आज का पंचाग, आपका राशि फल, कोरोना पर क्यों रोना हमारे घरेलू उपचार, गृह लक्ष्मी को भी करें नवरात्रि पर नमन्, युगांडा के हिंदूओं का दर्द और तत्कालीन सरकार की बेदर्दी

*🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे  

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,*
*नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||*
*जगतजननी माँ आदिशक्ति दुःख, महामारी और विपदाओं से हम सबकी रक्षा करें।*सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम्
शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥1॥
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥2॥
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्॥3॥
गोपनीयं प्रयत्‍‌नेन
स्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यं
स्तम्भनोच्चाटनादिकम्
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत्
कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्॥4॥
॥ अथ मन्त्रः ॥
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं
चामुण्डायै विच्चे॥

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय
ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल
हं सं लं क्षं फट् स्वाहा॥
॥ इति मन्त्रः ॥
नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि॥1॥
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे॥2॥
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते॥3॥
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि॥4॥
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्‍‌नी वां वीं वूं वागधीश्‍वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु॥5॥
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः॥6॥
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥7॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे॥8॥
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं
मन्त्रजागर्तिहेतवे।
अभक्ते नैव दातव्यं
गोपितं रक्ष पार्वति॥
यस्तु कुञ्जिकाया देवि
हीनां सप्तशतीं पठेत्।
न तस्य जायते
सिद्धिररण्ये रोदनं यथा॥
॥ इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

शास्त्रों के अनुसार माता दुर्गा के पांचवे स्वरूप में नवरात्र की पंचमी तिथि पर मां स्कन्दमाता की आराधना का विधान है, आदिशक्ति दुर्गा के स्कन्दमाता स्वरूप की कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। इनकी उपासना से भक्त की सर्व इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है । शब्द स्कन्दमाता का संधिविच्छेद कुछ इस प्रकार है की स्कन्द का अर्थ है कुमार कार्तिकेय अर्थात माता पार्वती और भगवान शंकर के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय इन्हें दक्षिण भारत में भगवान मुर्गन के नाम से भी जाना जाता है तथा माता कर अर्थ अहि मां अर्थात जो भगवान स्कन्द कुमार की माता हैं वही मां स्कन्दमाता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन है की इनके विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं अतः ये ममता की मूर्ति हैं। 
स्वरुप वर्णन: देवी स्कन्दमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं तथा इनकी मनोहर छवि पूरे ब्रह्मांड में प्रकाशमान होती है। शास्त्रों के अनुसार देवी स्कन्दमाता ने अपनी दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से बाल स्वरुप में भगवान कार्तिकेय को गोद में लिया हुआ है। दाईं तरफ की नीचे वाली भुजा में इन्होंने कमल पुष्प का वरण किया हुआ है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा से इन्होने जगत को तारने के लिए वरदमुद्रा बना रखी हैं और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। देवी स्कन्दमाता का वर्ण पूर्णत: शुभ्र है। जिस प्रकार सारे रंग मिलकर शुभ्र (मिश्रित) रंग बनता है, इसी तरह इनका ध्यान जीवन में हर प्रकार की परिस्थितियों को स्वीकार करके अपने भीतर आत्मबल का तेज उत्पन्न करने की प्रेरणा देता है। ये कमल के पुष्प पर विराजमान हैं, इसी कारण इन्हें “पद्मासना देवी” और “विद्यावाहिनी दुर्गा” कहकर भी संबोधित किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इनकी सवारी सिंह के रूप में वर्णित है।

॥ ॐ तत्सत् ॥ प्रतिदिन प्रातः सायं सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने मात्र से समस्त प्रकार की विपत्तियों का नाश होता है एवं अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है इसलिए समय अभाव के कारण सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए ✍️ पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री 
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✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️बैसाख मासे ✡️
✡️04 प्रविष्टे गते ✡️

दिनांक :17 – 04 – 2021(शनिवार)✡️
सूर्योदय :06.08 am
सूर्यास्त :06.44 pm
सूर्य राशि :मेष
चन्द्रोदय :09.27 am
चंद्रास्त :11.25 pm
चन्द्र राशि :वृषभ कल 01:09 pm तक, बाद में मिथुन
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2078
अमांत महीना :चैत्र 5
पूर्णिमांत महीना :चैत्र 20
पक्ष :शुक्ल 5
तिथि :पंचमी 8.32 pm तक, बाद में षष्ठी
नक्षत्र :म्रृगशीर्षा
योग :शोभन 7.18 pm तक, बाद में अतिगण्ड
करण :बव 7:21 am तक, बाद में बालव 8:32 pm तक, बाद में कौलव
राहु काल :9.10 am – 10.50 am
कुलिक काल :5.49 am – 7.29 am
यमगण्ड :2.11 pm – 3.52 pm
अभिजीत मुहूर्त :12.01 PM – 12.51 PM
दुर्मुहूर्त :07:49 am – 08:39 am, 

✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(17-04-2021) ✡️
🕉️मेष🕉️17-04-2021
आज आपका कोई खास काम दोस्तों की मदद से पूरा होगा। शाम तक आपको कोई खुशखबरी मिलने की संभावना है। पार्टनर आज आपकी हर बात समझने की कोशिश करेंगे। साथ ही वो किसी काम में आपसे सलाह भी लेंगे। आज आपको दूसरे व्यक्ति की मदद करने का मौका मिलेगा। ऑफिस में आपको कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। आप उसे पूरा करने में सक्षम होंगे। संतान के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। मंदिर में काले तिल दान करें, आपके रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️वृष ✡️17-04-2021
प्रियजनों के साथ समय बिताना आनंददायक रहेगा। व्यवसायी सन्दर्भ में आज आप अचछा महसूस कर सकते हैं कि आपके पास बहुत अधिक काम है। किन्तु उसे पूरा करने के लिए समय बहुत कम है। व्यावसायिक, आर्थिक और सामाजिक प्रतिबद्धता का आपके आदेशों पर एक मजबूत प्रभाव पड़ेगा। भाई-बहनों की सामाजिक स्थिति में अप्रत्याशित और अचानक वृद्धि होगी। प्रेमी युगलों के लिए आज का दिन शुभ नहीं है। कुछ अनिष्ट घट सकता है। यह घटना आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रबाव डाल सकती है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मिथुन ✡️
17-04-2021
सितारों की स्थिति आपके लिए खास हो सकती है। आज आप सक्रिय रहेंगे। ऑफिस में नया काम या नई जिम्मेदारी भी आपको मिल सकती है। रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। कुछ नए लोग आपसे जुड़ सकते हैं। लव पार्टनर की मदद से धन लाभ के योग हैं। आपको भावनात्मक सहयोग मिल सकता है। सामाजिक और सामूहिक कामों के लिए लोगों से मुलाकात हो सकती है। ऑफिस में आपको अपनी राय रखने का पूरा मौका मिलेगा। ब्राहमण को कुछ दान करें, आपके धन में वृद्धि होगी।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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🕉️कर्क 🕉️17-04-2021
आज का दिन आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होगा। छात्र अपना गौर उचित प्रयासों में लगाएं। आर्थिक लुक से आप समृद्ध रहेंगे एवं नया सौदे भी प्रगति करेंगे। आप अपने संबंधित ज्ञान को और विस्तार देने के लिए तत्पर होंगे। हालांकि इस दिशा में आपको और परिश्रम करने की जरूरत होगी। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए। पैसों में हेर-फेर हो सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️सिंह ✡️
17-04-2021
आज आपको परिवार वालों का सहयोग प्राप्त होगा। कई दिनों से रुके हुए काम आज पूरे होने की संभावना है। आज आपको छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने से बचना चाहिए। इससे आपका ही नुकसान हो सकता है। आज प्रभावशाली लोगों से मुलाकात करने का मन बनायेंगे। निवेश के मामले में आपको कोई अच्छी सलाह मिलेगी। कुछ लोगों की नजरों में आपकी पॉजिटिव इमेज बनेगी। सेहत के लिहाज से आपके अंदर कुछ ढीलापन आ सकता है। आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️कन्या🕉️17-04-2021
आपके पास नए अवसर होंगे और उनका उपयोग करके लाभ प्राप्त करेंगे, इस प्रकार वित्तीय समृद्धि का आश्वासन दिया गया है। लेकिन पारिवारिक जीवन में गड़बड़ी, परिवार की बिगड़ती स्वास्थ्य-सदस्य और संपत्ति के मामलों पर विवाद आपको निरंतर तनाव में रखेंगे। आपको सीधे टकराव से बचने और अधिक समझौतावादी रवैया अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। आपके स्वयं के स्वास्थ्य को भी अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि आप अपनी आँखों या कानों को प्रभावित करने वाली कुछ छोटी बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना रखते हैं।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️तुला ✡️17-04-2021
कुछ रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। नौकरी और बिजनेस में समय पर सहयोग नहीं मिलने से परेशानी हो सकती है। कुछ लोग आपके काम का विरोध भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ नया और ज्यादा करने की सोच सकते हैं। आने वाले कुछ दिनों में बड़े काम करने कीयोजना बना सकते हैं। जीवनसाथी से मदद और समर्थन मिल सकता है। आज आपको विवाह प्रस्ताव भी मिल सकते हैं। शादीशुदा लोगों के लिए दिन ठीक कहा जा सकता है।
भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️वृश्चिक ✡️17-04-2021
व्यापर में आप लोगों को विशाल लाभ हो जाने की संभावना है। सफलता आपको आने वाले समय में मिल सकती है। धन लाभ होने के पुरे योग बन रहे है। परिश्रम से आप कुछ भी हासिल कर सकते है। जरूरत से ज़्यादा सोना आपकी ऊर्जा को खत्म कर सकता है। इसलिए पूरे दिन खुद को सक्रिय रखें। आपका अनेक व्यक्तियों से मित्रतापूर्ण संबंध कायम होंगे। दोस्त व सहयोगी से मदद हासिल करेंगे। स्वयं के क्रोध पर आप कंट्रोल रख सकते है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️धनु ✡️
17-04-2021
आज आपको अचानक धन लाभ होगा। आपकी कई योजनाएँ समय से पूरी हो जायेंगी। परिवार में सब लोग खुश रहेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छी-खासी सफलता मिलेगी। आज आप अपनी ऊर्जा से बहुत कुछ हासिल कर लेंगे। आपके मन की सभी इच्छाएं पूरी होगी। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आप नये कदम उठायेंगे। बच्चे आपको अपने ऊपर गर्व करने की कोई नई वजह देंगे। इस राशि के कारोबारियों को उम्मीद से अधिक लाभ होगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : हल्का नीला
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✡️मकर 🕉️17-04-2021
आज आपको बेहतरीन वित्तीय परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रभावशाली लोगों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए अच्छा समय है। नौकरी खोजने के लिए किए गए प्रयास आपके लिए लाभकारी होंगे। आपकी सामाजिक स्थिति में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा और कोई शुभ अवसर भी आपको मिल सकता है। आप संपत्ति के ऊपर निवेश कर सकते हैं या वाहन खरीद सकते हैं। कार्य संबंधी यात्रा आपके लिए लाभकारी होगी। आपका करियर आगे बढ़ेगा लेकिन निर्णय लेते समय भावुक न हों।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️कुंभ ✡️17-04-2021
करियर के लिए कुंभ राशि वाले लोगों के लिए दिन अच्छा कहा जा सकता है। ऑफिस में साथ वाले लोगों से मदद मिल सकती है। कुछ अच्छे और बड़े बदलाव होने की संभावना बन रही है। ऑफिस और बिजनेस में अनुभवी लोगों से सलाह मिल सकती है। धन लाभ हो सकता है। प्रॉपर्टी के मामलों में भी समय अच्छा कहा जा सकता है। महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात होने के योग हैं। लव लाइफ के लिए भी दिन अच्छा हो सकता है। सेहत का ध्यान रखें।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️मीन ✡️17-04-2021
आज यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। साझेदारी में नवीन प्रस्ताव प्राप्त हो सकेंगे। वाहन चलते वक्त आप सावधानी जरूर से बरते। स्वास्थ्य के प्रति आप लापरवाही कर सकते है। आकस्मिक खर्चा आने वाले समय में हो सकता है। कहीं निवेश करने जा रहे हैं तो उस जगह की सारी जानकारियां हासिल करके ही जाए। जीवन में आने वाली परेशानी से आप लोगों को लड़ना सीखना पड़ेगा। आप थोड़े चिड़चिड़े हो सकते हैं। पुराने दुश्मन आपको परेशान कर सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✍️ पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631✡️

नाम : हीनाबेन रामजीभाई वेलाणी, सेविका, राष्ट्र सेविका समिति (RSS)
काम : देखकर ही ज्ञात हो रहा है। …
तन समर्पित… मन समर्पित… और यह जीवन समर्पित…

*कोरोना!*
*Covid-19*
क्यों रोना ।
….. उसे कहे ,
*दूर रहे*

वैदिक एवं *स्वदेशी* प्राकृतिक एवं गुणकारी *एंटी वायरस*

*मास्क* लगा लेने भर से कुछ होना जाना नहीं.
*मास्क* लगाने से शरीर में १७ % ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे अनेकों अन्य रोग शरीर में जन्म लेंगें। मास्क तभी जब भीड़ भाड़ में जांय या घर में किसी को कोरोना हो, अन्यथा संक्रामक रोगों को मिटाने हेतु *स्वदेशी इलाज अपनाये -*
मास्क के बजाय छोटी छोटी साइज *डेढ़ बाई डेढ़ या दो इंच की कपड़े की थैली में…*

२ लौंग
१ इलायची हरी
२ कपूर गोली
२ जावित्री
४ काली मिर्च
१ दालचीनी का बड़ा टुकड़ा
१ चने के बराबर शुद्ध गुगल
१५-२० पके हुये तुलसी पत्र को तोड़कर सुखाया हुआ ।
२०-२५ सुखा पुदीना पत्ते
१०-१५ सूखा नीम पत्र
१ छोटा सूंठ का टुकड़ा
२ गोली गौमूत्र घनवटी की।
*नोट:* कपूर, लौंग, इलायची,कालीमिर्च, सूंठ, नीम, तुलसी , पुदीना प्रायः सुगमता से मिल जाती है हर घर में।
*उपरोक्त सामग्री* को खरल से पीसकर *मिक्सी से नहीं* स्वच्छ कपड़े की एक छोटी सी थैली में भरकर सिलाई करे।
*या*
सुविधाजनक पतली छोटी सी शीशी में भरकर *हमेश* अपनी जेब में ही रखें कभी भी एवं कही भी बीच- बीच में सूँघते रहे जैसे सर्दी जुकाम के लिए स्ट्रीप पैक प्रयोग में लाते है।

*यह एक सर्वश्रेष्ठ सूक्ष्म जीवाणु -विषाणु विनाशक है।* इस वैदिक स्वदेशी किट का प्रयोग सभी के लिए हित कर है।

*विशेष* अपने द्वारा प्रयोग किये गये किट को दूसरे को कदापि प्रयोग हेतु न दे ।
व्यक्तिगत प्रयोग करें। उनको *जिसे जरूरत हो* नया पैक प्रयोग हेतु दे।

१ किट एक ही व्यक्ति को प्रयोग करना है।

*वैदिक स्वदेशी इलाज सर्वोपरि इलाज*

*श्रेष्ठ इलाज – सस्ता इलाज*

* कोई नुकसान नहीं अपितु
*लाभ ही लाभ ।*

*अपना वैदिक प्राकृतिक इलाज अपनाये देश की प्राचीन उपचार पद्धति, ऋषि मुनियों की प्रसादी की महिमा को जन जन तक फैलाये।*

*अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वयं बढ़ाये , हर बीमारी से छुटकारा पायें।*
इसके लिए इतना जरूर करें –
१ चम्मच रसायन चूर्ण (गिलोय ,आँवला व गोखरू का सम मिश्रण) यह आयु -आरोग्य वर्धक एक श्रेष्ठ रसायन है।
*शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाला*
१ चम्मच अश्वगंधा चूर्ण में थोड़ा सा घी व शहद का विषम प्रमाण में (१ चम्मच शहद में आधी चम्मच घी) मिलाकर ले। १२ साल से कम उम्र वालों के लिए आधी मात्रा ।

*भारतीय गौवंश के* ताजी गोमूत्र को आठ परत सूती कपड़े से छानकर ३०-४० मिली. प्रातः खाली पेट या भोजन के २ घंटे पूर्व या बाद में लेने से शरीर की सभी आवश्यक खनिज एवं पोषक तत्वों की पूर्ति स्वाभाविक हो जाती है।
यदि ताजी नहीं मिले तो २ चम्मच अर्क व २ गोली घनवटी ले सकते है।
१२ साल से कम वालों के लिए आधी मात्रा प्रयोग में ले।

*दिव्य पंचगव्य*

देशी गाय का सभी गव्य समान भाग में –
१) बिलोना घी
२) ताजी गोबर रस जमीन में गिरे उसके पूर्व ले सके तो सर्वोत्तम
३) दही वैदिक रीति से प्रोसेस किया हुआ। फ्रीज में रखा हुआ न हों।
४) गौमूत्र ताजी सूती कपड़े के आठ परत बनाकर उससे छानकर ही लें।
५) दूध कच्ची व ताजी हो।

नोट : सभी गव्य देशी गाय का ही लेना है। और एक ही गाय का हो तो अति उत्तम ।
यदि गाय स्वच्छंद चरने वाली हो तो उनकी गव्यों में औषधीय गुण बहुत ज्यादा होती है I
उपरोक्त के अनुसार सभी सामग्री तैयार करके फिर अच्छी तरह क्रमशः एक एक को मिलाते जाये।
सभी मिल जाय तो हल्का सा गुनगुना कर पीये।
जरुरत पड़े तो शहद एवं हरा नारियल का पानी मिलाये तो इसके गुण धर्म और बढ़ जायेगा।

एक व्यक्ति के लिए ३० से ५० मिली. पर्याप्त है। उसी अनुपात में सभी सामग्री समान रुप से एवं क्रमशः मिलाते जाय। १० वर्ष से कम उम्र वाले को आधी मात्रा व १ से ३ साल वाले को १/४ भाग लेना चाहिये।

पंचगव्य पान करने के पूर्व पंचगव्य को निहारते हुए – यह मंत्र बोले-
*यत्वगस्थिगतंपापं,
देहे तिष्ठतिमामके।
प्राशनात्‌ पंञ्चगव्यस्य, दहत्वग्निरवेन्दनम्‌॥*
अथवा –
२१ बार *”ॐ नमो नारायण “*, या महामृत्म्युंजय मंत्र अथवा
१०८ बार *ॐॐॐ*
जप करके पीये तो यह दिव्य पंचगव्य आरोग्यदायिनी, पुण्य प्रदायिनी , कल्याणकारी महाप्रसाद बन जायेगी।

*विशेष*-
प्रातः खाली पेट ले।
पश्चात्‌ बेहतर परिणाम हेतु २ घंटे तक कुछ भी नहीं खाना पीना है।

*लाभ*- शरीर के समस्त रोगों का निवारण ही नहीं अपितु
हडि्डयों तक में छुपे हुये रोगों को नष्ट करने में सक्षम ।
*मन बुद्धि को शुद्ध व पवित्र करने वाला दिव्य औषधि।*
चित्त की प्रसन्नता में वृद्धि।
*आयु-आरोग्य की रक्षा में सहायक , बौद्धिक क्षमता का विकास एवं मानसिक शांति व प्रसन्नता प्रदायक।*
स्वास्थ्य लाभ हेतु *औषध प्रयोग* के लिए लगातार एक सप्ताह तक ले। सामान्य दिनों में सप्ताह में एक बार अथवा १५ दिन में एक बार जरूर लेते रहें। अनगिनत लाभ है *पंचगव्य के।*

*वैदिक नश्य घी…*
वैदिक पद्धति से बनाया हुआ भारतीय गौवंश के चरने से लेकर दूध दोहने व मटका में दही जमाने ब्राह्ममुहुर्त में हाथ से बिलोना किये तथा उसी गाय या उनके वंशज के *गोबर कंडे* की आग में पकाया हुआ मक्खन से वैदिक घी तैयार करके विधिवत्‌ क्रमशः पंचगव्य सम्मिश्रण कर पुनः सूर्य की ताप से सिद्ध किया घी वैदिक नश्य घी कहलाता है।
*नश्य घी अनमोल फायदे*
सभी प्रकार के
सिर दर्द ,
अनिद्रा,
माइग्रेन,
कॉमा (मूर्छा ),
अपस्मार,
लकवा,
याददास्त की कमी, मंदबुद्धि,
नाक कान आँख के रोग
गले का रोग,
सभी पेट रोग,
दौर्बल्यता,
नाभि रोग
त्रिदोष नाशक आदि *तीन सौ300*
से भी अधिक रोगों में उपयोगी ।

*कई असाध्य रोगों को जड़ मूल से नाश करने में सक्षम यह नश्य घी अद्‌भूत व चमत्कारिक परिणामदायी है।*

इसका प्रयोग कोरोना संक्रमण से रक्षा करने सर्वप्रकार से सुरक्षित एवं पूर्णतः हितकर है।

*नश्य घी प्रयोग विधि-*
दोनों नथुनों में रात्रि को सोते समय दो -दो बूंदें (१० साल से कम उम्र वाले के लिए १ – १ बूंद प्रयोग करें) डालें और नाक को हल्का सा दबायें जैसा कि प्राणायाम के समय दबाते है ताकि घी नाक के अंदर चिपका रहे I
*ध्यान रहें घी को अंदर खींचना नहीं है।* केवल उसका सुगंध अंदर श्वासोच्छवास द्वारा भीतर जायेगा जिससे मस्तिष्क की सभी कोषिकाओं को पोषण मिलेगी।
दो बूंदें नाभि में भी डालना है। जिससे नाभि तंत्र से जुड़े सभी नाडि़यों को पोषण मिलेगी।
खास बात यह कि –
नाभि में डालने से जहाँ तकलीफ है उस जगह नाभि से जुड़े नाड़िजाल द्वारा स्वतः पहुँच कर आराम पहुँचाता है।
अनुकूलतानुसार दिन में कभी भी यह प्रयोग दस मिनट लेटकर कर सकते है।

*इम्यून सिस्टम को बनाएं strong, जानिए टिप्स आपके लिए*

1. गहरी नींद : गहरी नींद लेने से भी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाए रखा जा सकता है इसलिए अगर आप अपने में सिस्टम को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो भरपूर नींद लें

2. ज्यादा पानी पीएं : प्रचुर मात्रा में शुद्ध जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

3. स्ट्रेस फ्री रहे : अगर आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते है, तो टेंशन को खुद से दूर रखे। क्योंकि स्ट्रेस लेने वालों का इम्यून सिस्टम भी काफी हद तक कमजोर हो जाता है।

4. फल : संतरा, मौसमी आदि रसदार फलों में भरपूर मात्रा में खनिज लवण तथा विटामिन सी होता है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप चाहें तो पूरे फल खाएँ और चाहें तो इनका रस निकालकर सेवन करें।

5. अंकुरित अनाज : अंकुरित अनाज (जैसे मूंग, मोठ, चना आदि) तथा भीगी हुई दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अनाज को अंकुरित करने से उनमें उपस्थित पोषक तत्वों की क्षमता बढ़ जाती है। ये पचाने में आसान, पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं।

6. सलाद : भोजन के साथ सलाद का उपयोग अधिक से अधिक करें। भोजन का पाचन पूर्ण रूप से हो, इसके लिए सलाद का सेवन जरूरी होता है। ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, पत्तागोभी, प्याज, चुकंदर आदि को सलाद में शामिल करें।

7. तुलसी : तुलसी का धार्मिक महत्व अपनी जगह है मगर इसके साथ ही यह एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। रोज सुबह तुलसी के 3-5 पत्तों का सेवन करें।

*नारी शक्ति को नमन🙏*

दूध लाना था !
मैंने कहा ATM से
पैसे निकाल कर
लाता हूँ।
इतना सुनते ही
रसोई से आवाज आई!
*रुक जाओ।*
पत्नी 500 का नोट देते हुए बोली….
ये मेरे हैं, बस इतने ही हैं
इसे ले जाओ।
पर ATM मत जाओ
बहुतों ने उसकी बटन दबाई होगी
तुम *कोरोना* से बचो….
दूसरे दिन फिर कुछ जरूरत आन पड़ी
फिर पत्नी 2000 का नोट देते हुए बोली
ये मेरे हैं बस इतने ही हैं
पर ATM मत जाना….
लॉक डाउन के शुरुआत से
यह क्रम रोज चल रहा था
रोज नई पोटली खुल रही थी
पत्नी ATM जाने से रोक रही थी
सामान बाहर ही धरवा रही थी
बाहर ही नहलवा रही थी
जाने कौन से खजाने से
पैसे निकाले जा रही थी
पैसे मेरे हैं, इतने ही हैं कहकर
पत्नी मुझे देते जा रही थी
*भारत की बेटी*
*भारत के संस्कार*
*अब समझ आया*
*घर खर्च में से पैसे को बचा कर*
*पत्नी जिस तिजोरी में धरती रही*
*वो तिजोरी*
*Lockdown में काम आ रही थी..*
जो हर घर में *लापरवाहों* को
भीड़ में जाने से बचा रही थी
इस भूमिका को पूरे देश में
*माँ/पत्नी/भाभी/बहन*
*बखूबी निभा रही थी..*
कोई बालकनी में खड़ा था!
कोई TV वाले कमरे में पड़ा है!
कोई अपने मोबाइल में Busy था!
थोड़ी थोड़ी देर में हर कोई
अपनी जगह बदल रहा था !!
लेकिन एक शक्ति थी
जिसकी, जगह नहीं बदली थी
*पत्नी*
*वो रसोई से बार बार*
*आवाज दे रही थी क्या बनाना है?*
*क्या खाओगे? मीठा या तीखा?*
शायद आज उनकी वजह से ही-एक वर्ष से
Lockdown सफल रहा

*नवरात्र* के पावन अवसर पे सभी

बिटिया-बहन मातृ *महिला शक्ति* को
*🌹सादर समर्पित🌹*

पूजा के समय सिर ढकना जरूरी क्यों है?
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पौराणिक कथाओं में नायक, उपनायक तथा खलनायक भी सिर को ढंकने के लिए मुकुट पहनते थे। यही कारण है कि हमारी परंपरा में सिर को ढकना स्त्री और पुरुषों सबके लिए आवश्यक किया गया था। सभी धर्मों की स्त्रियां दुपट्टा या साड़ी के पल्लू से अपना सिर ढंककर रखती थी। इसीलिए मंदिर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर जाते समय या पूजा करते समय सिर ढकना जरूरी माना गया था। पहले सभी लोगों के सिर ढकने का वैज्ञानिक कारण था। दरअसल विज्ञान के अनुसार सिर मनुष्य के अंगों में सबसे संवेदनशील स्थान होता है। ब्रह्मरंध्र सिर के बीचों-बीच स्थित होता है। मौसम के मामूली से परिवर्तन के दुष्प्रभाव ब्रह्मरंध्र के भाग से शरीर के अन्य अंगों पर आतें हैं।

इसके अलावा आकाशीय विद्युतीय तरंगे खुले सिर वाले व्यक्तियों के भीतर प्रवेश कर क्रोध, सिर दर्द, आंखों में कमजोरी आदि रोगों को जन्म देती है।

इसी कारण सिर और बालों को ढककर रखना हमारी परंपरा में शामिल था। इसके बाद धीरे-धीरे समाज की यह परंपरा बड़े लोगों को या भगवान को सम्मान देने का तरीका बन गई। साथ ही इसका एक कारण यह भी है कि सिर के मध्य में सहस्त्रारार चक्र होता है। पूजा के समय इसे ढककर रखने से मन एकाग्र बना रहता है। इसीलिए नग्र सिर भगवान के समक्ष जाना ठीक नहीं माना जाता है। यह मान्यता है कि जिसका हम सम्मान करते हैं या जो हमारे द्वारा सम्मान दिए जाने योग्य है उनके सामने हमेशा सिर ढककर रखना चाहिए। इसीलिए पूजा के समय सिर पर और कुछ नहीं तो कम से कम रूमाल ढक लेना चाहिए। इससे मन में भगवान के प्रति जो सम्मान और समर्पण है उसकी अभिव्यक्ति होती है।

युगांडा के हिंदूओं का दर्द और तत्कालीन सरकार की बेदर्दी 

जब लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह जी युगांडा का उल्लेख किया तो निश्चित ही वहाँ से निर्वासित हुए हिंदूओं का दर्द ताजा हो गया होगा। आइए उनके दर्द से सबको रू-बरू करवाता हुं….

युगांडा 85 प्रतिशत ईसाई तो 14 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। पुर्व में यह देश भी ब्रिटेन का गुलाम था।इसी के कारण यहां से बहुत सारे भारतवासी युगांडा गयें थे जिसमें आधे गुजरात से तो आधेसम्पुर्ण भारत से थें।

भारतवासी ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया जिसके फलस्वरूप वें वहाँ जाकर समृद्ध बन गयें। उद्योग -धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा।

तब ईदी अमीन नामक एक मुस्लिम सैन्य अधिकारी ने 1971 में तख्ता पलटकर मिल्टन ओबेटो को हटा दिया और स्वयं युगांडा का प्रमुख बन गया।

अपने शासन के एक साल बाद 1972 इसने गैर मुस्लिम भारतीयों को बाहर निकल जाने का फरमान सुनाया।इस फरमान के बाद भी जब भारतवंशी हिंदूओं ने युगांडा नही छोड़ा तो उसने अपने इस्लामिक सैनिकों को लुट-मार करने की खुली छुट दे दी।

युगांडा के सेंट्रल और उत्तरी जोन में मुसलमान ज्यादा रहते हैं और इसी जोन में भारतवंशी भी ज्यादा रहते थे।ईदी अमीन की खुली छुट के कारण सेना के साथ-साथ मुसलमानों ने भी हिंदूओ को मारना-पिटना शुरु कर दिया।

जिसके कारण अपने कठिन परिश्रम से अर्जित पीढ़ियों की समुची कमाई छोड़कर हिंदूओं को वहां से भागना पड़ा।सेना और मुस्लिम जनता ने मिलकर हिंदूओं के संपत्ति पर कब्जा कर लिया।

सैकड़ो हिंदूओं को मार भी दिया गया फिर भी 60000 लोग वहां से भागने में सफल रहें।इनको वहां से सुरक्षित निकालने में RSS ने बहुत ही महत्वपुर्ण भूमिका निभाई थी।

इंदिरा गांधी तब देश की प्रधानमंत्री थी युगांडा के हिंदूओं पर अत्याचार को देखकर Rss के संघचालक बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने की अपील की किंतु वह गुंगी गुड़िया की तरह चुप्पी साधी रही।

तब Rss के संघचालक ने केन्या के हिंदू संगठनों को तार भेजकर भारतवंशीयों को सहायता करने की अपील की।दरअसल केन्या युगांडा का पड़ोसी देश है और केन्या में 1947 के मकर संक्रांति के दिन संघ के स्वयसेवकों ने ” भारतीय स्वयंसेवक संघ ” नामक संगठन का निर्माण किया था और यह बहुत जल्दी ही एक बड़ा संगठन बन गया।

खैर संकट की उस घड़ी में Rss के केन्याई शाखा ( भारतीय स्वयंसेवक संघ ) के स्वयंसेवकों ने युगांडा के हिंदुओं के पुनर्वास में तन-मन धन से सहायता की।यहाँ तक की उन भारतवंशीयों को ब्रिटेन और फिजी भेजने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।..

तब उनके के इस कार्य पर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के दुतावासों ने “भारतीय स्वयंसेवक संघ ” की प्रशंसा की थी।

उन 60000 हिंदूओं में 29000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली तो 4500 फीजी गयें ,5000 ने कनाडा में,1200 लोगों ने केन्या में शरण ली तो 11000 लोग लौटकर भारत आएं।

शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11000 हिंदूओं पर मौन साधी रही लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी और समुचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा तब जाकर इंदिरा गांधी का ह्रदय पिघला और इनकी नागरिकता दी।

यह बात जानना भी महत्वपूर्ण है 29000 हिंदूओं ने जो ब्रिटेन में शरण ली थी इसके कारण वहाँ के समाचारपत्रों ने इसके लिए सरकार की कड़ी आलोचना करना शुरु कर दिया।

ब्रिटेन के अखबारों की आलोचना इतनी कड़वी थी कि मजबुरन वहां के विदेश मंत्री को यह कहना पड़ा कि हम इनको ब्रिटेन में नही रखने जा रहे हैं हम इन सभी को भारत भेजेगें।

तब इस मुद्दे पर ब्रिटेन के अधिकारियों और भारत के अधिकारियों में बातचीत शुरू हुई। भारत टस से मस नही हुआ उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी से खुद बात की किंतु इंदिरा गांधी ने 29000 भारतीयों को लेने से इंकार कर दिया।

बाद में UNO ने हस्तक्षेप किया कि यह अभी प्रताडऩा से पीड़ित हैं इसलिए इनको तत्काल ब्रिटेन में ही रहने दिया जाए।
बाद में उनके अच्छे ब्यवहार के कारण सभी 29000 को ब्रिटेन की नागरिकता दे दी गई।

राधे राधे आज का भगवत चिंतन

🕉️ *सज्जन आदमी का मतलब वो नही जो झूठ सह लेता हो अपितु वो जरुर है जो झूठ की सह (पक्ष) नहीं लेता हो। अधिकांशतया एक खामोश रहने वाले इंसान को दुनियाँ द्वारा सज्जन आदमी का दर्जा दे दिया जाता है। लेकिन जो खामोश रहे वो सज्जन नही अपितु असत्य के प्रतिकार का जिसके अन्दर जोश रहे वही सज्जन है।*

🕉️ *जो सरलता असत्य का विरोध न कर सके वह समाज व स्वयं दोनों के लिए बड़ी ही घातक है। अगर झूठ और अन्याय को सह लेना ही सरलता होती तो फिर भगवान् राम को कभी भी “शील संकोच सिन्धु रघुराई” न कहा जाता।*

🕉️ *श्रीराम सरल अवश्य थे लेकिन केवल सुग्रीव के लिए, बालि के लिए नही, केवल अहिल्या के लिए, ताड़का के लिए नही, केवल विभीषण के लिए, रावण के लिए कदापि नही। केवल सज्जन नहीं सक्रिय सज्जन बनो।*
🇮🇳🌺🙏🏻🕉️ जय जय श्रीराम 🙏🏻🌺🇮🇳