात्रा से आनंद और शांति मिलेगी। किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात होगी, जिसके साथ आपका तारतम्य बैठ सकता है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : हल्का पीला
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✡️कुंभ ✡️18-06-2021
आज आपसी लोगो की वजह से खर्च ज्यादा बढ़ेंगे। स्त्री के साथ मनमुटाव होने की संभावना है। प्रिय जनों से अच्छे रिश्ते रख सकते हैं। जिम्मेदारियों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। यात्रा के बारे में सोच सकते हैं। बच्चों के साथ बातचीत और कामकाज में आप कुछ परेशानियाँ महसूस करेंगे। धार्मिक आयोजन में जाने का अवसर मिल सकता है। किसी जरूरी काम को पूरा करने के लिए मेहनत करते रहें, सफलता जरूर हासिल होगी।माता–पिता से कुछ मतभेद हो सकते हैं। किसी भी स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों की उपेक्षा न करें।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️मीन ✡️18-06-2021
आज का दिन सामान्य रहने वाला है। आज आपको कामकाज के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरुरत है। दूसरों की सलाह पर ध्यान दें। शेयर मार्केट में पैसा लगाना फायदेमंद होगा। नए लोगों से हुई मुलाकात आपके लिये फायदेमंद रहेगी। शिक्षा के क्षेत्र में आज आपको आज आपको को बड़ी सफलता प्राप्त होगी। किसी ज़रूरी काम से यात्रा करनी पड़ सकती है। शारीरिक दृष्टि से आज का दिन अच्छा रहने वाला है। स्वास्थ्य आज पहले से बेहतर रहेगा। ब्राह्मण को खीर खिलाएं, सुख सौभाग्य बना रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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*आपका ✍️पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677

**सर्वप्रथम गणेशजी की पूजा क्यों होती है?*
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हिन्दू धर्म में किसी भी सुबह कार्य को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना आवश्यक मन गया है क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता व् ऋद्धि -सीधी का स्वामी कहा जाता है। इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओ की पूर्ति होती है व् विघ्नों का विनाश होता है।

गणेश जी अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले बुद्दि के अधिष्ठाता और साक्षात् प्रणवरूप है। गणेश का अर्थ है – गणों का ईश अर्थात गणों का स्वामी। किसी पूजा आराधना, अनुष्ठान व् कार्य में गणेश जी के गण कोई विघ्न – बाधा न पहुंचाए, इसलिए सर्वप्रथम गणेश पूजन कर उनकी कृपा प्राप्त होती है।

प्रत्येक शुभकार्य के पूर्व “श्री गणेशाय नमः ” का उच्चारण कर यह मंत्र बोल जाता है :

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||

अर्थात👉 “विशाल आकार और टेढ़ी सूंढ़ वाले करोडो सूर्यो के सामान ते वाले हे देव (गणेश जी) , समस्त कार्यो को सदा विघ्नरहित पूर्ण (सम्पन्न) करे।

वेदो में भी गणेश जी की महत्ता व् उनके विघ्नहर्ता सवरूप की ब्रह्मरूप में स्तुति व् आवाहन करते हुए कहा गया है की –

गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कबिनामु पश्रवस्तमम |
ज्येष्ठराजं ब्र्ह्मण्णा ब्रह्मणसप्त आ न: शृण्वन्नतिभि: सीद सादनम||

अर्थात तुम देवगणो के प्रभु होने से गणपति हो, ज्ञानियों में श्रेष्ठ हो, उत्कृष्ठ ऋतिवलो में श्रेष्ठ हो, तुम शिव के ज्येष्ठ पुत्र हो, अतः हम आदर से तुम्हारा आव्हान करते है। हे ब्रह्मणसप्त गणेश, तुम अपने समस्त शक्तियों के साथ इस आसान पर आओ।

दूसरे मंत्र में कहा गया है की –

नि शु सीद गणपते गणेशु त्वामाहु विर्प्रत्म: कबिनाम |
न रीते त्वत्त क्रियते की चनारे महामक मघवाक मघवचित्रमर्च ||

अर्थात👉 ‘हे गणपते’ आप देव आदि समूह में विराजिये क्योंकि समस्त बुद्धिमानो में आप ही श्रेष्ठ है, आपके बिना समीप या दूर का कोई कार्य नहीं किया जा सकता. हे पूज्य आदरणीय गणपति, हमारे सत्कार्यों को निर्विघ्न पूरा करने की कृपा कीजिये।

गणेशजी विधा के देवता है, साध्ना में उच्स्तरीय दूरदर्शिता आ जाये, उचित – अनुचित, कर्तव्य -अकर्तव्य की पहचान हो जाये, इसलिए सभी शुभकार्यो में गणेश पूजन का विधान बताया गया है।

गणेश जी की पूजा सबसे पहले क्यों होती है इसके पीछे एक पद्मपुराण की कथा भी है जो इस प्रकार है …

सृष्टि के आरम्भ में जब यह प्रसन्न उठा कि प्रथमपूज्य किसे माना जाए तो समस्त देवतागण ब्रह्मा जी के पास पहुंचे. ब्रह्मा जी ने कहा कि जो कोई पृथ्वी कि परिकर्मा सबसे पहले कर लगा, उसे ही प्रथम पूजा जायेगा. इस पर सभी देवतागण अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर परिक्रमा हेतु चल पडे।

चूंकि गणेशजी का वाहन चूहा है और उनका शरीर स्थूल, तो ऐसे में वे परिक्रमा कैसे कर पाते! इस समस्या को सुलझाया देवर्षि नारद ने। नारद ने उन्हें जो उपाय सुझाया, उनके अनुसार गणेशजी ने भूमि पर “राम” नाम लिखकर उसकी सात परिक्रमा की और ब्रह्माजी के पास सबसे पहले पहुंच गए। तब ब्रह्माजी ने उन्हें प्रथमपूज्य बताया, क्योंकि “राम” नाम साक्षात् श्रीराम का स्वरूप है और श्रीराम में ही संपूर्ण ब्रह्मांड निहित है.

शिवपुराण में भी एक ऐसी ही कथा बताई गई है इसके अनुसार एक बार समस्त देवता भगवान शंकर के पास यह समस्या लेकर पहुंचे कि किस देव को उनका मुखिया चुना जाए। भगवान शिव ने यह प्रस्ताव रखा कि जो भी पहले पृथ्वी की तीन बार परिक्रमा करके कैलाश लौटेगा, वहीं सर्वप्रथम पूजा के योग्य होगा और उसे ही देवताओं का स्वामी बनाया जाएगा। चूंकि गणेशजी का वाहन चूहा था जिसकी गति अत्यंत धीमी गति थी, इसलिए अपनी बुद्धि-चातुर्य के कारण उन्होंने अपने पिता शिव और माता पार्वती की ही तीन परिक्रमा पूर्ण की और हाथ जोडकर खडे हो गए।

शिव ने प्रसन्न होकर कहा कि तुमसे बढकर संसार में अन्य कोई इतना चतुर नहीं है। माता-पिता की तीन परिक्रमा से तीनों लोकों की परिक्रमा का पुण्य तुम्हें मिल गया, जो पृथ्वी की परिक्रमा से भी बडा है. इसलिए जो मनुष्य किसी कार्य के शुभारंभ से पहले तुम्हारा पूजन करेगा, उसे कोई बाधा नहीं आएगी। बस, तभी से गणेशजी अग्रपूज्य हो गए।

वाराहपुराण के अनुसार जब देवगणों की प्रार्थना सुनकर महादेव ने उमा की ओर निर्निमेष नेत्रों से देखा, उसकी समय के मुखरूपी से एक परम सुंदर, तेजस्वी कुमार वहां प्रकट हो गया. उसमें ब्रह्मा के सब गुण विद्यमान थे और वह दूसरा रूद्र जैसा ही लगता था. उसके रूप को देखकर पार्वती को क्रोध आ गया और उन्होंने शाप दिया कि हे कुमार! तू हाथी के सिर वाला, लंबे पेट वाला और सांपों के जनेऊ वाला हो जाएगा।

इस पर शंकरजी ने क्रोधित होकर अपने शरीर को धुना, तो उनके रोमों से हाथी के सिर वाले, नीले अंजन जैसे रंग वाले, अनेक शस्त्रों को धारण किए हुए इतने विनायक उत्पन्न हुए कि पृथ्वी क्षुब्ध हो उठी, देवगण भी घबरा गए। तब ब्रह्मा ने महादेव से प्रार्थना की, “हे त्रिशूलधारी! आपके मुख से पैदा हुए ये विनायकगण आपके इस पुत्र के वश मे रहें. आप प्रसन्न होकर इन सबकों ऐसा ही वर दें. तब महादेव ने अपने पुत्र से कहा कि तुम्हारे भव, गजास्व, गणेश और विनायक नाम के होंगे।

यह सब कू्रर दृष्टि वाले प्रचण्ड विनायक तुम्हारे भृत्य होंगे यज्ञादि कार्यो में तुम्हारी सबसे पहले पूजा होगी, अन्यथा तुम कार्य के सिद्ध होने मे विघ्न उपस्थित कर दोगे” इसके अनन्तर देवगणों ने गणेशजी की स्तुति की और शंकर ने उनका अभिषेक किया।

एक बार देवताओं ने गोमती के तट पर यज्ञ प्रारंभ किया तो उसमें अनेक विघ्न पडने लगे, यज्ञ संपन्न नहीं हो सका। उदास होकर देवताओं ने ब्रह्मा और विष्णु से इसका कारण पूछा। दयामय चतुरानन ने पता लगाकर बताया कि इस यज्ञ मे श्रीगणेशजी विघ्न उपस्थित कर रहे है और यदि आप लोग विनायक को प्रसन्न कर ले, तब यज्ञ पूर्ण हो जाएगा। विधाता की सलाह से देवताओं ने स्नान कर श्रद्धा और भक्तिपूर्वक गणेशजी का पूजन किया. विघ्नराज गणेशजी की कृपा से यज्ञ निर्विघ्न संपन्न हुआ।

तो इस प्रकार हम गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा करते है ताकि काम में कोई बाधा ना आये !

बुधवार को गणेश जी की पूजा के लाभ
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देवता भी अपने कार्यों की बिना किसी विघ्न से पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देवगणों ने स्वयं उनकी अग्रपूजा का विधान बनाया है।

शास्त्रों में एक बार जिक्र आता है कि भगवान शंकर त्रिपुरासुर का वध करने में जब असफल हुए, तब उन्होंने गंभीरतापूर्वक विचार किया कि आखिर उनके कार्य में विघ्न क्यों पड़ा?

तब महादेव को ज्ञात हुआ कि वे गणेशजी की अर्चना किए बगैर त्रिपुरासुर से युद्ध करने चले गए थे। इसके बाद शिवजी ने गणेशजी का पूजन करके उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया और दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब उनका मनोरथ पूर्ण हुआ।

सनातन एवं हिन्दू शास्त्रों में भगवान गणेश जी को, विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। पुराणों में गणेशजी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई हैं। हर बुधवार के शुभ दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी तरह की रुकावटे दूर होती हैं।

गणेश भगवान की सामान्य पूजा विधि
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प्रातः काल स्नान ध्यान आदि से सुद्ध होकर सर्व प्रथम ताम्र पत्र के श्री गणेश यन्त्र को साफ़ मिट्टी, नमक, निम्बू से अच्छे से साफ़ किया जाए। पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख कर के आसान पर विराजमान हो कर सामने श्री गणेश यन्त्र की स्थापना करें।

शुद्ध आसन में बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, इनकी आरती की जाती है।

अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर ॐ गं गणपतये नमः का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए।

बुधवार को यहां बताए जा रहे ये छोटे-छोटे उपाय करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है।

👉 बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार को गणेश मंत्र का स्मरण करें-

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं। कम से कम 21 बार इस मंत्र का जप जरुर होना चाहिए।

👉 ग्रह दोष और शत्रुओं से बचाव के लिए-

गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।

इसमें भगवान गणेश जी के बारह नामों का स्मरण किया गया है। इन नामों का जप अगर मंदिर में बैठकर किया जाए तो यह उत्तम बताया जाता है। जब पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का जप करना शुभ होता है।

परिवार और व्यक्ति के दुःख दूर करने के सरल उपाय
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👉 बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है।

👉 धन प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो जाता है।

👉 परिवार में कलह कलेश हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं। इसे अपने घर के देवालय में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें।

👉 घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं।
*🌹नारायण सेवा ज्योतिष संस्थान🌹*
*🌹जय मां दुर्गा साधना केंद्र 🌹*
*ज्यो:शैलेन्द्र सिंगला पलवल हरियाणा*
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१- देवपूजा में पुष्प अधोमुख कर न चढ़ायें। वे जैसे उत्पन्न होते हैं वैसे ही चढ़ायें। बिल्वपत्र को उल्टा करके (अधोमुख) चढ़ायें तथा कुशा के अग्रभाग से देवताओं पर जल न छिड़कें।

२- धोती में रखा हुआ और जल में डुबाया हुआ पुष्प देवगण ग्रहण नहीं करते हैं।

३- भगवन शंकर को कुन्द, श्रीविष्णु को धतूरा, देवी को आक तथा मदार और सूर्य को तगर का पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए।

४- श्री विष्णु को चावल, गणेश को तुलसी, दुर्गा को दूर्वा और सूर्य को बिल्वपत्र न चढ़ायें।
#डॉ0_विजय_शंकर_मिश्र
५- देवताओं के प्रीत्यर्थ प्रज्ज्वलित दीपक को बुझाना नहीं चाहिए।

६- हाथ में धारण किये गये पुष्प, ताम्रपात्र में रखा गया चन्दन और चर्मपात्र में रखा गया गंगा जल अपवित्र हो जाता है।

७- दीपक को दीपक से जलाने पर मनुष्य दरिद्र और रोगी होता है।

८- एक हाथ से प्रणाम करने तथा एक प्रदक्षिणा करने से पुण्य नष्ट होता है। केवल चंडी और विनायक की एक ही प्रदक्षिणा का विधान मिलता है।

९- मांगलिक कार्यों में दूसरों की पहनी हुई अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए।

१०-सभी पूजाक्रमों में पत्नी को दक्षिण (दाहिने) में बैठने का विधान है किन्तु अभिषेक और विप्रपादप्रक्षालन तथा सिन्दूर दान के समय वाम भाग में अर्धांगिनी के बैठने का विधान शास्त्र सम्मत है।
#डॉ0_विजय_शंकर_मिश्र
११- स्त्री आचमन के स्थान पर जल से नेत्रों को पोंछ ले।

१२-स्त्रियों के बायें हाथ में ही रक्षा सूत्र बाँधने के शास्त्रीय विधान है।

१३- यज्ञ के अंत में पान-सुपारी अक्षत आदि सहित घृत से भरे हुए नारियल को पीले वस्त्र में लपेट कर रक्षासूत्र एवं माला आदि से वेष्ठित कर पंचोपचार से पूजन कर पूर्णाहुति दें। किन्तु वैवाहिक होम में और घर के भीतर नित्य होम में पूर्णाहुति न दें।

१४- शनिवार, मंगलवार एवं बुधवार को लक्ष्मी की पूजा प्रारम्भ न करें।

१५- स्कन्द पुराण के अनुसार लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पौष शुक्ल दशमी, चैत्र शुक्ल पञ्चमी तथा श्रावण की पूर्णिमा को लक्ष्मी का अनुष्ठान एवं पूजन करने से अभीष्ट की उपलब्धि होती है।

#डॉ0_विजय_शंकर_मिश्र

☘️ *_हृदय में रक्त नलिका की रुकावट होगी दूर, रक्त संचरण सही और हृदय मजबूत_*

स्वस्थ भारत सबल भारत
*डॉ राव पी सिंह*

आम मानव की एक समस्या हार्ट प्रॉब्लम है आज हम बता रहे है इस समस्या का प्राकृतिक इलाज..

हार्ट ब्लॉकेज दूर करने के कुदरती उपाय :-
*(1) अदरक-*
यह खून को पतला करता है। यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता है।

*(2) लहसुन -*
यह खून को पतला करके खून अंदर का प्रदुषण निकालता है। इसका एलीसिन नामक तत्त्व हार्ट ब्लाँकेज खोलता है। खूनमेँ गाठ बनने देता।

*(3) नींबू -*
इसमेँ मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और डी, पोटैशियम खून को साफ करते हैँ। एव रोग प्रतिरोधक शक्ती बढ़ाते हैँ। इससे सौदर्य अभाधित रहता है, पेट की चरबी कम होती है, कँन्सर होने का ड़र नहीँ, सर्दी खाँसी नहीँ होती।

*(4) एप्पल साइडर सिरका-*
इसमें 90 प्रकार के तत्त्व है जो शरीर की सारी नसोँ को खोलते है, पेट साफ़ करते हैँ और थकान को मिटाते हैँ।

*अगर इन देशी वस्तुओं को इस तरह उपयोग करेंगे तो अदभुत परिणाम मिलेंगे….*
(1). एक कप नीँबू रस
(2). एक कप अदरक रस
(3). एक कप लहसून रस और
(4). एक कप एप्पल का सिरका (एपल साइडर विनेगर) लें।

*पद्धति*
इन चारो को मिलाकर धीमी आँच पर गरम करें।
जब 3 कप रह जाये तो उसे ठंड़ा कर लें और उसमें 3 कप शहद मिला लेँ।

*मात्रा*
रोज़ाना इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें तो सारी ब्लॉकेज खत्म हो जायेगी।

ये काम थोड़ा समय लेता है पर एक नंबर है।

आप इसको टानिक, मजा, एक अलग पेय समझकर पी सकते हैं।
अगर किसी को ब्लॉकेज हो तो…
ब्लॉकेज खत्म हो जायेगी..
और अगर किसी को नहीँ है तो…
उसको होगा ही नही।

इसी के साथ ही शरीर ताकतवर, मजबूत, रोग प्रतिरोधक एवं शक्तीशाली बनेगा।

एक बात और…
जिसे सिर्फ बीपी हो,
अगर वो लेंगे तो हृदय नाँर्मल रहेगा।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः
💐💐💐💐🌷🌷